आर्मी की ट्रेनिंग आर्मी की ट्रेनिंग - aarmee kee trening aarmee kee trening

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कारगिल में शहीदों की याद में निकाली साइकिल रेस:सेना के रेड ईगल डिवीजन से प्रयागराज आर्मी ट्रेनिंग एरिया तक पहुंचा

लखनऊ4 महीने पहले

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आर्मी की ट्रेनिंग आर्मी की ट्रेनिंग - aarmee kee trening aarmee kee trening

आजादी का अमृत महोत्सव मनाते हुए सेना के जवानों ने कारगिल युद्ध के शहीद सैनिकों को याद किया। उनकी याद में गुरुवार को आर्मी एरिया से रेड ईगल डिवीजन ने साइकिल रेस निकाला। साइकिल रेस का शुभारम्भ लेफ्टिनेंट जनरल गजेन्द्र जोशी, एवीएसएम, एसएम, जनरल ऑफिसर कमांडिंग स्ट्राइक-वन ने झंडा दिखाकर किया।

इस सायक्लोथोंन प्रतियोगिता को स्वत्रंतता के 75 साल पूरे होने पर शुरू किया गया, जिसमें 150 प्रतियोगियों ने भाग लिया। जिन्होंने 45 किलोमीटर की दूरी जोगेन्द्र सिंह स्टेडियम से आर्मी ट्रेनिंग एरिया प्रयागराज तक पूरी की। यह कार्यक्रम कारगिल युद्ध के दौरान सैनिकों द्वारा दिए गए सर्वोच्च बलिदान की याद में किया गया। सायक्लोथोंन प्रतिभागियों ने अपनी मात्रभूमि की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर सैनिकों के पोस्टर और भारतीय झंडा लहराते हुए सायक्लोथोंन पूरा किया।

युवाओं को देश की रक्षा के लिए हथियार उठाना चाहिए
लेफ्टिनेंट जनरल जोशी ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा कि देश कारगिल युद्ध के दौरान शहीद सैनिकों को कभी नहीं भुलेगा। हमें देश के युवाओं को कर्तव्य के प्रति समर्पण की भावना के साथ सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए प्रेरित करना चाहिए। कारगिल विजय दिवस हर वर्ष 26 जुलाई को मनाया जाता है और राष्ट्र उन सैनिकों को तहेदिल से याद करता है जिन्होंने पाकिस्तानी घुसपेठियों के खिलाफ करगिल की लड़ाई लड़ी थी।

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये।

आपका पूछा गया प्रश्न है आर्मी की ट्रेनिंग कैसी हो तो बता दो सारणी की ट्रेन का सबसे कठिन ट्रेनिंग में से एक है और इसमें बहुत सारे आदमियों के सबसे खतरनाक जो ट्रेनिंग होती है वो पैरा कमांडो की होती है उसके लिए बहुत ही ज्यादा स्ट्रगल करना पड़ता है बहुत ही ज्यादा हिम्मत चाहिए उसके लिए

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Army Dogs Salary, Recruitment and Training: जम्मू-कश्मीर में 30 जुलाई को राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन के साथ तलाशी अभियान में हिस्सा लेने के दौरान सेना के दो वर्षीय कुत्ते 'एक्सल' को ड्यूटी के दौरान मार दिया गया. एक्सल को आर्मी डॉग यूनिट में दफनाने से पहले सेना द्वारा एक औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया है. जानकारी के अनुसार, सेना के पास फिलहाल 25 फुल डॉग यूनिट और दो हाफ यूनिट हैं. एक फुल डॉग यूनिट में 24 कुत्ते होते हैं जबकि आधे यूनिट में 12 कुत्ते होते हैं. आइये जानते हैं आर्मी डॉग्‍स की भर्ती और ट्रेनिंग कैसे होती है, और डॉग्‍स ऑफिसर की सैलरी को लेकर क्‍या नियम हैं

किस ब्रीड के डॉग्‍स होते हैं आर्मी में शामिल?
भारतीय सेना की कुत्तों की कई नस्लें हैं. इनमें लैब्राडोर, जर्मन शेफर्ड, बेल्जियम मालिंस और ग्रेट माउंटेन स्विस डॉग शामिल हैं. एक्सल बेल्जियम मालिंस नस्ल का कुत्ता था. 

