ठीक है प्रश्न विद्युत मोटर का सिद्धांत क्या है ठीक है तो ठीक है सबसे पहले समझ लेते हैं विद्युत मोटर क्या है विद्युत मोटर जो है वह युक्ति है जो विद्युत ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा को इसमें यांत्रिक ऊर्जा में परिवर्तित करते हैं ठीक है यांत्रिक ऊर्जा में परिवर्तित करती है जिसके कारण वह तो घूमने गति करने लगता है ठीक है खून नहीं आती तो देखें इसका सिद्धांत एक चित्र के साथ समझाता हूं देखिए हमारा क्या है विद्युत मोटर ठीक है जिसमें एक चुंबक है इसका एक दुआ है उत्तरी और दक्षिणी चुंबक के भी तारीख के मध्य जो है एक धारावाहिक कुंडली जो है रखा गया है यह लीजिए धारावाहिक मैया धारावाहिक कुंडली
धारावाहिक कुंडली को क्या कर दिया गया आर्मेचर से जोड़ दिया गया आर्मेचर R1 r2 से आर्मेचर ठीक है क्योंकि इससे जुड़े हुए हैं बी 132 प्रस्तुत हैं अब इन दोनों बसों को जो है विद्युत सोच से जोड़ दिया जाता है ठीक है इज्जत सोते इस प्रकार से जोड़ दिया जाता है ठीक है तब इसमें से धारा बहेगी आई धारा बहेगी अब इसमें बहने वाली जो धारा है वह कुंडली में प्रवाहित होता है जब यह कुंडली में धारा प्रवाहित होता है तब विद्युत चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न होता है ना और यह चुंबक के मध्य रखें अगर इस कुंडली को क्या किया जाए धारा बहाव में धारा बहा जाए तो इस पर जो हल्ला रे निबंध लगने लगता है जो कि विद्युत चुंबकीय बल आघूर्ण कहलाता है क्या लग रहे हैं ठीक है
है जो कि क्या कहलाता है 1 युग में नीचे एक पल ऊपर की तरह एक नीचे की तरफ क्यों क्योंकि इसकी बल की दिशा जो होती है यह तो दिया जाता है यह मैक्सवेल के दाहिने हाथ के नियम के अनुसार दिया जाता है ठीक है मैक्सवेल के दाहिने हाथ के अनुसार अब इस पर जो ऊपर नंबर है इसे हम लारेंज बल कहते हैं तो लारेंज बल का मान होता है बी एल ठीक है इसका मान क्या होता है बीएलबी जहां भी रहो चुंबकीय क्षेत्र है क्या है चुंबकीय क्षेत्र अरेंज है इस कुंडली की लंबाई है ठीक है कुंडली की लंबाई है लंबाई और जो भी है या जो है इसका भी ठीक है इसका वेद घूमने का है तो क्या होगा इस बल के कारण जो है यह कुंडली जो है क्या करने लगती है घूर्णी गति करने
लगती है इस प्रकार ठीक है यही हमारा क्या है विद्युत मोटर का सिद्धांत है जब किसी धारावाहिक कुंडली पर विद्युत धारा प्रवाहित किया जाता है ठीक है दो चुंबक के मध्य तब उसमें जो है एक पल युग में कार्य करने लगता है जिसे लॉरेंज बल कहते हैं तथा या धारावाहिक कुंडली को घुमाने लगता है ठीक है तथा जो है क्या हुआ उत्पन्न होती है यांत्रिक ऊर्जा उत्पन्न होती है यह हमारा था मोटर का विद्युत मोटर का सिद्धांत धन्यवाद
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- विद्युत मोटर क्या है? | सिद्धांत | कार्य विधि | महत्व | अंतर
नमस्कार दोस्तों, आज के इस लेख में हम आपको, इलेक्ट्रिक मोटर क्या होती है, ओर “इलेक्ट्रिक मोटर के कार्य” करने का “वर्किंग प्रिंसिपल” बताने वाले हैं कि इलेक्ट्रिक मोटर कैसे काम करती है उसके पीछे कौन सा “सिद्धांत” काम करता है तो अगर आप “इलेक्ट्रिक मोटर का वर्किंग प्रिंसिपल” के बारे में जानना चाहते हैं तो इस लेख को लास्ट तक जरूर पड़े तो चलिए शुरू करते हैं।
