भारत में पेट्रोलियम कहां से आता है - bhaarat mein petroliyam kahaan se aata hai

ईरान से तेल आयात करने पर क्या भारतीयों को सस्ता मिलेगा पेट्रोल और डीज़ल?

  • ज़ुबैर अहमद
  • बीबीसी संवाददाता

10 मार्च 2021

भारत में पेट्रोलियम कहां से आता है - bhaarat mein petroliyam kahaan se aata hai

इमेज स्रोत, Getty Images

भारत में पेट्रोलियम कहां से आता है - bhaarat mein petroliyam kahaan se aata hai

पेट्रोल और डीज़ल के बढ़ते दाम को कम करने के उद्देश्य से भारत सरकार इस कोशिश में है कि वो कच्चे तेल की ईरान और वेनेज़ुएला से आयात बहाल करे.

इस समय अमेरिकी प्रतिबंध के कारण भारत, ईरान और वेनेज़ुएला से तेल नहीं ख़रीद रहा है

सोमवार को विपक्ष ने संसद में तेल के बढ़ते दाम पर सरकार की कड़ी आलोचना की और इससे दाम कम करने की मांग की.

साल 2019 के शुरू में भारत ने वेनेज़ुएला से सीधे तौर पर तेल का आयात रोक दिया था.

वेनेज़ुएला से आयात किए जाने वाले कच्चे तेल का भारत में सबसे बड़ा ख़रीदार रिलायंस था. उसी साल जून में ईरान से ही अमेरिकी प्रतिबंध के कारण ईरान से आयात रोकना पड़ा.

उस समय ईरान भारत का सऊदी अरब और इराक़ के बाद तीसरा सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता था. भारत एक समय में वेनेज़ुएला के तेल का भी एक बड़ा ख़रीदार था

बीजेपी के गोपाल कृष्ण अग्रवाल एक और विकल्प की बात करते हैं और वो यह है कि भारत सरकार ईरान और वेनेज़ुएला से कच्चा तेल ख़रीदने की कोशिश कर रही है.

जो बाइडन के राष्ट्रपति बनने के बाद भारत सरकार को ये आशा है कि ईरान पर लगे प्रतिबंध पर ढील दी जाएगी. इसके लिए सरकार अपनी तरफ़ से कोशिश कर रही है. कुछ समय पहले मीडिया से बात करते हुए तेल मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी कहा था कि इन दोनों देशों से तेल आपूर्ति बहाल करने की कोशिश जारी है.

भारत को क्या फ़ायदा होगा?

ईरान, भारत को तेल डॉलर के बदले भारतीय मुद्रा रुपए में देता है. ईरान उन रुपयों से भारत से सामान ख़रीदता है. यह सौदा दोनों देशों के लिए फ़ायदे वाला है.

इस हफ़्ते अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की क़ीमत 71 डॉलर प्रति बैरल हो गई है, जिससे पेट्रोल का दाम भारत में ही बढ़ने के आसार हैं, जहाँ कुछ शहरों में पहले से ही पेट्रोल का दाम बढ़कर 100 रुपए प्रति लीटर तक पहुँच चुका है.

पेट्रोल, डीज़ल और एलपीजी (रसोई गैस) के बढ़ते दाम को नियंत्रण में लाने के लिए भारत सरकार कई तरह के क़दम उठाने की कोशिश में लगी है लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में हालात सरकार की इन कोशिशों में बड़ी बाधाएं हैं.

सऊदी अरब और तेल पैदा करने वाले दूसरे देशों के संगठन ओपेक ने कच्चे तेल का उत्पादन घटाया है ताकि इसकी माँग बढ़े और दाम भी. भारतीय मीडिया की ख़बरों के मुताबिक़ भारत ओपेक देशों के ख़िलाफ़ तेल की खपत करने वाले देशों को संगठित करने के लिए कूटनीतिक प्रयास कर सकता है

भारत रूस, अमेरिका, नाइजीरिया और ब्राज़ील से भी तेल ख़रीदता है. लॉकडाउन के बाद अब भारत की अर्थव्यवस्था में तेल की मांग बढ़ी है.

आम जनता को राहत मिलेगी?

कच्चे तेल का आयात करने वाला भारत दुनिया का तीसरा सब से बड़ा देश है (अमेरिका और चीन के बाद). पिछले साल उसे अपनी खपत का 85 फ़ीसदी पेट्रोलियम उत्पाद आयात करना पड़ा जिस पर मोदी सरकार ने 120 अरब डॉलर खर्च किए थे

लेकिन यहाँ एक महत्वपूर्ण सवाल ये है कि क्या ईरान और वेनेज़ुएला से तेल आयात का फ़ायदा भारत के आम लोगों को मिलेगा?

