12 अनुसूचियां कौन कौन सी हैं? - 12 anusoochiyaan kaun kaun see hain?

भारतीय संविधान की 12 अनुसूचियाँ और विवरण से सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी देखे,भारत के संविधान में दी गयी 12 अनुसूचियों के (Indian Constitution Schedule) बारे में आप पूरी जानकारी यहां नोट्स में पढ़ सकते है। इसके साथ ही यह जानकारी यहां PDF में download भी कर सकते है।

भारतीय संविधान विश्व का सबसे लम्बा संविधान है। संविधान में 448 लेख, 22 भागों, 12 कार्यक्रमों के साथ दुनिया का सबसे लंबा संविधान भी है। कई बार कई प्रमुख परीक्षाओ में जैसे की SSC UPSC Banks आदि में कई बार भारतीय संविधान की अनुसूची से जुड़े प्रश्न पूछ लिए जाते है| इसलिए आप यह जानकारी ध्यान से पढ़े।

12 Schedules in Indian Constitution

आज हम आपको इस पोस्ट के जरिये आपको भारतीय संविधान की 12 अनुसूची के बारे में आपको जानकारी देने जा रहे है। यह जानकारी आप इस पेज से पीडीऍफ़ में डाउनलोड भी कर सकते है।

12 अनुसूचियां कौन कौन सी हैं? - 12 anusoochiyaan kaun kaun see hain?

अनुसूचीविवरणअनुसूची 1राज्यों और संघ शासित प्रदेशों की सूचीअनुसूची 2विशेष शक्तियां और राष्ट्रपति, राज्य के गवर्नर, राज्यसभा और लोक सभा, सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के उप-वक्ताओं के वेतन विवरण।अनुसूची 3राष्ट्रपति और उपाध्यक्ष को छोड़कर सभी अधिकारों के शपथ और वादे।अनुसूची 4राज्य परिषद (राज्यसभा) में सीटों का आवंटनअनुसूची 5अनुसूचित क्षेत्रों और जनजातियों के प्रशासन और नियंत्रणअनुसूची 6असम, मेघालय, त्रिपुरा, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश में जनजातीय क्षेत्र के प्रशासन के प्रावधानअनुसूची 7संघ (केंद्र सरकार), राज्य, और जिम्मेदारियों की समवर्ती सूचियां।अनुसूची 8भारत की आधिकारिक भाषाएंअनुसूची 9भूमि कार्यकाल, भूमि कर, रेलवे, उद्योग से संबंधित कार्य और आदेश शामिल हैं।1951 में प्रथम संशोधन द्वारा जोड़ा गया।अनुसूची 10संसद सदस्यों और राज्य विधान मंडलों के सदस्यों के लिए “विरोधी-दोष” प्रावधान।अनुसूची 11पंचायती राज के प्रावधान हैं।अनुसूची 12नगर निगम के प्रावधान शामिल हैं।

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द्वितीय अनुसूची: इसमें भारत राज-व्यवस्था के विभिन्न पदाधिकारियों (राष्ट्रपति, राज्यपाल, लोकसभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष, राज्य सभा के सभापति एवं उपसभापति, विधान सभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष, विधान परिषद के सभापति एवं उपसभापति, उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों और भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक आदि) को प्राप्त होने वाले वेतन, भत्ते और पेंशन का उल्लेख किया गया है.

तृतीय अनुसूची: इसमें विभिन्न पदाधिकारियों (राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, मंत्री, उच्चतम एवं उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों) द्वारा पद-ग्रहण के समय ली जाने वाली शपथ का उल्लेख है.

चौथी अनुसूची: इसमें विभिन्न राज्यों तथा संघीय क्षेत्रों की राज्य सभा में प्रतिनिधित्व का विवरण दिया गया है.

पांचवीं अनुसूची: इसमें विभिन्न अनुसूचित क्षेत्रों और अनुसूचित जनजाति के प्रशासन और नियंत्रण के बारे में उल्लेख है.

छठी अनुसूची: इसमें असम, मेघालय, त्रिपुरा, मिजोरम राज्यों के जनजाति क्षेत्रों के प्रशासन के बारे में प्रावधान है.

