25 मई को कौन सा दिवस मनाया जाता है? - 25 maee ko kaun sa divas manaaya jaata hai?

Explanation:-

अंतर्राष्ट्रीय गुमशुदा बाल दिवस (International Missing Children’s Day) हर साल 25 मई को विश्व स्तर पर मनाया जाता है। यह दिन उन गुमशुदा बच्चों के लिए मनाया जाता है जो किसी तरह अपने घर पहुँच चुके है, उन लोगों को याद रखने के लिए जो अपराध के शिकार हैं, और उन लोगों की तलाश करने के प्रयास जारी रखने के लिए जो अभी भी लापता हैं। 25 मई को अब व्यापक रूप से मिसिंग चिल्ड्रन्स डे forget-me-not flower प्रतीक के रूप में जाना जाता है। अंतर्राष्ट्रीय गुमशुदा बाल दिवस → इस दिन को मनाए जाने की घोषणा वर्ष 1983 में अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन (Ronald Reagan) द्वारा की गई थी। 2001 में, 25 मई को इंटरनेशनल सेंटर फॉर मिसिंग एंड एक्सप्लॉइड चिल्ड्रेन (ICMEC), मिसिंग चिल्ड्रन यूरोप और इस प्रकार यूरोपीय आयोग के संयुक्त प्रयास पर औपचारिक रूप से अंतर्राष्ट्रीय मिसिंग चिल्ड्रन्स डे (IMCD) के रूप में पहली बार मान्यता मिली थी। ICMEC मुख्यालय » अलेक्जेंड्रिया, वर्जीनिया, यूएस ICMEC के अध्यक्ष » डॉ. फ्रांज बी हमर अन्य महत्वपूर्ण दिवस → राष्ट्रीय डेंगू दिवस → 16 मई अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस → 18 मई राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी दिवस → 21 मई अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस → 22 मई राष्ट्रमंडल दिवस → 24 मई, ब्रदर्स डे → 24 मई अंतर्राष्ट्रीय गुमशुदा बाल दिवस → 25 मई, विश्व थॉयराइड दिवस → 25 मई

हर साल 25 मई को अंतरराष्ट्रीय गुमशुदा बाल दिवस (IMCD) के रूप में मनाया जाता है। दिवस की शुरुआत किस वर्ष की गई थी?

  1. 1970
  2. 1986
  3. 1992
  4. ​1998
  5. 2004

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : ​1998

सही उत्तर 1998 है।

  • हर साल 25 मई को अंतरराष्ट्रीय गुमशुदा बाल दिवस (IMCD) के रूप में मनाया जाता है।
  • यह दुनिया भर में गुमशुदा होने वाले बच्चों के लिए जागरूकता फैलाने का दिन है।
  • 25 मई को संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रीय गुमशुदा बाल दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।
  • IMCD के लिए चिह्न फॉरगेट-मी-नॉट फूल है।
  • इस दिवस की शुरुआत वर्ष 1998 में की गई थी।

25 मई को कौन सा दिवस मनाया जाता है? - 25 maee ko kaun sa divas manaaya jaata hai?

हर साल 25 मई को विश्व स्तर पर International Missing Children’s Day यानि अंतर्राष्ट्रीय गुमशुदा बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन उन गुमशुदा बच्चों के लिए मनाया जाता है जो किसी तरह अपने घर पहुँच चुके है, उन लोगों को याद रखने के लिए जो अपराध के शिकार हैं, और उन लोगों की तलाश करने के प्रयास जारी रखने के लिए जो अभी भी लापता हैं। 25 मई को अब व्यापक रूप से मिसिंग चिल्ड्रन्स डे forget-me-not flower प्रतीक के रूप में जाना जाता है।

अंतर्राष्ट्रीय गुमशुदा बाल दिवस के बारे में:

इस दिन को मनाए जाने की घोषणा वर्ष 1983 में अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन द्वारा की गई थी। 2001 में, 25 मई को इंटरनेशनल सेंटर फॉर मिसिंग एंड एक्सप्लॉइड चिल्ड्रेन (ICMEC)मिसिंग चिल्ड्रन यूरोप और इसलिए यूरोपीय आयोग के संयुक्त प्रयास पर औपचारिक रूप से अंतर्राष्ट्रीय मिसिंग चिल्ड्रन्स डे (IMCD) के रूप में पहली बार मान्यता मिली थी।

उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए
महत्वपूर्ण तथ्य-

  •  ICMEC मुख्यालय: अलेक्जेंड्रिया, वर्जीनिया, यूएस; ICMEC के अध्यक्ष: डॉ. फ्रांज बी हमर.

