बच्चों की प्रगति का अवलोकन कैसे किया जाता है? - bachchon kee pragati ka avalokan kaise kiya jaata hai?

विषयसूची

  • 1 बच्चों की प्रगति का अवलोकन कैसे किया जाता है समझाइए?
  • 2 सामान्य शिक्षा क्या है?
  • 3 प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा में बच्चों की प्रगति से संबंधित अभिलेखों का संधारण क्यों आवश्यक है?
  • 4 उन्मुखीकरण का मतलब क्या है?
  • 5 शिक्षा का क्या अर्थ है एवं इसके क्या कार्य है?

बच्चों की प्रगति का अवलोकन कैसे किया जाता है समझाइए?

पढ़ाते समयः छात्रों की अधिगम प्रगति सुनिश्चित करना

  • छात्रों को उनके मज़बूत पक्षों के बारे में बताना और यह जानने में मदद करना कि वे और सुधार कैसे कर सकते हैं
  • इस बारे में स्पष्ट रहना कि आगे और किस चीज़ के विकास की ज़रूरत है

सरकार के नजर में आकलन क्यों आवश्यक है?

इसे सुनेंरोकेंआकलन की प्रक्रिया में प्रत्येक बच्चे के सीखने के तरीके, उसकी गति और उत्तर देने की शैली को भी समान महत्त्व देना आवश्यक है। बच्चों की विविध विषयों एवं अन्य क्षेत्रों में सीखने, संबंधी प्रगति जानने के लिए एक ही तरीका काफी नहीं होता अपितु विविध तरीकों को इस्तेमाल करना आवश्यक है।

आकलन का क्या आशय है?

इसे सुनेंरोकेंआकलन से तात्पर्य है की किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए तथा व्यक्ति का सामर्थ्य का परीक्षण करते ही उसे आकलन कहते हैं। उदाहरण के तौर पर आकलन की प्रक्रिया में शिक्षक उद्देश्य एवं लक्ष्य की प्राप्ति के लिए विद्यार्थी द्वारा अर्जित ज्ञान को परखने के लिए आकलन का प्रयोग किया जाता है।

इस काम को करने के कुछ सरल तरीक़े हैं, जिन पर भी आप विचार कर सकते हैं, जैसे कि:

  • पढ़ाते–सीखते समय जो आप देखते हैं उसे डायरी/नोटबुक/रजिस्टर में नोट करना
  • छात्रों के कार्य के नमूने (लिखित, कला, शिल्प, परियोजनाएँ, कविताएँ आदि) पोर्टफ़ोलियो में रखना
  • प्रत्येक छात्र का प्रोफ़ाइल तैयार करना

सामान्य शिक्षा क्या है?

इसे सुनेंरोकेंछात्रों को मानविकी, सामाजिक विज्ञान और प्राकृतिक विज्ञान में बुनियादी विषयों और विशेष शिक्षा और अनुसंधान के साथ समानांतर में अध्ययन करके एक व्यापक शैक्षणिक परिप्रेक्ष्य और एक खुला विश्वदृष्टि प्राप्त होता है। उद्देश्य मुक्त सोच और मानव संस्कृति का अधिग्रहण करना था जो पेशेवर शिक्षा की नींव के रूप में काम करेगा।

शिक्षक उन्मुखीकरण क्या है?

इसे सुनेंरोकेंकुछ स्पष्टतः, अध्यापन और सीखने में सुधार लाने तथा अध्यापकों की कक्षा संबंधी अभ्यास को विकसित करने पर केंद्रित हैं, वहीं कुछ अन्य विद्यालयों की प्रक्रियाओं और प्रणालियों पर ध्यान देती हैं, जैसे विद्यालय के लिए एक परिकल्पना बनाना, विद्यालय के कार्यों की समीक्षा करना, विकास योजना बनाना और विद्यालय के स्थानीय समाज के साथ …

शिक्षा का क्या अर्थ है?

इसे सुनेंरोकेंव्यापक अर्थ में शिक्षा किसी समाज में सदैव चलने वाली सोद्देश्य सामाजिक प्रक्रिया है जिसके द्वारा मनुष्य की जन्मजात शक्तियों का विकास, उसके ज्ञान एवं कौशल में वृद्धि एवं व्यवहार में परिवर्तन किया जाता है और इस प्रकार उसे सभ्य, सुसंस्कृत एवं योग्य नागरिक बनाया जाता है।

प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा में बच्चों की प्रगति से संबंधित अभिलेखों का संधारण क्यों आवश्यक है?

इसे सुनेंरोकेंस्कूल संसाधनों का महत्वपूर्ण संगठन करने और लक्ष्य की प्राप्ति करने हेतु। छात्रों की प्रगति से अनेक अभिभावकों तथा अन्य संबंधित व्यक्तियों को अवगत कराने हेतु आवश्यकता। छात्रों का मूल्यांकन और क्रमोन्नति का आधार होता है। स्कूल की स्थापना विस्तार क्रमिक विकास उत्थान और पतन का पता चलता है।

सामान्य पाठ्यक्रम क्या है?

