भौतिक विज्ञान के मुख्य उद्देश्य कौन से हैं? - bhautik vigyaan ke mukhy uddeshy kaun se hain?

Que : 23. भौतिकी शिक्षण के उद्देश्यों का वर्णन कीजिये।

Answer:  एन.सी.ई.आर.टी. तथा विभिन्न आयोगों की विभिन्न सिफारिशों के आधार पर भौतिकी शिक्षण के उद्देश्य निम्न हैं-

1. छात्रों के वर्तमान पर्यावरण की खोज करना।

2. पर्यावरण की विभिन्न घटकों से संबंधित, प्रश्नों को बनाना।

3. रिकार्डों तथा रिपोर्टों का मौखिक, लिखित और ग्राफिय प्रेक्षण करना।

4. प्रेक्षण या दूसरे साधनों द्वारा संकलित सूचनाओं को छात्रों हेतु उपयोगी बनाना तथा छात्रों को देना।

5. वस्तुओं, घटनाओं तथा प्रयोगों का वर्गीकरण करना।

6. एक निर्धारित नमूने के विकास हेतु जरूरी वस्तुओं तथा आँकड़ों को क्रमबद्ध करना।

7. आँकडों को पहचान कर विश्लेषित करना ताकि कारण तथा प्रभाव के संबंध में खोज की जा सके।

8. ठोस तथा विश्वसनीय स्थितियों के आधार पर आँकड़ों का विश्लेषण करना, परिणाम ज्ञात करना।

9. ठोस तथा विश्वसनीय स्थितियों के विश्लेषण के आधार पर पूर्व अनुमान लगाना।

10. साधारण प्रयोग को बनाना तथा उससे संबंधित समस्याओं को हल करना।

11. आँकड़ों तथा तथ्यों के आधार पर निर्णय लेना।

12. भौतिक विज्ञान के विकास हेतु भारतीय भौतिकी वैज्ञानिकों के योगदानों को प्रत्यास्मरण करना।

13. देश के राष्ट्रीय संसाधन स्त्रोतों को पहचानना तथा उनका सही प्रयोग करना।

14. राष्ट्रीय संसाधन स्त्रोतों के व्यर्थ उपयोग तथा प्रदूषण को रोकने हेतु कदम उठाना।

15. समाज के आर्थिक तथा सामाजिक विकास में एवं वैज्ञानिक और तकनीकी योगदानों में संबंध स्थापित करना।

16. छात्रों को भौतिकी ज्ञान की प्रकृति को समझने तथा उपयोग करने में सहायता करना।

17. वैज्ञानिक ज्ञान तथा वैज्ञानिक विधियों की दैनिक जीवन में उपयोगिता को ममझने पर जोर देना।

18. वैज्ञानिक अभिवृत्ति, वैज्ञानिक दृष्टिकोण, भौतिकी ज्ञान विस्तार तथा सहयोग की भावना का विकास करना।

19. भौतिकी ज्ञान का उपयोग छात्रों में सामाजिक तथा नैतिक मूल्यों के विकास हेतु करना।

20. उपकरणात्मक, संचारात्मक तथा समस्या को हल करने के कौशलों का विकास करना।

21. ऐसे अवसर प्रदान करना जिनसे वे वैज्ञानिक विधियों के प्रति प्रेरित हों।

22. प्रजातांत्रिक मूल्यों का विकास करना।

23. स्व-अध्ययन की आदत तथा कौशल का विकास करना।

24. वैज्ञानिक व्यवहार को अपनाने हेतु प्रेरित करना।

25. विज्ञान अनुशासन का विकास करना।

Que : 15. माध्यमिक विद्यालयों में भौतिक विज्ञान शिक्षण के इन लक्ष्यों का वर्णन कीजिए-

(i) व्यक्तिगत विकास का लक्ष्य

(ii) अधिगमकर्ता के शैक्षिक एवं कौशल विकास प्रक्रिया का लक्ष्य

(iii) विषय संबंधी लक्ष्य

(iv) सांस्कृतिक लक्ष्य।

Answer:  किसी शैक्षिक प्रक्रिया के लिए निर्धारित सामान्य प्रयोजन लक्ष्य कहलाता है। लक्ष्य की प्राप्ति के लिए जिन बातों का सहारा लेना होता है, उन्हें उद्देश्य कहते हैं। उद्देश्य का क्षेत्र सीमित और लक्ष्य का क्षेत्र व्यापक होता है। प्रत्येक विषय के शिक्षण के अपने लक्ष्य होते हैं जिनकी प्राप्ति के लिए उद्देश्य तैयार किये जाते हैं। एक लक्ष्य के कई उद्देश्य हो सकते हैं।

माध्यमिक विद्यालयों में भौतिक विज्ञान शिक्षण के लक्ष्यों को इन चार वर्गों में विवेचित किया जा सकता है-

(1) व्यक्तिगत विकास का लक्ष्य- भौतिक विज्ञान के शिक्षण का लक्ष्य छात्रों अधिगमकर्ताओं का व्यक्तिगत विकास करना है। यह विकास उनमें भौतिक विज्ञान के अध्ययन के प्रति रुचि एवं जिज्ञासा, रचनात्मकता और सौंदर्य बोध उत्पन्न करना है। भौतिक विज्ञान शिक्षण से छात्र का दृष्टिकोण वैज्ञानिक हो जाता है। वह परम्परागत रूढ़ि या अन्धविश्वास से मुक्त होकर वैज्ञानिक सोच स्वयं में उत्पन्न करता है। इस प्रकार छात्र के मानसिक विकास का द्वार खुलता है। भौतिक विज्ञान शिक्षण से छात्रों में व्यवहारगत परिवर्तन आता है। उनमें तर्क शक्ति, विश्लेषण क्षमता उत्पन्न होती है। इस प्रकार छात्रों के मानसिक विकास में यह विज्ञान सहायक है। भौतिक विज्ञान के अध्ययन में छात्रों से प्राप्त लाभों को एकत्रित, संगठित और वर्गीकृत करने की क्षमताओं का विकास होता है। छात्रों में पर्यावरण में होने वाला घटनाओं के कार्य-कारण सम्बन्ध की जाँच की योग्यता विकसित होती है। छात्रों में भौतिक मापन क्रिया से कौशलों का विकास होता है। उन्हें भौतिक उपकरणों का सही प्रकार से उपयोग करना आ जाता है और भौतिक प्रयोग के लिए कौशल विकसित होता है।

