Show छैना रसगुल्ला (Bengali Rasgulla) का नाम सुनते ही मुंह में मिठास भर जाती है. इसे बनाना थोड़ा मुश्किल तो है, लेकिन थोड़ी सी मेहनत और थोड़ी सी प्रेक्टिस से आसानी से बनाये जा सकते हैं. आइये आज हम छैना रसगुल्ला बनायें. Read - Rasgulla Recipe In English आवश्यक सामग्री - Ingredients for Rasgulla
विधि - How to make Rasgulla
छैना बनाने के लिये दूध को किसी भारी तले वाले बर्तन में निकाल कर गरम कीजिये. दूध में उबाल आने के बाद, दूध को गैस से उतार लीजिये, दूध को हल्का सा ठंडा होने दीजिये, दूध को ठंडा करने के लिये दूध में 1 कप पानी भी डाल सकते हैं. दूध में थोड़ा थोड़ा नीबू का रस डालते हुये चमचे से चलाइये, दूध जब पूरा फट जाय, दूध में छैना और पानी अलग दिखाई देने लगे तो नीबू का रस डालना बन्द कर दीजिये. छैना को कपड़े में छानिये और ऊपर से ठंडा पानी डाल दीजिये ताकि नीबू का स्वाद छैना में न रहे. कपड़े को चारों ओर से उठाकर हाथ से दबा कर अतिरिक्त पानी निकाल दीजिये. रसगुल्ला बनाने के लिये छैना तैयार है. छैना को किसी थाली में निकाल लीजिये और 4-5 मिनिट छैना को मसल मसल कर चिकना कर लीजिये, अब छैना में अरारोट मिला कर फिर से छैना को 4-5 मिनिट अच्छी तरह मल मल कर चिकना करना है, छैना को इतना मथिये कि वह चिकना गुथे हुये आटे की तरह दिखाई देने लगे, रसगुल्ला बनाने के लिये छैना तैयार है. छैने से थोड़ा थोड़ा छैना निकाल कर, एक इंच व्यास के छोटे छोटे गोले बना कर प्लेट में रख लीजिये. सारे रसगुल्ले के लिये गोले इसी तरह बना लीजिये और किसी गीले कपड़े से ढक कर रख दीजिये. चाशनी बनाइये : चीनी और 2 कप पानी किसी चौड़े बर्तन में डाल कर गरम कीजिये, चाशनी में उबाल आने के बाद, छैने से बने गोले चाशनी में डाल दीजिये. बर्तन को ढक दीजिये, और छैना के गोलों को चैक करते हुये 20 मिनिट तक तेज आग पर उबलने दीजिये, 8-10 मिनिट बाद चाशनी गाढ़ी होने लगती है, चाशनी में 1- 1 चमचा करके पानी डालिये, ध्यान रहे कि चाशनी में हमेशा उबाल आता रहे, रसगुल्ला पकते समय 1 - 2 कप तक पानी डाल सकते हैं. रसगुल्ले फूल कर लगभग दुगने हो जाते हैं, रसगुल्ला पकने के बाद गैस बन्द कर दीजिये. रसगुल्ले चीनी के पानी में ही ठंडे होने दीजिये. लीजिये छैना के रसगुल्ले तैयार हैं, रसगुल्ले अभी खाये जा सकते हैं, लेकिन 10-12 घंटे बाद रसगुल्ले अच्छे मीठे और बहुत ही स्वादिष्ट हो जायेंगे, इन्हैं ठंडा होने के बाद, फ्रिज में रख दीजिये, रसगुल्ले चाशनी में डूबे रखे रहने दें, चाशनी में डूबे रसगुल्ले फ्रिज में रखकर 15-20 दिन तक खाये जा सकते हैं. ठंडे स्वाडिष्ट रसगुल्ला (Bengali Rasgulla) परोसिये और खाइये. सावधानियां
Rasgulla Recipe Video in Hindi
TagsCategoriesPlease rate this recipe: 5.00 Ratings. (Rated by 1 people) छैना रसगुल्ला (Rasgulla Recipe) Nisha Madhulika Rating: 5.00 out of 5 और आर्टिकल पढे़ंछेनाछेना, दूध से बना एक पदार्थ है जो दूध को फाड़कर बनाया जाता है। दूसरे शब्दों में, उस ताजे पनीर को कहते हैं जिसमे पानी की मात्रा अधिक होती है और यह आसानी से टूट जाता है और इसे ज्यादा देर तक भंडार करने के लिए नहीं बनाया जाता। इसका प्रयोग बंगाली मिठाईयां जैसे संदेश या रसगुल्ला बनाने में किया जाता है। . 