इंद्रधनुष में सबसे मध्य रंग कौन सा होता है? - indradhanush mein sabase madhy rang kaun sa hota hai?

एक कहावत है कि दुनिया में जितने भी रंग हैं, वे सारे किसी न किसी रूप में इंसान के शरीर में मौजूद हैं। रंग प्रकृति से साक्षात्कार कराते हैं। इन्हें जीवन से अलग नहीं किया जा सकता। अध्यात्म में माना जाता है कि हर रंग ऊर्जावान है। इंद्रधनुष के सातों रंग शरीर के भीतर मौजूद सात च

एक कहावत है कि दुनिया में जितने भी रंग हैं, वे सारे किसी न किसी रूप में इंसान के शरीर में मौजूद हैं। रंग प्रकृति से साक्षात्कार कराते हैं। इन्हें जीवन से अलग नहीं किया जा सकता। अध्यात्म में माना जाता है कि हर रंग ऊर्जावान है। इंद्रधनुष के सातों रंग शरीर के भीतर मौजूद सात चक्रों से जुड़े हैं। रंगों का संतुलन हमारे स्वास्थ्य और सोच को सही दिशा देता है। इनका सही अनुपात जीवन के मधुर संगीत के लिए जरूरी है। रंग हमें जीवन-दर्शन समझाते हैं और बताते हैं कि जीवन इंद्रधनुषी है। हर रंग में रंगना ही तो जिंदगी है।

लाल रंग

पहला चक्र मूलाधार लाल रंग को दर्शाता है। यह काम ऊर्जा सहित सफलता, उत्साह, शक्ति, सौभाग्य एवं ताकत को दर्शाता है।

नारंगी रंग

दूसरा चक्र स्वाधिष्ठान खुशी, आशीर्वाद, सफलता और शालीनता को दर्शाता है। ये समस्त गुण नारंगी रंग से संतुलित होते हैं।

पीला रंग

यह रंग तीसरे महत्वपूर्ण चक्र मनिपुर पर आधारित है। यह इंसान की रचनात्मक क्षमता, ज्ञान, बुद्धिमता, विद्या, आत्मविश्वास, डर, निराशा जैसे गुण-दोषों को नियंत्रित करता है।

हरा रंग

चौथा और अत्यंत महत्वपूर्ण चक्र अनाहत शांति, विश्वास, दया, अकेलेपन और ईष्र्या को दर्शाता है। हरा रंग इन मनोभावों में संतुलन स्थापित करता है। यह रंग स्फूर्ति व समृद्धि का प्रतीक है। यह प्रकृति और अध्यात्म का रंग है।

नीला रंग

पांचवां चक्र विशुद्ध संवाद की शक्ति, समझदारी, न्याय के अलावा धैर्य, सम्मान, इच्छाशक्ति और नम्रता को दर्शाता है। इस चक्र को नीला रंग संतुलित करता है। मनोविज्ञान के अनुसार नीला रंग बल, पौरुष व धीरता का प्रतीक है। यह दृढ़ता, साहस, शौर्य के साथ ही गंभीरता को भी दर्शाता है।

जामुनी रंग

छठा चक्र आज्ञा अंतज्र्ञान के अलावा निडरता और वफादारी को दर्शाता है, जो जामुनी रंग की कमी या अधिकता पर निर्भर है।

बैगनी रंग

सातवां चक्र सहस्नार आध्यात्मिकता, ध्यान, विवेक, आत्मत्याग और मनुष्यता को दर्शाता है। ये गुण बैंगनी रंग के संतुलन से आते हैं।

रंग स्वास्थ्य से भी गहरे ढंग से जुड़े हैं। ये विभिन्न तरंग आयामों का प्रकाश हैं और हर रंग की अपनी तरंगें और ठहराव है, जो हमारे शरीर के विभिन्न ऊर्जा केंद्रों के साथ मिलकर एक अनुगूंज पैदा करते हैं।

रंग न सिर्फ आंखों को भाते हैं, बल्कि कलर थेरैपी के दौरान ये शरीर में मैग्नेटिक फील्ड से भी समाहित होते हैं। कलर थेरैपी एक संपूर्ण चिकित्सा प्रक्रिया है। सात चक्रों व सात रंगों का संतुलन और इससे जुड़ी ऊर्जा खुशहाल जीवन जीने में हमारी मदद करती है। जरूरत है कि हम जागरूक बनें, रंगों में छिपी ऊर्जा को पहचानें।

तुमने स्कूल की बुक्स में अक्सर इंद्रधनुष पर ढेरों कविताएं पढ़ी और सुनी होंगी। बहुत से बच्चों ने इंद्रधनुष देखा भी होगा। बारिश के बाद आसमान में सात रंगों की बनी खूबसूरत आकृति को इंद्रधनुष कहते हैं। तो आओ मृदुला भारद्वाज से जानते हैं कि क्या कहते हैं इंद्रधनुष के सात रंग..

