अपनी बेटी का रिश्ता तय करने के लिए रामस्वरूप उमा से जिस प्रकार के व्यवहार की अपेक्षा कर रहे हैं, वह उचित क्यों नहीं है? Show बेटी का रिश्ता तय करने के लिए रामस्वरुप अपनी बेटी उमा से सीधी-साधी, कम पढ़ी लिखी और कम बोलने वाली लड़की की तरह व्यवहार करने की अपेक्षा कर रहे थे। उनका ऐसा सोचना उचित नहीं है क्योंकि लड़की कोई भेड़-बकरी या मेज़-कुर्सी नहीं होती है। वो कोई कठपुतली भी नहीं होती, जिसे हम अपने इशारों पर नचा सकें। उनका भी दिल होता है। उच्च शिक्षा पाना कोई अपराध नहीं है जिसकी वज़ह से उसे शर्मिंदा होना पड़े और अपनी योग्यता को छुपाना पड़े। Concept: गद्य (Prose) (Class 9 A) Is there an error in this question or solution? अपनी बेटी का रिश्ता तय करने के लिए रामस्वरूप उनसे जिस प्रकार के व्यवहार की अपेक्षा कर रहे हैं वह उचित क्यों नहीं है?Answer: बेटी का रिश्ता तय करने के लिए रामस्वरुप अपनी बेटी उमा से सीधी-साधी, कम पढ़ी लिखी और कम बोलने वाली लड़की की तरह व्यवहार करने की अपेक्षा कर रहे थे। उनका ऐसा सोचना उचित नहीं है क्योंकि लड़की कोई भेड़-बकरी या मेज़-कुर्सी नहीं होती है। वो कोई कठपुतली भी नहीं होती, जिसे हम अपने इशारों पर नचा सकें।
रामस्वरूप और प्रेमा का अपनी बेटी के लिए एक दूसरे को दोष देना क्या उचित था?Numeric Code दिया गया है।
उमा का रिश्ता करने में क्या दिक्कत आती है?Uma Pallavi Pothu | Hare Krsna TV - YouTube.
रामस्वरूप उमा के कौन थे?बेटी का रिश्ता तय करने के लिए रामस्वरुप अपनी बेटी उमा से सीधी-साधी, कम पढ़ी लिखी और कम बोलने वाली लड़की की तरह व्यवहार करने की अपेक्षा कर रहे थे। उनका ऐसा सोचना उचित नहीं है क्योंकि लड़की कोई भेड़-बकरी या मेज़-कुर्सी नहीं होती है। वो कोई कठपुतली भी नहीं होती, जिसे हम अपने इशारों पर नचा सकें। उनका भी दिल होता है।
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