RBSE Solutions for Class 9 Maths Chapter 9 चतुर्भुज Miscellaneous Exercise is part of RBSE Solutions for Class 9 Maths. Here we have given Rajasthan Board RBSE Class 9 Maths Chapter 9 चतुर्भुज Miscellaneous Exercise.
निम्नलिखित में से (प्रश्न 1 से 15 तक) प्रत्येक में सही उत्तर लिखिए। प्रश्न 2. AC = BD ⇒ \(\frac { 1 }{ 2 }\) AC = \(\frac { 1 }{ 2 }\) BD ⇒ AO = OB ∠OAB = ∠OBA (सम्मुख कोण) ∆OAB में, ∠OAB + ∠AOB + ∠OBA = 180° ⇒ 25° + ∠AOB + 25° = 180° ⇒ ∠AOB = 180° – 50° = 130° प्रश्न 3. ∠CAD = ∠ACB [एकान्तर कोण] ⇒ ∠CAD = 40° ⇒ ∠OAD = 40° ∠AOD = 90° ∆AOD में, ∠AOD + ∠OAD + ∠ADO = 180° ⇒ 90° + 40° + ∠ADO = 180° ⇒ 130° + ∠ADO = 180° ⇒ ∠ADO = 50° अतः ∠ADB = 50° प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. समान्तर चतुर्भुज ABCD में, ∠A + ∠D = 180° (क्रमागत अन्त:कोण) ⇒ \(\frac { 1 }{ 2 }\) ∠A + \(\frac { 1 }{ 2 }\) ∠D = \(\frac { 180 }{ 2 }\) ⇒ ∠1 + ∠2 = 90° त्रिभुज ∆ASD में, ∠ASD = 180° – (∠1 + ∠2) = 180° – 90° = 90° ∠PSR = ∠ASD (शीर्षाभिमुख कोण) ∠PSR = 90° इसी प्रकार, ∠PQR = 90° अब ∠C + ∠D = 180° ⇒ \(\frac { 1 }{ 2 }\) ∠C + ⇒ \(\frac { 1 }{ 2 }\) ∠D = \(\frac { 180 }{ 2 }\) ∠3 + ∠4 = 90° त्रिभुज CRD में, ∠CRD = 180° – (∠3 + ∠4) = 180° – 90° = 90° इसी प्रकार ∠APB = 90° चतुर्भुज PQRS में, ∠P = ∠Q = ∠R = ∠S = 90° अत: PQRS एक आयत होगा। प्रश्न 8. ∠1 = ∠2, ∠3 = ∠4 तथा ∠7 = ∠8 ∠APR + ∠CQP = 180° (क्रमागत अन्त:कोण) ⇒ \(\frac { 1 }{ 2 }\) ∠APQ + \(\frac { 1 }{ 2 }\) ∠CQP = \(\frac { 180 }{ 2 }\) ∠2 + ∠4 = 90° त्रिभुज PQR में, ∠2 + ∠4 + ∠R= 180° ⇒ 90 + ∠R = 180° ⇒ ∠R = 180° – 90° = 90° इसी प्रकार ∠S = 90° ∠1 + ∠2 + ∠8 + ∠7 = 180°(रैखिक युग्म कोण) ⇒ ∠2 + ∠2 + ∠8 + ∠8 = 180° ⇒ 2(∠2 + ∠8) = 180° ⇒ ∠2 + ∠8 = 180 ∠P = 90°, इसी प्रकार ∠Q = 90° ∠P = ∠Q = ∠R = ∠S = 90° अत: PRQS एक आयत होगा। प्रश्न
9. त्रिभुज ABC में, बिन्दु P तथा Q भुजा AB तथा BC के मध्य बिन्दु हैं। PQ || AC तथा PQ = \(\frac { 1 }{ 2 }\) AC …..(1) इसी प्रकार, SR || AC तथा SR = \(\frac { 1 }{ 2 }\) AC …(2) समी (1) तथा (2) से PQ || SR तथा PQ = SR PQRS एक समान्तर(RBSESolutions.com)चतुर्भुज है। PQ || AC ⇒ PM || NO …(3) तथा त्रिभुज ABD में, बिन्दु P तथा S भुजा AB तथा AD के मध्य बिन्दु हैं। PS || BD ⇒ PN || MO …(4) समी (3) तथा (4) से, PM || NO तथा PN ||OM ⇒ PMON एक समान्तर चतुर्भुज है। चूंकि हम जानते हैं कि समचतुर्भुज के विकर्ण परस्पर लम्ब होते हैं। अतः ∠NOM = 90° ∠NPM = ∠NOM = 90° (सम्मुख कोण) समान्तर चतुर्भुज PMON एक आयत होगा। प्रश्न 10. PD || AO तथा PD = \(\frac { 1 }{ 2 }\) AO ….