ब्लड प्रेशर मशीन के कितने भाग होते हैं? - blad preshar masheen ke kitane bhaag hote hain?

ब्लड प्रेशर मशीन के कितने भाग होते हैं? - blad preshar masheen ke kitane bhaag hote hain?

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ब्लड प्रेशर मशीन के कितने भाग होते हैं? - blad preshar masheen ke kitane bhaag hote hain?

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August 11, 2020

कई बार आवाज़ आने में कुछ क्षण का विलम्ब हो सकता है!

ब्लड प्रेशर मशीन के कितने भाग होते हैं? - blad preshar masheen ke kitane bhaag hote hain?

हृदय जब खून को पंप करता है तो रक्तवाहिकाओं पर दबाव पड़ता है। यह वही प्रेशर है, जिसकी वजह से हृदय पूरे शरीर में खून भेज पाता है।

जब रक्तवाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं तो हृदय पर दबाव बढ़ता है और ऐसे में हृदय को रक्त पंप करने के लिए और जोर लगाना पड़ता है। इससे धमनियों और नसों को नुकसान पहुंचने का खतरा होता है, जिसकी वजह से दिल का दौरा या स्ट्रोक जैसी स्थिति बन सकती है।

यह​ समस्या किसी को भी हो सकती है। यदि कोई व्यक्ति नियमित रूप से बीपी का चेकअप कराता है तो वह स्वास्थ संबंधित कई प्रकार की समस्याओं से बच सकता है। नियमित चेकअप से हार्ट फेल, स्ट्रोक या ब्रेन ऐन्यरिजम (मस्तिष्क में एक धमनी की दीवार में असामान्य उभार) जैसे स्वास्थ्य खतरों को रोकने में मदद मिल सकती है। जिस मशीन के जरिए ब्लड प्रेशर का चेकअप किया जाता है, उसे स्फिग्मोमैनोमीटर या रक्तचापमापी कहा जाता है।

  1. ब्लड प्रेशर के प्रकार - Blood Pressure Types
  2. ब्लड प्रेशर मशीन की कीमत - Blood Pressure Machine Price
  3. ब्लड प्रेशर मशीन के प्रकार - Blood Pressure Machines Types
    • मैनुअल स्फिग्मोमेनोमीटर या मैनुअल ब्लड प्रेशर मशीन - Manual Sphygmomanometer
    • डिजिटल स्फिग्मोमेनोमीटर या डिजिटल ब्लड प्रेशर मशीन (डीबीपीएम) - Digital Sphygmomanometer or Digital Blood Pressure Machine
  4. बीपी चेक करते समय सावधानी - Caution When Checking BP
    • मैनुअल ब्लड प्रेशर मशीन का उपयोग कैसे करें? - How to use a Manual Blood Pressure Machine
    • डिजिटल ब्लड प्रेशर मशीन का उपयोग कैसे करें? - How to Use a Digital Blood Pressure Machine
  5. ब्लड प्रेशर मशीन से मिली जानकारी का मतलब क्या है? - What does your Blood Pressure Machine Reading Mean?
  6. ब्लड प्रेशर मशीन के लाभ - Benefits of Blood Pressure Machine

ब्लड प्रेशर मशीन के कितने भाग होते हैं? - blad preshar masheen ke kitane bhaag hote hain?

ब्लड प्रेशर के प्रकार - Blood Pressure Types

ब्लड प्रेशर दो तरह के होते हैं :

  • सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर
    य​ह एक दबाव है, जिसमें दिल को रक्त पंप करने के लिए अधिक जोर लगाना पड़ता है। इससे रक्त वाहिकाओं पर प्रेशर पड़ता है और इस स्थिति को सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर कहा जाता है।
     
  • डायस्टॉलिक ब्लड प्रेशर
    दिल एक बार धड़कने के बाद और दूसरी बार धड़कने से पहले यानी दोबारा दिल धड़कने से पहले धमनियों के उपर पड़ने वाले प्रेशर को डायस्टॉलिक ब्लड प्रेशर कहा जाता है।

