दूसरों के मेल से जो विकार उत्पन्न होता है उसे क्या कहते हैं? - doosaron ke mel se jo vikaar utpann hota hai use kya kahate hain?

Question

दो स्वरों के मेल से होने वाले परिवर्तन को स्वर संधि कहते हैं; जैसे- रवीन्द्र= रवि+ इन्द्र। इस संधि में + = हुई है। इसे दीर्घ संधि कहते हैं। दीर्घ स्वर संधि के और उदाहरण खोजकर लिखिए। मुख्य रूप से स्वर संधियाँ चार प्रकार की मानी गई हैं- दीर्घ, गुण, वृद्धि और यण।

ह्रस्व या दीर्घ , , के बाद ह्रस्व या दीर्घ , , , आए तो ये आपस में मिलकर क्रमशः दीर्घ , , हो जाते हैं, इसी कारण इस संधि को दीर्घ संधि कहते हैं; जैसे- संग्रह + आलय= संग्रहालय, महा+ आत्मा= महात्मा।

इस प्रकार के कम-से-कम दस उदाहरण खोजकर लिखिए और अपनी शिक्षिका/शिक्षक को दिखाइए।

Solution

(i) विद्यालय= विद्या+ आलय(+ )

(ii) संग्रहालय= संग्रह+ आलय(+ )

(iii) हिमालय= हिम + आलय(+ )

(iv) भोजनालय= भोजन+ आलय(+ )

(v) रवीन्द्र= रवि+ इंद्र(+ )

(vi) अनुमति= अनु + मति(+ )

(vii) गुरूपदेश= गुरू+ उपदेश(+ )

(viii) सदा + एव = सदैव (आ+ )

(ix) सूर्य + उदय = सूर्योदय (+ )

(x) सु + इच्छा = स्वेच्छा ( + )


Comprehension

महात्मा गाँधी धर्म को सर्वत्र स्थान देते हैं। वे एक पग भी धर्म के बिना चलने के लिए तैयार नहीं परंतु उनकी बात ले उड़ने के पहले, प्रत्येक आदमी का कर्तव्य यह है कि वही भली-भाँति समझ ले कि महात्मा जी के धर्म का स्वरुप क्या है? धर्म से महात्मा जी का मतलब धर्म ऊँचे और उदार तत्वों ही का हुआ करता है I उनके मानने से किसे ऐतराज़ हो सकता है।

अजाँ देने, शंख बजाने, नाक दाबने और नमाज़ पढने का नाम धर्म नही हैI शुद्धाचरण और सदाचार ही धर्म के स्पष्ट चिह्न है। दो घण्टे तक बैठकर पूजा कीजिए और पाँच वक्त की नमाज़ भी अदा कीजिए, परन्तु ईश्वर को इस प्रकार रिश्वत के दे चुकने के पश्चात्‌ यदि आप अपने को दिन-भर बेईमानी' करने और दूसरों को तकलीफ पहुँचाने, के लिए आज़ाद समझते है तो इस धर्म को अब आगे आने वाला समय कदापि नहीं टिकने देगा। अब तो, आपका पूजा पाठ देखा जाएगा, आपकी भलमनसाहत की कसौटी केवल आपका आचरण होगी I सबके कल्याण की दृष्टि से आपको अपने आचरण को सुधारना पड़ेगा I और यदि आप अपने आचरण को नही सुधारेंगे तो नमाज़ और रोज़े पूजा और गायत्री आपको देश के अन्य लोगों की आज़ादी को रौंदने और देश भर में उत्पातों का कीचड़ उछालने के लिए आज़ाद न छोड़ सकेगीI

ऐसे धार्मिक और दीनदार आदमियों से तो, वे ला-मजहब और नास्तिक आदमी कहीं अधिक अच्छे और ऊँचे हैं, जिनका आचरण अच्छा है। जो दूसरो के सुख-दुख का ख्याल रखते हैI

'प्रत्येक' का संधि विच्छेद है ________

This question was previously asked in

CTET Paper 2 Social Science 23rd Dec 2021 (English-Hindi-Sanskrit)

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  1. प्रति + एक
  2. प्रा + येक
  3. प्रति + ऐक
  4. प्रति + एक्

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : प्रति + एक

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10 Questions 10 Marks 10 Mins

उपर्युक्त विकल्पों में सही विकल्प ‘प्रति+ एक’ है। 

Key Points

  • प्रत्येक शब्द का संधि विच्छेद – प्रति+ एक 
  • नियम – इ+ ए = ये
  • नियमानुसार यहाँ यां स्वर संधि का प्रयोग हुआ है।

Additional Information 

संधि - दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं। संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर, 2. व्यंजन और 3. विसर्ग,

संधि

परिभाषा

उदाहरण

स्वर

स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

 विद्या + अर्थी = विद्यार्थी 

महा + ईश = महेश

व्यंजन

एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

अहम् + कार = अहंकार

उत् + लास = उल्लास

विसर्ग

विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

दुः + आत्मा =दुरात्मा

निः + कपट =निष्कपट

Last updated on Oct 25, 2022

Detailed Notification for  CTET (Central Teacher Eligibility Test) December 2022 cycle released. The last date to apply is 24th November 2022. The CTET exam will be held between December 2022 and January 2023. The written exam will consist of Paper 1 (for Teachers of class 1-5) and Paper 2 (for Teachers of classes 6-8). Check out the CTET Selection Process here. Candidates willing to apply for Government Teaching Jobs must appear for this examination.

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