दूसरा देवदास कहानी का मुख्य विषय क्या है? - doosara devadaas kahaanee ka mukhy vishay kya hai?

प्रथम प्रतिवर्ष प्रश्न पत्र  2021 – 22

विषय – हिंदी (ऐच्छिक) विषय कोड – 002

कक्षा – 12 वी

निर्धारित अवधि – 2 घंटे                                                                            कुल अंक – 40

  • निम्नलिखित निर्देशों को सावधानी से पढ़िए और उनका पालन कीजिये।
  • इस प्रश्न पत्र में वर्णात्मक प्रश्न पूछे गए हैं |
  • इस प्रश्न पत्र में कुल 9 प्रश्न पूछे गए हैंतथा दो खंडो में विभाजित है |
  • प्रश्नो में आंतरिक विकल्प भी दिए गए हैं, निर्देशानुसार उत्तर लिखये।

1. निम्नलिखित दिए गए 3 शीर्षकों में से किसी 1 शीर्षक का चयन कर लगभग 150 शब्दों में रचनात्मक लेख लिखिए।

क) कोरोना : जागरूकता और सतर्कता ही बचाव

ख) ऑनलाइन शिक्षा एक बेहतर विकल्प

ग) मेरे विद्यालय में आयोजित वर्षकोत्सव

Ans. भूमिका – 1 अंक

विषय वस्तु – 3 अंक

भाषा – 1 अंक

2. भारतीय समाज में महिलाओं के विरुद्ध बढ़ते अपराध की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए किसी दैनिक अखबार के संपादक को लगभग 120 शब्दों में पत्र लिखिए

अथवा

पंजाब केसरी दैनिक समाचार पत्र में रोजगार के लिए प्रकाशित एक विज्ञापन का संदर्भ देते हुए हिंदी टाइपिस्ट के रिक्त पद के लिए लगभग 120 शब्दों में आवेदन पत्र लिखिए

Ans. आरंभ और अंत की औपचारिकताएँ – 1 अंक

विषय वस्तु – 3 अंक

3 निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 50 शब्दों में लिखिए।

क) कहानी के तत्वों का संक्षिप्त परिचय दीजिये ?

Ans. कहानी के निम्नलिखित महत्वपूर्ण तत्व होते हैं।

1. कथानक / कथावस्तु – कहानी में प्रारंभ से अंत तक घटने वाली घटनाओं के माध्यम से जो कुछ कहा जाता है उसे कथानक कहते हैं। यह कहानी का मूल आधार होता है।

2. पात्र परिचय / चरित्र चित्रण – कहानी के चरित्रों द्वारा ही लेखक अपना उद्देश्य स्पष्ट कर समाज को अपना संदेश देता हैं।

3. संवाद – कहानी के संवाद संक्षिप्त पाटत्रानुकूल और रोचक होने चाहिए।

4. भाषा शैली – कहानीकार अपनी रुचि और परिवेश के अनुसार भाषा शैली का चुनाव कर कहानी को बोधगम्य बनाता है।

5. वातावरण – देश, काल अथवा परिवेश के अनुसार ही कहानी में वातावरण नजर आना चाहिए। 

6. उद्देश्य – प्रत्येक कहानी का कोई न कोई उद्देश्य होता है जैसे किसी सामाजिक बुराई के प्रति जागरूकता फैलाना, किसी चरित्र विशेष का महिमामंडन, कोई शिक्षा देना तथा मनोरंजन आदि।

अथवा

कहानी और नाटक में अंतर स्पष्ट कीजिये।
Ans. कहानी की तरह नाटक भी साहित्य की एक प्रमुख विद्या है। नाटक दृश्य विद्या है, जिसे दर्शकों के सामने मंच पर प्रस्तुत करना होता है, जबकि कहानी को पाठक द्वारा पढ़ा जाता है। नाटक का संबंध अभिनय से है तथा नाटककार को अभिनेयता तथा मंच सज्जा का ध्यान रखना पड़ता है, जबकि कहानी में ऐसी बाध्यता आवश्यक नहीं है। कहानी को कई बार में थोड़ा-थोड़ा करके पढ़ा जा सकता है, जबकि नाटक को दर्शक एक ही बार में मंच में पर पूरा देखते हैं।  नाटक एक दर्शनीय विद्या हैजबकि कहानी एक पाठनीय विद्या है। अंत नाटक में समय का बंधन महत्व रखता है।

ख) कहानी के कथानक में द्वन्द का क्या महत्व है?

