बल तथा गति के नियम नोट्स PDF - bal tatha gati ke niyam nots pdf

9 Class Science Chapter 9 बल तथा गति के नियम Notes In Hindi Force and Laws of Motion

Textbook NCERT
Class Class 9
Subject Science
Chapter Chapter 9
Chapter Name बल तथा गति के नियम
Category Class 9 Science Notes
Medium Hindi

Class 9 Science Chapter 9 बल तथा गति के नियम Notes In Hindi जिसमे हम बल , बल के प्रभाव , बल के प्रकार , न्यूटन के गति के नियम , संवेग संरक्षण का सिद्धांत आदि के बारे में पड़ेंगे ।

Class 9 Science Chapter 9 बल तथा गति के नियम Force and Laws of Motion Notes In Hindi

📚 Chapter = 9 📚
💠 बल तथा गति के नियम 💠

❇️ बल :-

🔹 यह किसी भी कार्य को करने में मदद करता है । किसी भी कार्य को करने के लिए , या तो हमें वस्तु खींचनी पड़ती है या धकेलनी पड़ती है । इसी खींचने और धकेलने को ही बल कहा जाता है । 

🔹 उदाहरण :- 

  • दरवाजे को खोलने के लिए या तो दरवाजा खींचा जाता है या धकेला जाता है । 
  • अलमारी की किसी भी दराज़ को खोलने के लिए खींचना पड़ता है और बन्द करने के लिए धकेलना पड़ता है ।

❇️ बल का प्रभाव :-

🔹 बल किसी स्थिर वस्तु को गतिशील बनाता है , 

  • उदाहरण :- एक फुटबाल को पैर से धक्का मारने पर वह गतिशील हो जाती है । 

🔹 बल किसी गतिशील वस्तु को स्थिर कर देता है । 

  • जैसे :- गाड़ियों में ब्रेक लगाने से गाड़ी रूक जाती है । 

🔹 बल किसी भी गतिशील वस्तु की दिशा बदल देता है । 

  • जैसे :- साइकिल के हैंडल पर बल लगाने से उसकी दिशा बदल जाती है । इसी प्रकार कार का स्टिरिंग ( Steering ) घुमाने से दिशा बदल जाती है । 

🔹 बल किसी गतिशील वस्तु के वेग ने परिवर्तन कर देता है । 

  • जैसे :- त्वरित करने से किसी वाहन के वेग को बढ़ाया जा सकता है और ब्रेक लगाने से इसके वेग को कम किया जा सकता है ।  

🔹 बल किसी वस्तु की आकृति और आकार में परिवर्तन कर देता है ।

  • जैसे :- हथौड़ा मारने से किसी भी पत्थर के कई टुकड़े हो जाते हैं ।

❇️ बल के प्रकार :-

🔹 बल दो प्रकार के होते हैं 

  • सन्तुलित बल 
  • असन्तुलित बल । 

❇️ सन्तुलित बल :-

🔹 बल संतुलित कहे जाते हैं जब वे एक दूसरे को निष्प्रभावी करते हैं और उनका परिणामी ( नेट ) बल शून्य होता है । 

🔹 उदाहरण :- रस्साकशी के खेल में जब दोनों टीम रस्से को बराबर बल से खींचती हैं । तब परिणामी बल शून्य होगा और दोनों टीमें अपने स्थान पर स्थिर बने रहते हैं । इस दशा में दोनों टीमों द्वारा रस्से पर लगाया गया बल सन्तुलित बल है । 

🔶 संतुलित बल के प्रभाव :-

  • सन्तुलित बल किसी भी वस्तु की अवस्था में परिवर्तन नहीं लाता है क्योंकि यह बल समान परिमाण का होता है परन्तु विपरीत दिशाओं में होता है । 
  • सन्तुलित बल किसी भी वस्तु की आकृति और आकार में परिवर्तन कर देता है ।

❇️ असन्तुलित बल :-

🔹 जब किसी वस्तु पर लगे अनेक बलों का परिणामी बल शून्य नहीं होता है , तो उस बल को असन्तुलित बल कहा जाता है । 

🔶 असन्तुलित बल के प्रभाव :-

  • किसी भी स्थिर वस्तु को गतिशील कर देता है । 
  • किसी भी गतिशील वस्तु के वेग को बढ़ा देता है । 
  • किसी भी गतिशील वस्तु के वेग को कम कर सकता है । 
  • किसी भी गतिशील वस्तु को स्थिर बना देता है ।
  • किसी भी वस्तु के आकृति एवं आकार में परिवर्तन कर देता है ।

❇️ गति के नियम :-

🔹 गैलीलियों ने अपने प्रयोगों के प्रेक्षण से निष्कर्ष निकाला कि कोई गतिशील वस्तु तब तक स्थिर या नियत वेग से गति करती रहेगी जब तक कोई बाह्य असन्तुलित बल इस पर कार्य नहीं करता अर्थात् कोई भी असन्तुलित बल वस्तु पर नहीं लग रहा है । प्रायोगिक रूप से यह असम्भव है किसी भी वस्तु पर शून्य असन्तुलित बल हो ।