25 मई काे दुनिया भर में गुमशुदा बच्चाें की याद में इंटरनेशनल चिल्ड्रेंस मिसिंग डे (अंतरराष्ट्रीय गुमशुदा बाल दिवस) मनाया जाता है. वर्ष 2001 में इसे औपचारिक रूप से मान्यता प्रदान की गई.

हैदराबाद : वर्ष 1983 में राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन ने राष्ट्रीय गुमशुदा बाल दिवस (National Missing Children’s Day) की घोषणा की, जिसके तहत हर साल लापता होने वाले सैकड़ों बच्चों को याद किया जाता है.

इसके कुछ ही साल पहले 25 मई, 1979 को छह वर्षीय एटन पैट्ज बस से स्कूल जाते समय अचानक गायब हो गया था.

इसके पहले तक लापता बच्चों के मामलों ने शायद ही कभी राष्ट्रीय मीडिया का ध्यान आकर्षित किया हो, पहली बार एटन के लापता हाेने के मामले ने इस समस्या से जूझ रही देश-दुनिया का ध्यान खींचा और मीडिया में भूचाल ला दिया.

उनके पिता, जो एक पेशेवर फोटोग्राफर थे, उन्हाेंने बच्चे काे खोजने के लिए अपने बेटे की ब्लैक-व्हाइट तस्वीरें हर जगह वितरित कीं. इसकी वजह से भी इस मामले पर पहली बार मीडिया का इतना ध्यान गया था.

सबसे पहले संयुक्त राज्य अमेरिका ने लापता बच्चाें की याद में इस दिवस का पालन करना शुरू किया फिर धीरे-धीरे दुनिया भर के अन्य देशों में भी इसकी शुरुआत की गई.

औपचारिक रूप से 25 मई, 2001 में पहली बार अंतरराष्ट्रीय गुमशुदा बाल दिवस काे मान्यता दी गई थी. यह सब कुछ ICMEC, मिसिंग चिल्ड्रन यूरोप और यूरोपीय आयोग के संयुक्त प्रयास से संभव हाे पाया.

दुनिया भर में ऐसे बच्चों की रक्षा की आवश्यकता को स्वीकार करते हुए, हर साल अधिक से अधिक देश अंतरराष्ट्रीय गुमशुदा बाल दिवस मनाते हैं.

बच्चों को सुरक्षित रखने काे लेकर कुछ सुझाव

  • बच्चाें की कस्टडी दस्तावेज संभाल कर रखें.
  • बच्चों की हाल की तस्वीरें जरूर रखें.
  • मेडिकल और डेंटल रिकॉर्ड्स को अपडेट रखें.
  • ऑनलाइन सुरक्षा को प्राथमिकता दें.
  • बच्चाें की देखभाल करने वालों की पृष्ठभूमि की पूरी जांच करें.
  • छोटे बच्चों को कभी भी कार की सीट पर अकेले न छोड़ें.
  • जब भी संभव हो, बच्चों को उनके नाम वाले कपड़े न पहनाएं.
  • जितना हो सके उन्हें उनका पता और फोन नंबर सिखाएं.

लापता और शोषित बच्चों के लिए अंतरराष्ट्रीय केंद्र

इंटरनेशनल सेंटर फॉर मिसिंग एंड एक्सप्लॉइटेड चिल्ड्रन (ICMEC) एक 501 (c) (3) गैर-सरकारी, गैर-लाभकारी संगठन है जो बाल अपहरण, यौन शोषण और शोषण को समाप्त करके बच्चों के लिए इस दुनिया काे एक सुरक्षित स्थान बनाने के लिए काम कर रहा है.

1998 में अपनी स्थापना के बाद से ICMEC ने 117 देशों के 10,000 से अधिक कानून प्रवर्तन अधिकारियों को प्रशिक्षित किया है.

बाल पोर्नोग्राफी के विरुद्ध कानूनों काे लागू करने के लिए 100 से अधिक देशों की सरकारों के साथ काम किया.

अंतरराष्ट्रीय गुमशुदा बाल दिवस 2001 से 6 महाद्वीपों के 20 से अधिक देशों में मनाया जा रहा है और इसके तहत 23 सदस्यीय ग्लोबल मिसिंग चिल्ड्रेन नेटवर्क बनाया गया.