उदाहरण के लिए, यदि किसी का बीपी 120/80 मिमी एचजी है, तो 120 सिस्टोलिक बीपी है और 80 डायस्टोलिक बीपी है।

ब्लड प्रेशर को मिमी एचजी 'मिलीमीटर ऑफ मर्कुरी' में मापा जाता है। बता दें, मिमी एचजी ब्लड प्रेशर को मापने की इकाई है, जो रक्त पर पड़ने वाली दबाव की सटीक जानकारी देती है। इसे चिकित्सा क्षेत्र में अब भी मानक इकाई के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।

ब्लड प्रेशर मशीन की कीमत - Blood Pressure Machine Price

बाजार में कई तरह की ब्लड प्रेशर मशीन उपलब्ध हैं, ऐसे में मशीन के प्रकार और ब्रांड के आधार पर लागत अलग-अलग हो सकती है। लेकिन यहां ऐसी मशीनों की कीमत के बारे में बताया गया है जिन्हें भारतीय शहरों में आसानी से प्राप्त किया जा सकता है :

  • मर्करी ब्लड प्रेशर मशीन
    मर्करी ब्लड प्रेशर मशीन की शुरुआती कीमत लगभग 1,700 रुपये है।
     
  • एनेरोइड ब्लड प्रेशर मशीन
    इस मशीन की शुरुआती कीमत लगभग 700 रुपये है।
     
  • डिजिटल ब्लड प्रेशर मशीन
    डिजिटल ब्लड प्रेशर मशीन की शुरुआती कीमत लगभग 1,000 रुपये है।

ब्लड प्रेशर मशीन के प्रकार - Blood Pressure Machines Types

ब्लड प्रेशर मापने के लिए बाजार में दो प्रकार के उपकरण उपलब्ध हैं : मैनुअल और डिजिटल।

  • मैनुअल स्फिग्मोमेनोमीटर या मैनुअल ब्लड प्रेशर मशीन
  • डिजिटल स्फिग्मोमेनोमीटर या डिजिटल रक्तचाप मशीन

मैनुअल स्फिग्मोमेनोमीटर या मैनुअल ब्लड प्रेशर मशीन - Manual Sphygmomanometer

यदि आप किसी भी कारण से क्लीनिक या अस्पताल गए हैं, तो वहां डॉक्टर के केबिन में आपने ब्लड प्रेशर मशीन देखी होगी। इसमें एक कफ (कोहनी और कंधे के बीच बांधे जाने वाला) होता है। इसके अलावा एक रीडिंग स्केल या गेज, नॉब, रबर ट्यूब, पारा रबर वॉल्व और रबर बल्ब होता है। इस बल्ब को दबाने से कफ में हवा भरती है और मशीन में पारा ऊपर-नीचे नियंत्रित किया जाता है।

मैनुअल स्फिग्मोमेनोमीटर दो प्रकार का होता है :

  • मरकरी स्फिग्मोमेनोमीटर
    चिकित्सकीय रूप से ब्लड प्रेशर को मापने के लिए 'मर्कुरी स्फिग्मोमेनोमीटर सबसे मानक उपकरण है। इसमें एक मशीन बॉक्स, एक कफ, एक रबर बल्ब, एक स्केलिंग बोर्ड (जिसमें पारा होता है) शामिल है।
     
  • एनेरोइड स्फिग्मोमेनोमीटर
    इसमें पारा नहीं होता है, क्योंकि इससे पर्यावरण पर हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है। इसके अलावा इसमें स्केलिंग बोर्ड भी नहीं होता है। इसके बजाय इसमें एक गोल गेज होता है जिस पर अंक लिखे होते हैं। यह दिखने में किसी सामान्य बाइक के मीटर की तरह होता है। यह उपकरण मर्कुरी स्पिग्मोमेनोमीटर की तुलना में कम सटीक होता है।

डिजिटल स्फिग्मोमेनोमीटर या डिजिटल ब्लड प्रेशर मशीन (डीबीपीएम) - Digital Sphygmomanometer or Digital Blood Pressure Machine

