NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 2 लाख की चूड़ियाँ Show
These NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 2 लाख की चूड़ियाँ Questions and Answers are prepared by our highly skilled subject experts. लाख की चूड़ियाँ NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 2Class 8 Hindi Chapter 2 लाख की चूड़ियाँ Textbook Questions and Answersकहानी से प्रश्न 1. गाँव के सभी बच्चे उसे ‘वदलू काका’ कहते थे, इसलिए लेखक भी उसे ‘बदलू मामा’ न कहकर ‘बदलू काका’ ही कहता था। प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. कहानी से आगे प्रश्न 1. प्रश्न 2. अनुमान और कल्पना प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. भाषा की बात प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. भाषा की बात कुछ और निम्नलिखित वाक्यों को पढ़िए-
इन वाक्यों को इस प्रकार लिखना चाहिए-
वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. बोध प्रश्नोत्तर 1. बदलू का मकान कुछ ऊँचे पर बना था। मकान के सामने बड़ा-सा शहर था जिसमें एक पुराना नीम का वृक्ष लगा था। उसी के नीचे बैठकर बदलू अपना काम किया करता था। बगल में भट्ठी दहकती रहती जिसमें वह लाख पिघलाया करता। सामने एक लकड़ी की चौखट पड़ी रहती जिस पर लाख के मुलायम होने पर वह उसे सलाख के समान पतला करके चूड़ी का आकार देता। पास में चार-छह विभिन्न आकार की बेलननुमा मुँगेरियाँ रखी रहतीं जो आगे से कुछ पतली और पीछे से मोटी होतीं। लाख की चूड़ी का आकार देकर वह उन्हें मुँगेरियों पर चढ़ाकर गोल और चिकना बनाता और तब एक-एक कर पूरे हाथ की चूड़ियाँ बना चुकने के पश्चात् वह उन पर रंग करता। प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. 2. बदलू मनिहार था। चूड़ियाँ बनाना उसका पैतृक पेशा था और वास्तव में वह बहुत ही सुंदर चूड़ियाँ बनाता था। उसकी बनाई हुई चूड़ियों की खपत भी बहुत थी। उस गाँव में तो सभी स्त्रियाँ उसकी बनाई हुई चूड़ियाँ पहनती ही थीं आस-पास के गाँवों के लोग भी उससे चूड़ियाँ ले जाते थे। परंतु वह कभी भी चूड़ियों को पैसों से बेचता न था। उसका अभी तक वस्तु-विनिमय का तरीका था और लोग अनाज के बदले उससे चूड़ियाँ ले जाते थे। बदलू स्वभाव से बहुत सीधा था। मैंने कभी भी उसे किसी से झगड़ते नहीं देखा। हाँ, शादी-विवाह के अवसरों पर वह अवश्य जिद पकड़ जाता था। जीवन भर चाहे कोई उससे मुफ्त चूड़ियाँ ले जाए, परंतु विवाह के अवसर पर वह सारी कसर निकाल लेता था। आखिर सुहाग के जोड़े का महत्त्व ही और होता है। मुझे याद है-मेरे मामा के यहाँ किसी लड़की के विवाह पर जरा-सी किसी बात पर बिगड़ गया था और फिर उसको मनाने में लोहे लग गए थे। विवाह में इसी जोड़े का मूल्य इतना बढ़ जाता था कि उसके लिए उसकी घरवाली को सारे वस्त्र मिलते, ढेरों अनाज मिलता, उसको अपने लिए पगड़ी मिलती और रुपये जो मिलते सो अलग। प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. लाख की चूड़ियाँ Summaryपाठ का सार बदलू लाख की चूड़ियाँ बनाता था। वह लेखक को लाख की चूड़ियाँ सुन्दर-सुन्दर गोलियाँ बनाकर देता था। इस प्रकार लेखक ने अपने बचपन में ढेर सारी रंग-बिरंगी गोलियाँ एकत्र कर ली थीं। वह मेरे मामा का गाँव था, परन्तु मैं ‘बदलू’ को बदलू मामा न कहकर ‘बदलू काका’ कहता था। बदलू के आँगन में नीम का पुराना पेड़ था। उसी के नीचे बैठकर अपना काम करता। बगल में भट्टी दहकती जिसमें वह लाख पिघलाता। उसे चौखट पर रखकर पतला करके चूड़ी का आकार देता। फिर मुँगेरियों