मधुमक्खी के छते को कैसे हटाये? - madhumakkhee ke chhate ko kaise hataaye?

(तस्वीर के लिए साभार- iStock Images) 

मुख्य बातें

  • कपूर की महक से मधुमक्खियों से आप छुटकारा पा सकते हैं

  • सिट्रोनेला कैंडल मधुमक्खियों को दूर भगाने में भी मदद कर सकती है

  • कड़वे बादाम का तेल मधुमक्खियों को भगाने के लिए एक बेहतर उपाय माना जाता है

नई दिल्ली:  बरसात का मौसम शुरु होते ही घर में कई तरह के कीड़े-मकोड़े दिखने लगते हैं। इनमें से कुछ कीट ऐसे भी होते हैं, जिनके काटने पर काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। इन कीट में से एक मधुमक्खियां भी हैं, जो कभी-कभी घर पर डेरा जमा लेती हैं।

मधुमक्खियां काफी खतरनाक होती हैं, क्योंकि मधुमक्खी के डंक के कारण कभी कभार संक्रमण से व्यक्ति की मौत भी हो सकती है। इसलिए अगर आपके घर पर भी यदि मधुमक्खियां आने लगी हैं, तो आप उन्हें बिना नुकसान पहुचाएं इन टिप्स को अपनाकर भगा सकते हैं।

 मधुमक्खी के छत्ते का निरीक्षण

आपके घर में आने वाली मधुमक्खियां अकेली भी हो सकती हैं या उनका झुंड भी हो सकता है। यदि आपके घर में कुछ मधुमक्खी घूमती हुई दिख रही है, तो इनका छत्ता आपके घर के किसी कोने में भी हो सकता है। इसलिए सबसे पहले मधुमक्खी के छत्ते का निरीक्षण करें। ध्यान रखें कि मधुमक्खी एकांत जगह पर अपना छत्ता बनाती हैं। इसलिए एकांत जगह पर ध्यान से देखें कि उसने छत्ता कहां बनाया है। 

मधुमक्खी पालक की मदद लें

अगर आपके घर में मधुमक्खियों का डेरा है, तो मधुमक्खी पालक खोजने की कोशिश करें। मधुमक्खी पालक मधुमक्खियों से आसानी से निपट लेते हैं। वह मधुमक्खियों को बिना मारे उनसे आपको छुटकारा दिला सकते हैं और उनसे शहद भी ले सकते हैं।

 धुएं का प्रयोग करें

आप धुएं के प्रयोग से भी मधुमक्खियों से छुटकारा पा सकते हैं। धुआं देखते ही मधुमक्खियां सोचने लगती हैं कि उनके छत्ते में आग लग गई है। इसी कारण वह अपना छत्ता छोड़कर किसी दूसरी जगह जाने लगती हैं।

धुएं की मदद से आप आसानी से मधुमक्खियों को भगा सकते हैं। धुआ करने के लिए आप सड़ी हुई लकड़ी, कार्डबोर्ड, या कागज का इस्तेमाल कर सकते हैं। धुआ करने से पहले अपने घर के सभी दरवाजे और खिड़कियां बंद कर लें। इससे मधुमक्खियां आपके घर में प्रवेश नहीं कर पाएंगी। धुआ करने के बाद मधुमक्खियां अपनें छत्ते से निकलने में तकरीनबन 7 से 9 घंटे का समय लेंगी।

मोथबॉल्स का उपयोग

मधुमक्खियां मोथबॉल की गंध से दूर भागती हैं उन्हें यह बिल्कुल पसंद नहीं है। यदि आपके घर में मधुमक्खी का छत्ता है, तो आप अपने घर के कोनों पर मोथबॉल की पोटली लटकाएं। ऐसा करने से आपको जल्द ही मधुमक्खियों से छुटकारा मिलेगा।

 बादाम का तेल

कड़वे बादाम का तेल मधुमक्खियों को भगाने के लिए एक बेहतर उपाय है। इसके लिए आप एक कपड़े पर थोड़ा से बादाम का तेल डालकर उसे गर्म, हवादार, बाहरी क्षेत्र में रख दें।  इसे बच्चों और पालतू जानवरों से दूर रखें। इस उपाय से मधुमक्खियां भाग जाती है।

वेनेगर स्प्रे

वेनेगर स्प्रे की मदद से आप मधुमक्खियों को आसानी से घर से बाहर निकाल सकते हैं। इसके लिए आप एक स्प्रे बोतल लें और फिर उसमें सिरका और पानी सामान रुप में मिक्स कर लें। रात के टाइम मिश्रण का उस जगह पर छिड़काव कर दें। मधुमक्खियां सिरके की तीखी गंध से तुरंत भाग जाएंगी।

