एक वाक्य में उत्तर लिखिए राष्ट्रभाषा से आप क्या समझते हैं? - ek vaaky mein uttar likhie raashtrabhaasha se aap kya samajhate hain?

विषयसूची

  • 1 राष्ट्रीय भाषा के लिए आवश्यक गुण क्या क्या है?
  • 2 राष्ट्र भाषा से आप क्या समझते हैं एक वाक्य में उत्तर?
  • 3 राष्ट्रीय भाषा बनाने के लिए एक भाषा में क्या क्या विशेषताएं होनी चाहिए?
  • 4 राष्ट्र भाषा से आप क्या समझते हैं लिखिए?
  • 5 पाकिस्तान का राष्ट्रीय भाषा क्या है?

राष्ट्रीय भाषा के लिए आवश्यक गुण क्या क्या है?

इसे सुनेंरोकेंराष्ट्रभाषा सारे देश की सम्पर्क–भाषा होती है। इसका व्यापक जनाधार होता है। राष्ट्रभाषा हमेशा स्वभाषा ही हो सकती है क्योंकि उसी के साथ जनता का भावनात्मक लगाव होता है। राष्ट्रभाषा का स्वरूप लचीला होता है और इसे जनता के अनुरूप किसी रूप में ढाला जा सकता है।

राष्ट्र भाषा से आप क्या समझते हैं एक वाक्य में उत्तर?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर – राष्ट्रभाषा – राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार एवं विभिन्न राज्यों के द्वारा अपनाई जाने वाली समृद्ध भाषा राष्ट्र भाषा कहलाती है । भारत की राष्ट्रभाषा हिंदी है । इसमें राष्ट्र की संस्कृति साहित्य एवं ऐतिहासिक तत्वों का समावेश होता है यह राष्ट्र की संपर्क भाषा के रूप में स्वीकार होती है ।

हिन्दी सम्पूर्ण राष्ट्र की भाषा क्यों होनी चाहिए?

इसे सुनेंरोकेंराष्ट्रभाषा देश का सम्मान , देश का अभिमान , देश की एकता की पहचान राष्ट्रभाषा महान है। हमारे देश की राष्ट्रभाषा के नाम पर प्रयुक्त होने वाली भाषा के रूप में अगर कोई भाषा समर्थशाली है तो वह है हिन्दी भाषा। 30 अक्तूबर 1949 को हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा का सम्मान और गौरव प्रदान किया गया है।

राष्ट्र भाषा की लिए सर्वप्रथम गुण कौन सा है?

इसे सुनेंरोकेंसर्वप्रथम गुण उस भाषा की व्यापकता है। जो भाषा देश के सर्वाधिक जनों और सर्वाधिक क्षेत्र में बोली और समझी जाती हो वही राष्ट्रभाषा पद की अधिकारिणी होती है।

राष्ट्रीय भाषा बनाने के लिए एक भाषा में क्या क्या विशेषताएं होनी चाहिए?

इसे सुनेंरोकें(1) राष्ट्रभाषा देश में बहुसंख्यक लोगों की भाषा होती है। (2) राष्ट्रभाषा सीखने में सरल होती है तथा इसकी लिपि वैज्ञानिक होती है। (3) राष्ट्रभाषा संविधान द्वारा मान्यता प्राप्त होती है। (4) यह देश में शिक्षा व समाचार-पत्रों की भाषा होती है।

राष्ट्र भाषा से आप क्या समझते हैं लिखिए?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: किसी भी देश या राष्ट्र द्वारा किसी भाषा को जब अपने किसी राजकार्य के लिए भाषा घोषित किया जाता है या अपनाया जाता है तो उसे राष्ट्र भाषा जाना जाता है। अर्थात जब कोई देश किसी भाषा को अपनी राष्ट्र की भाषा घोषित करता है तो उसे ही राष्ट्र भाषा के लिए जाना जाता है।

हिन्दी भाषा की आवश्यकता क्यों होती है?

इसे सुनेंरोकेंसामान्यत: भाषा को वैचारिक आदान-प्रदान का माध्यम कहा जा सकता है। भाषा अभिव्यक्ति का सर्वाधिक विश्वसनीय माध्यम है। यही नहीं, यह हमारे समाज के निर्माण, विकास, अस्मिता, सामाजिक व सांस्कृतिक पहचान का भी महत्वपूर्ण साधन है। भाषा के बिना मनुष्य अपूर्ण है और अपने इतिहास और परंपरा से विछिन्न है।

किसी भी राष्ट्र के लिए राष्ट्रभाषा का होना क्यों आवश्यक है?

