देहली ऊर्जा क्या है उसका SI मात्रक लिखिए? - dehalee oorja kya hai usaka si maatrak likhie?

The relationship between activation energy (E_a) and enthalpy of formation (ΔH) with and without a catalyst, plotted against the reaction coordinate. The highest energy position (peak position) represents the transition state. With the catalyst, the energy required to enter transition state decreases, thereby decreasing the energy required to initiate the reaction.

रसायन विज्ञान में, किसी रासायनिक अभिक्रिया को सम्पन्न होने के लिये जो न्यूनतम ऊर्जा आवश्यक होती है उसे सक्रियण ऊर्जा (activation energy) कहते हैं। इस शब्द का प्रयोग सबसे पहले १८८९ में स्वीडेन के वैज्ञानिक अर्हिनियस ने किया था। सक्रियण ऊर्जा को प्रायः Ea से निरूपित किया जाता है। इसकी ईकाई किलोजूल प्रति मोल (kJ/mol) या किलोकैलरी प्रति मोल (kcal/mol) है।

दूसरे शब्दों में,

ऊर्जा की वह अतिरिक्त पर्याप्त मात्रा जो बाह्य माध्यम से उपलब्ध कराने पर अभिक्रिया के संघट्टकारी अणुओं द्वारा प्रभावी संघट्ट किए जाते हैं ( अर्थात कुल ऊर्जा देहली ऊर्जा के बराबर होती है ), सक्रियण ऊर्जा कहलाती है।

  • रासायनिक बलगतिकी
    • ताप गुणांक
    • देहली ऊर्जा
    • सक्रियण ऊर्जा
    • Chemistry class 12 chapter 4 notes in Hindi

रासायनिक बलगतिकी कक्षा 12 रसायन का chapter 4 है। इस अध्याय में बहुत महत्वपूर्ण परिभाषाएं हैं एवं इससे संबंधित कुछ आंकिक प्रश्न भी हैं। जिनको हल करने का तरीका तथा सूत्र इस अध्याय के अंतर्गत हम आपको बताने वाले हैं।
इस अध्याय में जो भी टॉपिक के बारे में बताया गया है वह टॉपिक NCERT book से लिये गए हैं। एवं इसमें हमने आसान शब्दों का प्रयोग किया है ताकि आपको समझने और याद करने में कोई परेशानी न हो।

रासायनिक बलगतिकी

रसायन विज्ञान की वह शाखा जिसके अंतर्गत रासायनिक अभिक्रियाओं की दर, अभिक्रियाओं की क्रियाविधि एवं अभिक्रियाओं को प्रभावित करने वाले कारक आदि का अध्ययन किया जाता है उसे रासायनिक बलगतिकी (chemical kinematics in Hindi) कहते हैं।

ताप गुणांक

किसी रासायनिक अभिक्रिया में 10°C ताप में वृद्धि करने पर अभिक्रिया के वेग स्थिरांक में लगभग दोगुनी वृद्धि हो जाती है।
यदि t°C ताप पर अभिक्रिया का वेग स्थिरांक kt तथा 10°C ताप पर वेग स्थिरांक kt+10 हो तो इनके अनुपात को ताप गुणांक कहते हैं। अर्थात्
\footnotesize \boxed { ताप\,गुणांक = \frac{k_{t+10}}{k_t} }

देहली ऊर्जा

जब अणुओं के मध्य टक्करें होती है तो उनमें अभिक्रियाएं होने लगते है। परंतु इन अणुओं की टक्करें प्रभावी नहीं होती हैं। टक्करों को प्रभावकारी होने के लिए एक न्यूनतम ऊर्जा की आवश्यकता होती है जिसे अणुओं की देहली ऊर्जा कहते हैं।

सक्रियण ऊर्जा

अभिकारकों की औसत ऊर्जा के अतिरिक्त वह ऊर्जा जो अभिक्रिया को संपन्न कराने में पर्याप्त होती है। एवं जिसके फलस्वरूप उत्पाद का निर्माण होता है। उसे सक्रियण ऊर्जा कहते हैं। इसे Ea से प्रदर्शित करते हैं।अर्थात्
\footnotesize \boxed { सक्रियण\,ऊर्जा = देहली\,ऊर्जा - अभिकारक\,अणुओं\,की\,ऊर्जा }

Chemistry class 12 chapter 4 notes in Hindi

रसायन विज्ञान कक्षा 12 के इस पाठ में कई महत्वपूर्ण बिंदु है जिनसे संबंधित प्रश्न वार्षिक परीक्षाओं में जरूर पूछे जाते हैं। सारे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर हमने एक-एक लेख तैयार किया है जिससे आपको सभी टॉपिक आसानी से समझ में आ सके। पढ़ें..

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विषयसूची

  • 1 देहली ऊर्जा क्या है?`?
  • 2 दहलीज आवृत्ति क्या है?
  • 3 प्रकाश विद्युत प्रभाव में देहली आवृत्ति से क्या तात्पर्य है?
  • 4 देहली आवृत्ति को कैसे प्रदर्शित करते हैं?

देहली ऊर्जा क्या है?`?

