मानव के पाँच मुख्य संवेदी अंग (इन्द्रियाँ)
शार्क में विद्युत् क्षेत्र (ऍलॅक्ट्रिक फ़ील्ड) में परिवर्तन भांपने का इन्द्रियबोध होता है जिसका इस्तेमाल वह अपना ग्रास पकड़ने के लिए करती है
संवेद या इन्द्रियबोध (sense) उन शारीरिक क्षमताओं को कहते हैं जिनसे प्राप्त हुए ज्ञान से किसी जीव को अपने वातावरण का बोध होता है। मनुष्यों में पाँच प्रमुख संवेदी अंग (इन्द्रियाँ) हैं- देखना (आँखों से), सुनना (कानों से), छूना (त्वचा से), सूंघना (नाक से) और स्वाद लेना (जीभ से)। किन्तु मनुष्य में इनके अलावा भी बहुत से संवेदों को ग्रहण करने की क्षमता होती है, जैसे ताप आदि। अन्य जानवरों में अलग इन्द्रियबोध होते हैं, जिसे की कुछ मछलियों में पानी के दबाव के लिए इन्द्रियाँ होती है जिनसे वे आराम से बता पाती हैं के आसपास कोई अन्य मछली हिल रही है के नहीं। कुछ अन्य जानवर पानी में विद्युत् या चुम्बकीय क्षेत्रों में परिवर्तन को भांप लेते हैं - या शिकार करने के लिए बहुत लाभकारी होती है क्योंकि हर अन्य जीव अपने आसपास विद्युत् क्षेत्र पर प्रभाव डालता है।
संवेद और अवगम में अंतर[संपादित करें]
जैसे ही इन्द्रियाँ अपने वातावरण में किसी चीज के बारे में ज्ञान प्राप्त कर लेती हैं, उस वस्तु का शारीरिक रूप से "इन्द्रियबोध" हो जाता है। अभी मस्तिष्क ने इसका अर्थ नहीं निकाला होता। मस्तिष्क की कुछ ऐसी चोटें और रोग होतें हैं जिनमें किसी व्यक्ति को चीजें तो दिखती हैं लेकिन उनका बोध नहीं हो पाता। "विज़ुअल ऐग्नोज़िया" नाम के रोग में व्यक्ति चीज देखकर उसका विवरण दे सकता है लेकिन उसे पहचानता नहीं, जैसे एक घोड़ा देखकर उसकी सटीक चित्र हाथ से बनाने में सक्षम है लेकिन यह नहीं पहचान पता के यह एक घोड़ा है। कारण यह है कि इन व्यक्तियों में इन्द्रियबोध तो बिलकुल ठीक होता है लेकिन अवगम की प्रक्रिया में कुछ समस्या हुई होती है।
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
- अवगम (perception)
नमस्कार दोस्तों हमारा पर्सन है संवेदी अंग क्या होते हैं उनमें से चार के नाम दें तो मानव शरीर मानव शरीर एक अद्भुत एवं संवेदनशील रचना है जिसमें कई प्रकार के संवेदी अंग पाए जाते हैं
जाते हैं तो सर्दी और शरीर में पाए जाने वाले व्यंग होते हैं चीन के जरिए मानव शरीर बाही है पर्यावरण
मैं होने वाले परिवर्तन के बारे में जानकारी प्राप्त करता है यानी कि 22 वेदना को जिसे प्राप्त करेगा वह क्या कहलाएंगे संवेदी अंग कहलाएंगे इन सभी संवेदी अंगों को ज्ञानेंद्रियां भी कहते
हैं अब बात करेंगे चार सुविधाओं की चार संवेदी अंग तो 4 कैदियों कौन-कौन से होते हैं काम नाक तो यह क्या हमारे प्रश्न का उत्तर है धन्यवाद
Interstitium की खोज से कैंसर के इलाज में मदद मिल सकती है
खास बातें
- वैज्ञानिकों ने इंटरस्टिटियम नाम के अंग की खोज की है
- यह मानव शरीर का सबसे बड़ा अंग है
- इसकी खोज से कैंसर के इलाज में मदद मिलेगी
नई दिल्ली :
वैज्ञानिकों ने एक ऐसा अंग खोज निकाला है जो शायद मानव शरीर का सबसे बड़ा अंग हो सकता है. इस अंग का नाम है इंटरस्टिटियम (Interstitium). वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि इस नई खोज की मदद से मनुष्य के शरीर में कैंसर कैसे फैलता है इसे आसानी से समझा जा सकेगा.
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इंटरस्टिटियम मानव शरीर का 80वां अंग होगा. मानव शरीर में अंगों, कोशिका समूहों और ऊतकों के बीच मौजूद फ्लूइड यानी कि द्रव पदार्थों का नेटवर्क इंटरस्टिटियम है. अब से पहले इस अंग को शरीर में एक-दूसरे जुड़े उत्तकों की सघन संरचना समझा जाता था. विशेषज्ञों के मुताबिक फ्लूइड से भरे कर्पाटमेंट का यह नेटवर्क 'शॉक एब्जॉर्बर' की तरह काम कर सकता है.
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इंटरस्टिटियम का ज्यादातर हिस्सा त्वचा की ऊपरी परत के ठीक नीचे है. इसके साथ ही यह आंत, फेफड़े, रक्त नलिका और मांसपेशियों के नीचे भी परत के रूप में पाए जाते हैं. ये आपस में जुड़कर एक नेटवर्क बनाते हैं जिसे मजबूत और लचीले प्रोटीन के जाल का सपॉर्ट मिला होता है. वैज्ञानिकों का मानना है कि हो सकता है कि इंटरस्टिटियम के बीच के रिक्त स्थान शरीर में फैलने में कैंसर की मदद करते हों. इस परत के नीचे पहुंचने के बाद ही कैंसर पूरे शरीर में फैलने लगता है. वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि इस नए शोध से कैंसर के इलाज में मदद मिलेगी.
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गौरतलब है कि सदियों से मानव शरीर का अध्ययन किया जाता रहा है. अब तक यही तथ्य था कि मानव शरीर में कुल 79 अंग होते हैं. इस नए शोध का आश्चर्यजनक पहलू यह है कि शरीर का सबसे बड़ा अंग होने के बावजूद हम सालों से इससे अंजान थे.
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