Show Synopsisएंडोमेट्रैटिस (बच्चेदानी में सूजन), गर्भाशय की एक ऐसी स्थिति है जिसमें गर्भाशय के भीतरी अस्तर में किसी संक्रमण के कारण सूजन आ जाती है। यह लेख बच्चेदानी में सूजन की समस्या पर प्रकाश डालता है तथा इसके कारण, लक्षण, निदान, तथा उपचार के बारे में जानकारी साझा करता है। एंडोमेट्रैटिस (Endometritis) अथवा बच्चेदानी में सूजन, गर्भाशय की एक ऐसी स्थिति है जिसमें गर्भाशय के भीतरी अस्तर में किसी संक्रमण के कारण सूजन आ जाती है। एंडोमेट्रैटिस की समस्या महिलाओं में उनके प्रसव के वर्षों में पाई जाती है। कुछ मामलों में एंडोमेट्रैटिस 11 वर्षीय कन्याओं में भी देखा गया है जो की दुर्लभ है। इसके अलावा यह स्थिति उन महिलाओं, जिनका मासिक धर्म रुक गया है, में भी दुर्लभ है। यह आमतौर पर जानलेवा नहीं है परन्तु इसका जल्द से जल्द कराना महत्वपूर्ण है अन्यथा यह प्रजनन अंगों, प्रजनन क्षमता, तथा अन्य सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं की जटिलताओं को जन्म दे सकता है। यह लेख बच्चेदानी में सूजन की समस्या पर प्रकाश डालता है तथा इसके कारण, लक्षण, निदान, तथा उपचार के बारे में जानकारी साझा करता है। बच्चेदानी में सूजन: लक्षणएंडोमेट्रैटिस में आमतौर पर निम्नलिखित लक्षण प्रकट होते हैं: • पेट में सूजन बच्चेदानी में सूजन: कारणगर्भाशय ग्रीवा, जो गर्भाशय के सबसे निचला हिस्सा है तथा गर्भाशय का प्रवेश द्वार है, आमतौर पर बैक्टीरिया को गर्भाशय से बहार रखता है। परन्तु प्रसव तथा सर्जरी के दौरान जब गर्भाशय ग्रीवा खुली होती है, बैक्टीरिया गर्भ में प्रवेश कर सकते हैं। यही बैक्टीरिया एंडोमेट्रैटिस का कारण बनता है। आइये एक नज़र डालते हैं एंडोमेट्रैटिस के संभावित जोखिम कारकों तथा कारणों पर। • यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई) और अन्य बैक्टीरिया बच्चेदानी में सूजन: निदानएंडोमेट्रैटिस के निदान के लिए डॉक्टर महिला की चिकित्सा इतिहास को जानने के साथ-साथ कुछ शारीरिक परीक्षा के साथ शुरू करते हैं जिसमें आंतरिक प्रजनन अंगों का मूल्यांकन करना शामिल है। इसके साथ-साथ डॉक्टर लक्षणों के पीछे के कारणों को समझने के लिए निम्नलिखित परीक्षणों का सुझाव दे सकता है: • रक्त परीक्षण बच्चेदानी में सूजन: उपचारबच्चेदानी में सूजन का इलाज में डॉक्टर का उद्देश्य गर्भाशय से संक्रमण और सूजन को दूर करना होता है जिसमें निम्नलिखित उपचार विकल्प शामिल हो सकते हैं: • एंटीबायोटिक्स यदि संक्रमण यौन संचारित है, तो महिला के पुरुष साथी को भी इलाज की आवश्यकता हो सकती है। बच्चेदानी में सूजन: डॉक्टर से कब परामर्श लेंयदि महिला को अधिक पेल्विक दर्द या बेचैनी महसूस होती है या असामान्य स्खलन या रक्तस्राव हो रहा है, तो बिना किसी देरी के अपने डॉक्टर से तुरंत मिलना चाहिए। कुछ मामलों में देरी करने से, संक्रमण में बहुत गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं। इसीलिए यह आवशयक है की समय से उपचार शुरू हो जाए क्योंकि यदि सही समय पर उपचार शुरू नहीं किया तो तो निम्नलिखित जटिलताएं हो सकती हैं: • बांझपन CommentsArticles2020 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 20 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2019 2021 2018 2022 2022 Tools to help you plan betterGet quick understanding of your fertility cycle and accordingly make a schedule to track it बच्चेदानी की सूजन कम करने के लिए क्या करें?बच्चेदानी में सूजन: डॉक्टर से कब परामर्श लें
बच्चेदानी में सूजन होने से क्या दिक्कत होती है?आमतौर पर इसका आकार निश्चित होता है. लेकिन कई स्थितियों में बच्चेदानी में सूजन के दौरान पेट का आकार बढ़ता जाता है और बाहर से देखने में ये किसी फुटबॉल जैसा या प्रेगनेंसी जैसा लगने लगता है. ज्यादातर महिलाओं में बच्चेदानी का सूजन होने पर हल्का बुखार, मितली, सिर दर्द, पेट दर्द और कमर दर्द की समस्या लगातार बनी रहती है.
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