आदिमानव कहां रहते थे और क्या खाते थे? - aadimaanav kahaan rahate the aur kya khaate the?

आदिमानव का इतिहास Aadimanav History In Hindi मानव का इतिहास करीब चालीस हजार लाख साल पुराना हैं. जब हमारी पृथ्वी की उत्पत्ति हुई तब से ही मानव यहाँ रहता आया हैं. हाल के के अनुसंधानों से यह जाहिर हो चूका है कि करोड़ों वर्ष पूर्व पृथ्वी अस्तित्व में आई तथा लगभग 40 हजार लाख वर्ष पहले आदिमानव का जन्म हुआ था.

आदिमानव का इतिहास Aadimanav History In Hindi

Contents show

1 आदिमानव का इतिहास Aadimanav History In Hindi

1.1 Read More

आज हम जिस समाज में रहते है, उसके परिवेश की हमे आदत पड़ जाती है. हम यह मान लेते है, दुनियाँ हमेशा से ऐसी ही रही होगी. हम यह भूल जाते है, कि जीवन हमेशा वैसा नही था, जैसा आज दिखता है.

क्या आदिमानव के समय की दुनिया कल्पना कर सकते है. जहाँ आग न हो, खेती-बाड़ी आविष्कार न हुआ हो?, आदिमानव का जीवन कैसा रहा होगा.

उस समय लोग यात्राएँ तो कर लेते थे. पर सड़के नही थी. यातायात के आधुनिक साधन नही थे. आदिमानव के समय के जीवन की परिस्थतियाँ की जानकारी प्राप्त करना ही हमारे अतीत को पहचानना है.

हमारे अतीत में जो ज्ञान के भंडार है, उसका पता हमें पुरातन सामग्री, शिलालेख आदि से पता चलता है. हमारे देश में विकसित नदी घाटी सभ्यताओं की जानकारी भी हमे वहां खुदाई से प्राप्त टूटे भवनों, सिक्कों, बर्तनों, धातु, के ओजार व ऐसी अनेकों वस्तुएं मिलती है. जिनका उपयोग आदि मानव किया करते थे.

हजारों वर्ष पूर्व अनेक प्राचीन नगर गाँव नष्ट हो गये अथवा उनके मकान धरती में समा गये.उनकी खुदाई में वे सभी चीजे निकली जो उनके काम आती थी.

Telegram Group Join Now

यही चीजें इतिहास के स्रोत के रूप में जानी जाने लगी. मनुष्य के जन्म से लेकर लिपि के विकास तक का काल प्रागैतिहासिक काल अथवा पुरा ऐतिहासिक काल कहा जाता है.

वैज्ञानिकों का कहना है, कि करोड़ो वर्ष पूर्व पृथ्वी की उत्पत्ति हुई है, और मानव की उत्पत्ति लगभग 40 लाख वर्ष पूर्व हुई होगी. विश्व के अनेक स्थानों पर मानव की खोपड़ियाँ व हड्डियाँ प्राप्त हुई है. वे लग्भग डेढ़ लाख वर्ष पुरानी है. आज से दस हजार वर्ष पूर्व तक का काल पुरा ऐतिहासिक काल माना जाता है.

इस काल में आदि मानव झुण्ड बनाकर जंगलों में भोजन की तलाश में घूमता रहता था. जानवरों का शिकार करके खाना, गुफाओं में रहना, यही उनकी दिनचर्या  हुआ करती थी.

वह जंगली जानवरों के भय से गुफा के बाहर दरवाजे पर आग जलाकर अपनी रक्षा करता था. पत्थर से ही आग जलाता था. पत्थर के ही बर्तन एवं औजारों का उपयोग करता था. इसलिए आदिमानव काल को पाषण काल या प्रस्तर का काल भी कहते है.

इस काल में आदिमानव घुमक्कड़ जीवन बीताता था. वह छोटे छोटे समूहों में रहता था. समूह के नेता या मुखिया के साथ भोजन की तलाश में इधर उधर घूमता रहता था और जब एक स्थान पर भोजन समाप्त हो जाता तब वह दूसरे स्थान पर चला जाता था.

वह पत्थरों के छोटे छोटे टुकड़े काटकर पतली धार वाले हथियार, आरी, चाक़ू बनाकर उसका प्रयोग करने लगा. बड़े टुकड़ो से कुल्हाड़ी, हथौड़ी, वसूला आदि बनाकर लकड़ी काटने एवं अन्य उपयोग करने लगा. बाद में धीरे धीरे इन्ही पत्थरों के औजारों म लकड़ी का हत्था डालकर और अच्छी तरह से उपयोग करने लगा.

