यदि इस वीडियो के साथ कोई समस्या है तो Show अभी न होगा मेरा अन्त हरे-हरे ये पात, मैं ही अपना स्वप्न-मृदुल-कर पुष्प-पुष्प से तन्द्रालस लालसा खींच लूँगा मैं, द्वार दिखा दूँगा फिर उनको मेरे जीवन का यह है जब प्रथम चरण, मेरे ही अविकसित राग से अभी न होगा मेरा अंत अभी अभी ही तो आया है मेरे वन में मृदुल वसंत काव्य पंक्ति कौनसे कवि की हैं?कविता का नाम ध्वनि और लेखक का नाम सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' है।
अभी न होगा मेरा अन्त का क्या आशय है?Answer: 'अभी न होगा मेरा अंत' कवि ने ऐसा इसलिए कहा है, क्योंकि वे बताना चाहते हैं कि अभी अंत नहीं होने वाला है। अभी अभी तो वसंत का आगमन हुआ है जिससे उसका जीवन खुशियों से भर गया है। वह उमंग से भरा हुआ है।
अभी न होगा मेरा अंत के रचयिता कौन है?अभी न होगा मेरा अन्त / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"
वन में मृदुल वसंत के माध्यम से क्या कहा गया है?जीवन में आशा से परिपूर्ण सुंदर समय वसंत में वन का खिल जाना। चारों ओर हरियाली छा जाना।
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