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शेयर करें August 11, 2020 कई बार आवाज़ आने में कुछ क्षण का विलम्ब हो सकता है! हृदय जब खून को पंप करता है तो रक्तवाहिकाओं पर दबाव पड़ता है। यह वही प्रेशर है, जिसकी वजह से हृदय पूरे शरीर में खून भेज पाता है। जब रक्तवाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं तो हृदय पर दबाव बढ़ता है और ऐसे में हृदय को रक्त पंप करने के लिए और जोर लगाना पड़ता है। इससे धमनियों और नसों को नुकसान पहुंचने का खतरा होता है, जिसकी वजह से दिल का दौरा या स्ट्रोक जैसी स्थिति बन सकती है। यह समस्या किसी को भी हो सकती है। यदि कोई व्यक्ति नियमित रूप से बीपी का चेकअप कराता है तो वह स्वास्थ संबंधित कई प्रकार की समस्याओं से बच सकता है। नियमित चेकअप से हार्ट फेल, स्ट्रोक या ब्रेन ऐन्यरिजम (मस्तिष्क में एक धमनी की दीवार में असामान्य उभार) जैसे स्वास्थ्य खतरों को रोकने में मदद मिल सकती है। जिस मशीन के जरिए ब्लड प्रेशर का चेकअप किया जाता है, उसे स्फिग्मोमैनोमीटर या रक्तचापमापी कहा जाता है।
ब्लड प्रेशर के प्रकार - Blood Pressure Typesब्लड प्रेशर दो तरह के होते हैं :
उदाहरण के लिए, यदि किसी का बीपी 120/80 मिमी एचजी है, तो 120 सिस्टोलिक बीपी है और 80 डायस्टोलिक बीपी है। ब्लड प्रेशर को मिमी एचजी 'मिलीमीटर ऑफ मर्कुरी' में मापा जाता है। बता दें, मिमी एचजी ब्लड प्रेशर को मापने की इकाई है, जो रक्त पर पड़ने वाली दबाव की सटीक जानकारी देती है। इसे चिकित्सा क्षेत्र में अब भी मानक इकाई के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। ब्लड प्रेशर मशीन की कीमत - Blood Pressure Machine Priceबाजार में कई तरह की ब्लड प्रेशर मशीन उपलब्ध हैं, ऐसे में मशीन के प्रकार और ब्रांड के आधार पर लागत अलग-अलग हो सकती है। लेकिन यहां ऐसी मशीनों की कीमत के बारे में बताया गया है जिन्हें भारतीय शहरों में आसानी से प्राप्त किया जा सकता है :
ब्लड प्रेशर मशीन के प्रकार - Blood Pressure Machines Typesब्लड प्रेशर मापने के लिए बाजार में दो प्रकार के उपकरण उपलब्ध हैं : मैनुअल और डिजिटल।
मैनुअल स्फिग्मोमेनोमीटर या मैनुअल ब्लड प्रेशर मशीन - Manual Sphygmomanometerयदि आप किसी भी कारण से क्लीनिक या अस्पताल गए हैं, तो वहां डॉक्टर के केबिन में आपने ब्लड प्रेशर मशीन देखी होगी। इसमें एक कफ (कोहनी और कंधे के बीच बांधे जाने वाला) होता है। इसके अलावा एक रीडिंग स्केल या गेज, नॉब, रबर ट्यूब, पारा रबर वॉल्व और रबर बल्ब होता है। इस बल्ब को दबाने से कफ में हवा भरती है और मशीन में पारा ऊपर-नीचे नियंत्रित किया जाता है। मैनुअल स्फिग्मोमेनोमीटर दो प्रकार का होता है :
डिजिटल स्फिग्मोमेनोमीटर या डिजिटल ब्लड प्रेशर मशीन (डीबीपीएम) - Digital Sphygmomanometer or Digital Blood Pressure Machineलोग अपने ब्लड प्रेशर को खुद से मॉनिटर कर सकें, इसलिए डीबीपीएम का अविष्कार किया गया था। इसमें एक कफ और एक डिजिटल मॉनिटर होता है। डिजिटल स्फिग्मोमेनोमीटर खरीदने के लिए आपको किसी डॉक्टर की सलाह लेने की जरूरत नहीं है। ऐसे उपकरणों का उपयोग एंबुलेंटरी ब्लड प्रेशर को मापने के लिए भी किया जाता है। एम्बुलेटरी मॉनिटरिंग में कफ, पोर्टेबल, प्रोग्रामेबल मॉनिटर की मदद से हर 30 मिनट में ब्लड प्रेशर को मॉनिटर किया जाता है। आकार में छोटा होने के कारण इसे कहीं भी आसानी से ले जाया जा सकता है। एम्बुलेटरी मॉनिटरिंग के फायदे :
बीपी चेक करते समय सावधानी - Caution When Checking BPब्लड प्रेशर की जांच से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है, ऐसा न करने से सटीक जानकारी में बाधा आ सकती है :