इसे सुनेंरोकेंकिसी भी देश की राष्ट्रभाषा उसे ही बनाया जाता है जो उस देश में व्यापक रूप में फैली होती है। संपूर्ण देश में यह संपर्क भाषा व्यवहार में लाई जाती है। राष्ट्रभाषा संपूर्ण देश में भावात्मक तथा सांस्कृतिक एकता स्थापित करने का प्रधान साधन होती है। इसे बोलने वालों की संख्या सबसे अधिक होती है।

पाकिस्तान का राष्ट्रीय भाषा क्या है?

इसे सुनेंरोकेंइन पाँच भाषाओं में प्रत्येक के 1 करोड़ से अधिक वक्ता हैं – पंजाबी, पश्तो, सिन्धी, सरायकी और उर्दू। पाकिस्तान की लगभग सभी भाषाएँ भारत-यूरोपियाई भाषा परिवार के भारत-ईरानी समूह से सम्बन्धित हैं। उर्दू पाकिस्तान की राष्ट्रीय भाषा है। इसे अंग्रेजी के साथ-साथ सह-आधिकारिक भाषा बनाने का भी प्रस्ताव है।

राष्ट्रभाषा किसे कहते हैं | rashtra bhasha kise kahate hain | राजभाषा और राष्ट्रभाषा में अंतर | राष्ट्रभाषा का अर्थ क्या है | राष्ट्रभाषा की परिभाषा क्या है – पूरी दुनिया में अनेक भाषाएं बोली जाती हैं. और विशेष क्षेत्र के लोग अपनी स्थानीय भाषा को बोलना और दैनिक जीवन में उपयोग करना पसंद करते हैं. जैसे भारत में अनेक प्रकार की भाषाएं बोली जाती हैं. ऐसा कहा जाता है कि भारत में प्रति 5 किलोमीटर की दूरी पर भाषा बदल जाती हैं. और यह काफी हद तक सही भी है. लेकिन भारत की राष्ट्रभाषा हिंदी है. क्योंकि हिंदी भाषा हमारे देश का प्रतिनिधित्व करती है और हिंदी भाषा को भारत में सबसे ज्यादा लोगों के द्वारा बोला जाता है.

इस आर्टिकल में हम जानेगे की राष्ट्रभाषा किसे कहते हैं तथा राजभाषा और राष्ट्रभाषा में क्या अंतर होता हैं. इसके साथ ही में हम हिंदी को राष्ट्रभाषा घोषित करने के पीछे भी कहानी जानेगे. इस आर्टिकल में हम भारत के संविधान के अनुसार अन्य घोषित राजभाषा के बारे में भी जानेगे.

  • राष्ट्रभाषा किसे कहते हैं | राष्ट्रभाषा का अर्थ क्या है | राष्ट्रभाषा की परिभाषा क्या है | rashtra bhasha kise kahate hain
  • राष्ट्रभाषा की जरूरत और महत्त्व
  • राष्ट्रभाषा और राजभाषा में क्या अंतर है
  • हिंदी भाषा को राजभाषा के रूप में स्वीकृति कब मिली थी
  • भारतीय संविधान में किन भाषाओं को राजभाषा का दर्जा दिया गया है?
  • निष्कर्ष

राष्ट्रभाषा किसे कहते हैं | राष्ट्रभाषा का अर्थ क्या है | राष्ट्रभाषा की परिभाषा क्या है | rashtra bhasha kise kahate hain

राष्ट्रभाषा वह भाषा होती है जो किसी राष्ट्र या देश के ज्यादातर क्षेत्रों और ज्यादा जनसंख्या द्वारा बोली और समझी जाती हैं. यह भाषा देश का प्रतिनिधित्व करती हैं. तथा देश के सरकार की आधिकारिक भाषा होती है. राष्ट्रभाषा शब्द का शाब्दिक अर्थ राष्ट्र में प्रयुक्त होने वाली भाषा से है.

