Updated Thu, 02 Jan 2014 03:34 PM IST
मां के गर्भ में नौ महीने का समय बिताने के बाद बच्चे का जन्म होता है। इंसानों में बच्चा नौ महीने तक मां के गर्भ में ही पलता-बढ़ता है लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जिनका गर्भकाल सालों का होता है।
यहां कुछ ऐसे जानवरों और स्तनपायी जीवों का जिक्र है जिनका गर्भकाल सबसे लंबा होता है।
ऊंट
रेगिस्तान का जहाज कहा जाने वाला ऊंट 13 से 15 महीने के गर्भ के बाद पैदा होता है। ऊंटनी 410 दिन के गर्भ के बाद बच्चे को जन्म देती है। अमूमन ऊंटनी एक बार में एक से अधिक बच्चे को ही जन्म देती है।
जिराफ
दुनिया के इस सबसे लंबे जीव का गर्भकाल भी 13 से 16 महीने का होता है। जिराफ का बच्चा भी अपनी प्रजाति के अनुरूप काफी लंबा होता है।
व्हेल और डॉल्फिन
दुनिया के सबसे बुद्घिमान जीवों में शुमार डॉल्फिन का गर्भकाल 17 से 19 महीने का होता है। डॉल्फिन मां अपने बच्चों की देखभाल को लेर काफी अधिक संवेदनशील होती है।
हाथी
हाथी की बुद्घिमानी के बारे में बताने की आवश्यकता नहीं। लेकिन आपको हथिनी की तकलीफ के बारे में सुनकर आश्चर्य होगा जो अपने बच्चे को करीब दो साल (22 से 24 महीने) तक गर्भ में पालती है।
काला सैलेमेंडर
हाथिनी के गर्भकाल के बारे में सुनकर आपको आश्चर्य हुआ होगा लेकिन एक जीव ऐसा भी है जो उससे भी अधिक समय तक गर्भ धारण करती है। ब्लैक सैलेमेंडर का गर्भकाल करीब 24 से 36 महीने का होता है।
शार्क
शार्क का गर्भकाल सबसे अधिक समय का होता है। हालांकि ये उनकी प्रजाति पर भी निर्भर करता है कि उनका गर्भकाल कितना बड़ा होगा। संभव है कि ये 1 साल से साढ़े तीन साल तक का हो।
जानकारी के अनुसार, मादा चीता गर्भधारण करने के बाद एक से लेकर 9 बच्चों तक को जन्म दे सकती है, लेकिन आमतौर पर ये औसतन तीन से पांच बच्चों को जन्म देती है।
नई दिल्ली: मध्यप्रदेश के श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को जन्मदिन के अवसर पर 8 चीते छोड़े। नामीबिया से आए ये चीते अब कूनो के जंगलों से अभ्यस्त होंगे। कूनों में 5 मादा और 3 नर चीते आए हैं। चीतों के आने के बाद आम आदमी चीतों के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी जुटाना चाहता है। आइए हम आपको चीता से जुड़ी कुछ ऐसी बातें बताने की कोशिश करते हैं, जो शायद आप नहीं जानते।
मादा चीता एक बार में कितने बच्चों को दे सकती है जन्म?
जानकारी के अनुसार, मादा चीता गर्भधारण करने के बाद एक से लेकर 9 बच्चों तक को जन्म दे सकती है, लेकिन आमतौर पर ये औसतन तीन से पांच बच्चों को जन्म देती है। चीता मादाओं का गर्भकाल 92-95 दिनों का होता है। जन्म के समय शावकों का वजन लगभग 250 ग्राम होता है।
चीता के शावक जन्म के समय पूरी तरह से असहाय होते हैं, हालांकि वे तेजी से विकसित होते हैं और 10 दिनों के भीतर उनकी आंखें खुल जाती हैं। इसके बाद रेंगने लगते हैं। तीन सप्ताह की उम्र तक उनके दांत उनके मसूड़ों से निकल चुके होते हैं। हालांकि चीतों के बच्चों को बचाना मुश्किल काम है। इनकी देखभाल जरूरी है और शिकारियों से बचाना अपने आप में चैलेंज।
शेर, लकड़बग्घे, बबून और शिकारी परिंदे कई बार इनका शिकार करते हैं। अफ्रीका में हुए एक रिसर्च से पता चला था कि चीतों के 95 फीसदी बच्चे वयस्क होने से पहले ही मर जाते हैं। इसलिए ये प्रजाति विलुप्त होने के कगार पर है। हालांकि 2013 में अफ्रीका के क्गालागाडी पार्क में पाए जाने वाले चीतों पर रिसर्च से पता चला था कि इनके बच्चों के बचने की उम्मीद 36 फ़ीसदी तक ही होती है।
कैसे होता है चीता का प्रजनन
चीता आमतौर पर एकान्त जानवर होते हैं, कहा जाता है कि मादा चीता महज संभोग के लिए ही नर चीते से मिलती है। इसके बाद दोनों फिर से अलग-अलग हो जाते हैं। इसके बाद मादाएं अपने आप शावकों को पालती हैं। मादा के मुकाबले नर चीते अपना दोस्ती वाला गैंग जल्दी
बना लेते हैं। एक झुंड में चार-पांच चीते रहते हैं।
शिकार के लिए लंबी दूरी
मादा चीता अपने बच्चों को धीरे-धीरे शिकार कराना सिखाती है। चीता को शिकार को पकड़ने के लिए उसे अक्सर काफी लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। वह लंबे समय तक शावकों को छोड़ देती है। इस चरण के दौरान शावकों की मृत्यु दर बहुत अधिक होती है। एक बार जब शावक छह सप्ताह तक पहुंच जाते हैं, तो वे अपनी मां का पीछा करना शुरू कर देते हैं और उसकी मदद से मांस खाना शुरू कर देते हैं। अरब देशों में तो लोग चीते पालते हुए भी
देखे जाते हैं। इनकी कीमत दस हज़ार डॉलर तक पहुंच जाती है। चीता दुनिया का सबसे तेज रफ्तार से दौड़ने वाला जानवर है। ये 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से दौड़ सकता है।