🔹 क्योंकि घर्षण बल , वायु दाब और अन्य कई तरह के बल वस्तु पर लगते हैं ।

❇️ न्यूटन के गति के नियम :-

🔹 न्यूटन ने गैलीलियों के सिद्धान्तों का अध्ययन किया और वस्तुओं की गति का विस्तृत अध्ययन किया और गति के तीन मूल नियम प्रस्तुत किए । 

❇️ न्यूटन की गति का प्रथम नियम :-

🔶 जड़त्व :-

🔹 गति के प्रथम नियम के अनुसार , यदि कोई वस्तु अपनी स्थिर अवस्था या सरल रेखा मे एकसमान गति की अवस्था मे है , तो वह उसी अवस्था मे रहेगी जब तक उस पर कोई बाह्य बल कार्य न करे । यह नियम जड़त्व का नियम या गैलेलियो का नियम भी कहलाता है ।

🔹 किसी भी वस्तु की प्राकृतिक प्रवृत्ति जिससे वह तब तक अपनी विराम अवस्था या एक समान रैखिक गति की अवस्था में रहती है जब तक कि वस्तु पर कोई बाह्य असन्तुलित बल कार्य न करें जड़त्व कहलाती है । एक भारी वस्तु का द्रव्यमान अधिक होता है इसलिए जड़त्व भी अधिक होता है यही कारण है कि भारी बक्से को खींचना और हिलाना कठिन होता है ।

❇️ न्यूटन का गति का द्वितीय नियम :-

🔹 न्यूटन के गति के दूसरे नियम के अनुसार , किसी वस्तु के संवेग के परिवर्तन की दर उस पर लगने वाले असंतुलित बल के समानुपातिक होती है ।

  • F   ∝    Δ p  / Δt 
  • Δ p  =    संवेग परिवर्तन 
  • Δt  =   समय परिवर्तन 

या 

  • किसी वस्तु पर लगाया गया बल उसमे उत्पन्न त्वरण व वस्तु के द्रव्यमान के गुणनफल के समानुपाती होता है ।

❇️ न्यूटन का गति का तृतीय नियम :-

🔹 इस नियम के अनुसार , जब एक वस्तु किसी दूसरी वस्तु पर बल लगाती है तो वह पहली वस्तु भी दूसरी वस्तु पर उतना ही बल आरोपित करती है ।

🔹 इस नियम को क्रिया प्रतिक्रिया का नियम कहते है ।

❇️ संवेग :-

🔹 किसी वस्तु में समाहित गति की कुल मात्रा को संवेग कहते हैं । गणितीय रूप में किसी वस्तु का संवेग इसके द्रव्यमान और वेग का गुणनफल है संवेग का प्रतीक P है ।

  • संवेग ( P ) = द्रव्यमान ( m ) × वेग ( v )
  • m = वस्तु का द्रव्यमान , v = वस्तु का वेग 

❇️ संवेग संरक्षण का नियम :-

🔹 यदि किसी समूह में वस्तुएँ एक – दूसरे पर बल लगा रही है अर्थात् पारस्परिक क्रिया कर रही है तो पारस्परिक क्रिया के पहले और पारस्परिक क्रिया के बाद , उनका कुल संवेग संरक्षित रहता है , जबकि उस पर कोई बाह्य बल न लगे । इसे संवेग संरक्षण का नियम कहते हैं ।

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बल तथा गति के नियम क्या है?

इससे यह भी निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि वस्तु के संवेग में परिवर्तन लाने में लगने वाला बल उसकी उस समय दर पर निर्भर करता है, जिसमें कि संवेग में परिवर्तन होता है। 132 गति का द्वितीय नियम यह बताता है कि किसी वस्तु के संवेग में परिवर्तन की दर उस पर लगने वाले असंतुलित बल की दिशा में बल के समानुपातिक होती है।

वस्तुओं द्वारा अपनी गति की अवस्था में परिवर्तन का प्रतिरोध करने की प्रवृत्ति क्या कहलाती है?

किसी वस्तु का वह गुण जो उसकी गति की अवस्था में किसी भी प्रकार के परिवर्तन का विरोध करता है, जड़त्व कहलाता है। 'गति की अवस्था में परिवर्तन' का मतलब है - उसकी चाल में परिवर्तन, उसकी गति की दिशा में परिवर्तन, या चाल और दिशा दोनों में परिवर्तन

आरोपित बल क्या होता है?

द्वितीय नियम " किसी वस्तु के संवेग मे आया बदलाव उस वस्तु पर आरोपित बल (Force) के समानुपाती (Directly proposnal) होता है तथा समान दिशा में घटित होता है। " समय हैं। इस समीकरण के अनुसार, जब किसी पिण्ड पर कोई बाह्य बल नहीं है, तो पिण्ड का संवेग स्थिर रहता है।