क्या होता है जब अमीटर को समानांतर में जोड़ा जाता है? - kya hota hai jab ameetar ko samaanaantar mein joda jaata hai?

वह यंत्र जिसके द्वारा विद्युत धारा का मापन किया जाता है। अर्थात जिस यंत्र से धारा मापी जाती है। उस यंत्र को अमीटर कहते हैं। अमीटर के द्वारा विद्युत धारा एंपियर में मापी जाती है।

अमीटर को विद्युत परिपथ में श्रेणीक्रम में जोड़ते हैं। यह एक प्रकार का धारामापी ही होता है। जब परिपथ में धारा प्रवाहित करते हैं तो संपूर्ण धारा इस अमीटर में से होकर गुजरती है। जिससे यह विद्युत धारा का मापन कर देता है।
अमीटर का अपना भी प्रतिरोध होता है जिसके कारण अमीटर लगाने पर परिपथ में प्रतिरोध का मान बढ़ जाता है। जिससे धारा का मान कम हो जाता है।
अतः एक आदर्श अमीटर वही है। जिसका प्रतिरोध बहुत ही कम लगभग शून्य होना चाहिए।

धारामापी का अमीटर में रूपांतरण :-

चल कुंडली धारामापी को ही अमीटर के रूप में रूपांतरित किया जाता है। धारामापी को अमीटर में बदलने के लिए इसकी कुंडली के समांतर क्रम में कम प्रतिरोध का तार लगा देते हैं। जिसे शन्ट कहते हैं। प्रदर्शित चित्र में S शन्ट है। जबकि अमीटर को कुंडली के श्रेणीक्रम में जोड़े जाता है।

धारामापी का अमीटर में रूपांतरण

माना धारामापी की कुंडली का प्रतिरोध G तथा शन्ट का प्रतिरोध S है। यदि अमीटर में i धारा प्रवाहित हो रही है। तथा धारामापी ig एवं शन्ट में (i – ig) धारा गुजर रही है। धारामापी एवं शन्ट परस्पर समांतर क्रम में लगे हैं। तो इनके सिरों पर विभवांतर समान होगा। तो इस प्रकार

ig × G = (i – ig) × S     ( विभवांतर = धारा × प्रतिरोध)
अतः शन्ट का प्रतिरोध
\footnotesize \boxed { S = ( \frac{i_g}{i - i_g} ) G }
जहां     S = शन्ट का प्रतिरोध
G = धारामापी का प्रतिरोध
i = अमीटर में प्रवाहित धारा
ig = धारामापी में प्रवाहित धारा

Note Point –
धारामापी को अमीटर में बदलने के लिए इसकी कुंडली के समांतर क्रम में कम प्रतिरोध का तार लगा देते हैं। जबकि अमीटर को परिपथ के श्रेणीक्रम में जोड़ा जाता है।
इसे भी पढ़ें … चल कुंडली धारामापी क्या है

अमीटर के उदाहरण :-

(1) एक धारामापी की कुंडली का प्रतिरोध 500 ओम है। 5 मिलीएंपियर की धारा का पूरे पैमाने पर विक्षेप हो रहा है। इसे 0 से 10 मिलीएंपियर परास के अमीटर में कैसे परिवर्तित करेंगे।

अमीटर वह यंत्र है जिसके द्वारा परिपथ में विद्युत धारा को मापा जाता है। अमीटर के द्वारा विद्युत धारा को एंपियर में मापी जाती है। मिली एंपियर की कोटी की विद्युत धारा को मापने वाले यंत्र को मिली अमीटर कहते हैं।

अमीटर मूल्यतः धारामापी ही होता है। जिसे विद्युत परिपथ में श्रेणीक्रम में जोड़ा जाता है। जब अमीटर जुड़े परिपथ में विद्युत धारा का प्रवाह किया जाता है तो संपूर्ण धारा इस अमीटर में से होकर जाती है। जिससे अमीटर विद्युत धारा का मापन कर देता है। अतः इस प्रकार अमीटर द्वारा विद्युत धारा का मापन किया जाता है।
एक आदर्श अमीटर वही होता है। जिस अमीटर का प्रतिरोध लगभग शून्य हो।

धारामापी का अमीटर में रूपांतरण

धारामापी को अमीटर में बदलने के लिए इसकी कुंडली के समांतर क्रम में लघु प्रतिरोध का तार लगा देते हैं। इस तार को शन्ट कहते हैं। शन्ट को चित्र में S से प्रदर्शित किया गया है।
Note – ध्यान दें कि अमीटर को विद्युत परिपथ में श्रेणीक्रम में जोड़ा जाता है। जबकि धारामापी को अमीटर में बदलने के लिए इसकी कुंडली के समांतर क्रम में प्रतिरोध तार को जोड़ा जाता है।

