Author: Tanu GuptaPublish Date: Mon, 26 Oct 2020 03:52 PM (IST)Updated Date: Mon, 26 Oct 2020 03:52 PM (IST) Show Urine Infection महिलाओं और वयस्कों को होने वाला ये इंफेक्शन बच्चों को भी हो सकता है। बच्चों में यह संक्रमण एक गंभीर समस्या है ये वयस्कों की तुलना में इन्हें होने की सम्भावना ज्यादा रहती है। सही समय पर इस बीमारी का इलाज करना बेहद जरूरी होता है। आगरा, जागरण संवाददाता। यूटीआई या यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन या मूत्र पथ में संक्रमण सुनते ही दिमाग में सबसे महिलाओं का नाम आता है। क्योंकि हम में से ज्यादात्तर लोगों को लगता है कि यूरिन इंफेक्शन सबसे ज्यादा महिलाओं को होता है लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि महिलाओं और वयस्कों को होने वाला ये इंफेक्शन बच्चों को भी हो सकता है। यूरोलॉजिस्ट डॉ प्रशांत लवानियां के अनुसार बच्चों में यह संक्रमण एक गंभीर समस्या है, ये वयस्कों की तुलना में इन्हें होने की सम्भावना ज्यादा रहती है। सही समय पर इस बीमारी का इलाज करना बेहद जरूरी होता है। पहचानें बच्चों में लक्षण − बुखार आना − दर्दयुक्त मूत्रत्याग − चिड़चिड़ापन − बार-बार मूत्रत्याग − उल्टी − झागयुक्त, गहरा, रक्तयुक्त या दुर्गन्धयुक्त पेशाब होना − कुछ खाना पीना नहीं − पसली और कूल्हे की हड्डी के बीच के हिस्से में या पेट में दर्द खूब पिलाएं पानी संक्रमण के दौरान अपने बच्चे को अधिक से अधिक पानी पिलाएं। अधिक पानी पीने से बच्चे को बार-बार पेशाब आएगी और इससे विषाक्त पदार्थों को जल्दी बाहर निकालने में मदद मिलती है। परन्तु बच्चे को अधिक पानी पीने के लिए मजबूर न करें। यदि आपका बच्चा 6 महीने से कम उम्र का है तो उसे अधिक से अधिक दूध पिलाएं। फलों का रस दें यदि आपका बच्चा 6 महीने से अधिक उम्र का है, तो उसके लिए करौंदा, ब्लूबेरी और अनानास का रस सबसे अच्छे विकल्प हो सकते हैं। इन फलों के गुण मूत्रपथ में हानिकारक जीवाणुओं के विकास व वृद्धि को रोकने में मदद करते हैं इसलिए बच्चों के लिए अक्सर यह फल देने की सलाह दी जाती है। लेकिन बच्चे को किसी भी प्रकार का रस देने से पहले डॉक्टर से सलाह अवश्य लें। इसके अलावा कुछ फलों का रस देने से पहले इसे पतला कर लें ताकि बच्चे के मूत्राशय में एसिड की मात्रा अधिक न हो। नींबू का रस दें नींबू का रस एक मूत्रवर्धक घटक के रूप में कार्य करता है (मूत्रवर्धक घटक मूत्र के बहाव को बढ़ाता है) और हानिकारक जीवाणु व विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है। नींबू के गुण रक्त के पी.एच. स्तर पर प्रभाव डालते हैं और मूत्रपथ के एसिड को एल्कलाइन में बदल देते हैं जो बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकता है। बच्चे को प्रतिदिन नींबू का रस पिलाने से भविष्य में मूत्र पथ के संक्रमण से बचा जा सकता है। रखें सफाइ का ध्यान अपने बच्चे के निजी क्षेत्रों को साफ रखें नियमित रूप से समय-समय पर बच्चे के डायपर बदलती रहें। नया डायपर पहनाने से पहले बच्चे के निजी क्षेत्रों को बेबी टिशू से साफ करें और साथ ही यह करने से पहले अपने हाथों को साफ करना न भूलें। Edited By: Tanu Gupta Updated on: 26 May 2022, 19:55 pm IST
