विषयसूची
बंदूक कितने प्रकार की होती?
- बंदूक दो तरह की होती है एक लांग गन जैसे राइफल
- दूसरी हैंड गन जैसे पिस्तौल
- लाइसेन्स के बारे में नही पता
एयर गन की कीमत क्या होती है?
इसे सुनेंरोकेंगन हाऊस संचालित करने वाले विक्रेताओं की माने तो भारतीय एएरगन 3000 से 40000 रुपये तक मिल जाती है लेकिन विदेशी एयरगन और एयर पिस्टल 5 लाख रुपये कीमत तक की गोरखपुर के बाजार में उपलब्ध है। विदेशी गन में सिलेंडर की सुविधा होती है जिसके कारण उसकी मारक क्षमता सौ गुना ज्यादा हो जाती है।
बंदूक दो तरह की होती है एक लांग गन जैसे राइफल
बंदूक दो तरह की होती है एक लांग गन जैसे राइफल
बंदूक एक उपयोगी क्या है?
इसे सुनेंरोकेंसही विकल्प: B अस्त्र को हाथ में पकड़ कर चलाया जाता है। सही विकल्प है – बंदूक एक उपयोगी ‘अस्त्र’ है।
भारत में सबसे खतरनाक बंदूक कौन सी है?
आज हम आपको सेना की उन 10 बंदूकों के बारे में बताते हैं जिन्हें सबसे खतरनाक माना जाता है.
- इंसास राइफल
- पिस्टल ऑटो 9MM 1A.
- AK-203.
- विध्वंसक, एंटी मैटेरियल राइफल (ARM)
- ड्रेग्नोव SVD 59 स्नाइपर राइफल (DSR)
- आईएमआई गैलिल 7.62 स्नाइपर राइफल
- माउजर SP 66 स्नाइपर राइफल
- SAF कार्बाइन 2 A 1 सब मशीन गन
9mm पिस्टल में कितनी गोलियां होती है?
इसे सुनेंरोकेंआम तौर पर रिवॉल्वर एक बार में 6 फायर कर सकती है लेकिन पिस्टल की मैगजीन में 18 गोलियां आ सकती हैं.
गोली कितने प्रकार के होते हैं?
1.1 नुकीली गोलियां (Pointed bullets)
राइफल की गोली की रेंज कितनी होती है?
इसे सुनेंरोकेंइंडियन आर्मी को मिलेगी सबसे एडवांस्ड राइफल एके-47 203 का वजन बिना वजन के 3.8 किलोग्राम है और इसकी फायरिंग रेंज 800 मीटर है. इस राइफल से एक मिनट से 700 राउंड ज्यादा फायरिंग की जा सकती है. इसकी एक मैगजीन में करीब 40 राउंड गोलियां होंगी. राइफल का बैरल करीब 415 एमएम का है.
12 बोर बंदूक की रेट क्या है?
इसे सुनेंरोकें12 बोर की बंदूक 30 हजार रुपए और सेमी ऑटोमेटिक राइफल करीब 3 लाख रुपए में खरीदी गई है।
गोली में कौन सा जहर होता है?
इसे सुनेंरोकेंगोली बनाने के लिए बहुत सारे हेवी मेटल इस्तेमाल होते हैं जैसे लेड और आजकल कैल्शियम सिलिकेट. इन सारे मेटल्स के दुष्प्रभाव के कारण जान जाती है, जो गैस फ्यूम निकलती है उसके कारण भी मौत होती है. अनबर्न पाउडर यानी वो बारूद जो पूरी तरह से जला नहीं होता, उसकी वजह से भी जान जा सकती है.
एके 47 की मारक क्षमता कितनी होती है?
इसे सुनेंरोकेंAK-47 300 मीटर की दूरी तक एकदम सटीक निशाना लगाती है। अगर शूटर अच्छा हुआ तो 800 मीटर तक की दूरी पर भी निशाना लगा सकती है। एक AK-47 गन की लाईफ 6000 से 15000 राउंड तक होती है।
शस्त्र लाइसेंस के लिए कितनी उम्र होनी चाहिए?
इसे सुनेंरोकें(How to obtain Gun License): आर्म्स एक्ट, 1959 के तहत आत्मरक्षा के लिए प्रशासन से लाइसेंस लेकर हथियार ले सकता है. यदि आप आत्मरक्षा (Self Defence) के लिए पिस्तौल रखना चाहते है, तो लाइसेंस हासिल करने के लिए आपकी उम्र 21 साल या अधिक होनी चाहिए.