सांतवी अनुसूची: इसमें केंद्र एवं राज्यों के बीच शक्तियों के बंटवारे के बारे में बताया गया है, इसके अन्तगर्त तीन सूचियाँ है- संघ सूची, राज्य सूची एवं समवर्ती सूची:

(1) संघ सूची: इस सूची में दिए गए विषय पर केंद्र सरकार कानून बनाती है. संविधान के लागू होने के समय इसमें 97 विषय थे, वर्तमान समय में इसमें 98 विषय हैं.
(2) राज्य सूची: इस सूची में दिए गए विषय पर राज्य सरकार कानून बनाती है. राष्ट्रीय हित से संबंधित होने पर केंद्र सरकार भी कानून बना सकती है. संविधान के लागू होने के समय इसके अन्‍तर्गत 66 विषय थे, वर्तमान समय में इसमें 62 विषय हैं.
(3) समवर्ती सूची: इसके अन्‍तर्गत दिए गए विषय पर केंद्र एवं राज्य दोनों सरकारें कानून बना सकती हैं. परंतु कानून के विषय समान होने पर केंद्र सरकार केंद्र सरकार द्वारा बनाया गया कानून ही मान्य होता है. राज्य सरकार द्वारा बनाया गया कानून केंद्र सरकार के कानून बनाने के साथ ही समाप्त हो जाता है. संविधान के लागू होने के समय समवर्ती सूची में 47 विषय थे, वर्तमान समय में इसमें 52 विषय हैं.

आठवीं अनुसूची: इसमें भारत की 22 भाषाओँ का उल्लेख किया गया है. मूल रूप से आंठवीं अनुसूची में 14 भाषाएं थीं, 1967 ई० में सिंधी को और 1992 ई० में कोंकणी, मणिपुरी तथा नेपाली को आंठवीं अनुसूची में शामिल किया गया. 2004 ई० में मैथिली, संथाली, डोगरी एवं बोडो को आंठवीं अनुसूची में शामिल किया गया.

नौवीं अनुसूची: संविधान में यह अनुसूची प्रथम संविधान संशोधन अधिनियम, 1951 के द्वारा जोड़ी गई. इसके अंतर्गत राज्य द्वारा संपत्ति के अधिग्रहण की विधियों का उल्लेख किया गया है. इन अनुसूची में सम्मिलित विषयों को न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती है. वर्तमान में इस अनुसूची में 284 अधिनियम हैं.

नोट: अब तक यह मान्यता थी कि नौवीं अनुसूची में सम्मिलित कानूनों की न्यायिक समीक्षा नहीं की जा सकती. 11 जनवरी, 2007 के संविधान पीठ के एक निर्णय द्वारा यह स्थापित किया गया कि नौवीं अनुसूची में सम्मिलित किसी भी कानून को इस आधार पर चुनौती दी जा सकती है कि वह मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है तथा उच्चतम न्यायालय इन कानूनों की समीक्षा कर सकता है.

दसवीं अनुसूची: यह संविधान में 52वें संशोधन, 1985 के द्वारा जोड़ी गई है. इसमें दल-बदल से संबंधित प्रावधानों का उल्लेख है.

ग्यारहवीं अनुसूची: यह अनुसूची संविधान में 73वें संवैधानिक संशोधन (1993) के द्वारा जोड़ी गई है. इसमें पंचायतीराज संस्थाओं को कार्य करने के लिए 29 विषय प्रदान किए गए हैं.

बारहवीं अनुसूची: यह अनुसूची 74वें संवैधानिक संशोधन (1993) के द्वारा जोड़ी गई है इसमें शहरी क्षेत्र की स्थानीय स्वशासन संस्थाओं को कार्य करने के लिय 18 विषय प्रदान किए गए हैं.

भारतीय संविधान की 12 अनुसूचियां कौन कौन सी है?

भारतीय संविधान के सभी अनुसूचियां List.
पहली अनुसूची देश और 28 राज्यों का उल्लेख.
दूसरी अनुसूची वेतन, भत्ते और पेंशन.
तीसरी अनुसूची शपथ संबंधित उल्लेख.
चौथी अनुसूची राज्यसभा की सीटों का उल्लेख.
पांचवी अनुसूची अनुसूचित जाति और जनजाति क्षेत्रों के प्रशासन का उल्लेख.
छठी अनुसूची ... .
सातवीं अनुसूची ... .
आठवीं अनुसूची.

12वीं अनुसूची में क्या है?

भारतीय संविधान में 12वीं अनुसूची में नगर निकायों से संबंधित प्रावधान हैं। 12वीं अनुसूची को 1992 के 74वें संशोधन अधिनियम द्वारा जोड़ा गया था। भारतीय संविधान की बारहवीं अनुसूची में नगरपालिकाओं की शक्तियाँ, अधिकार और जिम्मेदारियाँ शामिल हैं। इस अधिनियम ने भारत में नगरपालिकाओं को संवैधानिक दर्जा दिया।

संविधान की अनुसूचियां कितनी है?

भारतीय संविधान 22 भागों में विभजित है तथा इसमे 395 अनुच्छेद एवं 12 अनुसूचियाँ हैं।

वर्तमान में अनुसूची कितनी है?

मूल रूप से भारतीय संविधान में कुल 395 अनुच्छेद (22 भागों में विभाजित) और 8 अनुसूचियाँ थी, किंतु विभिन्न संशोधनों के परिणामस्वरूप वर्तमान में इसमें कुल 470 अनुच्छेद (25 भागों में विभाजित) और 12 अनुसूचियां हैं।