(1) इसी प्रकार त्रिभुज AOC में, Q तथा E भुजा OC तथा AC के मध्य बिन्दु है। QE|| AO तथा QE = \(\frac { 1 }{ 2 }\) AO …(2) समीकरण (1) तथा (2) से DP = QE तथा DP || QE चतुर्भुज PQED में, सम्मुख भुजाओं का(RBSESolutions.com)एक युग्म परस्पर समान्तर तथा बराबर है। PQED समान्तर चतुर्भुज है। प्रश्न 11. प्रश्न 12. समान्तर चतुर्भुज ABCD में, AD || BC तथा AC एक तिर्यक रेखा है। ∠BCA = ∠DAC (एकान्तर कोण) ∠BCA = 32° त्रिभुज BOC में, ∠AOB = ∠BCO + ∠OBC (त्रिभुज का बहिष्कोण कोण) ⇒ 70° = 32° + ∠OBC [∵ ∠BCO = ∠BCA] ⇒ 70° – 32° = ∠OBC ⇒ ∠OBC = 38° ⇒ ∠DBC = 38° [∵ ∠DBC = ∠OBC] प्रश्न 13. प्रश्न 14. D और E त्रिभुज ABC के मध्य बिन्दु हैं। AD = BD तथा AE = EC त्रिभुज AED तथा त्रिभुजे CEF में, AE = EC (दिया है) …(1) ∠AED = ∠CEF (शीर्षाभिमुख कोण) …(2) DE = EF (दिया नहीं है) …(3) ∆ADE = ∆CEF (SAS नियम से) AD = CF (CPCT) तथा: ∠DAE = ∠ECF (CPCT) ⇒ ∠DAC = ∠ACF परन्तु यह एकान्तर कोण है। अत: AD || CF रेखाखण्ड CF को AD के बराबर तथा समान्तर सिद्ध करने के लिए ∆ADE = ∆CEF सिद्ध करने की आवश्यकता है। दोनों त्रिभुजों को सर्वांगसम(RBSESolutions.com)सिद्ध करने के लिए DE = EF, तीसरी सूचना की आवश्यकता है। अतः विकल्प (C) सही है। प्रश्न 15. समान्तर चतुर्भुज ABCD में ∠BDC = 50° तथा ∠BOC = 90° AB || CD तथा BD एक तिर्यक रेखा है। ∠ABD = ∠BDC (एकान्तर कोण) ∠ABD = 50° ⇒ ∠ABO = 50° ∆AOB में, ∠BOC = ∠OAB + ∠ABO = 90° ⇒ ∠OAB + 50° = 90° ⇒ ∠OAB = 40° प्रश्न 16. हल चूंकि हम जानते हैं कि आयत और वर्ग के विकर्ण बराबर होते हैं। आयत और वर्ग का प्रत्येक कोण समकोण होता है। अतः दोनों ही(RBSESolutions.com)स्थितियों में ∠B = 90° अतः ∠ABC का मान 90° होगा। प्रश्न 17. प्रश्न 18. प्रश्न 19. प्रश्न 20. प्रश्न 21. प्रश्न 22. सिद्ध करना है- उभयनिष्ठ कोण के सम्मुख वर्ग का शीर्ष (D) कर्ण (AC) को समद्विभाजित करता है। अर्थात् AD = CD उपपत्तिः माना AB = BC = a तथा BE = DE = DF = FB = b AE = AB – BE = a – b इसी प्रकार CF = BC – FB = a – b …(2) समकोण(RBSESolutions.com)त्रिभुज AED तथा CFD में AE = CF, (समी. (1) तथा (2) से) ∠AED = ∠CFD (प्रत्येक 90° है) ED = FD ∆AED = ∆CFD (SAS नियम से) AD = CD (CPCT) अतः बिन्दु D, कर्ण AC को समद्विभाजित करता है। इति सिद्धम्। प्रश्न 23. समान्तर चतुर्भुज ABCD