माना धारामापी का प्रतिरोध G तथा प्रतिरोध तार (शन्ट) का प्रतिरोध S है। जब परिपथ में i धारा प्रवाहित की जाती है। तब परिपथ में श्रेणीक्रम में अमीटर लगाने पर धारामापी में ig तथा शन्ट में (i – ig) धारा होकर गुजरती है। चूंकि धारामापी एवं शन्ट परस्पर समांतर क्रम में लगे हैं। इसलिए इनके सिरों पर विभवांतर समान होगा। अर्थात्
विभवांतर = धारा × प्रतिरोध
ig × G = (i – ig) × S
\footnotesize \boxed { S = \left( \frac{i_g}{i - i_g} \right) G }

यह शंट के प्रतिरोध का सूत्र है। जहां
G = धारामापी का प्रतिरोध
i = अमीटर में प्रवाहित धारा
ig = धारामापी में प्रवाहित धारा है

पढ़ें… कूलाम का नियम, सूत्र, मात्रक, विमा, विशेषताएं क्या है | coulomb’s law in Hindi class 12
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संबंधित उदाहरण –

Q.1 20Ω प्रतिरोध वाला धारामापी 0.005 एंपियर धारा से पूरे स्केल पर विक्षेप देता है। इसे 1 एंपियर तक विद्युत धारा मापने वाले अमीटर में किस प्रकार परिवर्तित करेंगे?

हल – दिया है-
धारामापी का प्रतिरोध G = 20 Ω
तथा धारामापी में प्रवाहित धारा ig = 0.005 एंपियर
एवं अमीटर में प्रवाहित धारा i = 1 एंपियर
तब सूत्र शन्ट का प्रतिरोध
S = \large \left( \frac{i_g}{i - i_g} \right) G
मान रखने पर प्रतिरोध
S = \frac{0.005}{1 - 0.005} × 20
S = \frac{100}{995} ओम
या S = 0.1 ओम
अतः 0.1 ओम का प्रतिरोध तार (शन्ट) प्रयोग करने पर धारामापी को अमीटर में परिवर्तित किया जा सकता है।

अमीटर संबंधी प्रश्न उत्तर

Q.1 अमीटर से क्या मापा जाता है?

Ans. अमीटर के द्वारा विद्युत धारा को मापा जाता है।

Q.2 गैल्वेनोमीटर को अमीटर में बदलने के लिए क्या जोड़ते हैं?

Ans. गैल्वेनोमीटर को अमीटर में बदलने के लिए इसकी कुंडली के समांतर क्रम में लघु प्रतिरोध का तार जोड़ देते हैं।

यदि अमीटर को समांतर क्रम में जोड़ दिया जाए तो क्या होगा?

Solution : यदि अमीटर को किसी परिपथ में समान्तर क्रम में जोड़ दिया जाये तो प्रतिरोध कम होने के कारण उसमें अत्यधिक धारा बहेगी जिससे उसका संकेतक अत्यधिक विक्षेप के कारण टूट सकता है या कुण्डली जल सकती है।

वोल्टमीटर को समांतर में क्यों जोड़ा जाता है?

<br> वोल्टमीटर उच्च प्रतिरोध का गेल्वेनोमीटर है। इसे परिपथ में श्रेणीक्रम में जोड़ने पर परिपथ का तुल्य प्रतिरोध उच्च हो जाता है । जिससे परिपथ में से धारा प्रवाह अवरुद्ध होगा। इसीलिए वोल्टमीटर को समान्तर क्रम में संयोजित किया जाता है।

अमीटर को श्रृंखला में क्यों जोड़ा जाता है?

Solution : अमीटर को परिपथ के श्रेणीक्रम में इसलिए लगाते है ताकि सम्पूर्ण धारा इसमें से होकर जाये। वोल्टमीटर परिपथ के दो बिन्दुओं के बिच विभवान्तर नापता है, अतः इसे उन बिन्दुओं के समान्तर-क्रम में जोड़ता है

अमीटर को श्रेणीक्रम में तथा वोल्टमीटर को समान्तर क्रम में जोड़ा जाता है क्यों?

परिपथ के जिस भाग पर उत्पन्न विभवांतर की माप ज्ञात करनी रहती है, वोल्टमीटर को उस भाग के समान्तरक्रम में जोड़ा जाता है। अतः वोल्टमीटर को उस तार (विशेष प्रतिरोध) के समान्तरक्रम में जोड़ना पड़ता है जिसके बीच का विभवांतर मापना है।

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