लोग अपने ब्लड प्रेशर को खुद से मॉनिटर कर सकें, इसलिए डीबीपीएम का अविष्कार किया गया था। इसमें एक कफ और एक डिजिटल मॉनिटर होता है। डिजिटल स्फिग्मोमेनोमीटर खरीदने के लिए आपको किसी डॉक्टर की सलाह लेने की जरूरत नहीं है। ऐसे उपकरणों का उपयोग एंबुलेंटरी ब्लड प्रेशर को मापने के लिए भी किया जाता है।

एम्बुलेटरी मॉनिटरिंग में कफ, पोर्टेबल, प्रोग्रामेबल मॉनिटर की मदद से हर 30 मिनट में ब्लड प्रेशर को मॉनिटर किया जाता है। आकार में छोटा होने के कारण इसे कहीं भी आसानी से ले जाया जा सकता है।

एम्बुलेटरी मॉनिटरिंग के फायदे :

  • सुविधा
    चूंकि यह सामान्य डिजिटल डिवाइस से छोटा है, इसलिए आप इसे आसानी से कहीं भी ले जा सकते हैं।
     
  • हाई बीपी से अलग व्हाइट कोट हाइपरटेंशन
    कुछ लोग डॉक्टर के पास जाने के नाम से ही तनाव में आ जाते हैं, इससे ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है। इसे व्हाइट कोट हाइपरटेंशन के रूप में जाना जाता है। ऐसे मामलों में व्हाइट कोट हाइपरटेंशन हाई बीपी और वास्तविक हाई ब्लड प्रेशर के बीच के अंतर को समझने में एम्बुलेटरी मॉनिटरिंग मदद करता है।
     
  • मास्कड हाइपरटेंशन का निदान
    मास्कड हाइपरटेंशन के मामले में हाई ब्लड प्रेशर का निदान करना मुश्किल होता है। क्योंकि डॉक्टर के क्लीनिक में ब्लड प्रेशर सामान्य मिलता है, लेकिन घर वापस जाकर या यूं कहें कि क्लीनिक से दूर जाकर वापस से ब्लड प्रेशर हाई हो सकता है।

बीपी चेक करते समय सावधानी - Caution When Checking BP

ब्लड प्रेशर की जांच से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है, ऐसा न करने से सटीक जानकारी में बाधा आ सकती है :

  • जांच से कम से कम 30 मिनट पहले कैफीन, व्यायाम (यहां तक कि तेज चलना) और धूम्रपान से बचें।
  • जांच से पहले मूत्राशय को खाली रखें, क्योंकि यह ब्लड प्रेशर को बढ़ाता है।
  • ब्लड प्रेशर नापते समय बात न करें।

यदि फिर से ब्लड प्रेशर को मापने की आवश्यकता है, तो दोबारा करने से पहले करीब पांच मिनट की प्रतीक्षा करें।

मैनुअल ब्लड प्रेशर मशीन का उपयोग कैसे करें? - How to use a Manual Blood Pressure Machine

यदि आप एक मैनुअल ब्लड प्रेशर मशीन का उपयोग करना चाहते हैं, तो आपको किसी की सहायता के साथ स्टेथोस्कोप की भी जरूरत होगी।

सबसे पहले मरीज को रिलैक्स होकर एक कुर्सी पर बैठने की जरूरत होती है। इसके बाद डॉक्टर बीपी चेक करने के लिए सबसे पहले हाथ में कफ को बांधते हैं और फिर नॉब को ऑन करते हैं।

डॉक्टर स्टेथोस्कोप को पहन लेते हैं और उसके दूसरे सिरे को कफ के पास लगाते हैं ताकि नसों में बहने वाले खून की गति को सुन पाए। अब वे रबर के बल्ब को पंप करना शुरू करते हैं, इससे हाथ में बंधे कफ में हवा भरने लगती है और खून का प्रवाह कुछ देर के लिए रुक जाता है।

