यदि सार्वजनिक यातायात के साधन नहीं होते तो इन पर क्या प्रभाव पड़ता लिखो शहर? - yadi saarvajanik yaataayaat ke saadhan nahin hote to in par kya prabhaav padata likho shahar?

जीवन व विकास में गति लाने के लिए यातायात के साधनों का होना अति आवश्यक है, विशेषकर सार्वजनिक यातायात साधनों की। यदि गाँवों में सार्वजनिक साधन नहीं होंगे, तो किसान फसलों का आयात-निर्यात नहीं कर पाएँगे। एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने के लिए गाँव में आज भी अधिकांशत: सार्वजनिक यातायात साधनों का उपयोग किया जाता है। उनकी अनुपस्थिति से जनजीवन की गति व विकास ठप्प पड़ जाएगा। शहरों व महानगरों में व्यापार व कारोबार अधिक होता है लेकिन सार्वजनिक यातायात के साधनों के नहीं रहने पर पूरा कामकाज ठप्प पड़ जाएगा। उच्च वर्ग तो किसी तरह अपने निजी साधनों से यातायात संबंधी जरूरतें पूरी कर लेगा, लेकिन निम्न व मजदूर वर्ग पूरी तरह परेशान हो जाएगा। यदि गाँव, शहर व महानगर में सार्वजनिक यातायात के साधन नहीं होते, तो लोगों के साथ ही देश भी आर्थिक, सामाजिक, राजनैतिक, सांस्कृतिक दृष्टि से पिछड़ जाता।

यदि सार्वजनिक यातायात के साधन नहीं होते तो इन पर क्या प्रभाव पड़ता?

उनकी अनुपस्थिति से जनजीवन की गति व विकास ठप्प पड़ जाएगा। शहरों व महानगरों में व्यापार व कारोबार अधिक होता है लेकिन सार्वजनिक यातायात के साधनों के नहीं रहने पर पूरा कामकाज ठप्प पड़ जाएगा। उच्च वर्ग तो किसी तरह अपने निजी साधनों से यातायात संबंधी जरूरतें पूरी कर लेगा, लेकिन निम्न व मजदूर वर्ग पूरी तरह परेशान हो जाएगा।

शहर के विकास और यातायात के साधनों में क्या संबंध है?

यातायात के साधनों के निर्माण और संचालन करने के लिए कर्मचरियों की आवश्यकता होती हैं, इससे देश मे रोजगार को बढ़ावा मिलता हैं. परिवहन से ही गांवों और शहरों का संबंध बनता हैं, और आपस में जुड़ पाते हैं. यातायात के सधनो पर लगने वाले कर से सरकार की आमदनी होती हैं.

संबंधित पोस्ट

Toplist

नवीनतम लेख

टैग