क्या आपके बच्चे को भी पेशाब करने के दौरान जलन होती है? या पेशाब करने में तकलीफ होती है? तो ये दोनों ही यूटीआई के लक्षण हो सकते हैं। बच्चों को यूटीआई? हैरान हो गईं न! पर इसमें हैरानी की कोई बात नहीं है, क्योंकि छोटी बच्चियों को भी यूटीआई हो सकता है। आइए जानते हैं बच्चों में होने वाली यूटीआई (UTI in kids) की समस्या के बारे में विस्तार से। पूजा की सात वर्षीय बेटी अविका लगातार कुछ दिनों से थोड़ी-थोड़ी देर पर टॉयलेट जाने को कहती और फिर जलन और दर्द के कारण ठीक से पेशाब न कर पाने की वजह से रोने लगी। पहले तो पूजा को लगा कि गर्मी और पानी की कमी की वजह से अविका को यह दिक्कत हो रही है। पर जब तमाम प्रीकॉशंस के बावजूद अविका की समस्या नहीं सुलझी, तो पूजा उसे लेकर चाइल्ड स्पेशलिस्ट के पास गई। वहां पूजा ने जाना कि अविका को यूटीआई है। इतनी कम उम्र में अविका को यह इन्फेक्शन होना पूजा के लिए बिलकुल नई बात थी। बच्चों में यूटीआई (UTI in kids)वयस्कों में पेशाब करने के रास्ते में होने वाला संक्रमण ( Urinary tract infection-UTI) सामान्य है। लेकिन क्या आप जानती हैं कि बच्चे भी इस समस्या से ग्रस्त हो सकते हैं। हां, आपने सही पढ़ा है। यह समस्या कब होती है, इसके क्या कारण है और इससे कैसे बचाव किया जा सकता है, इस बारे में विस्तार से बात कर रहे हैं मूलचंद हॉस्पिटल, कंसलटेंट पीडियाट्रीशियन डॉ शेखर वशिष्ठ डॉ शेखर कहते हैं, “ बच्चे ही नहीं शिशुओं को भी यूटीआई हो सकता है। फीमेल चाइल्ड में इस इन्फेक्शन की संभावना अधिक होती है। वहीं दिव्यांग बच्चे को यूटीआई का खतरा स्वस्थ बच्चों की तुलना में ज़्यादा हो सकता है। क्या है यूटीआई?यूटीआई को यूरीनल ट्रैक यानी पेशाब के रास्ते के उस हिस्से की सूजन के रूप में समझा जा सकता है, जिसमें गुर्दे, यूरीनल ग्लैंड, ब्लैडर और यूरीनल ट्रैक (kidneys, ureters, bladder, and urethra) शामिल हैं। यूटीआई का सबसे आम कारण बैक्टीरिया है और यह मूत्र प्रणाली के किसी भी हिस्से को संक्रमित कर सकता है। ” यह किसी को भी हो सकता है। जब रोगाणु मूत्रमार्ग में प्रवेश करते हैं, तो मूत्राशय, मूत्रवाहिनी और गुर्दे में भी जाते हैं और फिर बढ़ते जाते हैं। यूटीआई के लिए जिम्मेदार सबसे आम बैक्टीरिया एस्चेरिचिया कोलाई (ई. कोलाई) है, जो कोलन में मौजूद होता है।” बच्चों को पेशाब के रास्ते की सफाई का खास ध्यान रखना चाहिएकैसे पता चलेगा कि बच्चे को यूटीआई है?यूटीआई के लक्षणों के बारे में पूछे जाने पर, डॉक्टर शेखर जवाब देते हैं, “यदि आपके बच्चे को बुखार, दुर्गंधयुक्त पेशाब और पेशाब करने में जलन एक साथ हो, तो ये यूटीआई के लक्षण हो सकते हैं। बच्चा अगर बहुत छोटा है, तो वह बता नहीं पाएगा, पर उसका रोना बहुत बढ़ जाएगा। विशेषकर पेशाब के दौरान। कई बार स्थिति उलट भी हो सकती है। बुखार के कारण उसका रेस्टलेस होना या दूध नहीं पीना भी यूरिनल इन्फेक्शन की ओर संकेत करता है। अचानक पेशाब लगना , बार-बार पेशाब आना, पेशाब के रास्ते में खुजली होना, पेशाब करते हुए दर्द होना, थकान, पेशाब में खून आना और बुखार होना बड़े बच्चों में देखे जा सकने वाले लक्षण हैं।” बच्चों की यूटीआई