लौंग का प्राचीनतम पेड़ मिला
24 जून 2012
इमेज कैप्शन,
टर्नेट और तिदोर टापू में लौंग के खास पौधे पाए जाते थे
इंडोनेशिया के मसाला द्वीपों को पूरी दुनिया में जायफल, जावित्री, काली मिर्च और लौंग के सबसे अधिक उत्पादन के लिए जाना जाता है.
इन्हीं द्वीपों के एक टापू 'टर्नेट' में एक खास पेड़ का असाधारण इतिहास है.
इस टापू पर दुनिया का सबसे पुराना लौंग का पेड़ है जिसे 'एफो' कहा जाता है.
इस पेड़ को 'एफो' क्यों कहा जाता या फिर इसे किसने लगाया, ये भी किसी को नहीं पता. लेकिन ऐसा माना जाता है कि ये पेड़ 350 से 400 साल पुराना है.
ऐसा माना जाता है कि कई सालों तक 'टर्नेट' और उसके पड़ोसी टापू 'तिदोर' ऐसे एकमात्र टापू हुआ करते थे जहां जड़ी-बूटियों के गुण वाले ये पौधे पाए जाते थे.
ऐसा कहा जाता है कि टर्नेट में उगने वालीं लौंग को समुद्र के रास्ते मध्यपूर्व के देशों, यूरोप और चीन ले जाया जाता था.
6000 फीट की ऊंचाई
तिदोर द्वीप समुद्र-तल से 6000 फीट ऊपर स्थित है और इसके चारों तरफ पेड़-पौधों का झुरमुट है.
'एफो' नाम का लौंग का ये पेड़ कभी 40 मीटर ऊंचा और चार मीटर तक फैला हुआ करता था, जो अब सिर्फ एक बड़ा सा ठूंठ और खाली टहनियां बनकर रह गया है.
कुछ साल पहले तो कुछ गांववालों ने जलावन की लकड़ियों के लिए इस 'पेड़' को काटने की भी कोशिश की थी.
अगर नीदरलैंड्स की यूनाईटेड ईस्ट इंडिया कंपनी अपनी मनमानी करने में सफल होती तो शायद आज 'एफो' नाम का ये प्राचीन पेड़ जीवित नहीं पाया जाता.
इमेज कैप्शन,
एफो नाम के लौंग के इस प्राचीन पेड़ के बीज को एक फ्रांसीसी व्यक्ति चुराकर अपने साथ लेकर फ्रांस जाने में सफल रहा था
क्योंकि नीदरलैंड की इस कंपनी ने इस खास पौधे को लगाने और उगाने का अधिकार सिर्फ अपने पास रखा था.
जिन जगहों पर वे ऐसा नहीं कर पाते थे, वहां लौंग के इन पौधों को या तो उखाड़ दिया जाता था या जला दिया जाता था.
'एफो' नाम के इस लौंग के प्राचीन पेड़ की किस्मत अच्छी थी क्योंकि एक फ्रांसीसी व्यक्ति 'एफो' का बीज चुराकर अपने साथ लेकर जाने में सफल रहा.
'एफो' का यही बीज फ्रांस से होते हुए सेशेल्स के द्वीपों और फिर अंत में जांजिबार पहुंची.
जांजिबार इस समय पूरी दुनिया में लौंग का सबसे बड़ा उत्पादक है.
क्या आप जानते हैं कि आपके घर में मौजूद लौंग आखिर आती कहां से है? जानिए इसके बारे में कुछ रोचक बातें और देखें इसके पेड़ की तस्वीर।
लौंग का इस्तेमाल तो आप सभी ने किया होगा। यकीनन लौंग एक ऐसी चीज़ है जिसे भारतीय घरों में बहुतायत में पाया जाता है, लेकिन अगर बात करें लौंग के दाम की और आखिर ये इतनी ज्यादा महंगी क्यों होती है तो उसके लिए आपको लौंग के असल ओरिजन के बारे में जानना पड़ेगा। लौंग का इस्तेमाल हम कई तरह से करते हैं और इसे बचपन से ही देखते आ रहे हैं, लेकिन अभी तक कई लोगों को ये नहीं पता कि ये आती कहां से है और उगाई कैसे जाती है।
अब अगर हमने लौंग की बात की है तो क्यों ना हम उसके बारे में आपको थोड़ी सी जानकारी दे दें। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि लौंग कहां से आती है और इसकी प्रोसेसिंग कैसे होती है?
कहां से आती है लौंग?
