टिप्स: हर रोगों को दूर रखेंगे ये छोटे उपायस्वास्थ्य ईश्वर की अतुलनीय अनुकंपा है। हम सभी चाहते हैं कि हमारा जीवन निरोग रहे और इसके लिए सभी अपने स्तर पर निरंतर प्रयास भी करते हैं फिर भी कई बार हमें रोगों से मुक्ति नहीं मिल जाती। किसी भी रोग के... Show
Bhupeshहिन्दुस्तान लाइव टीम,मुरादाबादTue, 30 Jan 2018 11:29 AM स्वास्थ्य ईश्वर की अतुलनीय अनुकंपा है। हम सभी चाहते हैं कि हमारा जीवन निरोग रहे और इसके लिए सभी अपने स्तर पर निरंतर प्रयास भी करते हैं फिर भी कई बार हमें रोगों से मुक्ति नहीं मिल जाती। किसी भी रोग के खात्मे के लिए चिकित्सकीय परामर्श अनिवार्य है लेकिन कुछ वैदिक उपाय करके हम अपना सामान्य जीवन स्वस्थ रख सकते हैं।
(इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य व सटीक हैं तथा इन्हें अपनाने से अपेक्षित परिणाम मिलेगा। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।) ज्योतिष डेस्क, अमर उजाला Published by: शशि सिंह Updated Fri, 01 Oct 2021 02:10 PM IST स्वस्थ शरीर हर व्यक्ति की पूंजी होता है। यदि शरीर स्वस्थ है तो व्यक्ति कोई भी काम करने में सक्षम होता है इसलिए हमारे शास्त्रों में भी कहा गया है कि पहला सुख निरोगी काया। रोगों के कारण व्यक्ति का धन तो बरबाद होता ही है साथ ही में व्यक्ति मानसिक और शारीरिक दोनों रुप से परेशान हो जाता है। स्वस्थ रहने के लिए सबसे आवश्यक होता है अपने खान-पान और दिनचर्या पर ध्यान देना लेकिन बावजूद इसके कभी-कभी हम बार-बार बीमार होने लगते हैं। इस वजह से हम बहुत से डॉक्टर और दवाइयां बदलते रहते हैं। बीमार का मुख्य कारण तो हमारे शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता का कम होना होता है लेकिन कई बार इसके पीछे अन्य कारण भी होते हैं जिसकी वजह से दवाइयां खाने के बाद भी हम स्वस्थ नहीं रह पाते हैं। ज्योतिष में कुछ उपाय बताए गए हैं जिन्हें आप अपना इलाज करवाने के साथ ही आजमा सकते हैं और आप रोगों से पीछा छुड़वा सकते हैं। तो चलिए जानते हैं उपाय। आप बहुत बीमार रहते हैं या फिर आपके परिवार को कोई ऐसा व्यक्ति है जो बहुत इलाज करवाने पर भी स्वस्थ नहीं हो पा रहा है। उसपर दवाइयों का असर नहीं हो रहा है तो इसके लिए थोड़ा सा आटा गूंथकर उसका एक पेड़ा (लोई) बनाएं। एक लोटे में जल भरें। अब लोई और जल भरे हुए लोटे को लेकर रोगी के ऊपर से तीन बार उतारें। जल को
किसी पेड़ जैसे पीपल आदि में चढ़ा दें और आटे का पेड़ा गाय को खिला दें। इस उपाय को तीन दिनों तक करना चाहिए। माना जाता है कि इससे रोगी को जल्दी ही स्वास्थय लाभ होने लगता है। यदि कोई आपके घर में लंबे समय से बीमार है और स्वस्थ नहीं हो पा रहा है तो उसे दक्षिण दिशा की ओर सिर करके सुलाना चाहिए। इसी के साथ रोगी की दवाईयां और पानी आदि भी इसी दिशा में रखें। रोग को जब भी दवा खिलाएं तो इस बात का ध्यान रखें कि उसका मुख पूर्व दिशा की ओर हो। इससे रोगी कुछ समय में धीरे-धीरे ठीक होने लगता