शारीरिक शिक्षा एक व्यापक स्कूल शारीरिक गतिविधि कार्यक्रम की नींव है। यह एक शैक्षणिक विषय है जो एक नियोजित और अनुक्रमिक के -12 पाठ्यक्रम (अध्ययन के पाठ्यक्रम) की विशेषता है जो शारीरिक शिक्षा के लिए राष्ट्रीय मानकों पर आधारित है। शारीरिक शिक्षा शारीरिक गतिविधि और फिटनेस के लिए मोटर कौशल, ज्ञान और व्यवहार विकसित करने के लिए डिज़ाइन की गई संज्ञानात्मक सामग्री और निर्देश प्रदान करती है।
स्कूल में शारीरिक शिक्षा के गुण और विशेषता अन्य अध्यापको से अलग होते हैं आईये जानते हैं एक शारीरिक शिक्षा का अध्यापक कैसा होना चाहिए अर्थात उसमें कोन -से गुण होने चाहिए।
शारीरिक शिक्षा शिक्षक क्या है?एक शारीरिक शिक्षा शिक्षक को पीईटी के रूप में भी जाना जाता है और मुख्य रूप से स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में काम करता है। पीईटी की मुख्य जिम्मेदारी छात्रों को विभिन्न खेलों में प्रशिक्षित करना, खेल आयोजनों / प्रतियोगिताओं का आयोजन करना, छात्रों को खेल, स्वास्थ्य, शारीरिक विकास और पोषण के बारे में सिखाना है। एक शारीरिक शिक्षा शिक्षक की मुख्य जिम्मेदारी छात्रों को अवधि के भीतर शारीरिक गतिविधियों का ज्ञान प्रदान करना है। कक्षा में, वे छात्रों को आवश्यक कौशल और सुरक्षा उपाय सिखाते हैं जो खेल के मैदान या मैदान पर महत्वपूर्ण हैं। शारीरिक शिक्षा शिक्षक अपने छात्रों को प्रेरित करते हैं और उन्हें हर संभव तरीके से शारीरिक रूप से सक्रिय और स्वस्थ रहने में मदद करते हैं।
1. शारीरिक शिक्षा का शिक्षक अनुशासित हिना चाहिए :-
वैसे तो अनुशासन एक शिक्षक के लिए ही नहीं सभी जीवों के लिए जरूरी है। पर एक शिक्षक के लिए अनुशसन का अपना स्थान है। और अगर बात शारीरिक शिक्षा के अध्यापक की आये तो उसके लिए अनुशासन बहुत ही जरूरी है। अक्सर देखने में आया है कि जब भी कोई स्कूल में अनुशासन हीन बात होती है तो बच्चे और अन्य शिक्षक उस बात को शारीरिक शिक्षा के समक्ष या फिर एक स्कूल के Head के सामने लेकर जाते हैं। और स्कुल का P. T. E उस क्रिया को अपने तरीके से सुलझाने की कोशिश करता है इसलिए एक शारीरिक शिक्षा शिक्षक का अपने आप अनुशसन में रहना एक बहुत बड़ा गुण है ताकि वह अन्य बच्चों को भी अनुशसन का पाठ पढ़ा सके।
2. कुशल एवं योग्य नेतृत्व देना :-
दूसरा गुण शारीरिक शिक्षा शिक्षक के अंदर यह होना चाहिए कि वह एक कुशल और योग्य नेतृत्व का धनी हो। स्कल में या शिक्षा संसथान में जो भी क्रियायें होती है वह एक स्कूल मुखी द्वारा या फिर शारीरिक शिक्षा के शिक्षक के द्वारा संचालित की जाति है है अर्थात वह एक commander की भांति होता है जो हर Activity का नेतृत्व करता है इसलिए एक कुशल शाररिक शिक्षा शिक्षक के अंदर कुशल एवं योग्य नेतृत्व का होना अपने में एक बहुत बड़ी विशेषता है।
3. शारीरिक रूप से सम्पूर्ण होना चाहिए :-
4, शारीरिक शिक्षा का शिक्षक समय की कदर करता हो :-
समय की कदर करना सभी के लिए जरूरी है पर शारीरिक शिक्षा के शिक्षक के लिए ये गुण बहुत है जरूरी है। अक्सर देखने में आया है कि बच्चे स्कूल में 1/2 घंटा पहले पहुँच जाते है है इसलिए एक शारीरिक शिक्षा शिक्षक के लिए ये जरूरी है कि वह बच्चों से पहले स्कूल में पहुंच जाये ताकि बच्चों की हर एक्टिविटी पर नजर रखी जा सके। समय के साथ स्कूल पहुंचना और स्कुल का सञ्चालन करना एक शारीरिक शिक्षा शिक्षक का फर्ज भी है और कर्तवय भी है।