यदि फिर से ब्लड प्रेशर को मापने की आवश्यकता है, तो दोबारा करने से पहले करीब पांच मिनट की प्रतीक्षा करें। मैनुअल ब्लड प्रेशर मशीन का उपयोग कैसे करें? - How to use a Manual Blood Pressure Machineयदि आप एक मैनुअल ब्लड प्रेशर मशीन का उपयोग करना चाहते हैं, तो आपको किसी की सहायता के साथ स्टेथोस्कोप की भी जरूरत होगी। सबसे पहले मरीज को रिलैक्स होकर एक कुर्सी पर बैठने की जरूरत होती है। इसके बाद डॉक्टर बीपी चेक करने के लिए सबसे पहले हाथ में कफ को बांधते हैं और फिर नॉब को ऑन करते हैं। डॉक्टर स्टेथोस्कोप को पहन लेते हैं और उसके दूसरे सिरे को कफ के पास लगाते हैं ताकि नसों में बहने वाले खून की गति को सुन पाए। अब वे रबर के बल्ब को पंप करना शुरू करते हैं, इससे हाथ में बंधे कफ में हवा भरने लगती है और खून का प्रवाह कुछ देर के लिए रुक जाता है। इधर मशीन में पारा उपर जाने लगता है। जैसे ही पारा 180 तक पहुंच जाता है तो डॉक्टर रबर बल्ब को पंप करना बंद कर देते हैं। इसके बाद वे रबर वॉल्व को ढीला कर देते हैं इससे कफ में बना प्रेशर कम हो जाता है और पारा नीचे आने लगता है। पारा नीचे आते समय रक्त प्रवाह फिर से शुरू हो जाता है और डॉक्टर को स्टेथोस्कोप में धक-धक जैसी आवाज आने लगती है। यह आवाज जिस समय आना शुरू होती है उस समय देखा जाता है कि पारा किस स्थान पर है और उस नंबर (मान लीजिए 110) को नोट कर लिया जाता है। इस नंबर को सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर कहा जाता है। इसके बाद भी पारा नीचे उतरता रहता है और एक समय के बाद धक-धक जैसी आवाज आना बंद हो जाती है। अब दोबारा से पारा की जानकारी नोट (मान लीजिए 70) कर ली जाती है और इस नंबर को डायस्टॉलिक ब्लड प्रेशर कहा जाता है। इसके बाद दोनों नंबरों को 110/70 मिमी एचजी प्रारूप में लिख लिया जाता है। कफ का आकार सही होना चाहिए, ऐसा न होने पर यह गलत ब्लड प्रेशर रीडिंग दे सकता है। कफ भी विभिन्न आकार के आते हैं :
डिजिटल ब्लड प्रेशर मशीन का उपयोग कैसे करें? - How to Use a Digital Blood Pressure Machine
इस उपकरण का इस्तेमाल करना आसान है और आप किसी दूसरे व्यक्ति की सहायता के बिना भी ब्लड प्रेशर की जांच कर सकते हैं। इसके लिए स्टेथोस्कोप की भी जरूरत नहीं पड़ती है। डिजिटल बीपी उपकरण में सिर्फ एक कफ और एक मॉनिटर स्क्रीन होती है। ये उपकरण न केवल ब्लड प्रेशर को मापता है, बल्कि हृदय गति की भी जानकारी देता है। डिजिटल स्फिग्मोमैनोमीटर का उपयोग :
ब्लड प्रेशर मशीन से मिली जानकारी का मतलब क्या है? - What does your Blood Pressure Machine Reading Mean?ब्लड प्रेशर माप को निम्न श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है :
ब्लड प्रेशर मशीन के लाभ - Benefits of Blood Pressure Machine
सम्बंधित लेखडॉक्टर से अपना सवाल पूछें और 10 मिनट में जवाब पाएँ ब्लड प्रेशर के कितने भाग होते हैं?आराम के समय पर सामान्य रक्तचाप 100-140 mmHg सिस्टोलिक (उच्चतम-रीडिंग) और 60-90 mmHg डायस्टोलिक (निचली-रीडिंग) की सीमा के भीतर होता है। उच्च रक्तचाप तब उपस्थित होता है यदि यह 90/140 mmHg पर या इसके ऊपर लगातार बना रहता है।
बीपी मशीन कितने प्रकार के होते हैं?ब्लड प्रेशर मशीन के प्रकार - Blood Pressure Machines Types. ब्लड प्रेशर मापने के लिए बाजार में दो प्रकार के उपकरण उपलब्ध हैं : मैनुअल और डिजिटल।
बीपी कौन से हाथ में चेक करते हैं?आम तौर पर, हम बाएं हाथ पर ब्लड प्रेशर चेक करते हैं और रीडिंग को दिखाए गए अनुसार नोट करते हैं।
बीपी मशीन का दूसरा नाम क्या है?रक्तचाप यानी ब्लड प्रेशर नापने वाली मशीन को हिंदी में "रक्तचापमापी" और अंग्रेजी भाषा में "Sphygmomanometer" कहा जाता है।
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