पिछले साल लॉकडाउन के बाद अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में जब कच्चे तेल का दाम गिर कर 20 डॉलर प्रति लीटर पर आग या था तो पेट्रोल का दाम बढ़ा था, कम नहीं हुआ था. सिंगापुर में तेल विशेषज्ञ वंदना हरि कहती हैं कि इसका कारण था मोदी सरकार का तेल पर एक्साइज ड्यूटी दो बार बढ़ाना.

दरअसल, 2014 से 106 डॉलर प्रति बैरल से तेल का दाम लगातार गिरा है लेकिन भारत सरकार ने हमेशा एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई है जिसके कारण आम जनता को तेल के दाम में कमी का फ़ायदा नहीं मिल सका है.

ऑयल एंड नैचुरल गैस कमिशन के पूर्व अध्यक्ष आरएस शर्मा बताते हैं, "2014 में जब यह सरकार सत्ता में आई, तो तेल की क़ीमत 106 डॉलर प्रति बैरल थी. उसके बाद से क़ीमतों में कमी आ रही है. हमारे पीएम ने भी मज़ाक में कहा था कि मैं भाग्यशाली हूँ कि जब से मैं सत्ता में आया हूँ, तेल की दरें कम हो रही हैं. उस समय पेट्रोल की क़ीमत 72 रुपए प्रति लीटर थी. सरकार ने भारत में क़ीमत कम नहीं होने दीं, इसके बजाय सरकार ने उत्पाद शुल्क में वृद्धि की."

तेल मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को संसद में ये स्वीकार किया कि घरेलू रसोई गैस की क़ीमत पिछले सात वर्षों में दोगुना होकर 819 रुपये प्रति सिलिंडर हो गई है, जबकि पेट्रोल और डीजल पर करों में 459% की बढ़ोतरी हुई है.

सब्सिडी की कितनी उम्मीद रखें?

केंद्रीय सरकार ईरान और वेनेज़ुएला से तेल के आयात को बहाल करने की कोशिश के अलावा तेल के एक्साइज ड्यूटी को थोड़ा कम करने पर विचार कर रही है, जिससे पेट्रोल और डीज़ल के दाम में औसतन पाँच रुपए प्रति लीटर तक की कमी आ सकती है. हालाँकि सब्सिडी की उम्मीद कम रखननी चाहिए.

सत्तारूढ़ बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल का तर्क है, "सब्सिडी समाज को पीछे धकेलने की तरफ़ एक क़दम है. सोचिए, अगर पेट्रोल की क़ीमतें घटती हैं, तो अमीरों को भी फ़ायदा होगा, न केवल ग़रीबों को. गैस में हम ऐसा कर पाए. पीएम कहते हैं कि अच्छी अर्थव्यवस्था, अच्छी राजनीति है और लोग इसे महसूस कर रहे हैं."

ख़बर यह है कि 15 मार्च तक सरकार कोई ठोस फै़सला ले सके. लेकिन एक्साइज ड्यूटी राज्य सरकारें भी लगाती हैं. राज्य सरकारों को भी ये क़दम उठाना पड़ेगा

तेल से होने वाली कमाई में केंद्र का हिस्सा सबसे ज़्यादा है. हर 100 रुपए के तेल पर केंद्र और राज्य सरकारों के कर और एजेंट के कमिशन को जोड़ें तो 65 रुपए बनते हैं जिनमे 37 रुपए केंद्र के हैं और 23 रुपए पर राज्य सरकारों का हक़ है.

वीडियो कैप्शन,

पेट्रोल और डीज़ल के दाम क्या कम होने वाले हैं?

भारत में पेट्रोल कौन से देश से आता है?

भारत को कहां से मिलता है तेल? तेल खपत में अमेरिका और चीन के बाद भारत दुनिया का सबसे बड़ा देश है. भारत अपनी ज़रूरत का 80 फ़ीसदी तेल आयात करता है. साल 2021 में, भारत ने रूस से 1 करोड़ 20 लाख बैरल तेल आयात किया था, जो कि उसके कुल आयात का महज़ 2 फ़ीसदी था.

भारत में पेट्रोलियम कहाँ कहाँ पाया जाता है?

1. ऊपरी असम या नाहरकाटिया-मोरान, क्षेत्र इस क्षेत्र में प्रमुख तेल कुएं हैं डिगबोई, नाहरकाटिया, मोरान, लकवा, सिब्स अगर और रुद्रसागर। 2. बॉम्बे हाई यह एक अपतटीय स्रोत है, जो मुंबई के उत्तर-पश्चिम में 167 किमी दूर है।.
गुजरात में कच्छ-सौराष्ट्र क्षेत्र.
केरल-कोकण क्षेत्र.
महानदी बेसिन।.

भारत में सबसे ज्यादा पेट्रोल कहाँ पाया जाता है?

सबसे ज्यादा पेट्रोलियम हमारे देश में राजस्थान में पाया जाता है।

क्या भारत में तेल के कुएं हैं?

सही उत्तर असम है। भारत में, तेल के कुएं असम में पाए जाते हैं