लौंग असल में एक पेड़ से आती है जिसे कहा ही 'The Clove Tree' है। ये अधिकतर एशियन कॉन्टिनेंट में ही उगाई जाती है और लौंग के पेड़ की बात करें तो इसकी मेंटेनेंस का काम बहुत हद तक मौसम पर निर्भर करता है। अगर इसके लिए उपयुक्त मौसम नहीं मिला तो इसमें फल नहीं आएंगे। इसके पेड़ को देखने पर आसानी से ये नहीं पता चलता है कि ये लौंग का ही पेड़ है।
ये गर्म और ह्यूमिड मौसम में अच्छे से उगाई जाती है और इसे अच्छी वर्षा की भी जरूरत होती है। इसके पेड़ को पार्शियल शेड चाहिए होती है।
इसे जरूर पढ़ें- क्या आप जानते हैं ज्योतिष के अनुसार लौंग का महत्व, नवरात्रि पूजन में जरूर होता है इसका इस्तेमाल
कैसे उगाई जाती है लौंग?
- सबसे पहले लौंग के पौधों का कल्टिवेशन होता है।
- इसका पौधा 50 फीट ऊपर तक पहुंच सकता है और ये अधिकतर साउथ इंडिया में उगाया जाता है।
- ये असल में फ्लावर बड्स यानी लौंग के पेड़ के फूलों की कली होती है जो असल में खिली नहीं होती है।
- अगर ये फूल खिल गया तो इसे इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।
- इसके अलावा, जो लोग इसे हार्वेस्ट करते हैं उन्हें बहुत ध्यान रखना होता है क्योंकि अगर ये कली टूट गई तो इसकी कीमत नहीं रहेगी।
- इसके बाद इसे सुखाया जाता है।
- इसे बिल्कुल सही समय पर हार्वेस्ट करना होता है नहीं तो फूल खिल जाएगा या फिर अगर जल्दी हार्वेस्ट कर दिया तो इसकी उतनी कीमत नहीं मिलेगी।
- इसकी क्वालिटी बरकरार रखने के लिए कई फार्म्स में सिर्फ इसे हाथों से ही तोड़ा जाता है।
- इसकी हार्वेस्टिंग बहुत ही मुश्किल तरीके से की जाती है और इसलिए ये बहुत ही जोखिम भरा प्रोसेस होता है। कई बार वर्कर्स को गंभीर चोट भी लग जाती है।
इसकी हार्वेस्टिंग अधिकतर फरवरी से शुरू होती है और जब इसे तोड़ा जाता है तो इस बात का ध्यान रखा जाता है कि कहीं कोई गलत तरीके से पेड़ की ब्रांच को ना तोड़ दे वर्ना अगले साल हार्वेस्टिंग सीजन में लौंग की पैदावार अच्छी तरह से नहीं होगी।
इसे जरूर पढ़ें- तनाव को कम करती है लौंग, सोने से पहले इसे खाने से मिलेंगे अनगित फायदे
क्या आप जानते हैं लौंग से जुड़े ये हैक्स?
- लौंग का इस्तेमाल आप मसाले के तौर पर करते हैं, लेकिन लौंग से जुड़े कुछ हैक्स भी हैं जिनका इस्तेमाल किया जा सकता है, जैसे-
- लौंग को आप पानी में उबालकर इसका पानी पी सकते हैं जिससे गले में राहत मिलती है।
- लौंग को कूटकर अगर आप सब्जी में इस्तेमाल करेंगे तो इसका स्वाद ज्यादा बेहतर होगा। खड़ी लौंग डालने की जगह इसे थोड़ा सा कूटकर खड़े मसाले के तौर पर डालें।
- क्रश की हुई लौंग का इस्तेमाल आप कुछ डेजर्ट रेसिपीज जैसे केक आदि में कर सकते हैं। ये जायफल की ही तरह फ्लेवर देने के काम आएगी।
लौंग से जुड़ी ये जानकारी आपको कैसी लगी ये हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। क्या आपको और किसी इंग्रीडिएंट से जुड़ी ऐसी ही जानकारी चाहिए? इसके बारे में हमें लिख भेजें। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
Image Credit: Shutterstock/ Unsplash
क्या आपको ये आर्टिकल पसंद आया ?
बेहतर अनुभव करने के लिए HerZindagi मोबाइल ऐप डाउनलोड करें
Disclaimer
आपकी स्किन और शरीर आपकी ही तरह अलग है। आप तक अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी लाना हमारा प्रयास है, लेकिन फिर भी किसी भी होम रेमेडी, हैक या फिटनेस टिप को ट्राई करने से पहले आप अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें। किसी भी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, पर हमसे संपर्क करें।