इधर मशीन में पारा उपर जाने लगता है। जैसे ही पारा 180 तक पहुंच जाता है तो डॉक्टर रबर बल्ब को पंप करना बंद कर देते हैं। इसके बाद वे रबर वॉल्व को ढीला कर देते हैं इससे कफ में बना प्रेशर कम हो जाता है और पारा नीचे आने लगता है।

पारा नीचे आते समय रक्त प्रवाह फिर से शुरू हो जाता है और डॉक्टर को स्टेथोस्कोप में धक-धक जैसी आवाज आने लगती है। यह आवाज जिस समय आना शुरू होती है उस समय देखा जाता है कि पारा किस स्थान पर है और उस नंबर (मान लीजिए 110) को नोट कर लिया जाता है। इस नंबर को सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर कहा जाता है।

इसके बाद भी पारा नीचे उतरता रहता है और एक समय के बाद धक-धक जैसी आवाज आना बंद हो जाती है। अब दोबारा से पारा की जानकारी नोट (मान लीजिए 70) कर ली जाती है और इस नंबर को डायस्टॉलिक ब्लड प्रेशर कहा जाता है। इसके बाद दोनों नंबरों को 110/70 मिमी एचजी प्रारूप में लिख लिया जाता है।

कफ का आकार सही होना चाहिए, ऐसा न होने पर यह गलत ब्लड प्रेशर रीडिंग दे सकता है।

कफ भी विभिन्न आकार के आते हैं :

  • "स्मॉल एडल्ट" कफ (8.7 से 10.2 इंच)
  • "एडल्ट" कफ (10.6 से 13.4 इंच)
  • "लार्ज" कफ (13.8 से 17.3 इंच) और "एडल्ट थाई" कफ (17.7 से 20.5 इंच) हैं।)

डिजिटल ब्लड प्रेशर मशीन का उपयोग कैसे करें? - How to Use a Digital Blood Pressure Machine

इस उपकरण का इस्तेमाल करना आसान है और आप किसी दूसरे व्यक्ति की सहायता के बिना भी ब्लड प्रेशर की जांच कर सकते हैं। इसके लिए स्टेथोस्कोप की भी जरूरत नहीं पड़ती है।

डिजिटल बीपी उपकरण में सिर्फ एक कफ और एक मॉनिटर स्क्रीन होती है। ये उपकरण न केवल ब्लड प्रेशर को मापता है, बल्कि हृदय गति की भी जानकारी देता है।

डिजिटल स्फिग्मोमैनोमीटर का उपयोग :

  • सबसे पहले इस बात का ध्यान रखें कि डिजिटल बीपी उपकरण का उपयोग करने से पहले 15 मिनट आराम करें। इस दौरान कुछ खाना-पीना और धू्म्रपान नहीं करना चाहिए।
     
  • आर्म कफ को हाथ पर कोहनी और कंधे के बीच लपेटकर पहन लें। सुनिश्चित करें कि कफ का निचला हिस्सा कोहनी से करीब एक इंच ऊपर है।
     
  • जिस हाथ में कफ पहना है उस हथेली को खोलकर मशीन के बगल में रखें।
     
  • अब मॉनिटर पर लगे स्टार्ट बटन को ऑन करें। यह ऑटोमेटिक मशीन होती है यानी यह स्टार्ट होने के बाद कफ में पर्याप्त मात्रा में दबाव बनाने के बाद खुद रुक जाती है। यह मशीन तब तक ऑन रहती है जब तक खून का प्रवाह बंद नहीं हो जाता है।
     
  • इसके बाद दबाव कम होने लगता है और रक्त का प्रवाह धीरे-धीरे फिर से शुरू हो जाता है। इस दौरान धमनियों की दीवारों में एक कंपन बनने लगता है, जो कि विद्युत संकेतों में बदल जाता है। इस प्रकार ब्लड प्रेशर की माप स्क्रीन पर दिखाई देने लगती है।

ब्लड प्रेशर मशीन से मिली जानकारी का मतलब क्या है? - What does your Blood Pressure Machine Reading Mean?