Ans. कहानी के कथानक को आगे बढ़ाने में द्वंद बुनियादी महत्व रखता हैं। कथानक में असहमती, टकराव घर्षण अथवा संघर्ष की स्थिति उत्पन्न होने तथा दो विरोधी तत्वों के टकराव या किसी खोज में आने वाली बाधाओं के कारण ही द्वंद पैदा होता है। इस प्रकार पाठकों के मन में कुतूहल जगाने एवं उत्सुकता लाने के लिए द्वंद विशेष महत्व रखता है।

अथवा

नाटक में समय के बंधन का औचित्य बताएँ ?

Ans. नाटक में समय के बंधन का औचित्य

साहित्य की अन्य विधाओं को पढ़ने के लिए पाठकों को सुविधा अनुसार कई दिनों में थोड़ा-थोड़ा पढ़कर रचना को समाप्त करने का विकल्प मिल जाता है, परंतु नाटक को दर्शकों के समक्ष एक निश्चित समय अवधि में एक बारगी प्रस्तुत करना होता है। अतः नाटक में समय का बंधन होता है और एक निश्चित समय सीमा में ही उसे समाप्त हो जाना चाहिए।

4 निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 50 शब्दों में लिखिए।

क) समाचार किस शैली में लिखे जाते हैं, इस शैली पर प्रकाश डालिये।

Ans. समाचार लेखन की शैली

समाचार सदैव उल्टा पिरामिड शैली में लिखे जाते हैं। जिसके अंतर्गत सबसे महत्वपूर्ण तथ्य या  सूचना अर्थात कक्लिंक्स को, कहानी आदि विधाओं की तरह सबसे निचले हिस्से में ना होकर सबसे पहले आना होता है। इसे इंट्रो अथवा मुखड़ा भी कहते हैं, जिसके अंतर्गत चार ककारों  यथा क्या, कौन, कहां और कब का जवाब होता है। दूसरे भाग बॉडी और तीसरे भाग समापन में दो अन्य ककारों क्यों और कैसे का जवाब मिल जाता है।

अथवा

विशेष लेखन किसे कहते है? समाचार पत्रों में विशेष लेखन की भूमिका स्पष्ट कीजिये।

Ans. विशेष लेखन एवं समाचार पत्रों में इसकी भूमिका

विशेष लेखन से तात्पर्य है – किसी खास विषय पर सामान्य से हटकर किया गया लेखन। समाचार पत्रों में सामान्य खबरों के अतिरिक्त आर्थिक, व्यापार, खेल, जगत, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, कृषि, विदेश, पर्यावरण, शिक्षा, फिल्म, मनोरंजन तथा अपराध आदि अन्य क्षेत्रों की खबरों का विवरण भी होता है। इन विशेष समाचारों के लिए संवाददाताओं की रूचि एवं विशेषज्ञता के अनुसार उन्हें इन विशेष क्षेत्रों में कार्य करने का अवसर दिया जाता है।

ख) फीचर किसे कहते हैं?

Ans. फीचर

फीचर एक सुव्यवस्थित, सृजनात्मक और आत्मनिष्ठ होता है, जिसका उद्देश्य पाठकों को सूचना देने, शिक्षित करने तथा उनका मनोरंजन करना होता है। फीचर में लेखक के पास अपनी राय या दृष्टिकोण और भावनाएं जाहिर करने का अवसर होता है। फीचर सदैव समाचार लिखने की शैली से अलग कथात्मक शैली में लिखे जाते हैं। फीचर को सजीव बनाने के लिए चित्र तथा ग्राफिक्स का प्रयोग भी किया जाता है किया जा सकता है।  200 से 2000 शब्दों की शब्द सीमा सहित फीचर  अतीत, वर्तमान और भविष्य से संबंधित हो सकता है।

