2 अपरिमेय संख्याओं का योग क्या होता है? - 2 aparimey sankhyaon ka yog kya hota hai?

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दो परिमेय संख्याओं का योग परिमेय संख्या ही होता है जैसे व्यक्तित्व क्लास 12 पावर 1 एक परिमेय संख्या 202 संख्या दो परिमेय संख्याओं के बीच परिमेय संख्याएं हैं उनकी संख्या गोपी बैठक यूपी में संख्या बराबर पीटे क्यों होता है जहां लड़कियों को इतना संख्या तथा क्यों दवा नहीं जीरो

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2 अपरिमेय संख्या का योग क्या होता है?

दो अपरिमेय संख्याओं का योग परिमेय भी हो सकता है और अपरिमेय भी हो सकता है। यह उस पर निर्भर करता है कि हम कौनसे अपरिमेय संख्याओं की बातें कर रहे हैं। यही दो अपरिमेय संख्याओं के गुणनफल के लिए भी लागू होता है।

दो परिमेय संख्याओं का योग क्या कहलाता है?

परिमेय संख्या कहलाती है। परिमेय संख्याओं में योग, व्यवकलन (घटाना), गुणन और विभाजन (भाग) उसी प्रकार किये जाते हैं, जैसे भिन्नों में किये जाते हैं। परिमेय संख्याएँ योग, व्यवकलन और गुणन की संक्रियाओं के अंतर्गत संवृत होती हैं। परिमेय संख्याओं के लिए योग और गुणन की संक्रियाएँ (i) क्रमविनिमेय होती हैं ।

दो अपरिमेय संख्या क्या है?

उदाहरण के लिये २ का वर्गमूल, और पाई अपरिमेय संख्याएँ हैं। यह साबित हो सकता है कि अपरिमेय संख्याएं विशिष्ट रूप से ऐसी वास्तविक संख्याएं हैं जिन्हें समापक या सतत दशमलव के रूप में नहीं दर्शाया जा सकता है, हालांकि गणितज्ञ इसे परिभाषा के रूप में नहीं लेते हैं।

क्या दो अपरिमेय संख्याओं का योग हमेशा एक अपरिमेय संख्या होती है?

हाँ दो अपरिमेय संख्याओं का योग हमेशा अपरिमेय होता हैं।