है। अगर आपके घर में कोई बहुत बीमार रहता है तो आपको किसी अस्पताल आदि में जाकर थोड़े-थोड़े समय पर, जरुरतमंदो को फल और दवाइयां दान करनी चाहिए। इससे आपको स्वयं मानसिक शांति अनुभव तो होता ही है साथ ही मान्यता है कि इससे व्यक्ति के रोग कटने लगते हैं और वह जल्दी ही स्वस्थ हो जाता है। रोग से छुटकारा पाने के लिए व संपन्नता के लिए शुक्रवार को करें ये उपायअगर घर में अधिकतर कोई ना कोई बीमार रहता हो धन की कमी बनी रहे तो मन दुखी रहता है। आइए जानते हैं इन परेशानियों से मुक्त होने के उपाय । धन की देवी मां लक्ष्मी को प्रसन्न करना बहुत ही आसान है। तंत्र शास्त्र के अनुसार कुछ साधारण मगर अगर घर में अधिकतर कोई ना कोई बीमार रहता हो धन की कमी बनी रहे तो मन दुखी रहता है। आइए जानते हैं इन परेशानियों से मुक्त होने के उपाय । धन की देवी मां लक्ष्मी को प्रसन्न करना बहुत ही आसान है। तंत्र शास्त्र के अनुसार कुछ साधारण मगर सटीक उपाय करने से मां लक्ष्मी अपने भक्त पर जल्दी ही प्रसन्न हो जाती हैं और उसे मालामाल कर देती हैं। ये उपाय शुक्रवार को करने से और भी जल्दी फल प्राप्त होता है। रोग मुक्ति के लिए 1 सोते समय अपना सिरहाना पूर्व की ओर रखें ! अपने सोने के कमरे में एक कटोरी में सेंधा नमक के कुछ टुकडे रखें ! सेहत ठीक रहेगी ! 2 एक रुपये का सिक्का रात को सिरहाने में रख कर सोएं और सुबह उठकर उसे श्मशान के आसपास फेंक दें, रोग से मुक्ति मिलेगी। 3 लगातार बुखार आने पर; यदि किसी को लगातार बुखार आ रहा हो और कोई भी दवा असर न कर रही हो तो आक की जड लेकर उसे किसी कपडे में कस कर बांध लें ! फिर उस कपडे को रोगी के कान से बांध दें ! बुखार उतर जायगा ! बच्चे के उत्तम स्वास्थ्य व दीर्घायु के लिए एक काला रेशमी डोरा लें ! “ऊं नमोः भगवते वासुदेवाय नमः” का जाप करते हुए उस डोरे में थोडी थोडी दूरी पर सात गांठें लगायें ! उस डोरे को बच्चे के गले या कमर में बांध दें ! प्रत्येक मंगलवार को बच्चे के सिर पर से कच्चा दूध 11 बार वार कर किसी जंगली कुत्ते को शाम के समय पिला दें ! बच्चा दीर्घायु होगा ! यदि किसी को टायफाईड हो गया हो तो उसे प्रतिदिन एक नारियल पानी पिलायें ! कुछ ही दिनों में आराम हो जायगा ! सिन्दूर लगे हनुमान जी की मूर्ति का सिन्दूर लेकर सीता जी के चरणों में लगाएँ। फिर माता सीता से एक श्वास में अपनी कामना निवेदित कर भक्ति पूर्वक प्रणाम कर वापस आ जाएँ। इस प्रकार कुछ दिन करने पर सभी प्रकार की बाधाओं का निवारण होता है। रोगी को ठीक करने के लिए - कृष्ण पक्ष में अमावस्या की रात को 12 बजे नहा-धोकर नीले रंग के वस्त्र ग्रहण करें। आसन पर नीला कपड़ा बिछाकर पूर्व की ओर मुख करके बैठे। इसके पश्चात चौमुखी दीपक (चार मुँह वाला जलाएँ। (निम्न सामग्री पहले से इकट्ठी करके रख लें) नीला कपड़ा सवा गज दृ 4 मीटर चौमुखी दिए 40 नग, मिट्टी की गड़वी 1 नग, सफेद कुशासन(कुश का आसन) 1 नग, बत्तियाँ 51 नग, छोटी इलायची 11 दाने, छुहारे (खारक) 5 