7 संबंधों: दूध, पनीर, रस-मलाई, रसगुल्ला, राजभोग, सन्देश (मिठाई), खोया (दुग्ध उत्पाद)। दूधएक गिलास दूध दूध एक अपारदर्शी सफेद द्रव है जो मादाओं के दुग्ध ग्रन्थियों द्वारा बनाया जता है। नवजात शिशु तब तक दूध पर निर्भर रहता है जब तक वह अन्य पदार्थों का सेवन करने में अक्षम होता है। साधारणतया दूध में ८५ प्रतिशत जल होता है और शेष भाग में ठोस तत्व यानी खनिज व वसा होता है। गाय-भैंस के अलावा बाजार में विभिन्न कंपनियों का पैक्ड दूध भी उपलब्ध होता है। दूध प्रोटीन, कैल्शियम और राइबोफ्लेविन (विटामिन बी -२) युक्त होता है, इनके अलावा इसमें विटामिन ए, डी, के और ई सहित फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, आयोडीन व कई खनिज और वसा तथा ऊर्जा भी होती है। इसके अलावा इसमें कई एंजाइम और कुछ जीवित रक्त कोशिकाएं भी हो सकती हैं।। इकॉनोमिक टाइम्स, २२ मार्च २००९ . नई!!: छेना और दूध · और देखें » पनीरपनीर पनीर (Indian cottage cheese) एक दुग्ध-उत्पाद है। यह चीज़ (cheese) का एक प्रकार है जो भारतीय उपमहाद्वीप में खूब उपयोग किया जाता है। इसी तरह छेना भी एक विशेष प्रकार का भारतीय चीज़ है जो पनीर से मिलता-जुलता है और रसगुल्ला बनाने में प्रयुक्त होता है। भारत में पनीर का प्रयोग सीमित मात्रा में ही होता है। कश्मीर आदि जैसे ठंढे प्रदेशों में अपेक्षाकृत अधिक पनीर खाया जाता है। . नई!!: छेना और पनीर · और देखें » रस-मलाईरस-मलाई उत्तरी एवं पूर्वी भारत की एक मिठाई है। इसका मूल भी भारतीय उपमहाद्वीप में ही है। इसमें छेना का एक रसहुल्ला जैसा आकार होता है जो मलाई के रस में डूबा रहता है। यह रस प्रायः केसर युक्त होने के कारण पीले रंग का रहता है। उसके ऊपर कतरी हुई मेवा पड़ी रहती है। श्री के.सी.दास के पड़पोतों के अनुसार ये मिठाई बंगाली मूल की है एवं इसका आविष्कार श्री दास ने ही किया था। रसमलाई एक प्रकार का पकवान है जो दूध, छेना तथा चीनी से बनाया जाता है। . नई!!: छेना और रस-मलाई · और देखें » रसगुल्लारसगुल्ला एक भारतीय पकवान है, जो छेना तथा चीनी से बनाया जाता है। यह मुख्य रूप से ओड़िसा और पश्चिम बंगाल में लोकप्रिय है। आवश्यक सामग्री - . नई!!: छेना और रसगुल्ला · और देखें » राजभोगराजभोग एक प्रकार की भारतीय मिठाई है, जो छेने, खोये और रवे को मिलाकर बनाई जाती है। श्रेणी:भारतीय मिठाइयाँ. नई!!: छेना और राजभोग · और देखें » सन्देश (मिठाई)संदेश एक प्रकार का भारतीय पकवान है, जो छेना तथा चीनी से बनाया जाता है। श्रेणी:भारतीय मिठाइयाँ. नई!!: छेना और सन्देश (मिठाई) · और देखें » खोया (दुग्ध उत्पाद)मावा या खोया दूध से बना एक ठोस पदार्थ है जिससे मिठाइयाँ एवं अन्य पकवान बनते हैं। यह भारतीय मीठाइयों में अत्यधिक प्रयोग किया जाने वाला पदार्थ है। यह दूध को गरम करके उसके पानी को जलाकर बनाया जाता है। खोया . नई!!: छेना और खोया (दुग्ध उत्पाद) · और देखें » छेना कितने प्रकार के होते हैं?छेना : रोशोगुल्ला और पनीर का मुख्य इंग्रेडिएंट
छेना सफ़ेद और स्पंजी होता है। छेना गाय या भैंस के दूध को फाड़कर बनाया जाता है। इसमें प्रोटीन, कार्बोहायड्रेट और कैल्शियम की प्रचुर मात्रा पायी जाती है। इसका प्रयोग प्रायः ताज़ा ही किया जाता है।
पनीर और छेना में क्या अंतर है?छेना क्या है ? छेना कुछ-कुछ पनीर के जैसा की होता है, लेकिन वो पनीर से ज़्यादा मुलायम होता है और आमतौर पर गाय के दूध से बनता है. छेने का प्रयोग विभिन्न प्रकार की मिठाइयों को बनाने में किया जाता है, जैसे कि रसगुला, रसमलाई, संदेश वग़ैरह-वग़ैरह.. छेने में प्रोटीन, कॅल्षियम, और कारबोहाइड्रेट प्रचुर मात्रा में पाया जाता है.
दूध में छेना क्या होता है?छेना, दूध से बना एक पदार्थ है जो दूध को फाड़कर बनाया जाता है। दूसरे शब्दों में, उस ताजे पनीर को कहते हैं जिसमे पानी की मात्रा अधिक होती है और यह आसानी से टूट जाता है और इसे ज्यादा देर तक भंडार करने के लिए नहीं बनाया जाता। इसका प्रयोग बंगाली मिठाईयां जैसे संदेश या रसगुल्ला बनाने में किया जाता है।
छेना कब खाना चाहिए?यदि आप कच्चा पनीर (Raw cheese) खाते हैं तो इसका सेवन आपको दोपहर के भोजन से 1 घंटे पहले करना चाहिए। क्योंकि, इससे खाना अधिक खाने से बचा जा सकता है। अगर आप एक्सरसाइज (Exercise) करते हैं तो, इसके कुछ घंटे बाद पनीर का सेवन लाभदायक रहता है।
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