इसे सुनेंरोकेंसामान्य पाठ्यक्रम को ज्ञान के मुख्य क्षेत्रों के विस्तार के रूप में कल्पित किया गया है जिसकी ओर शिक्षार्थियों को प्रवृत्त होना चाहिये और जो तर्कसम्मत रूप से एक न्यूनतम कार्यक्रम होने के बावजूद उन परिप्रेक्ष्यों और अनुशासनपद्धतियों की सम्पूर्ण सूची प्रस्तुत करता है जिनकी आवश्‍यकता एक शहरी व्यवसायी को हो सकती है।

विशिष्ट शिक्षा से आप क्या समझते हैं?

इसे सुनेंरोकें’विशिष्ट शिक्षा’ से तात्पर्य अलग विद्यालयों में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की शिक्षा है। इसका प्रयोग सामान्यतः उन बच्चों के लिए किया जाता है जो विकलांगता से ग्रस्त हों, ये विकलांगता अधिक अंग-हानियों से पैदा होती है। विशिष्ट शिक्षा की परिभाषा के मुद्दे पर शिक्षाविदों और मनोवैज्ञानिकों के बीच मत्यैक नहीं है।

उन्मुखीकरण का मतलब क्या है?

इसे सुनेंरोकेंअभिविन्यास की अवधारणा क्रिया ओरिएंट से जुड़ी हुई है। यह क्रिया एक निश्चित स्थिति में किसी वस्तु को रखने के लिए संदर्भित करती है, एक ऐसे व्यक्ति से संवाद करने के लिए जिसे वे नहीं जानते हैं और जिसे वे जानने का इरादा रखते हैं, या किसी विषय को किसी साइट पर निर्देशित करना चाहते हैं।

शिक्षण के दौरान शिक्षक अपने विद्यार्थियों में सामाजिक कौशल कैसे विकसित कर सकता है?

इसे सुनेंरोकेंछात्रों, बच्चों से सम्प्रेषण करते समय उनके दृष्टिकोण को समझने का प्रयास करें। सम्प्रेषण करते समय शब्दों के चयन का ध्यान रखें। ऐसे शब्दों का प्रयोग करने से बचें जो दूसरों को चुभते हों। अपनी भावनाओं को शब्दों के साथ-साथ हाव-भाव से भी व्यक्त करने की कोशिश करें।

शिक्षा का क्या अर्थ है इसके क्या कार्य है?

इसे सुनेंरोकेंशिक्षा का मुख्य कार्य मनुष्य में निहित आंतरिक शक्तियों को विकसित करने बाहर लाना है। शिक्षा मनुष्य की अभी क्षमता को विकसित करने एवं उसके कौशल को बाहर निकालने का कार्य करती हैं। शिक्षा यानी कि केवल विद्यालय से प्राप्त की जाए शिक्षा हमारे जीवन पर्यंत चलने वाली प्रक्रिया है, जिसमें कि हम कुछ ना कुछ हमेशा जीवन में रहते हैं।

शिक्षा का क्या अर्थ है एवं इसके क्या कार्य है?

इसे सुनेंरोकेंजॉन डीवी ने शिक्षा के कार्य के विषय में लिखा है कि “शिक्षा का कार्य असहाय प्राणी के विकास में सहायता पहुँचाना है, ताकि वह सुखी नैतिक एवं कुशल मानव बन सके।” डेनियल वेबस्टर का कथन है कि “शिक्षा का कार्य भावनाओं को अनुशासित, संवेगों को नियन्त्रित, प्रेरणाओं को उत्तेजित, धार्मिक भावनाओं को विकसित तथा नैतिकता की अभिवृद्धि …

आकलन कैसे किया जाता है?

शैक्षिक आकलन का उद्देश्य विद्यार्थियों के ज्ञान, कौशलों, नज़रियों और मान्यताओं का निर्धारण करने के लिए उनकी प्रगति पर नजर रखना और सीखने के प्रतिफलों को बेहतर बनाना है। हालाँकि, जैसे विद्यार्थी अलग-अलग तरीकों से सीखते हैं, उसी प्रकार प्रभावी रूप से सीखने का प्रदर्शन भी विभिन्न तरीकों से किया जा सकता है।

बच्चों की प्रगति के आकलन हेतु जब प्रेक्षण वास्तविक जगत की स्थिति में किया जाता है तो उसे क्या कहते हैं?

च्चों की प्रगति के आंकलन हेतु जब प्रेक्षण वास्तविक जगत की स्थिति में किया नाता है तो उसे प्रेक्षण कहते हैं

छात्रों के प्रदर्शन में सुधार कैसे करें?

छात्रों के स्तर के अनुरूप चुनौती रखें और उनको समाधान खोजने के लिए सकारात्मक प्रतिस्पर्धा का अवसर दें। अपने कालांश की शुरूआत सवालों के साथ करें, जवाब के साथ नहीं – सवालों का जवाब रटना बोरियत भरा होता है। ऐसा करके आप छात्रों की सीखने में रिच को बरकरार रख सकते हैं।

आकलन क्यों करना चाहिए?

आकलन की प्रक्रिया में प्रत्येक बच्चे के सीखने के तरीके, उसकी गति और उत्तर देने की शैली को भी समान महत्त्व देना आवश्यक है । बच्चों की विविध विषयों एवं अन्य क्षेत्रों में सीखने, संबंधी प्रगति जानने के लिए एक ही तरीका काफी नहीं होता अपितु विविध तरीकों को इस्तेमाल करना आवश्यक है।