चाँद से थोड़ी सी गप्पें कविता के कवि का क्या नाम है? - chaand se thodee see gappen kavita ke kavi ka kya naam hai?

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  • पाठ -४
  • चाँद से थोड़ी-सी गप्पें
  • {एक दस ग्यारह साल की लड़की की बात}
  • कवि – शमशेर बहादुर सिंह
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  • Ncert Class 6 in Hindi – Chapter 4 Solution 
    • चाँद से थोड़ी सी गप्पें के प्रश्न – उत्तर –
      • कविता से –
      • प्रश्न १ – ‘आप पहने हुए हैं कुल आकाश’ के माध्यम से लड़की क्या कहना चाहती है कि –
    • अनुमान और कल्पना –
      • भाषा की बात
      • प्रश्न २ – गोल-मटोल • गोरा-चिट्टा
      • न मिलते – जुलते अर्थ वाले शब्द वाक्य प्रयोग –
      • उत्तर –
      • शब्द                                 वाक्य प्रयोग
      • अर्थ
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      • चाँद से थोड़ी सी गप्पें कविता का सार/चाँद से थोड़ी सी गप्पें Summary

पाठ -४

चाँद से थोड़ी-सी गप्पें

{एक दस ग्यारह साल की लड़की की बात}

कवि – शमशेर बहादुर सिंह


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चाँद से थोड़ी-सी गप्पेंकविता

गोल हैं ख़ूब मगर

आप तिरछे नज़र आते हैं ज़रा ।

आप पहने हुए हैं कुल आकाश

तारों-जड़ा;

सिर्फ़ मुँह खोले हुए हैं अपना

गोरा-चिट्टा

गोल-मटोल,

अपनी पोशाक को फैलाए हुए चारों सिम्त ।

आप कुछ तिरछे नज़र आते हैं जाने कैसे

-ख़ूब हैं गोकि!

वाह जी, वाह!

हमको बुद्धू ही निरा समझा है!

हम समझते ही नहीं जैसे कि

आपको बीमारी है :

आप घटते हैं तो घटते ही चले जाते हैं,

और बढ़ते हैं तो बस यानी कि

बढ़ते ही चले जाते हैं-

दम नहीं लेते हैं जब तक बि ल कु ल ही

गोल न हो जाएँ,

बिलकुल गोल ।

यह मरज आपका अच्छा ही नहीं होने में आता है।


Ncert Class 6 in Hindi –

चाँद से थोड़ी सी गप्पें कविता के शब्द अर्थ

शब्द – अर्थ
जरा – थोड़ा
तारों- जड़ा – तारों से भरपूर
कुल – सारा
चिट्टा – एकदम सफ़ेद
मटोल – पूरा गोल
पोशाक – वस्त्र
सिम्त – दिशाएँ
गोकि – हालाँकि, यद्यपि
बुद्धू – बेवकूफ
निरा – पागल
दम – साँस
मरज – मर्ज , बीमारी।


Ncert Class 6 in Hindi – Chapter 4 Solution 

चाँद से थोड़ी सी गप्पें के प्रश्न – उत्तर –

प्रश्न –   प्रस्तुत कविता में कवि किसके माध्यम से कवि अपने मन के भाव व्यक्त कर रहा है ?
उत्तर – प्रस्तुत कविता में कवि दस या ग्यारह साल की एक लड़की के माध्यम से अपने मन के भाव व्यक्त कर रहा है।

प्रश्न –   लड़की को चाँद कैसे नजर आते हैं ?
उत्तर – लड़की को चाँद गोल मगर थोड़ा तिरछे नजर आते हैं।

प्रश्न –   चाँद की पोशाक कैसी है ?
उत्तर – चाँद की पोशाक तारों से भरी हुई है ,सारे आकाश को उन्होंने वस्त्र बनाकर पहन रखा है और वह पोशाक चारों दिशाओं में फैली हुई है ।

प्रश्न –  चाँद कैसा दिखाई देता है ?
उत्तर – चाँद गोरा , चिट्टा , सुन्दर गोल मुँह वाला दिखाई देता है।

प्रश्न –   लड़की ने चाँद को किस बीमारी से ग्रसित कहा है ?
उत्तर – लड़की ने चाँद को घटने – बढ़ने की बीमारी से ग्रसित माना है।


कविता से –

प्रश्न १ – ‘आप पहने हुए हैं कुल आकाश’ के माध्यम से लड़की क्या कहना चाहती है कि –

(क) चाँद तारों से जड़ी हुई चादर ओढ़कर बैठा है।
(ख) चाँद की पोशाक चारों दिशाओं में फैली हुई है।
आप किसे सही मानते हो ?

