द्वापर मानवकाल के तृतीय युग को कहते हैं। यह काल कृष्ण के देहान्त से समाप्त होता है।
ब्रह्मा का एक दिवस 10,000 भागों में बंटा होता है, जिसे चरण कहते हैं:
चारों युग4 चरण (1,728,000 सौर वर्ष) | सत युग |
3 चरण (1,296,000 सौर वर्ष) | त्रेता युग |
2 चरण (864,000 सौर वर्ष) | द्वापर युग |
1 चरण (432,000 सौर वर्ष) | कलि युग |
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यह चक्र ऐसे दोहराता रहता है, कि ब्रह्मा के एक दिवस में 1000 महायुग हो जाते हैं
तृसरेणु · त्रुटि · वेध · लव · निमेष · क्षण · काष्ठा · लघु · दण्ड · मुहूर्त · याम · प्रहर · दिवस · अहोरात्रम | समय मापन वेधशाला, दिल्ली |
सप्ताह · पक्ष · मास · ऋतु · अयन · वर्ष | |
दिव्य वर्ष · युग · (सत्य/कृत · त्रेता · द्वापर · कलि) · महायुग · चतुर्युगी · मन्वन्तर · कल्प · ब्रह्मा_की_आयु | |
सोम · मंगल · बुध · गुरु/बृहस्पति · शुक्र · शनिश्चर · रवि | |
पूर्णिमा · प्रतिपदा · द्वितीया · तृतीया · चतुर्थी · पंचमी · षष्ठी · सप्तमी · अष्टमी · नवमी · दशमी · एकादशी · द्वादशी · त्रयोदशी · चतुर्दशी · अमावस्या | |
चैत्र · वैशाख · ज्येष्ठ · आषाढ़ · श्रावण · भाद्रपद · आश्विन · कार्तिक · अग्रहायण · पौष · माघ · फाल्गुन | |
कलियुग संवत 3102 ईपू · सप्तर्षि संवत 3076 ईपू · विक्रमी संवत 57 ईपू · शक संवत 78 ई.पू. |