पर चढ़ाकर चूड़ी का आकार देता, उन्हें गोल और चिकना बनाता। पूरे हाथ की चूड़ियाँ बनाकर उन पर रंग करता। पुरानी मचिया पर वैठकर बदलू हुक्का गुड़गुड़ाता और अपना काम करता रहता। मैं जब उनके पास जाता, वे मेरे लिए मचिया मँगवा देते। मैं चुपचाप उनका काम देखता रहता था। चूड़ियाँ बनाना बदलू का पैतृक पेशा था। गाँव की सभी स्त्रियाँ उसकी बनाई चूड़ियाँ पहनतीं। आस-पास के गाँव के लोग भी उससे चूड़ियाँ ले जाते। लोग अनाज के बदले चूड़ियाँ लेते थे। वह पैसे के बदले चूड़ियाँ नहीं बेचता था। वह कभी किसी से झगड़ा नहीं करता। जीवनभर कोई मुफ्त में चूड़ियाँ ले सकता था, पर शादी के समय वह सारी कसर निकाल लेता था। ऐसे मौके पर उसे मनाना बहुत कठिन था। विवाह के मौके पर उसकी पत्नी को सारे वस्त्र मिलते, ढेरों अनाज और उसको पगड़ी मिलती सो अलग से। वह काँच की चूड़ियों से बहुत चिढ़ता था। वह मुझसे खूब अपनेपन से बात करता। मेरी बहुत खातिर भी करता था। गाय के दूध से मलाई बचाकर मेरे लिए रखता। आम की फसल में मैं रोज उसके यहाँ से दो-चार आम खा लेता। वह रोज मेरे लिए एक-दो गोलियाँ जरूर बना देता। मेरे पिता जी की दूसरे शहर में बदली हो गई। मैं काफी दिनों तक मामा के गाँव न जा सका। लाख की गोलियों में भी अब मेरी रुचि नहीं रह गई थी। मैं आठ-दस साल बाद मामा के गाँव गया। बहुत कुछ बदलाव आ गया। स्त्रियाँ काँच की चूड़ियाँ पहनने लगी थी। मैं वदलू के पास गया। न मचिया वहाँ थी न बदलू की भट्टी। वह चूड़ियाँ बनाने का काम बन्द कर चुका था। गाँव भर में काँच की चूड़ियों का प्रचार हो चुका था। मशीनी युग ने बदलू काका का काम छीन लिया था। काका ने अपनी बेटी रज्जो को आवाज देकर मेरे लिए आम मँगवाए। गाय बेच दी गई थी। अतः मलाई खाने का मौका नहीं मिला। जो बदलू ने लाख की चूड़ियों का आखिरी जोड़ा बनाया था, वह रज्जो के हाथ की शोभा बढ़ा रहा था। ज़मीदार ने उस जोड़े का मनचाहा दाम नहीं दिया था, सो बदलू ने देने से मना कर दिया था। बदलू ने किसी के सामने हार नहीं मानी। शब्दार्थ : चाव-तीव्र इच्छा, चाह; मोह लेना-आकर्षित कर लेना; सहन-आँगन; मचिया-छोटी खाट, चौकी; नव-वधू-नई बहू; खपत-माल की बिक्री; विनिमय-लेन-देन, अदल-बदल; कसर-कमी; लोहे लगना-कठिनाई होना; कुढ़ना-दुखी होना; नाजुक-कोमल; खातिर-स्वागत या सत्कार; विरले-बहुत कम; सहसा-अचानक; निहारना-देखना; स्मृति-पटल- याद में बना रहना अवस्था-उम्र; व्यथा-पीड़ा। लहककर-लहराकर; मुखातिब-जिससे कुछ कहा जाए; बखत-वक्त, समय; फबना- शोभा देना; मनिहार-चूड़ी बनाने वाला। बदलू कौन सी चूड़ियाँ बनाता था?लेखक के अनुसार बदलू उसके मामा के गाँव में लाख की चूड़ियों का श्रेष्ठ कारीगर था। उसके गाँव के अलावा बाहर गाँव में भी उसकी लाख की चूड़ियाँ खासी प्रचलित थी, विवाह में भी उसकी चूड़ियाँ प्रचलित थी। परन्तु जैसे-जैसे काँच की चूड़ियों का प्रचलन बढ़ने लगा।
बदलू क्या बनाता था?10) चूड़ियों का आखरी जोड़ा बदलू ने किसके लिए बनाया था|
उत्तर :- चूड़ियों का आखरी जोड़ा बदलू ने जमींदार साहब की बेटी के विवाह पर बनाया था?
बदलू कौन था गोलियाँ बनानेवाला पैसों से चूडियाँ बेचनेवाला मनिहार लेखक का साथी?क्लास 8-लाख की चूड़ियाँ | Other Quiz - Quizizz.
बदलू चूड़ियाँ बनाने का कार्य कहाँ और कैसे करता था?प्रश्न 3: बदलू चूड़ियाँ बनाने का कार्य कहाँ करता था? उत्तर: बदलू के मकान के सामने नीम का पुराना पेड़ था। उसी के नीचे लाख पिघलाने की भट्ठी थी। उसके बगल में बैठकर बदलू चूड़ियाँ बनाया करता था।
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