हमारे देश भारत में विभिन्न प्रकार की भाषाएं बोली जाती हैं. तथा प्रत्येक राज्य में एक अलग भाषा बोली जाती हैं. यहां तक कि हमारे देश में एक राज्य का व्यक्ति दूसरे राज्य की भाषा को समझने में असमर्थ होता है. इसके बावजूद भी हिंदी ऐसी भाषा है जो प्रत्येक राज्य का व्यक्ति बोलता है. हिंदी भाषा पूरे राष्ट्र को एक सूत्र में बांधने का कार्य करती है इसी कारण हमारी राष्ट्रीय भाषा हिंदी है.

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राष्ट्रभाषा की जरूरत और महत्त्व

हमारा देश भारत एक बहुभाषी देश है. तथा यहां पर सैकड़ों भाषाएं और बोलियां बोली जाती हैं. हमारे संविधान में कुल 22 भाषाओं को राजभाषा स्वीकृति दी गई है. ऐसे में एक संपर्क भाषा का होना अनिवार्य है. जो पूरे देश को एक सूत्र में बांध सके. यह भाषा सरल, सहज और सर्वमान्य होना भी आवश्यक है. हिंदी भाषा इन्हीं मापदंड पर खरी उतरती है.

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क्योंकि यह भाषा भारत के 11 राज्यों में बोली जाती हैं. इसके साथ ही भारत के केंद्र और भारत की राजधानी दिल्ली में भी हिंदी भाषाओं को बोलने वाले लोग बड़ी मात्रा में रहते हैं. चूँकि कि हिंदी भाषा एक सरल भाषा है और इसे कोई भी व्यक्ति आसानी से बोल और समझ सकता है. इसलिए प्रत्येक भारतीय के लिए हिंदी को समझना और बोलना संभव है.

राष्ट्रभाषा और राजभाषा में क्या अंतर है

वास्तव में राजभाषा का अर्थ होता है वह भाषा जिसके द्वारा सरकार अपना राजकीय कार्य करती हैं. राजभाषा को प्राचीन काल में जब राजा और नवाब होते थे. तब ‘दरबारी भाषा’ भी कहा जाता था. राजभाषा एक संवैधानिक शब्द है जिसके साथ कोई भी व्यक्ति छेड़खानी नहीं कर सकता है.

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सामान्य रूप से एक राजभाषा वही भाषा होती हैं जो राज्य के अधिकांश लोगों के द्वारा बोली और समझी जाती हैं. वहीं राष्ट्रभाषा शब्द व्यवहारिक रूप से संविधान में कहीं उल्लेख नहीं है. राष्ट्रभाषा वह भाषा होती है जो राष्ट्र के अधिकांश लोगों के बीच में बोली और समझी जाती हैं.

अगर राज्य भाषा को अन्य दृष्टि से समझे तो राजभाषा वह भाषा होती हैं जिसमें केंद्र और राज्य सरकारें आपस में एक दूसरे से संवाद करती हैं.

चूँकि भारत देश में संघीय व्यवस्था अर्थात भारत में केंद्र और राज्य की अपनी अलग सरकारें होती हैं. इनके बीच में पत्र व्यवहार, सरकारी लेखा-पढ़ी और राज्य कार्य के लिए एक सर्वमान्य भाषा होना अनिवार्य है. अतः हमारे देश को राष्ट्रभाषा हिंदी केंद्र और राज्य को आपस में जोड़ती है.

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हिंदी भाषा को राजभाषा के रूप में स्वीकृति कब मिली थी

सर्वप्रथम महात्मा गांधी ने सन 1918 में ‘हिंदी साहित्य सम्मेलन’ में हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा घोषित करने की मांग उठाई. उन्होंने इसे प्रत्येक भारतीय की भाषा बताया और कहां की “हिंदी भारत के जनमानस की भाषा है”. इसके पश्चात 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा के एकमत से हिंदी भाषा को राजभाषा का दर्जा दिया गया. संविधान के अनुच्छेद 343(1) के द्वारा सन 1950 को हिंदी भाषा को देवनागरी लिपि में राजभाषा का दर्जा दिया गया.

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भारतीय संविधान में किन भाषाओं को राजभाषा का दर्जा दिया गया है?

भारतीय संविधान में हिंदी को मुख्य आधिकारिक भाषा का दर्जा मिला हुआ है. इसके पश्चात अंग्रेजी भाषा को आधिकारिक भाषा का दर्जा मिला है. इसके साथ ही भारत सरकार ने 21 अन्य भाषा को आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार किया है.