 दालचीनी

 मधुमक्खियां दालचीनी की गंध से नफरत करती हैं। बिना मधुमक्खियों को नुकसान पहुचाएं आप दालचीनी की मदद से उनसे छुटकारा पा सकती हैं। इसके लिए आप एक हफ्ते हर दिन उनके छत्ते के आस-पास दालचीनी का पाउडर छिड़के। इसकी महक से मधुमक्खियां दूसरा स्थान देखना शुरु कर देंगी।

छत्ते के अंदर का जीवन 

छत्ते के अंदर का जीवन वर्ष के समय पर निर्भर करता है | मधुमक्खी अपने सारे संसाधन फूलों से प्राप्त करती है | इसी कारन मधुमक्खियों का जीवन चक्र फूलों के जीवन चक्र के सामान चलता है | प्रत्येक वसंत के मौसम में मधुमक्खियां अपने श्रमिकों की संख्या को फूलो के लिए तैयार करती है | गर्मी के मौसम में संसाधनों को इकठ्ठा करने में मधुमक्खियां सबसे ज्यादा सक्रिय होती है | पतझड़ में मधुमक्खियों की क्रिया कम हो जाती है क्योकि फूलो की संख्या कम रहती है | मधुमक्खियां ठण्ड के मौसम में बिना फूलो के शहद के ऊपर ज़िंदा रहती है जो वे बाकि मौसम में बना के रखती है | एक बड़ा छत्ता प्रभावशाली कार्य को प्रदर्शित करता है | युरोपियन मधुमक्खी (एपिस मेलीफेरा) यूरोप एवं उत्तरी अमेरिका की सामान्य प्रजाति है जिनके छत्ते में ६०००० सदस्य तक हो सकते है | 

श्रमिक मधुमक्खी छत्ते की इकाई का निर्माण करते हुए | फोटो: चार्ल्स काज़िलेक 

क्या सारी मधुमक्खी मादा होती है ?

सारी मधुमक्खियां मादा नहीं होती | छत्ते में तीन प्रकार की मधुमक्खियां होती है : रानी मधुमक्खी, श्रमिक मधुमक्खी एवं ड्रोन मक्खी |  रानी मक्खी एकमात्र मादा मधुमक्खी होती है जो प्रजनन करती है | श्रमिक मधुमक्खी भी मादा होती है और रानी मक्खी की संताने होती है | ड्रोन मक्खी नर होते है जो छत्ते के बहार जाकर अन्य रानी मक्खियों के साथ प्रजनन करते है जो नए छत्ते बनती है | 

मधुमक्खी के छत्ते में तीन प्रकार की मधुमक्खियां होती है : श्रमिक मक्खी, ड्रोन मक्खी एवं रानी मक्खी | श्रमिक व रानी मक्खी मादा होती है | रानी मक्खी प्रजनन करती है एवं श्रमिक मक्खियों से आकर में बड़ी होती है | ड्रोन मक्खिया नर होते है जो डंकविहीन होते है एवं उनके संयुक्त नेत्र काफी बड़े होते है | 

क्या रानी मक्खी का जीवन आरामदेह होता है?

रानी मधुमक्खी (जिसकी पीठ पर सफ़ेद पेंट है ) श्रमिक मक्खियों से घिरी रहती है | फोटो : चार्ल्स काज़िलेक 

मधुमक्खी के एक छत्ते में मात्र एक रानी मक्खी होती है और बाकि सारे सदस्य इसी रानी मक्खी की संताने होती है | रानी मधुमक्खी का उदर बड़े आकर का होता है और काफी श्रमिक मधुमक्खियां परिचारकों की तरह रानी मक्खी के इर्द गिर्द घूमती है इसलिए एक छत्ते में रानी मक्खी को पहचानना मुश्किल नहीं है | यदि एक छत्ते में दूसरी बाहरी रानी मक्खी आ भी गयी तो श्रमिक मक्खिया घुसपैठ रानी मक्खी को छत्ते से बाहर करने की कोशिश करेगी या दोनों रानी मक्खिया तब तक लड़ाई करेगी जब तक कोई एक ही रानी बचे |

रानी मधुमक्खी का प्राथमिक कार्य अंडे देना है | छत्ते में सदस्यों की संख्या अधिक बनाये रखने के लिए रानी मक्खी को औसतन  १५०० अंडे एक दिन में देने होते है | 

मधुमक्खी का जीवन काल एक अंडे से प्रारम्भ होता है जो लार्वा एवं फिर प्यूपा में बदल जाता है ठीक उसी तरह जैसे रेशम का कीड़ा पहले इल्ली के रूप में रहता है फिर कृमिकोष में बदल जाता है | इसके बाद प्यूपा की कायापलट एक वयस्क मधुमक्खी के रूप में हो जाती है जिसे हम सबने देखा ही है | लार्वा से वयस्क तक की अवस्था का यह सफर २१ दिन का समय लेता है | 

 चित्र में ऊपर की ओर दायें कोने की इकाइयों में लार्वा रॉयल जेली का उपभोग करके आकार में बड़े हो गए है | वही दूसरी तरह बाकि इकाइयों में रानी मधुमक्खी द्वारा हाल में ही अंडे दिए है जो चावल के दाने जैसे दिख रहे है | फोटो: वॉग्सबर्ग (विकिमीडिआ कॉमन्स के माध्यम से) 

श्रमिक मधुमक्खियां क्या करती है ?

