2 गोपियों ने ऐसा क्यों कहा कि कृष्ण ने राजनीति पढ़ ली है उन्हें कृष्ण में कुशल राजनीतिज्ञ के कौन से गुण दिखाई दिए? - 2 gopiyon ne aisa kyon kaha ki krshn ne raajaneeti padh lee hai unhen krshn mein kushal raajaneetigy ke kaun se gun dikhaee die?

गोपियों ने यह क्यों कहा कि हरि अब राजनीति पढ़ आए हैं? क्या आपको गोपियों के इस कथन का विस्तार समकालीन राजनीति में नज़र आता है, स्पष्ट कीजिए।

गोपियों ने ऐसा इसलिए कहा है क्योंकि श्री कृष्ण ने सीधी सरल बातें ना करके रहस्यातमक ढंग से उद्धाव के माध्यम से अपनी बात गोपियों तक पहुचाई है।

गोपियों का यह कथन कि हरि अब राजनीति पढ़ आए हैं। कहीं न कहीं आज की भ्रष्ट राजनीति को परिभाषित कर रहा है। इस कथन का विस्तार समकालीन राजनीति में नज़र आ रहा है। जिस तरह से श्री कृष्ण ने अपनी बात सीधे-सीधे न करके घुमा-फिराकर उद्धव के माध्यम से गोपियों के समक्ष रखी है, उसी तरह आज के राजनीतिज्ञ भी अपनी बात को घुमा-फिराकर जनता के समक्ष रखते हैं। दूसरी तरफ यहाँ गोपियों ने राजनीति शब्द को व्यंग के रूप में कहा है। आज के समय में भी राजनीति शब्द का अर्थ व्यंग के रूप में लिया जाता है।

Concept: पद्य (Poetry) (Class 10 A)

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गोपियों ने ऐसा क्यों कहा कि कृष्ण ने राजनीति पढ़ ली है उन्हें कृष्ण में कुशल राजनीतिज्ञ के कौन से गुण दिखाई दिए?

गोपियों ने ऐसा इसलिए कहा है क्योंकि श्री कृष्ण ने सीधी सरल बातें ना करके रहस्यातमक ढंग से उद्धाव के माध्यम से अपनी बात गोपियों तक पहुचाई है। गोपियों का यह कथन कि हरि अब राजनीति पढ़ आए हैं। कहीं न कहीं आज की भ्रष्ट राजनीति को परिभाषित कर रहा है। इस कथन का विस्तार समकालीन राजनीति में नज़र आ रहा है।

गोपियों को ऐसा क्यों लगा कि श्री कृष्ण ने राजनीति पढ़ ली है?

| उत्तर श्री कृष्ण द्वारा भेजे गए योग के संदेश को सुनकर गोपियों को लगने लगा है कि वे उन्हें भूल गए है। वे पहले तो हर व्यक्ति को अन्याय से बचाते थे, अब वे उन पर ही अन्याय कर रहे है। वे तो पहले ही बहुत चतुर थे। अब तो उन्होने राजनीति को भी पढ़ लिया है, जिससे उनकी बुद्धि बहुत बढ़ गई है

उन्हें कृष्ण में कुशल राजनीतिज्ञ के कौन से गुण दिखाई दिए?

जिस तरह से श्री कृष्ण ने अपनी बात सीधे-सीधे न करके घुमा-फिराकर उद्धव के माध्यम से गोपियों के समक्ष रखी है, उसी तरह आज के राजनीतिज्ञ भी अपनी बात को घुमा-फिराकर जनता के समक्ष रखते हैं। दूसरी तरफ यहाँ गोपियों ने राजनीति शब्द को व्यंग के रूप में कहा है। आज के समय में भी राजनीति शब्द का अर्थ व्यंग के रूप में लिया जाता है।

गोपियों ने श्री कृष्ण और चतुर हो गए हैं ऐसा क्यों कहा?

उत्तर:- गोपियों को लगता है कि कृष्ण द्वारका जाकर राजनीति के विद्वान हो गए हैं। उनके अनुसार श्री कृष्ण पहले से ही चतुर थे अब तो ग्रंथो को पढ़कर उनकी बुद्धि पहले से भी अधिक चतुर हो गयी है। अब कृष्ण राजा बनकर चाले चलने चलने लगे हैं। छल-कपट उनके स्वभाव के अंग बन गया है।