ब्लड प्रेशर माप को निम्न श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है :

  • नॉमर्ल ब्लड प्रेशर
    ब्लड प्रेशर 120/80 मिमी एचजी या उससे कम होने पर इसे सामान्य ब्लड प्रेशर माना जाता है।
     
  • लो ब्लड प्रेशर
    लो ब्लड प्रेशर की स्थिति को चिकित्सकीय रूप से हाइपोटेंशन कहा जाता है। यदि आपका सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर 90 मिमी एचजी या इससे कम है और आपका डायस्टोलिक 60 मिमी एचजी या इससे कम है, तो इसका मतलब है कि यह लो बीपी का संकेत है।
     
  • एलिवेटेड ब्लड प्रेशर
    सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर 120-129 मिमी एचजी और डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर 80 मिमी एचजी या इससे कम है।
     
  • स्टेज 1 हाइपरटेंशन
    हाइपरटेंशन हाई ब्लड प्रेशर के लिए एक मेडिकल टर्म है। जब किसी व्यक्ति का सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर 130 से 139 मिमी एचजी और डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर 80 से 89 मिमी एचजी होता है तो इसे स्टेज 1 हाइपरटेंशन कहा जाता है।
     
  • स्टेज 2 हाई ब्लड प्रेशर
    यह हाइपरटेंशन से अधिक गंभीर स्थिति है, क्योंकि इसमें सिस्टोलिक दबाव 140 मिमी एचजी या इससे भी अधिक हो जाता है और डायस्टोलिक दबाव 90 मिमी एचजी या इससे ऊपर हो सकता है।
     
  • हाइपरटेंसिव क्राइसिस
    जब सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर 180 मिमी को पार कर जाता है और डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर 120 को पार कर जाता है, तो व्यक्ति को तत्काल स्वास्थ्य देखभाल की आवश्यकता होती है। यदि इस बिंदु पर कोई चिकित्सा देखभाल नहीं दी जाती है, तो प्रभावित व्यक्ति के कई अंगों को नुकसान पहुंच सकता है।

ब्लड प्रेशर मशीन के लाभ - Benefits of Blood Pressure Machine

  • दैनिक आधार पर ब्लड प्रेशर को मापने से हार्ट फेल, स्ट्रोक और अन्य अंगों को नुकसान पहुंचने जैसी समस्याओं से बचा जा सकता है।
     
  • डिजिटल ब्लड प्रेशर मशीन एंबुलेटरी ब्लड प्रेशर को मॉनिटर करने में मदद कर सकती है। इससे भविष्य में किसी अंग को नुकसान होने से बचाया जा सकता है।
     
  • डिजिटल ब्लड प्रेशर मशीन ऐसे लोगों की बहुत मदद कर सकती है जो लोग डॉक्टर के पास नियमित रूप से जाने से कतराते हैं जैसे कोई बुजुर्ग, चलने में लाचार या गर्भवती महिला भी ऐसे लोगों में शामिल है।

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ब्लड प्रेशर के कितने भाग होते हैं?

आराम के समय पर सामान्य रक्तचाप 100-140 mmHg सिस्टोलिक (उच्चतम-रीडिंग) और 60-90 mmHg डायस्टोलिक (निचली-रीडिंग) की सीमा के भीतर होता है। उच्च रक्तचाप तब उपस्थित होता है यदि यह 90/140 mmHg पर या इसके ऊपर लगातार बना रहता है।

बीपी मशीन कितने प्रकार के होते हैं?

ब्लड प्रेशर मशीन के प्रकार - Blood Pressure Machines Types. ब्लड प्रेशर मापने के लिए बाजार में दो प्रकार के उपकरण उपलब्ध हैं : मैनुअल और डिजिटल।

बीपी कौन से हाथ में चेक करते हैं?

आम तौर पर, हम बाएं हाथ पर ब्लड प्रेशर चेक करते हैं और रीडिंग को दिखाए गए अनुसार नोट करते हैं।

बीपी मशीन का दूसरा नाम क्या है?

रक्तचाप यानी ब्लड प्रेशर नापने वाली मशीन को हिंदी में "रक्तचापमापी" और अंग्रेजी भाषा में "Sphygmomanometer" कहा जाता है।