अथवा

‘जंक फ़ूड और इसके दुष्परिणाम’ विषय पर एक आलेख लिखये।

Ans. जंक फूड और इसके दुष्परिणाम

अपनी व्यस्त जीवनशैली के चलते आज का मनुष्य भोजन की नई शैली में फंसता जा रहा है, जिसे फ़ास्ट या जंक फ़ूड भी कहते हैं। हमारे देश के अधिकांश बच्चे जो हमारे देश का भविष्य है इसकी गिरफ्त में आकर अपना स्वास्थ्य चौपट कर रहे हैं। चिकित्सकों और पोषण विशेषज्ञों के अनुसार नूडल्स, कोल्ड ड्रिंक और मोमोज जैसे फास्ट फूड खाने के बाद बच्चे ऐसी खतरनाक बीमारियों के शिकार हो रहे हैं जो अब तक बुढ़ापे की बीमारियां समझी जाती थी।  महानगरों के स्कूलों में पढ़ने वाले 60% से अधिक बच्चे फास्ट फूड को मुख्य आहार के रूप में लेते हैं। भारत जैसे विकासशील देश में मोटापे की व्यवस्था समस्या खतरनाक स्तर तक बढ़ चुकी है। इससे ब्लड प्रेशर और दिल के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। एक अध्ययन के अनुसार बच्चों का बुद्धिलब्धि (AQI) स्तर आज कमजोर होने लगा है। इस प्रकार देखे तो हमारे स्वास्थ्य के लिए जंक फ़ूड जहर के समान है।

खंड (ख)

(पाठ्यपुस्तक एवं पूरक पाठ्यपुस्तक)

5. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्ही दो प्रश्नों के उत्तर 50 से 60 शब्दों में लिखिए।

क) निम्नलिखित पंक्तियों में निहित काव्य सौंदर्य लिखिए।

फरइ कि कोदव बाली सुसाली।

मुक्ता प्रसव कि संबुक काली।।

Ans. भाव पक्ष – जैसा वृक्ष होता है वैसा ही उस पर फल लगता है। कोदो किस्म के धान के पौधे से उत्तम किस्म का चावल पैदा नहीं हो सकता। इसी प्रकार काले घोघे से मोती का जन्म नहीं हो सकता। पश्चाताप स्वरूप भरत अपनी माता कैकई को नीच कहकर अपने आपको भी राम के वन गमन और अपने पिता की मृत्यु का कारण मानते हैं।

शिल्प सौंदर्य – भाषा-अवधिरस -करुण रस, छंद -चौपाई, अलंकार-  कि कोदेवमें अनुप्रास अलंकार, गुण -माधुर्य गुणशब्द शक्ति -लक्षणा शब्द शक्ति

ख) आशय स्पष्ट कीजिये।

पिऊ सौं कहेहु संदेसड़ा, ऐ भंवरा ऐ काग।

सो धनि बिरहे जरि मुई, तेहिक धुआँ हम लाग।।

Ans. रानी नागमती भंवरा और काग के माध्यम से अपनी विरह व्यथा का हाल अपने प्रियतम रत्नसेन तक भिजवाना चाहती हैं कि तुम्हारे वियोग में तुम्हारी पत्नी विरह अग्नि में जल मरी है। उसका धुआं हमको लगा है। इसी कारण हमारा रंग काला हो गया है।

ग) गीतावली से संकलित पद “राधौ एक बार फिरि आवौ ” में निहित करुणा और मार्मिकता को स्पष्ट कीजिये।

Ans. इन पंक्तियों में अपने प्रिय पुत्र राम की विरह व्यथा झेल रही माता कौशल्या की मार्मिक दशक का अत्यंत करुण चित्रण किया गया है। नाम के अश्वो  को देखकर उनका यह दुख दुगना हो जाता है।  इन घोड़ो को श्रीराम अपने कर कमलों से सहलाते थे, पर अब यह राम के वियोग में अत्यंत व्याकुल है। यह घोड़े राम के वियोग में इस प्रकार मुरझाते जा रहे हैं, जैसे शीत ऋतु में कमल पर हिमपात हो जाता है। माता कौशल्या पथिक के हाथ राम को यह संदेशा भिजवाती है कि उन्हें इन घोड़ों की जान की बड़ी चिंता है। एक बार आकर इन्हें अवश्य देख जाओ।

6. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्ही एक प्रश्न का उत्तर 30 से 40 शब्दों में लिखिए।

क) ‘मैं जानउँ निज नाथ सुभाऊ ‘ के आधार पर राम के स्वभाव की मुख्य विशेषताओं पर प्रकाश डालिये।

Ans. इस कथन से राम के स्वभाव की निम्नलिखित विशेषताओं का पता चलता है।

1. राम का स्वभाव अत्यंत विनीत एवं कोमल है।

2. वे अपराधी पर भी क्रोध नहीं करते।

3. अपने अनुज भरत पर तो उनकी विशेष कृपा है।

अथवा

कोयल और भँवरे के कलरव का विरहिणी नायिका पर क्या प्रभाव पड़ता है ?

