Kis Maulik Adhikar Ko Bharateey Samvidhan Ka Heart Aivam Aatma Kahaa Jata Hai
Pradeep Chawla on 12-05-2019
मौलिक अधिकार भारत के संविधान के तीसरे भाग में वर्णित लोगों के मूल अधिकार हैं। ये अधिकार सभी भारतीय नागरिकों की नागरीक स्वतंत्रता प्रदान करते हैं जैसे सभी भारत के लोग, भारतीय नागरिक के रूप में शान्ति के साथ समान रूप से जीवन व्यापन कर सकते हैं।
अनुक्रम
1 मौलिक अधिकार
1.1 स्वतंत्रता का अधिकार
1.2 धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार
1.3 संस्कृति और शिक्षा सम्बन्धी अधिकार
1.4 कुछ विधियों की व्यावृत्ति
1.5 संवैधानिक उपचारों का अधिकार
2 सन्दर्भ
3 बाहरी कड़ियाँ
मौलिक अधिकार
संविधान के भाग ३ में सन्निहित अनुच्छेद १२ से ३५ मौलिक अधिकारों के संबंध में है।[1] ये अधिकार हैं:समानता का अधिकार 14-18
स्वतंत्रता का अधिकार
अनुच्छेद (१९-२२) के अंतर्गत भारतीय नागरिकों को निम्न अधिकार प्राप्त हैं-
१- वाक-स्वतंत्रता आदि विषयक कुछ अधिकारों का संरक्षण। जमा होने, संघ या यूनियन बनाने, आने-जाने, निवास करने और कोई भी जीविकोपार्जन एवं व्यवसाय करने की स्वतंत्रता का अधिकार।
२- अपराधों के लिए दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण।
३- प्राण और दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण।
४- कुछ दशाओं में गिरफ्तारी और निरोध से संरक्षण।
इनमें से कुछ अधिकार राज्य की सुरक्षा, विदेशी राष्ट्रों के साथ भिन्नतापूर्ण संबंध, सार्वजनिक व्यवस्था, शालीलनता और नैतिकता के अधीन दिए जाते हैं।
=== शोषण के विरुद्ध अधिकार kitne hai in hindi
अनुच्छेद (2३-२४) के अंतर्गत निम्न अधिकार वर्णित हैं-
१- मानव और दुर्व्यापार और बलात्श्रम का प्रतिषेध
२- कारखानों आदि में 14 वर्ष तक बालकों के नियोजन का प्रतिषेध
धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार
अनुच्छेद (२५-२८) के अंतर्गत धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार वर्णित हैं, जिसके अनुसार नागरिकों को प्राप्त है-
१- अंत:करण की और धर्म की अबाध रूप से मानने, आचरण और प्रचार करने की स्वतंत्रता। इसके अन्दर सिक्खो को कटार रखने कि आजदी प्राप्त हे -
२- धार्मिक कार्यों के प्रबंध की स्वतंत्रता।
३- किसी विशिष्ट धर्म की अभिवृद्धि के लिए करोंk के संदाय के बारे में स्वतंत्रता।
४- कुल शिक्षा संस्थाओं में धार्मिक शिक्षा या धार्मिक उपासना में उपस्थित होने के बारे में स्वतंत्रता।
संस्कृति और शिक्षा सम्बन्धी अधिकार
अनुच्छेद (२९-३0) के अंतर्गत प्राप्त अधिकार-
१- किसी भी वर्ग के नागरिकों को अपनी संस्कृति सुरक्षित रखने, भाषा या लिपि बचाए रखने का अधिकार।
२- अल्पसंख्यक-वर्गों के हितों का संरक्षण।
३- शिक्षा संस्थाओं की स्थापना और प्रशासन करने का अल्पसंख्यक-वर्गों का अधिकार।[2]
कुछ विधियों की व्यावृत्ति
अनुच्छेद (३१) के अनुसार कुछ विधियों के व्यावृत्ति का प्रावधान किया गया है-
१- संपदाओं आदि के अर्जन के लिए उपबंध करने वाली विधियों की व्यावृत्ति।
२- कुछ अधिनियमों और विनियमों का विधिमान्यीकरण।
३- कुछ निदेशक तत्वों को प्रभावी करने वाली विधियों की व्यावृत्ति।
संवैधानिक उपचारों का अधिकार
डॉ॰ भीमराव अंबेडकर ने संवैधानिक उपचारों के अधिकार (अनुच्छेद ३२-३५) को संविधान का हृदय और आत्मा की संज्ञा दी थी।[3] सांवैधानिक उपचार के अधिकार के अन्दर ५ प्रकार के प्रावधान हैं-
