भारत में औपनिवेशिक शासन की आर्थिक नीतियों का केंद्र बिंदु क्या था? उन नीतियों के क्या प्रभाव हुए? Show औपनिवेशिक शासकों द्वारा रची गई आर्थिक नीतियों का ध्येय भारत का आर्थिक विकास नहीं था अपितु अपने मूल देश के आर्थिक हितों का संरक्षण और संवर्धन ही था। इन नीतियों ने भारत की अर्थव्यवस्था के स्वरूप के मूलरूप को बदल डाला।
Concept: औपनिवेशिक शासन के अंतर्गत निम्न-स्तरीय आर्थिक विकास Is there an error in this question or solution? भारत में औपनिवेशिक शासन की आर्थिक नीति का केंद्र बिंदु क्या था?औपनिवेशिक शासन का मुख्य उद्देश्य इंग्लैंड में तेज़ी से विकसित हो रहे औद्योगिक आधार के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था को केवल एक कच्चा माल प्रदायक तक ही सीमित रखना था।
भारत में औपनिवेशिक शासन की आर्थिक नीतियों का केंद्र बिंदु क्या था उन नीतियों के क्या प्रभाव हुए अथवा?खेती ही भारत के आत्मनिर्भर होने का मूल आधार थी लेकिन अंग्रेजों ने भारत की अर्थव्यवस्था को नष्ट करने के लिए भूमि व्यवस्था को बदलकर जमींदारी प्रथा आरंभ की। इससे वास्तविक किसान निरंतर गरीब होते रहे। खेती पर देश की आत्मनिर्भरता नष्ट होती गई।
भारत में औपनिवेशिक नीति का क्या प्रभाव पड़ा?अंग्रेजों द्वारा उद्योग लगाने के कम में आधारभूत संरचना का विकास किया गया, जिसका लाभ भारत को भी मिला। सीमित मात्रा में लोगों को रोजगार मिला लेकिन मजदूरों को शोषण का शिकार होना पड़ा। औपनिवेशिक अर्थव्यवस्था के परिणाम स्वरूप सबसे बड़ा लाभ भारत में राष्ट्रवाद का उदय के रूप में मिला।
औपनिवेशिक शासन क्या है in Hindi?उपनिवेशवाद से तात्पर्य किसी शक्तिशाली एवं विकसित राष्ट्र द्वारा किसी निर्बल एवं अविकसित देश पर उसके संसाधनों को अपने हित में दोहन करने के लिये राजनीतिक नियत्रंण स्थापित करना है। इस क्रम में औपनिवेशिक शक्ति अपने उद्देश्य की पूर्ति के लिये उपनिवेशों पर सामाजिक-आर्थिक एवं सांस्कृतिक नियंत्रण भी स्थापित करती है।
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