उत्तर- ‘आप पहने हुए हैं कुल आकाश’ कहकर लड़की यह कहना चाहती है कि चाँद तारों से जड़ी हुई चादर ओढ़कर बैठा है।

प्रश्न २- कवि ने चाँद से गप्पें किस दिन लगाई होंगी ? इस कविता में आई बातों की मदद से अनुमान लगाओ और उसका कारण भी बताओ।
उत्तर –

दिन                                                   कारण
पूर्णिमा                              –        इस दिन चाँद पूरी तरह गोल नजर आता है।
अष्टमी से पूर्णिमा के बीच    –       चाँद का आकार धीरे – धीरे बढ़ता जाता है और अंत में वह एकदम गोल हो जाता है।
प्रथमा से अष्टमी के बीच      –       गोल चाँद का आकार धीरे – धीरे घटने लगता है और वह आधा रह जाता है।

• मेरे विचार से कवि ने चाँद से अष्टमी से पूर्णिमा के बीच गप्पें लगाई होगी।

प्रश्न ३ – नई कविता में तुक या छंद की बदले बिंब का प्रयोग अधिक होता है, बिंब वह तसवीर होती है जो शब्दों को पढ़ते समय हमारे मन में उभरती है। कई बार कुछ कवि शब्दों की ध्वनि की मदद से ऐसी तसवीर बनाते हैं और कुछ कवि अक्षरों या शब्दों को इस तरह छापने पर बल देते हैं कि उनसे कई चित्र हमारे मन में बनें। इस कविता के अंतिम हिस्से में चाँद को एकदम गोल बताने के लिए कवि ने बि ल कु ल शब्द के अक्षरों को अलग-अलग करके लिखा है। तुम इस कविता के और किन शब्दों को चित्र की आकृति देना चाहोगे? ऐसे शब्दों को अपने ढंग से लिखकर दिखाओ।

उत्तर –

गोल – मटोल शब्द को -गो – ल — म – टो – ल
घटते शब्द को – घ – ट – ते
बढ़ते शब्द को – ब – ढ़ – ते ।


अनुमान और कल्पना –

प्रश्न १ . कुछ लोग बड़ी जल्दी चिढ़ जाते हैं। यदि चाँद का स्वभाव भी आसानी से चिढ़ जाने का हो तो वह किन बातों से सबसे ज्यादा चिढ़ेगा? चिढ़कर वह उन बातों का क्या जवाब देगा? अपनी कल्पना से चाँद की ओर से दिए गए जवाब लिखो।

उत्तर– चाँद के घटते – बढ़ते आकार को कभी न ठीक होने वाला रोग कहने की बात पर ववाह सबसे ज्यादा चिढ़ेगा।
चाँद जवाब देगा, मुझे कोई बीमारी नहीं है। मैं तो एकदम ठीक हूँ। बीमारी तुमको होगी, तुम्हारे परिवार वालों को होगी। मैं तो अपनी
इच्छानुसार छोटा – बढ़ा हो सकता हूँ , तुम तो नहीं।


भाषा की बात

प्रश्न 1.

चाँद संज्ञा है। चाँदनी रात में चाँदनी विशेषण है।
नीचे दिए गए विशेषणों को ध्यान से देखो और बताओ कि-
(क) कौन-सा प्रत्यय जुड़ने पर विशेषण बन रहे हैं।
(ख) इन विशेषणों के लिए एक-एक उपयुक्त संज्ञा भी लिखो-
गुलाबी पगड़ी
मखमली घास
कीमती गहने
ठंडी रात
जंगली फूल
कश्मीरी भाषा

क उत्तर- ये सभी विशेषण ‘ई’ प्रत्यय जुड़ने से बने हैं।
ख उत्तर – (संज्ञा )- गुलाबी पगड़ी, मखमली घास, कीमती गहने, ठंडी खीर, जंगली जानवर, कश्मीरी शाल।

प्रश्न २ – गोल-मटोल • गोरा-चिट्टा

कविता में आए शब्दों के इन जोड़ों में अंतर यह है कि चिट्टा का अर्थ सफ़ेद है और गोरा से मिलता-जुलता है जबकि मटोल अपने-आप में कोई शब्द नहीं है। यह शब्द ‘मोटा’ से बना है। ऐसे चार-चार शब्द युग्म सोचकर लिखो और उनका वाक्यों में प्रयोग करो।

उतर –

(i) दुबला–पतला – यह दुबला–पतला आदमी काफ़ी कमज़ोर है।

(ii) जादू-टोना – जादू – टोने का भरोसा छोड़कर अब कुछ काम करना शुरू कर दो।

(iii) सड़ा-गला – अच्छे फलों के साथ यह सड़ा-गला फल मत तोलो।

(iv) सीधा-सादा – वह इतना सीधा-सादा नहीं है , जितना तुम समझ रहे हो।

न मिलते – जुलते अर्थ वाले शब्द वाक्य प्रयोग –

तर-बतर – मजदूर पसीने से तर – बतर है।
बची-खुची – भिखारी ने शाम की बची – खुची रोटियां माँगी।
हक्का-बक्का – मालिक को अचानक सामने पाकर नौकर हक्का-बक्का रह गया।
रहन-सहन – विज्ञान के अविष्कारों ने लोगों के रहन – सहन बदल दिया।

प्रश्न ३ – ‘बिलकुल गोल’ – कविता में इसके दो अर्थ हैं-

(क) गोल आकार का

(ख) गायब होना !