१- बन्दी प्रत्यक्षीकरण : बंदी प्रत्यक्षीकरण द्वारा किसी भी गिरफ़्तार व्यक्ति को न्यायालय के सामने प्रस्तुत किये जाने का आदेश जारी किया जाता है। यदि गिरफ़्तारी का तरीका या कारण ग़ैरकानूनी या संतोषजनक न हो तो न्यायालय व्यक्ति को छोड़ने का आदेश जारी कर सकता है।
२- परमादेश : यह आदेश उन परिस्थितियों में जारी किया जाता है जब न्यायालय को लगता है कि कोई सार्वजनिक पदाधिकारी अपने कानूनी और संवैधानिक कर्तव्यों का पालन नहीं कर रहा है और इससे किसी व्यक्ति का मौलिक अधिकार प्रभावित हो रहा है।
३- निषेधाज्ञा : जब कोई निचली अदालत अपने अधिकार क्षेत्र को अतिक्रमित कर किसी मुक़दमें की सुनवाई करती है तो ऊपर की अदालतें उसे ऐसा करने से रोकने के लिए निषेधाज्ञा या प्रतिषेध लेख जारी करती हैं।
४- अधिकार पृच्छा : जब न्यायालय को लगता है कि कोई व्यक्ति ऐसे पद पर नियुक्त हो गया है जिस पर उसका कोई कानूनी अधिकार नहीं है तब न्यायालय अधिकार पृच्छा आदेश जारी कर व्यक्ति को उस पद पर कार्य करने से रोक देता है।
५- उत्प्रेषण रिट : जब कोई निचली अदालत या सरकारी अधिकारी बिना अधिकार के कोई कार्य करता है तो न्यायालय उसके समक्ष विचाराधीन मामले को उससे लेकर उत्प्रेषण द्वारा उसे ऊपर की अदालत या सक्षम अधिकारी को हस्तांतरित कर देता है।
सम्बन्धित प्रश्न
Comments Sandhya kumari on 06-10-2022
Small ekadhikar ko Bhartiya sanvidhan ka Hriday AVN Atma Kaha gaya hai
Ah on 17-09-2022
पत्थर को ठोकर मारने से व्यक्ति को चोट लगने का कारण hai-
Farhat on 04-08-2022
किस मौलिक अधिकार को डॉ अमबेडकर ने संविधान का हृदय तथा आतमा कहा था
Aarti on 06-03-2022
किस मौलिक अधिकार के तहत व्यक्ति विभिन्न माध्यमों जैसे पेंटिंग, समाचार पत्र आदि के माध्यम से सरकार की आलोचना करने के लिए स्वतंत्र हैं?
Monika jakhar on 09-01-2022
संविधान का हृदय और आत्मा किस मूल अधिकार को कहा गया है
Mushkeambar on 31-10-2021
Kis maulik adhikar ko bharat ke sanwidhan ka hirday our aatma kaha jata hai
Tonu bairwa on 13-09-2021
किस मुल अधिकार को भारतीय सविधान की आत्मा कहा गया है
सुभाष on 12-09-2021
किस मुल अधिकर को भारतीय सविधान की आत्मा कहा है
Anup awana on 12-09-2021
Kis maulik adhikar ko Bharat ki aatma kaha gaya hai
Poora Ram on 09-09-2021
Kis Mul Adhikar ko Bhartiya Samvidhan ki Aatma Kaha gaya hai
Arti on 03-09-2021
Ambedhkar ne kis molik adhikar ko savidhan ka hrdy or aatma kha he
Divya on 26-07-2021
Kis moulick adhikar ko bhartiya samvidhan ki Aatma kaha gaya hai
Nirmal prajapat on 19-07-2021
किस मूल अधिकार को भारतीय संविधान की आत्मा कहा गया है
Nikhil on 16-07-2021
किसी मूल अधिकार को भारतीय संविधान की आत्मा कहा गया है
सचिन on 15-07-2021
किस मौलिक अधिकार को भारतीय संविधान का हृदय एवं आत्मा कहा जाता है
Mohd zeeshan on 21-12-2020
Kiss maulik adhikar ko sawvidhan ki aata kaha jata hai...
Simran rawat on 06-08-2020
Kis maulik adhikar ko sawvidhab ki aatma kaha jata hai
Anshu on 12-05-2019
Which fundamental rights is called as heart and soul of the constitution of India
Kavita Singh on 17-08-2018
Mujhe 11 class ke poltical science bocks ke w answer chahiye