में, AF, ∠A का समद्विभाजक है। ∠1 = ∠2 …(1) AB || CD तथा AF तिर्यक रेखा है। ∠3 = ∠2 (एकान्तर कोण) …(2) समीकरण (1) तथा (2) से, ∠1 = ∠3 …(3) AD = DE (∆ADE में समान कोणों की सम्मुख भुजाएँ) 6 सेमी = DE CE = CD – DE ⇒ CE = AB – DE [∵ AB = CD] ⇒ CE = 10 – 6 = 4 सेमी ⇒ ∠4 = ∠3 (शीर्षाभिमुख कोण) …(4) AD || BF तथा AF तिर्यक रेखा है। ∠1 = ∠5 (एकान्तर कोण) …(5) समीकरण (3), (4) तथा (5) से ∠4 = ∠5 ⇒ EC = CF ⇒ 4 सेमी = CF अत: CF = 4 सेमी प्रश्न 24. रचनाः AC और BD को मिलाया उपपत्तिः ∆ABC में, बिन्दु P तथा Q भुजाओं AB तथा BC के मध्य बिन्दु है। PQ || AC तथा PQ = \(\frac { 1 }{ 2 }\) AC …(1) ∆ADC में, बिन्दु S तथा R भुजाओं AD तथा CD के मध्य बिन्दु हैं। SR || AC तथा SR = \(\frac { 1 }{ 2 }\) AC …(2) समीकरण (1) तथा (2) से PQ || SR तथा PQ = SR चतुर्भुज PQRS में सम्मुख भुजाओं का एक युग्म बराबर तथा समान्तर है। PQRS एक(RBSESolutions.com)समान्तर चतुर्भुज है। ∆ABD में, बिन्दु P तथा S, भुजाओं AB तथा AD के मध्य बिन्दु हैं। PS || BD ⇒ PN || OM …(3) तथा PS = \(\frac { 1 }{ 2 }\) BD …(4) PQ || AC ⇒ PM || ON …(5) समीकरण (3) तथा (5) से, PN || OM तथा PM || ON ⇒ PMON एक समान्तर चतुर्भुज है। ∠NOM = 90°[∵ दिया है AC ⊥ BD] ∠NPM = ∠NOM = 90° (समान्तर चतुर्भुज के सम्मुख कोण) AC = BD (दिया है) ⇒ \(\frac { 1 }{ 2 }\) AC = \(\frac { 1 }{ 2 }\) BD …(6) समीकरण (1), (4) तथा (6) से, PQ = PS अब समान्तर चतुर्भुज PQRS में, ∠P = 90° तथा PQ = PS है। अत: PQRS एक वर्ग होगा। इति सिद्धम् प्रश्न 25. माना कि ABCD एक समान्तर चतुर्भुज है, जिसका विकर्ण AC इसके ∠A को समद्विभाजित करता है। अर्थात् ∠1 = ∠2 ….(1) समान्तर चतुर्भुज ABCD में, AD|| BC तथा AC त्रिर्यक रेखा है। अतः ∠1 = ∠3 (एकान्तर कोण) …(2) समीकरण (1) तथा (2) से ∠2 = ∠3 ⇒ AB = BC (समान कोणों की सम्मुख भुजाएँ) अब संमान्तर(RBSESolutions.com)चतुर्भुज ABCD में संलग्न भुजाएँ AB तथा BC बराबर है। अत: ABCD एक समचतुर्भुज होगा। इति सिद्धम् प्रश्न 26. हल रेखा DC को आगे बढ़ाया तथा बिन्दु B से AD के समान्तर रेखा BE खींची जो बढ़ी हुई रेखा DC को बिन्दु E पर मिलती है। AB || DC ⇒ AB || DE AD || BE (रचना से) ABED एक समान्तर चतुर्भुज है। AD = BC …(1) (दिया है) AD = BE …..