ऐसे तीन शब्द सोचकर उनसे ऐसे वाक्य बनाओ कि शब्दों के दो-दो अर्थ निकलते हों।

उत्तर –

शब्द                                 वाक्य प्रयोग

(क)  अम्बर

अर्थ

वस्त्र              –          भगवान विष्णु पीताम्बर धारण करते हैं।
आकाश          –           चाँदनी रात में अम्बर की शोभा निराली होती है।

(ख)  आराम

अर्थ

विश्राम           –          थोड़ी देर आराम के बाद हम पढ़ने लगे।
बगीचा           –          इस आराम में अनेक प्रकार के फूल हैं।

 (ग)   तीर 

अर्थ      

बाण              –          अपने मनोरंजन के लिए पक्षी पर तीर मत चलाओ
किनारा          –          नदी के तीर पर पक्षी कलरव कर रहे थे।

प्रश्न ४ – जोकि, चूँकि, हालाँकि कविता की जिन पंक्तियों में ये शब्द आए हैं, उन्हें ध्यान से पढ़ो। ये शब्द दो वाक्यों को जोड़ने का काम करते हैं।
इन शब्दों का प्रयोग करते हुए दो-दो वाक्य बनाओ।

उत्तर –

(i) ताकि –    चोर को दंड दो ताकि वह फिर से ऐसा न करे ।

यह रास्ता बंद है ताकि कोई इधर न आ सके।

(ii) जबकि – तुम सो रहे हो जबकि मैं पढ़ रहा हूँ।

तुमने खाना नहीं खाया जबकि मैं खा चूका हूँ।

(iii) चूँकि – चूँकि मैं बीमार हूँ इसलिए स्कूल नहीं आऊँगा

प्रश्न ५  – गप्प, गप-शप, गप्पबाज़ी क्या इन शब्दों के अर्थ में अंतर है? तुम्हें क्या लगता है? लिखो।

उत्तर –
गप्प– काल्पनिक तथा अविश्वसनीय बातें।

गप–शप – बिना उद्देश्य की बातें।

गप्पबाज़ी – बनावटी व अविश्वसनीय बातें करते जाना।


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चाँद से थोड़ी सी गप्पें कविता का सार/चाँद से थोड़ी सी गप्पें Summary

प्रस्तुत कविता में कवि ने एक लड़की की माध्यम से बाल सुलभ कल्पनाओं का अत्यंत सुन्दर ढंग से वर्णन किया गया है। बच्चों ने चाँद से अपना रिश्ता जोड़ रखा है। वे चाँद को देखकर अनेक कल्पनाएँ करते हैं। इस कविता में एक छोटी सी लड़की आकाश को चाँद का वस्त्र समझती है जिस पर तारों रुपी सितारे जड़े हैं। चाँद का यह वस्त्र सभी दिशाओं में फैला हुआ है।

उस वस्त्र में केवल चाँद का गोरा – चिट्टा मुँह ही दिखता है। कविता के अंत में वह चाँद के घटने – बढ़ने को बीमारी बताती है , जो ठीक होने को नहीं आती है।

Ncert Class 6 in hindi / चाँद से थोड़ी सी गप्पें कविता के अतिरिक्त प्रश्न

प्रश्न १ – एक मास(महीने) में कितने पक्ष होते हैं उनके नाम लिखो ?
उत्तर – एक मॉस में दो पक्ष होते हैं , शुक्ल पक्ष व कृष्ण पक्ष

प्रश्न २ – चाँद कौन से पक्ष की तिथि को पूरा गोल व गायब दिखाई देता है ?
उत्तर  – चाँद शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि (१५वीं तिथि) को पूरा गोल व कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि (१५ वीं तिथि) को पूरा गायब दिखाई देता               है।

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चाँद से थोड़ी सी गप्पें कविता PDF

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चाँद से थोड़ी गप्पें कविता के कवि कौन है?

अपनी पोशाक को फैलाए हुए चारों सिम्त । आप कुछ तिरछे नज़र आते हैं जाने कैसे खूब हैं गोकि ! वाह जी, वाह! हमको बुद्ध ही निरा समझा है !

चाँद से थोड़ी सी गप्पें कविता से क्या संदेश मिलता है?

कविता से यह सन्देश मिलता है कि प्रकृति के नियमानुसार चाँद घटता और बढ़ता रहता है। प्रकृति के इस नियम को कोई भी नहीं बदल पाता है। अतः हमें भी प्रकृति के नियम मानने चाहिए।

चाँद से थोड़ी सी गप्पे शीर्षक कहाँ तक सार्थक है कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए?

अच्छा हुआ टूट गई ।

चाँद को कौन सी बीमारी है class 6?

चाँद को कौन-सी बीमारी बतायी गई है ? Solution : चाँद को लगातार घटते रहने और बढ़ते रहने की बीमारी बतायी गई है।