बाड़मेर। राज्य सरकार द्वारा बाड़मेर जिले की बाड़मेर तहसील का पुनर्गठन कर नवीन तहसील बाड़मेर ग्रामीण, गुड़ामालानी एवं सिणधरी तहसील का पुनर्गठन करते हुए तहसील नोखड़ा एवं तहसील पचपदरा का पुर्नगठन करते हुए उप तहसील कल्याणपुर को क्रमोन्नत कर तहसील कल्याणपुर का नवसृजन तथा तहसील बायतु का पुनर्गठन/नवसृजन कर उप तहसील बाटाडू एवं उप तहसील जसोल का पुनर्गठन कर नवीन उप तहसील दूदवा का नवसृजन किया गया है। Show बाड़मेर की स्थापना बाहड़ शासक राव पंवार या परमार ने की। बाड़मेर का नाम भी इन्हीं के बनाये हुए किले के नाम पर पड़ा बाड़मेर यानि बाड़ का पहाड़ी किला। महत्वपुर्ण तथ्यरेडक्लिफ रेखा राज्य के दक्षिण पश्चिम में बाड़मेर के बाखासर गांव(शाहगढ़) तक वितृत है। रेडक्लिफ रेखा की बाड़मेर से 228 कि.मी. सीमा लगती है। सबसे कम अन्तराज्यीय सीमा बनाने वाला जिला बाड़मेर है। नाकोड़ा पर्वत/छप्पन की पहाड़ीयां - बाड़मेर के सिवाणा ग्रेनाइट पर्वतीय क्षेत्र में स्थित गोलाकार पहाड़ीयों का समुह नकोड़ा पर्वत या छप्पन की पहाड़ीयां कहलाता है।(भौगोलिक नाम) गोड़वाड़ - बाड़मेर,जालौर, सिरोही। मालानी - बालोत्तरा व झालौर के मध्य का भू-भाग। लुणी नदी बाड़मेर के बालोतरा में दक्षिण में मुड जाती है। यहीं से इसका जल खारा हो जाता है। और बालोतरा से आगे लोग इसके किनारे पानी सुखाकर नमक तैयार करते हैं। मिठड़ी नदी पाली से निकलती है, पाली और बाड़मेर में बहते हुए बाड़मेर के मंगला में यह लुणी में मिल जाती है। सुकड़ी नदी पाली के देसुरी से निकलती है, पाली और जालौर में बहते हुए बाड़मेर के समदड़ी में यह लुणी में मिल जाती है। इन्दिरा गांधी नहर परियोजना को हरिके बैराज से बाड़मेर के गडरा रोड़ तक नहर बनाने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे श्रीगंगानगर, बीकानेर, जैसलमेर व बाड़मेर को जलआपूर्ति हो सके। नर्मदा घाटी परियोजना - 28 मार्च 2008 को नर्मदा नहर के माध्यम से नर्मदा नदी का पानी राजस्थान में पहुंचा इस परियोजना से वर्तमान में बाड़मेर की गुढा मलानी तहसील व जालौर की सांचैर तहसील लाभान्वित हो रही है। पंचपदरा - खारे पानी की झील। बाटाडू का कुआं - संगमरमर का आधुनिक पाषाण कला से बना कुआं। मरू उद्यान - जैसलमेर व बाड़मेर में। सिवाणा दुर्ग - पंवार शासक वीर नारायण द्वारा बनाया गया दुर्ग। किराडू - इसे राजस्थान का खजुराहो भी कहा जाता है। यहां पांच मंदिर विद्यमान है। यह विष्णु व शिव मंदिर के लिए प्रसिद्ध है, यहां सोमेश्वर मंदिर सबसे बड़ा व प्रमुख मंदिर है। नाकोड़ा - जैन सम्प्रदाय का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल जिसे मेवनगर के नाम से भी जाना जाता