इन 21 भाषाओं के नाम कश्मीरी, उर्दू, आसामी, कन्नड़, मैथिली, मणिपुरी, उड़िया, नेपाली, मराठी, संस्कृत, पंजाबी, तमिल, तेलुगू, बोडो, डोगरी, बांग्ला और गुजराती है. इन भाषाओं को केंद्रीय और राज्य सरकारे अपनी सुविधा के अनुसार और क्षेत्र के अनुसार आधिकारिक भाषाएं चुन सकती हैं. इसके साथ ही केंद्र सरकार ने हिंदी और अंग्रेजी भाषा को सरकारी कार्यों के लिए आधिकारिक तौर पर स्वीकार किया है.

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निष्कर्ष

इस आर्टिकल (राष्ट्रभाषा किसे कहते हैं | rashtra bhasha kise kahate hain | राजभाषा और राष्ट्रभाषा में अंतर | राष्ट्रभाषा का अर्थ क्या है | राष्ट्रभाषा की परिभाषा क्या है) को लिखने का उद्देश्य आपको राष्ट्रभाषा के बारे में बताता हैं. राष्ट्रभाषा वह भाषा होती है जो किसी राष्ट्र या देश के ज्यादातर क्षेत्रों और ज्यादा जनसंख्या द्वारा बोली और समझी जाती हैं. लेकिन राष्ट्रभाषा शब्द का उल्लेख हमारे संविधान में कही नहीं मिलता हैं. इसकी जगह राजभाषा का उल्लेख मिलता हैं. सामान्य रूप से एक राजभाषा वही भाषा होती हैं जिसके द्वारा सरकार अपना राजकीय कार्य करती हैं.

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आपको यह आर्टिकल (राष्ट्रभाषा किसे कहते हैं | rashtra bhasha kise kahate hain | राजभाषा और राष्ट्रभाषा में अंतर | राष्ट्रभाषा का अर्थ क्या है | राष्ट्रभाषा की परिभाषा क्या है) कैसा लगा हैं. यह हमे तभी पता चलेगा जब आप हमे निचे कमेंट करके बताएगे. यह आर्टिकल विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओ की दृष्टी से भी महत्वपूर्ण हैं. इसलिए इस आर्टिकल को उन लोगो और दोस्तों तक पहुचाए जो प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं. क्योंकि ज्ञान बाटने से हमेशा बढ़ता हैं. धन्यवाद.

राष्ट्रभाषा से आप क्या समझते हैं?

Answer: किसी भी देश या राष्ट्र द्वारा किसी भाषा को जब अपने किसी राजकार्य के लिए भाषा घोषित किया जाता है या अपनाया जाता है तो उसे राष्ट्र भाषा जाना जाता है। अर्थात जब कोई देश किसी भाषा को अपनी राष्ट्र की भाषा घोषित करता है तो उसे ही राष्ट्र भाषा के लिए जाना जाता है।

राष्ट्रभाषा से आप क्या समझते हैं एक शब्द में उत्तर?

राष्ट्रभाषा क्या है राष्ट्रभाषा का शाब्दिक अर्थ है—समस्त राष्ट्र में प्रयुक्त भाषा अर्थात् आमजन की भाषा (जनभाषा)। जो भाषा समस्त राष्ट्र में जन–जन के विचार–विनिमय का माध्यम हो, वह राष्ट्रभाषा कहलाती है। राष्ट्रभाषा राष्ट्रीय एकता एवं अंतर्राष्ट्रीय संवाद सम्पर्क की आवश्यकता की उपज होती है।

राष्ट्रीय भाषा क्या है अपने शब्दों में लिखें?

राष्ट्रभाषा का अर्थ है राष्ट्र की भाषा (Language of the nation) । अर्थात् ऐसी भाषा, जिसका प्रयोग देश की हर भाषा के लोग आसानी से कर सकें, बोल सकें और लिख सकें । हमारे देश की ऐसी भाषा है हिन्दी ।

राजभाषा से आप क्या समझते हैं Class 12?

राजभाषा यानी सरकारी कामकाज की भाषा अथवा भारतीय संघ की भाषा है। भारत का संविधान बनाते समय हिन्दी को राजभाषा माना गया। सात राज्यों में हिन्दी राजभाषा है, शेष राज्यों में अपनी-अपनी प्रदेशों की भाषाएँ हैं। सिन्धी, संस्कृत, कश्मीरी किसी भी राज्य की राजभाषा नहीं है।

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