(2) (समान्तर चतुर्भुज की सम्मुख भुजाएँ) समीकरण (1) तथा (2) से, BC = BE ⇒ ∠BEC = ∠BCE …(3) (समान भुजा के सम्मुख कोण बराबर होते हैं) ∠C + ∠BCE = 180° (रैखिक युग्म कोण) ⇒ ∠C + ∠BEC = 180° (समीकरण (3) से) ∠C + ∠E = 180° …(4) AD || BE तथा DE तिर्य(RBSESolutions.com)रेखा है। ⇒ ∠D + ∠E = 180° (क्रमागत अन्तः कोणों का योग = 180°) …(5) समीकरण (4) तथा (5) से ∠C + ∠E = ∠D + ∠E ⇒ ∠ C = ∠D …(6) अब AB || CD तथा AD एक तिर्यक रेखा है। ∠A + ∠D = 180° …(7) तथा AB || CD तथा BC एक तिर्यक रेखा है। ∠B + ∠C = 180° (क्रमागत अन्तः कोणों का योग 180° होता है।) …(8) समीकरण (7) तथा (8) से, ∠A + ∠D = ∠B + ∠C ⇒ ∠A + ∠C = ∠B + ∠C [समी. (6) का प्रयोग करने पर] ⇒ ∠A = ∠B अतः ∠A = ∠B तथा ∠C = ∠D इति सिद्धम्। प्रश्न 27. बिन्दु D से BF के समान्तर रेखा DP खींची जो रेखा AC को बिन्दु P पर मिलती है। त्रिभुज ADP में, E, AD का मध्य बिन्दु है तथा EF || DP F, AP का मध्य बिन्दु है। ⇒ AF = FP…(1) ∆BCF में, D, BC का मध्य बिन्दु है तथा PD || BF है। P, FC को मध्य(RBSESolutions.com)बिन्दु होगा। ⇒ CP = PF …(2) समीकरण (1) तथा (2) से, AF = PF = CP AC = AF + PF + CP ⇒ AC = AF + AF + AF = 3AF ⇒ AF = \(\frac { 1 }{ 3 }\) AC इति सिद्धम्। प्रश्न 28. रचना : विकर्ण AC तथा BD को मिलाया जो कि बिन्दु O पर प्रतिच्छेद करते हैं। उपपत्ति : ∆ABC में, बिन्दु P तथा Q, भुजाओं AB तथा BC के मध्य बिन्दु हैं। PQ || AC तथा PQ = \(\frac { 1 }{ 2 }\) AC …(1) ∆ADC में, बिन्दु R तथा S भुजाओं CD तथा AD के मध्य बिन्दु हैं। RS || AC तथा RS = \(\frac { 1 }{ 2 }\) AC …(2) समीकरण (1) तथा (2) से, PQ || RS तथा PQ = RS ⇒ PQRS एक(RBSESolutions.com)समान्तर चतुर्भुज है। ABCD एक वर्ग है। AB = BC = CD = AD ⇒ \(\frac { 1 }{ 2 }\) AD = \(\frac { 1 }{ 2 }\) BC AS = BQ ……(3) ∆SAP तथा ∆QBP में, AS = BQ [समी. (3) से] AP = PB [P, AB का मध्य बिन्दु है।] ∠A = ∠B [प्रत्येक 90° है।] ∆SAP = ∆QBP [SAS नियम से] ⇒ SP = PQ [CPCT] ∆ABD में, बिन्दु P तथा S भुजाओं AB तथा AD के मध्य बिन्दु हैं। PS || BD ⇒ PN || OM …(4) PQ || AC ⇒ PM || ON … (5) समीकरण (4) तथा (5) से, PN || OM तथा PM || ON ⇒ OMPN एक समान्तर चतुर्भुज है। वर्ग के विकर्ण परस्पर लम्ब होते हैं। ∠NOM = 90° [∵ AC ⊥ BD] ⇒ ∠NPM = ∠NOM (समान्तर चतुर्भुज के सम्मुख कोण) ⇒ ∠NPM = 90° समान्तर चतुर्भुज PQRS में, ∠P = 90° तथा PS = PQ अत: PQRS एक वर्ग होगा। इति सिद्धम्। प्रश्न 29. प्रश्न 30. उपपत्ति : समान्तर चतुर्भुज ABCD में, AD || BC तथा AC एक तिर्यक रेखा है। ∠CAD = ∠ACB (एकान्तर कोण) ⇒ ∠OAP = ∠OCQ …(1) ∆AOP तथा ∆COQ में, ∠AOP = ∠COQ (शीर्षाभिमुख कोण) OA = OC (समान्तर चतुर्भुज(RBSESolutions.com)में विकर्ण समद्विभाजित होते हैं।) ∠OAP = ∠OCQ (समी. (1) से) ∆AOP = ∆OCQ (ASA नियम से) OP = OQ अतः PQ बिन्दु O पर समद्विभाजित हो जाता है। इति सिद्धम्। प्रश्न 31. हल आयत ABCD का विकर्ण BD, ∠B को समद्विभाजित करता है। ∠1 = ∠2 = \(\frac { 90 }{ 2 }\) = 45० …(1) BC || AD तथा BD एक तिर्यक रेखा है। ∠2 = ∠3 = 45° …(2) (एकान्तर कोण) AB || CD तथा BD एक तिर्यक(RBSESolutions.com)रेखा है। ∠1 = ∠4 = 45° …(3) (एकान्तर कोण) समीकरण (1) तथा (2) से ∠1 = ∠3 = 45° ⇒ AB = AD [समान कोणों की सम्मुख भुजाएँ समान होती हैं] BC = AD, CD = AD ⇒ AB = BC = CD = AD अत: ABCD एक वर्ग है। इति सिद्धम्। प्रश्न 32. हल त्रिभुज ABC में, D और E, भुजाओं AB तथा BC के मध्य बिन्दु हैं। DE || AC और DE = \(\frac { 1 }{ 2 }\) AC DE = FC [∵ F, AC का मधु बिन्दु है।] DE || FC तथा DE = FC DEFC एक समान्तर चतुर्भुज है और EF इसका विकर्ण है। समान्तर चतुर्भुज का विकर्ण इसको दो सर्वांगसम त्रिभुजों में विभाजित करता है। ∆DEF = ∆CEF ….(1) इसी प्रकार BEFD एक(RBSESolutions.com)समान्तर चतुर्भुज है तथा DE इसका विकर्ण है। अत: ∆DEF = ∆DEB …(2) इसी प्रकार ADEF समान्तर चतुर्भुज है। DF इसका विकर्ण है। अत: ∆DEF = ∆FAD … (3) समीकरण (1), (2) तथा (3) से। ∆DEF = ∆CEF = ∆DEB = ∆FAD इति सिद्धम प्रश्न 33. हल दिया है : एक समलम्ब चतुर्भुज ABCD, जिसमें AB || BC तथा बिन्दु E तथा F क्रमशः विकर्णो AC तथ BD के मध्य बिन्दु हैं। सिद्ध करना है : EF || AB तथा EF || CD रचना : DE को मिलाया तथा इसे आगे इस प्रकार बढ़ाया कि AB को बिन्दु P पर मिले। उपपत्ति : समलम्ब चतुर्भुज ABCD में, AB || CD तथा AC एक तिर्यक रेखा है। ∠3 = ∠4 (एकान्तर(RBSESolutions.com)कोण) …(1) ∆AEP तथा ∆CED में, ∠3 = ∠4 (समी. (1) से] AE = CE [E, AC का मध्य बिन्दु है।] ∠1 = ∠2 [शीर्षाभिमुख कोणा।] ∆AEP = ∆CED [ASA नियम से] DE = EP (CPCT) ∆BDP में, बिन्दु E तथा F भुजाओं DP तथा BD के मध्य बिन्दु हैं। EF || PB ⇒ EF || AB ….(2) CD|| AB …(3) समीकरण (2) तथा (3) से, EF || CD, EF || AB तथा EF || CD इति सिद्धम्। प्रश्न 34. AB || CD ⇒ AQ || CD पुन: ∆RCD में, A, भुजा RD का(RBSESolutions.com)मध्य बिन्दु है तथा AQ || CD Q, भुजा CR का मध्य बिन्दु होगा। ⇒ CQ = QR अतः DA = AR तथा CQ = CR इति सिद्धम्। प्रश्न 35. रचना के पदः
प्रश्न 36. रचना के पद
प्रश्न 37. रचना के पद
प्रश्न 38. रचना के पद
प्रश्न 39. रचना के पदः
प्रश्न 40. रचना के पद
प्रश्न 41. रचना के पद
प्रश्न 42. रचना के पद
प्रश्न 43. रचना के पद
प्रश्न 44. रचना के पद
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