है। यहां के आदिनाथ व शांतिनाथ के मंदिर प्रसिद्ध है। मल्लीनाथ मंदिर - बालोतरा के निकट लुनी नदी की तलहटी में मल्लीनाथ जी का प्रसिद्ध मंदिर है। यहां पर चैत्र मास में पशु मेला भरता है, जिसे मल्लीनाथ पशु मेला या तिलवाड़ा पशु मेला के नाम से जानते हैं। आलम जी का मेला - धोरीमना, बाड़मेर। ब्रह्मा जी का मंदिर - आसोतरा, बाड़मेर। श्री रणछोड़ राय जी का मंदिर खेड़ बाड़मेर में है। गडरा का शहीद स्मारक - 1965 के भारत-पाक युद्ध में शहिद हुए रेलवे कर्मचारियों की समृति में निर्मित स्मारक। राजस्थान में पशु संपदा के मामले में बाड़मेर प्रथम स्थान रखता है। इनमें बकरी, भेड़, ऊट, गधे व घोड़े सबसे अधिक है। मलाणी घोड़े की नस्ल - बाड़मेर। होली पर इलो जी की सवारी बाड़मेर जिले में निकाली जाती है। अन्राष्ट्रीय थार महोत्सव - बाड़मेर। बैलुन महोत्सव - बाड़मेर। राजस्थान में लिग्नाइट गोयले पर आधारित प्रथम विधुत संयंत्र गिरल बाड़मेर में है। बाड़मेर जिले के शिव बायतू, गुडा मलानी आदि क्षेत्रों में पैट्रोलियम के भण्डार मिले हैं। रिफाइनरी - बाड़मेर के पंचपदरा नामक स्थान पर हिन्दुस्तान पैट्रोलियम कोर्पोरेशन लिमिटेड(भ्च्ब्स्) व राजस्थान सरकार दोनों की सहायता रिफाइनरी लगाई जा रही है। इस प्रोजेक्ट में केन्द्र व राज्य का हिस्सा 74:26 है। बाड़मेर में 8 तहसील कौन कौन सी है?प्रशासनिक इकाइयां. उपखण्ड: * बाड़मेर, * बालोतरा, * गुड़ामालानी, * सिवाना, * बायतु, * शिव, * चौहटन, * धोरीमना, * सेड़वा, * समदड़ी, * रामसर, * सिणधरी. तहसीलें: ** नोखड़ा * बाड़मेर, * सिवाना , * पचपदरा, * गुड़ामालानी, * बायतु, * शिव, * चौहटन, * धोरीमना, * समदड़ी, * रामसर, * सिणधरी, * सेड़वा, * धनाऊ, * गड़रारोड़, * गिड़ा. बाड़मेर जिले में कितनी तहसील है नाम बताइए?राज्य सरकार द्वारा बाड़मेर जिले की बाड़मेर तहसील का पुनर्गठन कर नवीन तहसील बाड़मेर ग्रामीण, गुड़ामालानी एवं सिणधरी तहसील का पुनर्गठन करते हुए तहसील नोखड़ा एवं तहसील पचपदरा का पुर्नगठन करते हुए उप तहसील कल्याणपुर को क्रमोन्नत कर तहसील कल्याणपुर का नवसृजन तथा तहसील बायतु का पुनर्गठन/नवसृजन कर उप तहसील बाटाडू एवं उप तहसील ...
बाड़मेर जिले में सबसे बड़ी तहसील कौन सी है?तहसील पचपदरा राजस्व की दृष्टि से जिले का सबसे बड़ा क्षेत्र हैं।
बाड़मेर में कुल कितने गांव हैं नाम?वर्तमान में बाड़मेर जिले में 11 उपखंड मुख्यालय, 15 तहसीलें, 3 उप तहसील, 17 पंचायत समितियां, 489 ग्राम पंचायत और 2808 राजस्व गांव है। जिले में कुल 17 पंचायत समितियां है। बाड़मेर पंचायत समिति में सबसे ज्यादा 51 ग्राम पंचायतें है।
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