5. बच्चे का सर्वांगणी विकास करना :-
एक विद्यार्थी अपने शिक्षक से अपने पाठ्यक्रम के हिसाब से कुछ सीखता है अर्थात हिंदी वाले अध्यापक से हिंदी और गणित वाले अध्यापक से गणित सीखेंगे। पर एक विद्यार्थी के अंदर सामाजिक, शारीरिक और मानसिक विकास करना एक शारीरिक शिक्षा शिक्षक के Syllabus से परे नहीं है। कैसे बैठना हैं,समाज के साथ कैसे बात करनी है और स्कुल में अक अनुशषित वातावरण कैसे Create करना है यह सब कुछ एक शारीरिक शिक्षा के अध्यापक के ऊपर ही निर्भर करता है।
6. अपने विषय का पूर्ण ज्ञान होना :-
एक शारीरिक शिक्षा के अध्यापक के लिए यह जरूरी है कि उसे अपने विषय का पूर्ण ज्ञान हो वैसे तो एक शिक्षक को अपने विषय का पूर्ण ज्ञान होता है पर शारीरिक शिक्षा एक ऐसा विषय है जिसमें दूसरे विषय के अध्यापक आपका साथ कम ही देते है इसके पीछे कारण ये ही होता है कि उन्हें शारीरिक शिक्षा विषय का पूर्ण ज्ञान नहीं होता है इसलिए शिक्षक को अपने विषय में महारत हासिल होनी चाहिए ताकि सही तरीके से खेलों का सञ्चालन किया जा सके और सम्पूर्ण Activity सही तरीके से चलाई जा सके।
7. संस्था के प्रति वफादार :-
8. अन्य शिक्षकों के साथ मेल -मिलाप की भावना :-
9. संस्था में क्रियाओं का सही संचालन :-
10. अन्य विषयों के बारे में ज्ञान :-
ज्ञान में बढ़ोतरी करना कोई गलत बात नहीं है इसलिए अगर आप एक शारीरिक शिक्षा के शिक्षक हो तो आपके अंदर ये गुण भी होना चाहिए कि आप अपने ज्ञान में बढ़ोतरी के लिए अन्य विषयों का भी ज्ञान हासिल करें।
11. भावना के साथ सख्त रवैये का होना जरूरी :-
एक शारीरिक शिक्षा के शिक्षक के लिए भावना का होना जरूरी है पर इसके साथ शारीरिक शिक्षा के अध्यापक को कभी -कभी अनुशासन के लिए शख्त होना भी जरुरी है अन्यथा विद्यार्थी अनुशासन से बहार हो जाते हैं और स्कूल का संचालन मुश्किल हो जाता है इसलिए एक शारीरिक शिक्षा अध्यापक के लिए भावनानात्मक गुणों के साथ थोड़ा Rigid होना भी जरूरी है।
12. बच्चों के स्वास्थय प्रति सचेत :-
एक स्वस्थ विद्यार्थी ही सही शिक्षण प्रक्रिया में भाग ले सकता है इसलिए एक शाररिक शिक्षा अध्यापक के अंदर यह गुण होना भी जरूरी है कि वह अपने स्वास्थय के साथ अपने विद्यार्थियों के स्व्स्थय का भी ध्यान रखे और उनके प्रति हमेशा सचेत रहे।
13. जोश और रचनात्मकता गुणों से भरा :-
Physical Education शिक्षकों को भी वे खेल खेलने में यथोचित कुशल होना चाहिए जो वे छात्रों को पढ़ा रहे हैं। छात्र उन शिक्षकों को अच्छी प्रतिक्रिया देते हैं जो पाठ योजना और कार्यान्वयन में रचनात्मकता प्रदर्शित करते हैं। यह छात्रों को मस्ती करने और कक्षा में सक्रिय रूप से संलग्न होने के लिए प्रोत्साहित करता है। महान शारीरिक शिक्षा शिक्षक समय-समय पर सांचे को तोड़ने से नहीं डरते। वे नई चीजों को आजमाने के लिए तैयार हैं, अपने छात्रों से प्रतिक्रिया मांगते हैं और सार्थक पाठ योजनाएं विकसित करते हैं।