जैसे जैसे मानव को अपने आस-पास की वस्तुओं का ज्ञान होता गया, वैसे वैसे वह अपने लिए और सुविधाएं जुटाने लगा. प्रारम्भ में मनुष्य को कपड़े पहनने का ज्ञान नही था. वह पेड़ की छाल, बड़े बड़े पत्तों एवं जानवरों की खाल से ठंड के समय अपना बचाव करता था.

बाद में वह जानवरों को पालना, पौधे उगाना, अन्न पैदा करना आदि सीख गया, जिससे उसका घुमक्कड़ जीवन समाप्त हो गया और एक स्थान पर झौपड़ी बनाकर रहने लगा और खेती करने लगा. उसने कुत्तें, बकरी, भेड़ आदि जानवरों को पालतू बना दिया और उनसे अपने कार्य में सहयोग लेने लगा.

धीरे धीरे मानव ने धातु की खोज की. पहले तांबा बाद में जस्ता फिर सीसा खोजा गया. कुछ स्थानों पर तांबे की कुल्हाड़ियाँ मिलने से पता चला है, कि पत्थर के बाद मनुष्य ने सर्वप्रथम तांबे धातु की खोज की.

स्थायी जीवन जीते हुए उसने पेड़ के मोटे तने को लुढ़कते हुए देखकर पहिया बनाना सीखा, जिससे गाड़ी बनाकर उपयोग करने लगा. पत्थर की चाक बनाकर मिट्टी के बर्तन बनाने लगा.

गेहूं, जौ और कपास की खेती करना, झौपड़ी बनाकर रहना, जानवर पालना आदि कार्य सीखकर वह अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति करने लगा.

जैसे जैसे मानव समझदार होने लगा, वैसे वैसे प्रकृति की उपासना, कपड़े बुनना आदि कार्य करने लगा. इस प्रकार पूर्व पाषाण काल से ताम्रकाल तक आते आते मानव विकास क्रम में आदिमानव का रहन सहन आदि पूर्व अवस्था से काफी आगे बढ़ गया.

यह भी पढ़े

  • मेरा पालतू कुत्ता निबंध
  • कृषि पर निबंध
  • मनु कौन थे मनुस्मृति का इतिहास

उम्मीद करता हूँ दोस्तों आदिमानव का इतिहास Aadimanav History In Hindi का यह लेख आपको अच्छा लगा होगा. यदि आपको आदिमानव के इतिहास के बारे में दी गई जानकारी पसंद आई हो तो अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करें.

लंबे वक्त तक यह माना जाता रहा कि गुफा में रहने वाले मानव सिर्फ मांस खाते थे. लेकिन अब यह भ्रम साबित हो रहा है. वैज्ञानिकों का कहना है कि पाषाण युग के इंसान फल, जड़ें, फलों के गूदे और मांस खाते थे. वैज्ञानिकों की एक रिसर्च टीम कहती है कि अगर गुफा मानव की खुराक का हिसाब मिल जाए, तो 21वीं सदी के इंसान की कई तकलीफें दूर हो जाएंगी. पौष्टिकता के आधार पर आहार और डाइट की सही पहचान हो सकेगी.

खाते जाओ खाते जाओतस्वीर: picture-alliance/dpa

25 लाख साल पहले से लेकर 12,000 साल पहले के इस दौर में न आलू था, न ब्रेड थी. दूध का भी अता पता नहीं था. आज इन्हें मुख्य आहार माना जाता है. कृषि की शुरुआत को गुफा मानव के युग के बाद आज से करीब 10 हजार साल पहले हुई. ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि किसकी डाइट बेहतर है. आदम इंसान की या हमारी. शरीर, कद काठी, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य इशारा करता है कि गुफा में रहने वाले हमसे ज्यादा सेहतमंद थे.

यूनीलीवर कंपनी के लिए शोध की अगुवाई कर रहे वैज्ञानिक डॉक्टर मार्क बेरी कहते हैं कि उनका उद्देश्य आज के लोगों के लिए सेहतमंद खुराक तैयार करना है. वह कहते हैं, "पाषाण युग के आहार में कई तरह के पौधे शामिल थे. आज हम एक दिन ज्यादा से ज्यादा एक सब्जी या पांच फल खा लेते हैं. वे लोग एक दिन में 20 से 25 प्रकार की साग सब्जी खाया करते थे."

आज हम फसलें उगाते हैं और वह हमारे भोजन का अहम हिस्सा हैं. वहीं शताब्दियों पुराने इंसान कम कार्बोहाइड्रेट, कम वसा वाला खाना खाते थे. वह ज्यादा से ज्यादा साग सब्जियां खाते थे. अब सवाल उठता है कि स्वस्थ्य आहार कौन सा है. लंदन यूनिवर्सिटी में वंशानुगत बदलावों के प्रोफेसर मार्क थोमस कहते हैं कि गुफा मानव की डाइट ज्यादा बेहतर थी. पुराने शोध बताते हैं कि पत्थरों के सहारे अपनी रक्षा करने वाले गुफा मानवों को आहार की अधिकता संबंधी बीमारियां बहुत कम होती थी. उन्हें दो तरह की डायबिटीज नहीं थी, मोटापे का तो अता पता ही नहीं था. वैज्ञानिक दूध का उदाहरण देते हैं.