का कैसे होता है उपचारइलाज के लिए मूत्र परीक्षण यानी यूरिन कल्चर कराना पहला चरण है। यूटीआई की जांच के लिए यूरिन कल्चर और एंटीबायोटिक सेंसिटिविटी या किडनी का अल्ट्रासाउंड किया जा सकता है। डॉक्टर शेखर सलाह देते हैं, “एक बार जब आप लक्षणों को नोटिस करते हैं, तो और देरी न करें, क्योंकि इससे आपके बच्चे की हालत खराब हो सकती है।” उपचार किस तरह का हो यह बच्चे की उम्र और स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। वे आगे कहते हैं, “बच्चे का दर्द कम करने के लिए एंटीबायोटिक्स दी जाती है जो इसका एक मात्र उपाय है। दर्द से आराम के लिए अगर आप भी बच्चे को हॉट बैग्स का इस्तेमाल करने की सलाह दे रहीं हैं, तो ध्यान रखें यह इसका इलाज नहीं है। पर्याप्त पानी पीना इस समस्या को दूर तो नहीं कर सकता पर इससे निपटने में मदद ज़रूर कर सकता है। यूटीआई की समस्या कई बार बढ़ कर खतरनाक रूप ले लेती है। ऐसे में बच्चों को अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता भी पड़ सकती है।” कैसे हो बचावजब बच्चों में यूटीआई को रोकने की बात आती है, तो डॉक्टर शेखर कहते हैं – 1 माता-पिता को बच्चों की हाइजीन का खास ख्याल रखना
चाहिए। ध्यान रहेयूटीआई जिसे आम भाषा में यूरीनल इन्फेक्शन के तौर पर जाना जाता है, को नज़रंदाज़ करना या डॉक्टर की सलाह के बिना इलाज करने की कोशिश करना निश्चित रूप से इसे खतरनाक बना सकता है। इससे इन्फेक्शन बढ़ते-बढ़ते बच्चे के ब्लैडर और फिर किडनी तक पहुंच सकता है, जो जानलेवा भी साबित हो सकता है। यह भी पढ़ें: गुलाब की ताज़गी भूल जाएंगी जब पिएंगी बुरांश का शरबत, महिलाओं के लिए बेहद फायदेमंद है ये रेसिपी छोटे बच्चे के पेशाब में जलन हो तो क्या करें?संक्रमण के दौरान अपने बच्चे को अधिक से अधिक पानी पिलाएं। अधिक पानी पीने से बच्चे को बार-बार पेशाब आएगी और इससे विषाक्त पदार्थों को जल्दी बाहर निकालने में मदद मिलती है। परन्तु बच्चे को अधिक पानी पीने के लिए मजबूर न करें। यदि आपका बच्चा 6 महीने से कम उम्र का है तो उसे अधिक से अधिक दूध पिलाएं।
बच्चे को पेशाब में जलन क्यों होती है?यूरिन इंफेक्शन के कारण बच्चे को पेशाब में जलन और पेट में दर्द की शिकायत रहती है। गंभीर स्थिति में बच्चा बार-बार अपने जननांगों पर हाथ मारता है। उसे बार-बार यूरिन आने का अहसास होता है। 100 में से 15 बच्चों को होती है जन्मजात रिफलक्स की समस्या जिसकी वजह संक्रमण होता है।
पेशाब की जलन को कैसे दूर किया जाए?पेशाब में जलन को रोकने के घरेलू उपाय. पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं.. नींबू पानी और पुदीना अर्क का सेवन करें.. फलों का जूस पिएं.. ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियों का सेवन करें.. नारियल पानी का सेवन करें.. पेशाब में जलन की दवा क्या है Syrup?एज़ोफ़्लॉक्स यूटीआई टैबलेट एक एंटीबायोटिक है जिसका इस्तेमाल मूत्रमार्ग के इन्फेक्शन के इलाज और रोकथाम के लिए किया जाता है. यह मूत्रमार्ग के इन्फेक्शन के कारण होने वाले मूत्र मार्ग के दर्द, जलन, परेशानी, और बेचैनी के साथ-साथ बार-बार पेशाब आने और पेशाब करने की तीव्र इच्छा आदि से भी राहत दिलाता है...
|