इसे सुनेंरोकेंदेहली उर्जा या कार्य फलन (threshold energy or fundamental energy) : किसी इलेक्ट्रॉन को किसी धातु की सतह से मुक्त करने के लिए जितनी न्यूनतम ऊर्जा की आवश्यकता होती है , उस न्यूनतम ऊर्जा के मान को देहली उर्जा अथवा कार्यफलन कहते है।

ङ किसी धातु के कार्य फलन तथा देहली तरंगदैर्घ्य में क्या सम्बन्ध है?

इसे सुनेंरोकेंकार्य-फलन W=hcλ0, जहाँ λ0 देहली तरंगदैर्घ्य है।

दहलीज आवृत्ति क्या है?

इसे सुनेंरोकेंदेहली आवृत्ति वह न्यूनतम आवृत्ति है जिससे कम आवृत्ति के प्रकश से धातु साथ से प्रकाश इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित नहीं हो सकते, चाहे प्रकश की तीव्रता कितनी भी क्यों न हो . इसे v0 से दर्शाते है. कार्यफलां और देहली आवृत्ति में अग्रलिखित सम्बन्ध होता है . जहाँ ϕ= कार्यफलन h = प्लांक नियतांक.

देहली आवृत्ति तथा कार्य फलन में क्या संबंध है?

इसे सुनेंरोकेंधातु तल से इलेक्ट्रॉन को उत्सर्जित कराने के लिए आपतित प्रकाश के अधिकतम तरंगदैर्ध्य (λ0) को देहली तरंगदैर्ध्य तथा उसके संगत न्यूनतम आवृत्ति को देहली आवृत्ति (λ0) कहते हैं। कार्य फलन ϕ=hv0=hcλ0 जहाँ, h प्लांक नियतांक है।

प्रकाश विद्युत प्रभाव में देहली आवृत्ति से क्या तात्पर्य है?

इसे सुनेंरोकेंआपतित प्रकाश की वह न्यूनतम आवृत्ति जो किसी पदार्थ से इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित कर सके , उस पदार्थ की देहली आवृत्ति कहलाती है ।

आइंस्टीन का प्रकाश विद्युत प्रभाव क्या है?

इसे सुनेंरोकेंप्रकाश के प्रभाव से धातु से इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित होने की घटना को प्रकाश विद्युत प्रभाव कहते हैं। प्रकाश विद्युत प्रभाव की व्याख्या आइंस्टीन ने प्लांक के क्वांटम सिद्धांत के आधार पर की। इस सिद्धांत के अनुसार, प्रकाश ऊर्जा के छोटे-छोटे बंडलों तथा पैकेटों के रूप में चलता है जिन्हें फोटोन कहते हैं।

देहली आवृत्ति को कैसे प्रदर्शित करते हैं?

इसे सुनेंरोकेंStep by step solution by experts to help you in doubt clearance & scoring excellent marks in exams. वह न्यूनतम आवृत्ति (υ0) जिससे कम आवृत्ति का फोटोन इलेक्ट्रॉन को उत्सर्जित करने में समक्ष नहीं होता है, उसे देहली आवृत्ति कहते हैं। इसकों (υ0) से प्रदर्शित करते हैं।

देहली आवृत्ति और देहली तरंगदैर्ध्य से आप क्या समझते है?

इसे सुनेंरोकेंधातु तल से इलेक्ट्रॉन को उत्सर्जित कराने के लिए आपतित प्रकाश के अधिकतम तरंगदैर्ध्य (λ0) को देहली तरंगदैर्ध्य तथा उसके संगत न्यूनतम आवृत्ति को देहली आवृत्ति (λ0) कहते हैं।

देहली ऊर्जा क्या है SI Matrak?

इसकी ईकाई किलोजूल प्रति मोल (kJ/mol) या किलोकैलरी प्रति मोल (kcal/mol) है।

देहली आवृत्ति की क्या महत्ता है?

UPLOAD PHOTO AND GET THE ANSWER NOW! Solution : देहली आवृत्ति से कम आवृत्ति वाले प्रकाश व्दारा धातु से इलेक्ट्रॉनों का उत्सर्जन नहीं होगा , चाहे प्रकाश की तीव्रता कितनी भी अधिक क्यों न हो ।

देहली विधि क्या है?

दिल्ली कानूनी सेवा प्राधिकरण द्वारा कानूनी सहायता कानूनी सहायता परामर्श योजना, जेल आगंतुक अधिवक्ता प्रदान कर रहे हैं, आय स्‍तर की स्थापना के लिए कानूनी सहायता सुविधाएं, विवाह और परिवार परामर्श केन्द्र और मुफ्त कानूनी सहायता आदि केन्द्रों का लाभ उठाने के विवरण।

देहली ऊर्जा और सक्रियण ऊर्जा में क्या संबंध है?

Solution : सक्रियण ऊर्जा देहली ऊर्जा - अणुओं की आद्य अवस्था में ऊर्जा। <br> या देहली ऊर्जा = सक्रियण ऊर्जा + अणुओं की मूल अवस्था में ऊर्जा

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