समस्त श्रमिक मधुमक्खियां मादा होती है | इन श्रमिक मक्खियों का कार्य आयु के साथ बदलते रहता है ठीक उसी तरह जैसा हम करते है: हम बचपन की छोटी उम्र में घर पर रहते है, फिर पढाई के लिए स्कूल और कॉलेज जाते है और फिर नौकरी पर | श्रमिक मधुमक्खी किशोर अवस्था में छत्ते के अंदर का कार्य करती है जैसे रानी मधुमक्खी एवं लार्वा की देखभाली का काम | किशोर मक्खिया मोम ग्रंथि से मोम बनाने का कार्य भी करती है जो छत्ते के निर्माण में एक महत्वपूर्ण घटक है | प्रत्येक मधुमक्खी के कार्य की अवधि छत्ते की आवश्यकताओं पर निर्भर करती है | सामान्यत: कुछ हफ्ते छत्ते में अंदर के काम करने के बाद श्रमिक मक्खिया बाहरी कार्यो में जुट जाती है एवं बाहर की दुनिया में उड़ान भर्ती है | श्रमिक मधुमक्खी का अंतिम कर्त्तव्य भोजन ढूंढ कर लाने का होता है | इस भोजन ढूंढने वाली श्रमिक मक्खियों को 'फोरेजर' कहा जाता है जो छत्ते के लिए पराग, मकरंद एवं जल की आवश्यकताओं की पूर्ति करती है | 

वयस्क फोरेजर सामान्यत: ३० दिन तक भोजन लाने का कार्य करते है एवं उसके बाद उनका जीवन चक्र समाप्त हो जाता है इस तरह एक श्रमिक मधुमक्खी का जीवन करीब ५१ दिनों का होता है | भोजन ढूंढने का कार्य जोखिमपूर्ण होता है क्योकि छत्ते की बाहर की दुनिया में काफी खतरा होता है | छत्ते के बाहर मधुमक्खियों को परभक्षी खा सकते है, वे घर लौटने का रास्ता भटक सकती है, तूफ़ान में फंसने का खतरा भी होता है और वातावरण में बीमारी या कीटनाशकों की उपस्थिति | सर्दी के मौसम में मधुमक्खियां छत्ते में अंदर ही रहती है जहा तापमान बाहर की तुलना में गर्म होता है एवं इस तरह वह ६ महीनो से भी अधिक जीवित रहती है | 

नर मधुमक्खी (ड्रोन) का जीवन

मादा श्रमिक मधुमक्खी एक शिशु ड्रोन को भोजन देते हुए | ड्रोन की आँखे मादा श्रमिक मधुमक्खियो से आकर में काफी बड़ी होती है | फोटो: चार्ल्स काज़िलेक |

नर मधुमक्खियां ड्रोन कहलाती है जो बाकी मधुमक्खियों के विपरीत डंकविहीन होती है | 

नर मधुमखियां वर्ष के सिर्फ कुछ ही महीने पायी जाती है | वे आँखों के असामान्य आकार के कारण थोड़े अजीब दिखते है क्योकि सिर का लगभग पूरा हिस्सा आँखों का ही होता है | ये बड़ी आकार की आँखे उड़ते वक़्त रानी मधुमक्खी को पहचानने के काम आती है | ड्रोन का एकमात्र कार्य अपने छत्ते की अनुवांशिकता को बढ़ाना है |  ड्रोन प्रतिदिन छत्ते से निकल कर प्रजनन हेतु अन्य छत्तो की रानी मधुमक्खियों को खोजते है | 

कभी-कभी मधुमक्खियां झुण्ड में क्यों दिखाई देती है?

