विद्युत धारा का तापीय प्रभाव क्या है - vidyut dhaara ka taapeey prabhaav kya hai

विद्युत धारा के तापीय प्रभाव का उपयोग क्या है?

अब यदि एक ऐसा विद्युत परिपथ ले जिसमें बैटरी के साथ विशुद्ध प्रतिरोध जुड़ा है तो स्त्रोत की सम्पूर्ण ऊर्जा पूर्व रूप ऊष्मा के रूप में क्षयित हो जाती है इसे विद्युत धारा का तापीय प्रभाव कहते है। इस प्रभाव का उपयोग विद्युत हीटर विद्युत इस्तरी व विद्युत गीजर में किया जाता है।

विद्युत धारा का प्रभाव क्या है?

प्रवहमान विद्युत् धारा के मुख्यतः निम्नलिखित प्रभाव हैं- चुम्बकीय प्रभाव, ऊष्मीय प्रभाव, रासायनिक प्रभाव एवं प्रकाशीय प्रभाव। जब भी किसी चालक से विद्युत् धारा का प्रवाह होता है, तो चालक के चारों ओर एक चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है।

तापीय प्रभाव से आप क्या समझते हैं?

“किसी भी प्रतिरोध युक्त चालक में विद्युत धारा (या विद्युत आवेश) के प्रवाहित होने से विद्युत उर्जा को ऊष्मा उर्जा में परिवर्तन होने की घटना को ही विद्युत धारा का तापीय प्रभाव कहते हैं.”

जूल का विद्युत धारा का तापन नियम क्या है?

जूल के प्रथम नियम (जिसे जूल-लेंज नियम भी कहते हैं) के अनुसार, किसी विद्युत चालक के अन्दर ऊष्मीय ऊर्जा उत्पन्न होने की दर (अर्थात ऊष्मीय शक्ति) उस चालक के प्रतिरोध एवं उसमें प्रवाहित धारा के वर्ग के गुणनफल के समानुपाती होती है।

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