Ans. कोयल और भंवरो का कलरव सुनकर नायिका अपने हाथों से कानों को बंद कर लेती है। इसका कारण यह है कि कोयल और भँवरे की मदमस्त ध्वनि सुनकर नायिका को आनंद तो आता है, परंतु वह उसकी बिरह व्यथा को और अधिक बढ़ा देती है। यह बिरहग्नि कहीं उसे जलाकर राख न कर दे, यही सोचकर नायिका अपने कानों को हाथों से बंद कर लेती है।

7. निम्नलिखित में से किन्ही दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 50 से 60 शब्दों में लिखिए।

क) ‘जहाँ कोई वापसी नहीं’ पाठ के आधार पर बताएँ कि स्वातंयोत्तर भारत की सबसे बड़ी ट्रेजेडी क्या है ?

Ans. स्वातंत्र्योत्तर भारत में विकास के नाम पर पश्चिमी सभ्यता का आधुनिकरण और प्रकृति का अंधाधुंध दोहन ही भारत की सबसे बड़ी ट्रैजिडी है। शासक वर्ग ने कभी भी प्रगति और विकास के पैमाने में प्रकृति, मनुष्य और संस्कृति में संतुलन स्थापित करने का प्रयास नहीं किया। यही कारण है कि विकास के नाम पर अनेक प्राकृतिक स्थल उजाड़ दिए जाते हैं, संस्कृतियों को नष्ट कर दिया जाता है और परिवारों को उनके घरों से उजाड़ दिया जाता है।

ख) लेखक असगर वजाहत द्वारा लिखी लघु कथा ‘शेर’ मैं शेर किसका प्रतीक है, स्पष्ट करें ?

Ans. इस कहानी में लेखक ने शेर को सत्ता की व्यवस्था का प्रतीक बताया है। सत्ता व्यवस्था तभी तक खामोश रहती है जब तक हम इसकी हां में हां मिलाते रहते हैं। सत्ता की अवज्ञा होते ही व्यवस्था खूंखार हो जाती है और विरोध में उठे स्वर को कुचलने का भरपूर प्रयास करने लगती है। लेखक द्वारा शेर की निरंकुश गतिविधियों पर प्रश्नचिन्ह लगाने पर शेर लेखक पर झपट पड़ता है।

ग) ‘दूसरा देवदास’ कहानी के शीर्षक की सार्थकता को सिद्ध कीजिये ?

Ans. बंगाली साहित्य के जाने-माने लेखक शरतचंद्र चट्टोपाध्याय के उपन्यास देवदासकी तर्ज पर ही इस कहानी का शीर्षक दूसरा देवदास रखा गया है। जहां देवदास शब्द प्रतीकात्मक है। जिस प्रकार देवदास उपन्यास का नायक देवदास पारो को पाने के लिए पागलपन की हद तक गुजर जाता है, ठीक वैसे ही संभव भी पारो की एक झलक पाने के लिए हर संभव प्रयास करता है। लेखक द्वारा उसे कहानी के शीर्षक के माध्यम से दूसरा देवदास कहना बिल्कुल उचित है।

8. निम्नलिखित में से किसी एक प्रश्न का उत्तर लगभग 30 से 40 शब्दों में लिखिए।

क) मनोकामना की गाँठ भी अद्भुत है, इधर बाँधो उधर लग जाती है। ” कथन के आधार पर पारो की मनोदशा का वर्णन कीजिये।

Ans. पारो मन ही मन संभव से प्रेम कर बैठती है और प्रेमातुर पारो अपनी मनोकामना पूरी होने पर मनसा देवी पर एक और चुनरी चढ़ाने का संकल्प लेती है। इसके तुरंत बाद पारो का संभव से इस प्रकार फिर से अचानक मिलना पारो को अपनी मनोकामना पूरी होने की ओर एक सकारात्मक कदम लगता है। वह स्वयं को भाग्यशाली समझती है क्योंकि देवी मां ने उसकी मनोकामना इतनी जल्दी पूरी कर दी थी।

अथवा

ख) मजदूरों को चार हाथ न लगा पाने पर मिल मालिक ने क्या उपाय निकला ?