मार्क थोमास कहते हैं, "धीरे धीरे डाइट में कई बदलाव हुए. कई चीजें नई आई और कई गुम हो गई. दूध का ही उदाहरण ले लीजिए. 10 हजार साल पहले इंसान ने दूध खोजा. पहले हम दूध को पचा नहीं पाते थे. लेकिन अब यह चीज आदत में ढल गई है. अब हम 100 फीसदी दूध या उससे बनी चीजें खाने पीने लगे हैं." वैज्ञानिकों के मुताबिक आदिमानव जिस तरह की साग सब्जियां खाते थे, उससे हमारा खाना एक दम अलग हो चुका है. आहार संबंधी मामलों की एक और विशेषज्ञ प्रोफेसर मोनिक सिमंड्स कहती हैं, "कृषि के विकास का मॉडल पैसा कमाने पर आधारित है. पौष्टिक आहार पैदा करने के बजाय अब ऐसी फसलों की पैदावार की जा रही है जिनका अंतरराष्ट्रीय बाजार है...गेहूं इसकी का उदाहरण है."

आजकल ऐसे खाते पीते लोगों की कमी नहींतस्वीर: picture alliance/dpa

इस बात पर वैज्ञानिक एक मत हैं कि मौजूदा दौर में इंसान अनाज पर ज्यादा निर्भर हो गया है. अनाज की कई किस्में बाजार हैं. लेकिन शोधकर्ताओं को अफसोस है कि असली पौधे और उसके गुण इस बदलाव की भेंट चढ़ रहे हैं. शोध करने वालों का सुझाव है कि लोगों को चीनी और अति कार्बोहाइट्रेट वाले आहार से बचना चाहिए. उनकी जगह ऐसी चीजों का इस्तेमाल करना चाहिए जिन्हें अनदेखा किया जा रहा है.

धीरे धीरे यह बात साफ होने लगी है कि खाने पीने की इन बदली आदतों ने कई नई और घातक बीमारियों को भी जन्म दिया है. यह भी एक वजह है कि आज का इंसान अपने पूर्वजों की तुलना में शारीरिक रुप से कमजोर हो चुका है. इसका प्रमाण देने के लिए कुछ वैज्ञानिक आदिवासियों का अध्ययन कर रहे हैं. अब भी पुराने तरीके से रहे रहे दुनिया भर के कई कबीलों में आंख, दांत, गले, दिल और फेफड़े की बीमारियां न के बराबर हैं. उनके अध्ययन के आधार पर कहा जा रहा है कि हमें गाजर, अंडे, चिकन, रसीले फल, बादाम, मूली, शलजम और अखरोट जैसी चीजें ज्यादा खानी चाहिए. शुरुआत में हमारे पाचन तंत्र को एक बदलाव से गुजरना होगा, लेकिन देर सबेर इस आहार का अच्छा असर सेहत पर पड़ने लगेगा.

आदिमानव क्या खाते थे और कहां रहते थे?

पहले मनुष्य चार पैरों पर चलता था और जंगलों में रहता था। वह पेड़ों की जड़े ,पत्तियाँ, फल-फूल इत्यादि खाता था। कुछ छोटे जानवरों को मारकर उनका कच्चा मांस खाता था। वस्त्र नहीं पहनता था व घूमता रहता था।

आदि मानव का भोजन क्या था?

वैज्ञानिकों का कहना है कि पाषाण युग के इंसान फल, जड़ें, फलों के गूदे और मांस खाते थे.

आदिमानव क्या खाते थे कैसे रहते थे?

आदि मानवों पर किए गए एक नए शोध के अनुसार आदिमानव (निएंडरथल) सब्ज़ियां पकाते थे और खाया करते थे. अमरीका में शोधकर्ताओं का कहना है कि उन्हें निएंडरथल मानवों के दांतों में पके हुए पौधों के अंश मिले हैं.

आदि मानव का जन्म कब हुआ था?

आदिमानव का इतिहास Aadimanav History In Hindi मानव का इतिहास करीब चालीस हजार लाख साल पुराना हैं. जब हमारी पृथ्वी की उत्पत्ति हुई तब से ही मानव यहाँ रहता आया हैं. हाल के के अनुसंधानों से यह जाहिर हो चूका है कि करोड़ों वर्ष पूर्व पृथ्वी अस्तित्व में आई तथा लगभग 40 हजार लाख वर्ष पहले आदिमानव का जन्म हुआ था.

Toplist

नवीनतम लेख

टैग