विदेश में बनी दुनाली बन्दूक (कोच गन) |
Shotgun |
1850 |
1850 से अब तक |
39 इंच (995 मिमी) |
18 इंच. (450 मिमी) |
12 बोर |
तोड़कर खोलने वाली |
बन्दूक (अंग्रेजी: Coach gun) बीसवीं सदी तक सैनिकों द्वारा प्रयुक्त एक प्रमुख हथियार रहा है। यह आकार में बड़ा एवं वजनी होता है। साम्राज्यवाद के दौर में मुख्यतः इसी अस्त्र के कारण यूरोपीय सेनाओं ने एशियाई, अफ्रीकी एवं अमेरिकी भूभागों पर अपना प्रभुत्व स्थापित कर लिया था। इकनाली बन्दूक में एक बार मे केवल एक ही गोली भर कर दागी जाती है जबकि दुनाली बन्दूक में दो गोलियाँ भरकर क्रमश: दागी जा सकती हैं। आजकल भारत की आम जनता में जो लाइसेंसी बन्दूकें मिलती हैं उनमें प्राय: बारह बोर के ही कारतूस प्रयोग में लाये जाते हैँ। ब्रिटिश भारत में प्राय: विदेश में बनी बन्दूकें ही अमीर लोगों के पास होती थीं किन्तु अब भारतीय आयुध निर्माणी द्वारा बनायी गयीं इकनाली व दुनाली बन्दूकें यहाँ के शस्त्र विक्रेता अपने पास रखने लगे हैं। इन्हें कोई भी शस्त्र अनुज्ञप्ति धारक उनसे सीधे मूल्य देकर खरीद सकता है।
कारतूस[संपादित करें]
12 बोर के कारतूस (70 मिलीमीटर लम्बाई के)
सामान्यत: इनमें प्रयुक्त होने वाले बारह बोर के कारतूस 70 मिलीमीटर[1] व 65 मिलीमीटर[2] लम्बाई के होते हैं। इन्हें भी अब भारत में ही बनाया जाने लगा है।[3] ये कारतूस भी भारत के शस्त्र विक्रेताओं से खरीदे जा सकते हैं। कारतूस मे छर्रे, काटन वैड, गन पाउडर एवं .22 कैप होता है| बंदूक के कारतूस का वर्गीकरण नम्बरों के आधार पर है जैसे 1 नम्बर का कारतूस जिसमे छर्रे बड़े होते है एवं उनका प्रयोग बड़े शिकार पर किया जाता है| इसी प्रकार से नम्बर 2,3,4,5,6 के कारतूस होते हैं जिनमे छर्रों की संख्या बढ़ती जाती है एवं उनका आकार घटता जाता है| एल जी एवं कारतूस को बहुत ही बड़े शिकार के लिये किया जाता है|वास्तव मे कोई बंदूक कितने बोर की होगी यह निर्धारित करने के लिए एक विशेष प्रणाली अपनायी जाती है जैसे यदि किसी गन की नली से एक पाउण्ड लेड धातु का गोलाकार 12वां भाग सरलता से पास हो जाए तो उसे 12 बोर की गन कहेंगे|इसी प्रकार 14 बोर एवं 10 बोर की बंदूंको का वर्गीकरण भी किया जाता है|
साधारण बोलचाल की भाषा में हम जिसे बोर कहते हैं वह शस्त्र-विज्ञान की भाषा में गेज़ कहलाता है। नीचे 12 बोर के कारतूसों की विनिर्दिष्टीकरण तालिका दी जा रही है जिससे इसकी सही-सही और वास्तविक जानकारी हो सके।[4]
12 | 18.53 | .729 | 37.80 | 1.333 | 583 |
5.56 मिमी आईएनएसएएस हल्की मशीन गन
सन्दर्भ[संपादित करें]
- ↑ "अस्त्रम कारतूस". मूल से 26 मई 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 19 जुलाई 2013.
- ↑ "65.0 mm स्पेशल कारतूस". मूल से 26 जनवरी 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 19 जुलाई 2013.
- ↑ "Arms&lang=hi नागरिक शस्त्र एवं कारतूस". मूल से 4 दिसंबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 19 जुलाई 2013.
- ↑ "गेज़ (बोर व्यास) - अंग्रेजी विकिपीडिया". मूल से 17 नवंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 नवंबर 2013.
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
- भारतीय आयुध निर्माणी
- रिवॉल्वर (.32 बोर)
- माउज़र पिस्तौल
- रेमिंग्टन 1100 (बन्दूक)
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
- भारतीय आयुध निर्माणियाँ (जालघर)