ICMEC का मुख्यालय संयुक्त राज्य अमेरिका में है, जिसका क्षेत्रीय ऑफिस ब्राजील और सिंगापुर में है.

भारत में गुमशुदा बच्चों की स्थिति पर एक नजर

  • राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार 2019 में भारत में कुल 73,138 बच्चे लापता हो गए.
  • देश में हर दिन सैकड़ों बच्चे लापता हो जाते हैं.
  • इसके मुताबिक, वर्ष 2016 के दौरान कुल 63,407 बच्चे, 2017 के दौरान 63,349 बच्चे और 2018 के दौरान कुल 67,134 बच्चे लापता बताए गए हैं. (एनसीआरबी 2019)
  • राज्य की बात करें, ताे मध्य प्रदेश वर्ष 2016, 2017 और 2018 में क्रमश: 8,503, 10,110 और 10,038 लापता बच्चों के साथ शीर्ष पर बना हुआ है. वहीं पश्चिम बंगाल दूसरे स्थान पर है. यहां 2016 में 8,335, 2017 में 8,178 और 2018 में 8,205 बच्चे लापता हाे गए. (एनसीआरबी 2019)
  • लापता बच्चों की संख्या सबसे अधिक मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और बिहार में है. मध्य प्रदेश में लापता बच्चों की संख्या सबसे अधिक इंदौर जिले से है. पश्चिम बंगाल में कोलकाता जिले में लापता बच्चों की सबसे अधिक संख्या दर्ज की गई है.
  • वहीं बिहार में पटना जिले में लापता बच्चों की सबसे अधिक संख्या दर्ज की गई है. दिल्ली के रोहिणी और बाहरी जिले में लापता बच्चों की संख्या सबसे अधिक है. (एनसीआरबी 2019).
  • क्राइम ब्रांच, दिल्ली पुलिस द्वारा बच्चों के लापता होने के कारणों के विश्लेषण से पता चलता है कि ज्यादातर मामलों में बच्चे घर पर माता-पिता द्वारा डांटे जाने के बाद, पढ़ाई के दबाव, रास्ता भटकने, आदि के कारण लापता हो जाते हैं.
  • शहर में बच्चों के अपहरण या भीख मांगने के पीछे कोई संगठित गिरोह नहीं पाया गया. ऑपरेशन स्माइल- II और ऑपरेशन मुस्कान- II योजना के तहत दिल्ली पुलिस के प्रयासों के परिणामस्वरूप वर्ष 2017 में कुल 5,102 बच्चों का पता लगाया गया.
  • योजना पहचान के तहत अब तक 1,94,277 बच्चों की तस्वीरें खींची गई हैं, ताकि एक डेटा बैंक बनाए रखा जा सके, जिसका उपयोग बच्चे के लापता होने की स्थिति में उसका पता लगाने के लिए किया जा सके.

Coivid-19 अवधि में लापता बच्चे

COVID-19 और इसके प्रभावों के कारण 374 बच्चों के लापता होने के मामले सामने आए हैं. वर्ष 2019 में 90,002 लापता हाे गए, जबकि 2020 में 97484 बच्चे लापता हुए.

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NCMEC की मानें ताे 2019 की तुलना में जनवरी-दिसंबर 2020 के बीच उनकी हॉट लाइन पर कॉल में 8.3% की वृद्धि दर्ज की गई है.

25 मई को कौन सा डे मनाया जाता है?

Detailed Solution. सही उत्तर 1998 है। हर साल 25 मई को अंतरराष्ट्रीय गुमशुदा बाल दिवस (IMCD) के रूप में मनाया जाता है। यह दुनिया भर में गुमशुदा होने वाले बच्चों के लिए जागरूकता फैलाने का दिन है।

23 मई को कौन सा दिवस मनाया जाता है?

Q5. किस दिन को विश्व प्रत्यायन दिवस के रूप में मनाया जाता है?

22 मई को क्या मनाया जाता है?

A total number of 47 vacancies were released for the recruitment of HAL Management Trainee. The online test was conducted from 7th April to 9th April 2022 and the last stage which was the Pre-Employment Medical Test was successfully conducted from 14th May to 20th June 2022. After that, HAL released the offer letter.

24 मई को कौन सा दिवस मनाया जाता है?

कॉमनवेल्थ देशों में एकता स्थापित करने और मानवता को बढ़ावा देने के लिए हर साल 24 मई को राष्ट्रमंडल दिवस मनाया जाता है.