क्या आपने कभी मधुमक्खियों का झुण्ड देखा है? जब एक छत्ते में क्षमता से अधिक मधुमक्खियां हो जाती है तो आधी मधुमक्खियां झुण्ड में नए घर की ओर निकल जाती है | इस प्रक्रिया में सबसे पहले क्षमता से अधिक वाले छत्ते में श्रमिक मधुमक्खियां विशेष इकाई का निर्माण करती है जिसमे से नयी रानी मक्खी निकलती है | यह नयी रानी मक्खी इस छत्ते का उत्तराधिकारी बन जाती है और अंडे देने के कार्य में लग जाती है | पुरानी उम्रदराज़ रानी मधुमक्खी आधे श्रमिकों को लेकर नए घर की ओर झुण्ड में निकल जाती है | 

मधुमक्खियों का झुण्ड पालो वर्दे वृक्ष (अमेरिका में पाए जाने वाले एक पौधे की प्रजाति) पर लटका हुआ (दायी ओर) | श्रमिक मक्खियां कटे हुए तने से पौधे का रस एवं पानी जमा करते हुए (बायीं ओर) | फोटो: चार्ल्स काज़िलेक 

मधुमक्खियों के झुण्ड में पुरानी रानी एवं कुछ श्रमिक मधुमक्खियां होती है जो की नए घर की तलाश में होते है | रानी मधुमक्खी के नेतृत्व में यह झुण्ड एक जगह को चुनते है जो की सामान्यत: किसी पेड़ का तना या किसी इमारत का कोना होता है | सभी मधुमक्खियां एक दुसरे को पकड़ लेती है एवं उसी समय कुछ श्रमिक मधुमक्खियां जिन्हे स्कॉउट भी कहा जाता है वह आसपास के क्षेत्र का मुआयना करने निकल जाती है ताकि नए छत्ते के निर्माण के लिए अनुकूल जगह मिल सके | यदि आपको कभी झुण्ड में मधुमक्खियां दिखे तो डरने की कोई बात नहीं परन्तु उन्हें छेड़े नहीं | यह झुण्ड स्कॉउट के द्वारा बताये गए अनुकूल जगह पर थोड़े समय बाद चला जाता है | 

छत्ते के बाहर का जीवन 

अधिकांश मधुमक्खियां छत्ते के बाहर छत्ते के लिए उपयोगी संसाधनों की खोज में जाती है | मधुमक्खियां छत्ते के बाहर करीब २ किलोमीटर तक जाकर फूलों से पराग एवं मकरंद इक्कठा करके लाती है | मकरंद का उपयोग शहद बनाने में किया जाता है  जो वयस्क मधुमक्खियां एवं बढ़ते हुए लार्वे के लिए ऊर्जा का प्राथमिक स्रोत है | पराग प्रोटीन का एक स्रोत है एवं इसका उपयोग लार्वा के भोजन में किया जाता है ताकि किशोर मधुमक्खियां बलवान होकर निकले | पराग एवं मकरंद के बदले मधुमक्खियां पौधो में परागण का कार्य करती है जिससे पौधे फल तथा बीजो का निर्माण कर पाते है | 

 एक मधुमक्खी फूल से पराग निकालते हुए | ध्यान दे की पराग मधुमक्खी के पश्च-पाँव के द्वारा उठाया गया है | फोटो : क्रिस्टोफर एम. जेरनिगन |

मधुमक्खियां छत्ते को ठंडा रखने एवं पीने के पानी के लिए पानी इकठ्ठा करके भी लाती है | इस तरह कह सकते है की मधुमक्खियां पहले ऐसे जंतु थे जिन्होंने एयर कंडीशनिंग का अविष्कार किया | गर्मी के मौसम में मधुमक्खियां वाष्पशील शीतलन द्वारा छत्ते को ठंडा रखती है जिसमे वह अपने पंखो की सहायता से हवा को छत्ते के अंदर या बाहर करती है | 

घर में मधुमक्खी का छत्ता कैसे हटाये?

मधुमक्खियों को घर से बाहर निकालने के लिए आप विनेगर की मदद ले सकते हैं. इसके लिए आप किसी स्प्रे बॉटल में आधा विनेगर और आधा पानी मिला लें. फिर दूर से इस मिश्रण का छिड़काव मधुमक्खियों के छत्ते पर करें. इससे मधुमक्खियां छत्ता छोड़कर भाग जाएंगी.

मधुमक्खी का छत्ता कब निकालना चाहिए?

छत्ता जब शहद से पूरी तरह से भरा हो, तब शहद निकालना चाहिए। पहले से निकालने पर पानी ज्यादा होता है और शहद का स्वाद अच्छा नहीं होता।

मधुमक्खी के छत्ते का निरीक्षण कैसे करें?

नियंत्रित स्थितियों में मधुमक्खियों का छत्ते से उड़ना रोकने के लिए और इसका लाभ उठाने के लिए प्रत्येक मधुमक्खी पालक को इसके तरीकों का निरीक्षण करना चाहिए। यहाँ तक कि सबसे अनुभवी मधुमक्खी पालक भी हर साल कुछ मात्रा में मधुमक्खियों को छत्ते से जाते हुए देखते हैं। मधुमक्खियों को छत्ता छोड़कर जाने से रोकने के कई उपाय हैं।

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