नग, एक नीले कपड़े का रूमाल, दियासलाई, लौंग 11 दाने, तेल सरसों 1 किलो इत्र व शीशी गुलाब के फूल 5 नग, गेरू का टुकड़ा, 1 लडडू और लड्डू के टुकड़े 11 नग। विधि - नीले कपड़े के चारों कोने में लड्डू, लौंग, इलायची एवं छुहारे बाँध लें, फिर मिट्टी के बर्तन में पानी भरकर, गुलाब के फूल भी वहाँ रख लें। फिर नीचे लिखा मंत्र पढ़ें। मंत्र पढ़ते समय लोहे की चीज (दियासलाई) से अपने चारों ओर लकीर खींच लें। मंत्र इस प्रकार है। ऊँ अनुरागिनी मैथन प्रिये स्वाहा। शुक्लपक्षे, जपे धावन्ताव दृश्यते जपेत्।। यह मंत्र चालीस दिन लगातार पढ़ें, (सवा लाख बार) सुबह उठकर नदी के पानी में अपनी छाया को देखें। जब मंत्र संपूर्ण हो जाएँ तो सारी सामग्री (नीले कपड़े सहित) पानी में बहा दें। अब जिस किसी रोगी का इलाज करना चाहते हैं, उसका नाम लेकर इस मंत्र को 1100 बार पढ़ें, बस आपका काम हो जाएगा। यदि घर के छोटे बच्चे पीड़ित हों, तो मोर पंख को पूरा जलाकर उसकी राख बना लें और उस राख से बच्चे को नियमित रूप से तिलक लगाएं तथा थोड़ी-सी राख चटा दें। यदि बीमारी का पता नहीं चल पा रहा हो और व्यक्ति स्वस्थ भी नहीं हो पा रहा हो, तो सात प्रकार के अनाज एक-एक मुट्ठी लेकर पानी में उबाल कर छान लें। छने व उबले अनाज (बाकले) में एक तोला सिंदूर की पुड़िया और ५० ग्राम तिल का तेल डाल कर कीकर (देसी बबूल) की जड़ में डालें या किसी भी रविवार को दोपहर १२ बजे भैरव स्थल पर चढ़ा दें। बदन दर्द हो, तो मंगलवार को हनुमान जी के चरणों में सिक्का चढ़ाकर उसमें लगी सिंदूर का तिलक करें। पानी पीते समय यदि गिलास में पानी बच जाए, तो उसे अनादर के साथ फेंकें नहीं, गिलास में ही रहने दें। फेंकने से मानसिक अशांति होगी क्योंकि पानी चंद्रमा का कारक है। शुक्रवार को करें धन प्राप्ति के ये 6 उपाय शुक्रवार के दिन दक्षिणावर्ती शंख में जल भरकर भगवान विष्णु का अभिषेक करें। इस उपाय में मां लक्ष्मी जल्दी प्रसन्न हो जाती हैं और साधक को मालामाल कर देती हैं। शुक्रवार के दिन शाम के समय घर के ईशान कोण में गाय के घी का दीपक लगाएं। बत्ती में रुई के स्थान पर लाल रंग के धागे का उपयोग करें साथ ही दीए में थोड़ी सी केसर भी डाल दें।शुक्रवार को पीले कपड़े में पांच लक्ष्मी (पीली) कौड़ी और थोड़ी सी केसर, चांदी के सिक्के के साथ बांधकर धन स्थान पर रखें। कुछ ही दिनों में इसका प्रभाव दिखाई देने लगेगा। इस दिन 3 कुंवारी कन्याओं को घर बुलाकर खीर खिलाएं तथा पीला वस्त्र व दक्षिणा देकर विदा करें। इससे भी मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।इस दिन दान देने का भी विशेष महत्व है इसलिए इस दिन जितना हो सके गरीबों को दान करें। सफेद रंग की वस्तु या खाद्य पदार्थ का दान करें तो और शुभ रहेगा।शुक्रवार के दिन श्रीयंत्र का गाय के दूध के अभिषेक करें और अभिषेक का जल पूरे घर में छिंटक दें व श्रीयंत्र को कमलगट्टे के साथ धन स्थान पर रख दें। इससे धन लाभ होने लगेगा। Edited By: Preeti jha |