विद्युत मोटर क्या है? | vidyut motor kya hai
विद्युत मोटर एक ऐसी मशीन होती है, जो विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में बदल देती है। अर्थात जब हम किसी मोटर पर विद्युत सप्लाई देते हैं तो मोटर घूमने लगती है और मोटर में यांत्रिक बल उत्पन्न हो जाता है और इस बल का इस्तेमाल बहुत बड़े पैमाने पर किया जाता है।
Table of Contents
- विद्युत मोटर क्या है? | vidyut motor kya hai
- विद्युत मोटर का सिद्धांत क्या है? | vidyut motor ka siddhant
- विद्युत मोटर की कार्य विधि क्या है? | vidyut motor ki karyavidhi
- विभक्त वलय का महत्व? | vidyut walay ka mahatva
- विद्युत मोटर तथा विद्युत जनित्र में कार्य के आधार पर अंतर-
- विद्युत मोटर किसे कहते हैं।
- विद्युत मोटर का सिद्धांत क्या है।
आज के समय में विश्व में विद्युत मोटर का सबसे ज्यादा इस्तेमाल इलेक्ट्रिक वाहन में उपयोग हो रहा है जिसकी वजह से गाड़ियों के पहिए घूमते होते हैं और आपको यात्रिक ऊर्जा मिल जाती है।
इन्हें भी पढ़ें:- विद्युत जनित्र का सिद्धांत क्या है?
विद्युत मोटर का सिद्धांत क्या है? | vidyut motor ka siddhant
जब किसी कुंडली को चुंबकीय क्षेत्र में रखकर उसमें धारा प्रवाहित की जाती है। तो कुंडली पर एक बल युग्म कार्य करने लगता है, जो कुंडली को उसकी अक्ष पर घूमने के लिए स्वतंत्र हो तो वह घूमने लगती हैं।
विद्युत मोटर की कार्य विधि क्या है? | vidyut motor ki karyavidhi
जब बैटरी से कुंडली में विद्युत धारा प्रवाहित करते हैं तो फ्लेमिंग के बाएं हाथ के नियम से कुंडली की भुजाओं AB तथा CD पर बराबर, परंतु विपरीत दिशा में दो बल कार्य करने लगते हैं। यह बल एक बल-युग्म बनाते हैं जिसके कारण कुंडली दक्षिणावर्त दिशा में घूमने लगती है। विभक्त वलयों की सहायता से धारा की दिशा इस प्रकार रखी जाती है। की कुंडली पर बल लगाकर एक ही दिशा में कार्य करें, अर्थात कुंडली एक दिशा में घूमते रहे।
विभक्त वलय का महत्व? | vidyut walay ka mahatva
विभक्त वलय का अर्थ का “कार्य कुंडली में प्रवाहित धारा की दिशा को बदलना” है। विद्युत शक्ति का मानव विकास में एक महत्वपूर्ण योगदान दिया है। जब कुंडली आधा चक्कर पूर्ण कर लेती है तो विभक्त बलयों का ब्रुशो से संपर्क समाप्त हो जाता है और विपरीत ब्रुशो से संपर्क जुड़ जाता है। इसके फलस्वरूप कुंडली में धारा की दिशा सदैव इस प्रकार बनी रहती है कि कुंडली एक दिशा में घूमती रहे।
विद्युत मोटर तथा विद्युत जनित्र में कार्य के आधार पर अंतर-
विद्युत मोटर विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में बदलती है,जबकि विद्युत जनित्र यांत्रिक कार्य को विद्युत ऊर्जा में बदलता है।
विद्युत मोटर किसे कहते हैं।
विद्युत मोटर एक ऐसा साधन है, जो विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में बदलता है।
विद्युत मोटर का सिद्धांत क्या है।
जब किसी कुंडली को चुंबकीय क्षेत्र में रखकर उसमें धारा प्रवाहित की जाती है। तो कुंडली पर एक बल युग्म कार्य करने लगता है, जो कुंडली को उसकी अक्ष पर घूमने के लिए स्वतंत्र हो तो वह घूमने लगती हैं।