कौन सी ड्यूटीज़ करते हैं डॉग्‍स? 
सेना के कुत्तों द्वारा कई तरह की ड्यूटीज़ की जाती हैं. इसमें गार्ड ड्यूटी, पेट्रोलिंग, इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइसेस (IED) सहित विस्फोटकों को सूंघना, खाने का पता लगाना, ड्रग्स सहित प्रतिबंधित वस्तुओं को सूंघना, संभावित लक्ष्यों पर हमला करना, हिमस्खलन के मलबे का पता लगाना, छिपे हुए भगोड़ों और आतंकवादियों का पता लगाने के लिए तलाशी अभियान करना शामिल है.

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कौन होता है डॉग हैंडलर?
सेना के प्रत्येक कुत्ते की देखरेख की पूरी जिम्‍मेदारी एक डॉग हैंडलर की होती है. उसे कुत्‍ते के खाने-पीने से लेकर साफ-सफाई का ध्‍यान रखना होता है और ड्यूटी के समय सभी कार्य कराने के लिए हैंडलर ही उत्‍तरदायी होता है.

कहां होती है ट्रेनिंग?
सेना के कुत्तों को मेरठ स्थित रिमाउंट एंड वेटरनरी कोर सेंटर और स्कूल में प्रशिक्षित किया जाता है. 1960 में किसी समय इस स्थान पर एक डॉग ट्रेनिंग स्कूल खोला गया था. कुत्तों की नस्ल और योग्यता के आधार पर उन्हें शामिल किए जाने से पहले विभिन्न कौशलों में प्रशिक्षित किया जाता है.

सेना के कुत्ते कब तक सेवा देते हैं?
सेना के कुत्ते सेवानिवृत्त होने से पहले लगभग आठ साल सेवा में रहते हैं. आर्मी डॉग्‍स को उनकी सेवाओं के लिए सम्‍मानित भी किया जाता है.

पहली बार BSF कमांडोज और आर्मी के पैराकमांडोज की साथ होगी ट्रेन‍िंग, जान‍िए क्यों

लाइन ऑफ कंट्रोल पर जैसी चुनौतियां हैं, अब उसी के अनुसार सुरक्षाबलों को तैयार किया जाएगा. दरअसल, BSF के 70 कमांडो हाल ही में शिलॉन्ग से जम्मू-कश्मीर पहुंचे हैं. जो आर्मी के पैरा कमांडो के साथ ट्रेनिंग करेंगे. ऐसा पहली बार हो रहा है कि LoC पर तैनात होने वाले BSF के कमांडो को आर्मी के पैरा कमांडो ट्रेनिंग देंगे. BSF के IG कश्मीर रेंज राजा बाबू सिंह ने आजतक से खास बातचीत में कहा कि कश्मीर थिएटर पर लाइन ऑफ कंट्रोल को गार्ड करना बड़ी चुनौती होती है. अब नए दौर का कश्मीर है, नया चैलेंज है, इसलिए स्पेशल फोर्सेज यानी आर्मी के पैरा कमांडो ट्रेनिंग देंगे.

For the first time para commandos of the Army will train the BSF commandos to be deployed on the LoC. 70 commandos of BSF have recently reached Jammu and Kashmir from Shillong. Who will train with the Para Commandos of the Army.

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आर्मी की ट्रेनिंग कितनी होती है?

TES के लिए सेलेक्टेड कैंडिडेट्स को ट्रेनिंग के बाद आर्मी की परमानेंट कमीशन में लेफ्टिनेंट की रैंक दी जायेगी. ये ट्रेनिंग 5 साल की होती है. जिसमें एक साल की बेसिक ट्रेनिंग, ऑफिसर ट्रेनिंग एकेडमी (OTA) में होगी.

इंडियन आर्मी की ट्रेनिंग कैसे दी जाती है?

कहां होती है ट्रेनिंग? सेना के कुत्तों को मेरठ स्थित रिमाउंट एंड वेटरनरी कोर सेंटर और स्कूल में प्रशिक्षित किया जाता है. 1960 में किसी समय इस स्थान पर एक डॉग ट्रेनिंग स्कूल खोला गया था. कुत्तों की नस्ल और योग्यता के आधार पर उन्हें शामिल किए जाने से पहले विभिन्न कौशलों में प्रशिक्षित किया जाता है.

ट्रेनिंग कैसे किया जाता है?

सेना ने 2019-2020 में जवानों की भर्ती की थी.

आर्मी दौड़ में कितना समय दिया जाता है?

अग्निवीरों की भर्ती के लिए होने वाले फिजिकल टेस्ट की बात करें कि ग्रुप-1 के तहत साढ़े 5 मिनट में 1.6 किमी की दौड़ लगानी होगी। 10 पुल अप्स लगाने होंगे। ग्रुप-2 के तहत 5 मिनट 45 सेकेंड में 1.6 किमी की दौड़ लगानी होगी।