बरसात के मौसम में जब कभी आसमान में काले-काले बादल छाए होते हैं तो मन खुशी से खिल उठता है और तभी अगर हल्की-फुल्की बारिश की फुहारें पड़ने लगें तो सभी झूम उठते हैं। बारिश के बंद होने के बाद जब सूर्य की किरणें बादलों से टकराती हैं तो आकाश में रंग-बिरंगी आकृति दिखाई देती है। यही आकृति इंद्रधनुष कहलाती है। इंद्रधनुष के निकलते ही मोर नाचने लगते हैं। चारों तरफ मानो खुशी का माहौल बन जाता है।

1.बैंगनी 
बैंगनी रंग का नाम एक सब्जी बैंगन के नाम पर रखा गया है। इसे अंग्रेजी में वॉयलेट कहते हैं, जो इसी नाम के फूल से रखा है। वॉयलेट रंग, बैंगनी रंग का हल्का शेड होता है। बैंगनी रंग रॉयलिटी, लग्जरी और वेल्थ का रंग हैं। ये रंग लाल और नीले रंग के मेल से बनता है।

2.जामुनी
जामुनी रंग का नाम जामुन फल के नाम पर रखा गया है। ये बहुत ही गहरा रंग है। ये रंग हमें विराट होने का एहसास कराता है। जामुनी रंग रीगल (शाही) रंगों की सूची में आता है। जामुनी रंग कहता है कि हमें इस बड़ी सी दुनिया में बहुत बड़ा बनना है यानी अपना नाम रोशन करना है।

3.नीला
आसमान और सागर दोनों का रंग नीला होता है। नीला रंग ठंडा रंग माना जाता है। नीला रंग हमें शांत, भरोसेमंद, वफादार और अपने जीवन में स्थिरता लाने की शिक्षा देता है। नीला रंग हमें सिखाता है कि हमें किसी भी परिस्थिति में अपना नियंत्रण नहीं खोना चाहिए और हर काम ठंडे दिमाग से करना चाहिए।

4.हरा
हरा रंग हरियाली का प्रतीक माना जाता है। हरा रंग वसंत के आने यानी नए जीवन का सूचक होता है। घनी सर्दियों के बाद बाग-बगीचों, पेड़-पौधों पर फिर से एक बार हरियाली नजर आने लगती है। हरा रंग हमें सिखाता है कि हमें अपने जीवन को रोज एक नई उमंग, उत्साह और धैर्य के साथ जीना चाहिए।

5.पीला
पीला चमकदार और सुंदर रंग है। यह सूर्य का रंग है, जो प्रतीक है जीवन और रोशनी का। यह रंग हंसमुख है। स्वच्छ और उज्जवल है। स्पष्टता और जागरूकता की शिक्षा देता है। यह ऊर्जा का प्रतीक है।

6.नारंगी
नारंगी रंग सुबह-सुबह के सूरज का रंग हैं। जिस तरह सूरज सुबह-सुबह निकलकर हमें उजाला देता है, उसी तरह ये रंग आस और विश्वास का प्रतीक है। यह हमें सिखाता है कि अंधेरे के बाद रोशनी जरूर आती है।

7.लाल
लाल रंग रक्त का रंग है। ये वीरता, साहस और शौर्य का प्रतीक होता है। जिस तरह सबके लहू का एक ही लाल रंग होता है, उसी तरह लाल रंग सिखाता है कि हमें बिना किसी भेदभाव के सभी के साथ प्यार से रहना चाहिए।

कैसे बनता है इंद्रधनुष’ बरसात के मौसम में जब पानी की बूंदें सूर्य की किरणों पर पड़ती हैं, तब सूर्य की किरणों का विक्षेपण ही इंद्रधनुष के सुंदर रंगों का कारण बनता है। आसमान में शाम के समय पूर्व दिशा में और सुबह पश्चिम दिशा में, बारिश के बाद लाल, नीला, पीला, हरा, आसमानी, नीला और बैंगनी रंगों का वृत्ताकार चक्र जैसा कभी-कभी दिखाई देता है। ये ही सप्तरंगी इंद्रधनुष है।

सोचो अगर हमारे जीवन में रंग न होते तो हमारी जिंदगी कितनी बदरंग होती। सब चीजें काली या सफेद ही होतीं। मूल रूप से इंद्रधनुष के सात रंगों को ही रंगों का जनक माना जाता है। रंगों की उत्पत्ति का सबसे प्राकृतिक स्रोत सूर्य ही है। सूर्य की किरणों में सात रंग होते हैं। प्रिज्म की सहायता से देखने पर पता चलता है कि सूर्य सात रंग ग्रहण करता है। ये रंग हैं- बैंगनी, जामुनी, नीला, हरा, पीला, नारंगी और लाल।

इंद्रधनुष के मध्य का रंग कौन सा है?

इन्द्रधनुष में सात रंग होते हैं। प्रारम्भिक इन्द्रधनुष को बनाने के लिए एक क्रिया होती है जो कि रंगों का एक वर्णक्रम बनाता है जिसमें लाल – नारंगी – पीला – हरा – नीला - गहरा नीला – बैंगनी होता है जिसमें लाल रंग इन्द्रधनुष के बाहर के किनारे पर होता है और बैंगनी रंग इन्द्रधनुष के अंदर के किनारे (केंद्र के निकट) पर होता है।

मध्यम रंग कौन सा है?

835, 890, 810, 835, 836, 869, 845, 898, 890, 820, 860, 832, 833, 855, 845, 804, 808, 812, 840, 885, 835, 835, 836, 878, 840, 868, 890, 806, 840, वर्ग अंतराल 800 – 810, 810 – 820 इत्यादि लेते हुए तथा मिलान चिन्हों का प्रयोग करते हुए, एक बारंबारता बंटन सारणी बनाइए । | कहलाती है।

इंद्रधनुष में कौन सा रंग सबसे पहले होता है?

एक प्राथमिक इंद्रधनुष, रंग लाल, नारंगी, पीले, हरे, नीले, नील और वायलेट के क्रम में होंगे।

इंद्रधनुष के रंगों में क्रम अंतिम रंग कौनसा है *?

ये रंग हैं- बैंगनी, जामुनी, नीला, हरा, पीला, नारंगी और लाल।

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