(2) अधिगमकर्ता के शैक्षिक एवं कौशल विकास प्रक्रिया का लक्ष्य- माध्यमिक स्तर पर भौतिक विज्ञान शिक्षण का एक अन्य महत्त्वपूर्ण लक्ष्य अधिगमकर्ता/विद्यार्थियों में शैक्षिक विकास तथा कौशल विकास प्रक्रिया की लक्ष्य पूर्ति है। इस सम्बन्ध में एंडरसन और क्रपवोह ने वर्गीकरण पर व्यापक विचार कर बताया है कि स्मरण करना (स्मृति के प्रासंगिक ज्ञान को पुनः प्रतिष्ठापित करना) के रूप में पहचानना प्रत्यास्मरण करना, समझ कर विवेचना करना, उदाहरण देना, अनुमान लगाना तना अनुप्रयोग करना, विश्लेषित व मूल्यांकित करना आदि का संज्ञान अधिगमकर्ताओं में करने में भौतिक विज्ञान सक्षम है। इस प्रकार शैक्षिक तथा कौशल विकास प्रक्रिया के लक्ष्य अधिगमकर्ता में भौतिक विज्ञान शिक्षण द्वारा पूर्ण होते हैं।

(3) विषय संबंधी लक्ष्य- भौतिक विज्ञान शिक्षण के विषय संबंधी लक्ष्य हैं-

(i) प्राथमिक तथा उच्च प्राथमिक स्तर पर भौतिक विज्ञान के जो लक्ष्य प्राप्त हुए उन्हें माध्यमिक स्तर में अधिक स्थायी बनाना;

(ii) प्रयोग करने की क्षमता का विकास करना;

(iii) प्रयोग के अवलोकन से प्राप्त तथ्यों का सही निर्वचन (इंटरप्रिटेशन) करने की क्षमता विकसित करना;

(iv) तार्किक निर्णयन शक्ति का विकास करना;

(v) घटनाओं के अध्ययन में कार्यकारण संबंध स्थायी करना;

(vi) भौतिकी पर आधारित व्यवसायों के लिए विद्यार्थियों को तैयार करना;

(vii) उच्चतर माध्यमिक स्तर में भौतिकी के अध्ययन के लिए आधार पुख्ता करना;

(viii) विषय संबंधी रुचि का विकास करना;

(ix) वैज्ञानिक दृष्टिकोण तथा वैज्ञानिक विधि की सोच की पद्धति छात्रों में विकसित करना।

(4) सांस्कृतिक लक्ष्य- भौतिक विज्ञान शिक्षण का सांस्कृतिक लक्ष्य छात्रों में अपने देश की संस्कृति का ज्ञान देना तथा देश की सांस्कृतिक धरोहरों को सुरक्षित रखना व उनमें उन्नति करना है। भौतिक विज्ञान शिक्षण को संस्कृति का पोषक या सृजनकर्ता इसलिए कुहा जाता है कि कला, संगीत, रहन-सहन, आचार-विचार पर भौतिकी के सिद्धान्त प्रभावी होते हैं भौतिक विज्ञान लोगों को जीवन के प्रति दृष्टिकोण तथा जीवन-पद्धति से परिचित करता है। इसी है प्रकार भौतिक विज्ञान में होने वाले नए-नए आविष्कारों ने हमारे जीने का ढंग और संस्कृति में भी बदलाव आता है। इस विषय का शिक्षण का लक्षण इस प्रकार छात्रों को अपनी संस्कृति का ज्ञान कराना भी है।


भौतिक विज्ञान के उद्देश्य क्या है?

भौतिकी, प्रकृति विज्ञान की एक विशाल शाखा है। भौतिकी को परिभाषित करना कठिन है। कुछ विद्वानों के मतानुसार यह ऊर्जा विषयक विज्ञान है और इसमें ऊर्जा के रूपांतरण तथा उसके द्रव्य संबन्धों की विवेचना की जाती है।

विज्ञान का उद्देश्य क्या है?

विज्ञान के उद्देश्य (Purpose of Science in Hindi) परंपरागत रुप से विज्ञान का मुख्य उद्देश्य ज्ञान और समझ का निर्माण करना है। ताकि मानव जाति का विकास और कल्याण हो। मानव जाति के कल्याण और विकास के लिए ही वैद्य और विश्वसनीय ज्ञान उत्पन्न करना है। मनुष्य को सदैव प्राकृतिक रहस्यों को जानने की जिज्ञासा रही है।

भौतिक महत्व क्या है?

1.1 भौतिकी क्या है? परिघटनाओं में अर्थपूर्ण पैटर्न तथा संबंध खोजे हैं, तथा प्रकृति के साथ प्रतिक्रिया कर सकने के लिए नए औजारों को बनाया तथा उनका उपयोग किया है। कालान्तर में मानव के इन्हीं प्रयासों से आधुनिक विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी का मार्ग प्रशस्त हुआ हैं।

भौतिक विज्ञान का जनक कौन है?

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