First Published: February 2, 2022 | Last Updated:February 2, 2022
आर्थिक मामलों के विभाग द्वारा हाल ही में जारी आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि भारत वन क्षेत्र बढ़ाने के मामले में दुनिया में तीसरे स्थान पर है। भारत ने 2010 और 2020 के बीच हर साल 2,66,000 हेक्टेयर वन क्षेत्र जोड़ा है।
भारत के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 24% भाग वनों से आच्छादित है। भारतीय वनों में विश्व के 2% वन हैं।
शीर्ष देश
सर्वेक्षण के अनुसार सर्वाधिक वन वाले देश ब्राजील, कांगो, पेरू और रूस हैं। ब्राजील की कुल भूमि का 59% भाग वनों से आच्छादित है। पेरू में यह 57%, कांगो में 56%, रूस में 50% है। लगभग दस देशों ने वैश्विक वनों में 66% का योगदान दिया।
भारतीय राज्यों में वन आवरण
मध्य प्रदेश में सबसे अधिक वन क्षेत्र था। मध्य प्रदेश में भारत के कुल वन क्षेत्र का 11% हिस्सा है। इसके बाद अरुणाचल प्रदेश का स्थान है। राज्य में देश के कुल वन क्षेत्र का 9% हिस्सा है। छत्तीसगढ़ में 8%, ओडिशा में 7% और महाराष्ट्र में 7% है।
वनावरण का उच्चतम अनुपात
राज्य के भौगोलिक क्षेत्र की तुलना में वनों का उच्चतम अनुपात अर्थात् वनों के अंतर्गत आने वाला क्षेत्र इस प्रकार है:
- मिजोरम: 85%
- अरुणाचल प्रदेश: 79%
- मेघालय: 76%
- मणिपुर: 74%
- नागालैंड: 74%
2011 और 2021 के बीच भारत में बहुत घने वन क्षेत्र में 20% की वृद्धि हुई है। खुले वन क्षेत्र में 7% की वृद्धि हुई है।
आलोचन
‘The State of Forest Report’ को इस वर्ष सार्वजनिक किया गया था। पर्यावरणविद वनावरण की गणना में अपनाई गई कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं। उनके अनुसार सर्वेक्षण में वन क्षेत्रों के बाहर वृक्षारोपण और बाग-बगीचे शामिल हैं। इस पर, केंद्र सरकार ने उत्तर दिया कि भारत में “वन” की परिभाषा वैश्विक परिभाषाओं के अनुरूप है।
वन की परिभाषा
भारतीय वन अधिनियम, 1927 वन को पेड़ों, ब्रशवुड और जंगल से आच्छादित भूमि के रूप में परिभाषित करता है। भारतीय कानूनी व्यवस्था में वन की कोई उचित परिभाषा मौजूद नहीं है। 1996 में, सुप्रीम कोर्ट ने वन को उस क्षेत्र के रूप में परिभाषित किया जो सरकारी रिकॉर्ड में वन के रूप में दर्ज है। इन दो परिभाषाओं का देश में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। भारत में वन की परिभाषा देना कठिन है क्योंकि देश में 16 विभिन्न प्रकार के वन हैं!
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वन क्षेत्र में वृद्धि वाले दस देशों में भारत भी शामिल: एफएओ
एफएओ ने 2010 से 2020 के दशक में दुनिया भर के वन संसाधनों का मूल्यांकन के बाद रिपोर्ट जारी की है
On: Thursday 23 July 2020संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) ने वैश्विक वन संसाधन मूल्यांकन (एफआरए) जारी किया है। इसके मुताबिक, एक दशक के दौरान वन क्षेत्र में इजाफा करने वाले दस देशों में भारत का नंबर तीसरा है।
उल्लेखनीय है कि 1990 के बाद से, एफएओ हर पांच साल में यह व्यापक मूल्यांकन जारी करता है। इस रिपोर्ट में सभी सदस्य देशों में जंगल की स्थिति और उनके प्रबंधन का आकलन किया जाता है।
एफआरए 2020 के अनुसार, 2010-2020 के दौरान जिन 10 देशों में वन क्षेत्र में औसतन सालाना इजाफा हुआ है, उनमें पहले स्थान पर चीन है। उसके बाद ऑस्ट्रेलिया, भारत, चिली, वियतनाम, तुर्की, संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्रांस, इटली और रोमानिया शामिल हैं। पूरे विश्व के वन क्षेत्र में भारत की हिस्सेदारी 2 फीसदी है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि एशियाई महाद्वीप ने 2010-20 में वन क्षेत्र में सबसे अधिक शुद्ध इजाफा किया। यहां पिछले एक दशक में जंगलों में 1.17 मिलियन हेक्टेयर / प्रतिवर्ष वृद्धि दर्ज की गई। हालांकि, दक्षिण एशिया उप-क्षेत्र में इस दशक के दौरान जंगलों को नुकसान पहुंचा, लेकिन रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख किया गया है, अगर भारत में वन क्षेत्र में इजाफा नहीं होता तो दक्षिण एशिया उपक्षेत्र को वन क्षेत्र में काफी कमी दर्ज की जाती।
इस मूल्यांकन रिपोर्ट के मुताबिक, इस एक दशक के दौरान, भारत में औसतन हर साल 0.38 प्रतिशत वन क्षेत्र में इजाफा रिकॉर्ड किया गया। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि एशियाई महाद्वीप में सरकारों द्वारा समुदायों के साथ मिल कर चलाए जा रहे वन प्रबंधन कार्यक्रमों के कारण वन क्षेत्र में वृदि्ध हो रही है।
मूल्यांकन रिपोर्ट कहती है कि "भारत में स्थानीय निवासी, आदिवासी और स्वदेशी समुदायों द्वारा वन क्षेत्रों की देखरेख की जा रही है। वर्ष 1990 में यह वन क्षेत्र शून्य था, जो 2015 में बढ़ कर लगभग 2.5 करोड़ हेक्टेयर हो गया है।
हालांकि, इस रिपोर्ट में इस बात पर निराशा जताई गई है कि प्राकृतिक रूप से उपजने वाले वन क्षेत्र में इजाफा नहीं हो रहा है। वर्तमान में भारत बड़े पैमाने पर वनीकरण और वृक्षारोपण योजनाएं चला रहा है। एफआरए 2020 के अनुसार, 2010-20 के दौरान प्राकृतिक रूप से पुनर्जीवित वन में वृद्धि की दर सिर्फ 0.38 प्रतिशत रही।
इस मूल्यांकन रिपोर्ट में 136 देशों के आंकड़ों का आकलन किया गया, जहां दुनिया के 91 प्रतिशत जंगल हैं। बताया गया है कि इन देशों के जंगलों की वजह से रोजगार पाने वालों की सबसे अधिक संख्या भारत में है। इन देशों में लगभग 12.5 मिलियन लोगों को वन क्षेत्रों की वजह से रोजगार मिला हुआ है, जबकि इनमें से 50 फीसदी यानी लगभग 6.23 मिलियन लोग भारत से हैं।