Ans. मिल मालिक ने उत्पादन बढ़ाने के लिए देश के बड़े-बड़े विद्वानों को मोटी तनख्वाह पर रखा। मजदूरों को कटे हुए हाथ, लकड़ी के हाथ तथा लोहे के हाथ लगाने का पूरा प्रयास किया गया, परंतु इन सब से कोई लाभ नहीं हुआ और अंत में मजदूर मर गए।  मजदूरों के चार हाथ ना लगा पाने पर मिल मालिक ने मजदूरों की मजदूरी को आधा करके अपने उद्देश्य में सफलता प्राप्त की।

9. निम्नलिखित में से किन्ही दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 से 40 शब्दों में लिखिए।

क) ‘बिस्कोहर की माटी’ पाठ के आधार पर गर्मी और लू से बचने के लिए किए जाने वाले उपायों का विवरण दीजिये ?

Ans. गर्मी और लू से बचने के लिए घर से बाहर निकलते समय धोती या कमीज में प्याज की गाँठ बांध ली जाती है। इसके अतिरिक्त कच्चे आम को भूनकर उसमें गुड़ या चीनी मिलाकर पन्ना बनाकर शरबत पीते हैं तथा इससे कभी-कभी सिर को भी धोते हैं।

ख) आज के  इंजीनियरों की सोच यह है कि वे पानी का प्रबंध करना पहले से बेहतर जानते हैं।  क्या ऐसा मानना ठीक है?

Ans. यह महज एक गलतफहमी है। रिनेसाँ से बहुत पहले राजा विक्रमादित्य, भोज और मुंज आदि ने भविष्य में जल संकट की समस्या को भांप लिया था, इसलिए उन्होंने वर्षा के जल का समुचित संरक्षण करने के लिए बड़े बड़े तालाब, बावड़िया और कुएँ बनवाए, परंतु आज के तथाकथित होशियार इंजीनियरों ने तालाबों को गाद से भर दिया है और नदी नालों के जल को भी दूषित कर दिया है।

ग) ‘हमारी आज की सभ्यता इन नदियों को अपने गंदे पानी के नाले बना रही है।  इस साल मालवा मैं सामन्य बारिश से पाँच ही इंच ज्यादा पानी गिरा है और इतने मैं ही नदी, नाले, तालाब, बावड़िया और कुएँ चैतन्य हो गए है’ ये पंक्तियाँ किस पाठ से ली गई हैं और इस पाठ के लेखक कौन हैं?

Ans. प्रस्तुत पंक्तियां लेखक प्रभाष जोशी द्वारा लिखित पाठ अपना मालवा खाऊ उजाड़ू सभ्यता मेंसे ली गई है। मालवा की अतीत और वर्तमान में घटित मौसमी भौगोलिक परिस्थितियों के आधार पर पर्यावरण संकट पर चिंता अभिव्यक्त की गई है।

दूसरा देवदास पाठ में किसका वर्णन किया गया है?

पाठ की मूल संवेदना: – ममता कालिया की कहानी 'दूसरा देवदास' प्रेम के महत्व और गरिमा को ऊपर उठाती है। कहानी से यह सिद्ध होता है कि प्रेम को किसी निश्चित व्यक्ति, स्थान और समय की आवश्यकता नहीं होती, बल्कि यह स्वतः ही हो जाता है। 21वीं सदी में विलासिता की संस्कृति ने प्रेम के स्वरूप को अधिकतर उच्छृंखल बना दिया है।

संभव का दूसरा देवदास क्यों कहा गया है?

उत्तर: इस कहानी के पात्र संभव अपने प्रेमिका पारो से मिलने के लिए बहुत व्याकुल रहता हैं जिस तरह शरतचन्द्र के नाटक में ' देवदास ' में अपनी पारो से मिलने कि लिए व्याकुल रहता है । अत: इस कहानी को शीर्षक ' दूसरा देवदास ' सार्थक है।

मनोकामना हेतु लाल धागे कितने रुपए में बिक रहे थे?

उत्तर : मनोकामना हेतु लाल-पीले धागे सवा रुपये में बिक रहे थे

लड़के की नानी क्यों घबरा गई?

तो उसकी शादी उसी लड़के से हुई।

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