एमबीबीएस कोर्स फीस - चिकित्सा शिक्षा (मेडिसिन) भारत में सबसे अधिक डिमांड वाले कोर्सेज में से एक है। भारत में एमबीबीएस कोर्सेज में प्रवेश पाने के इच्छुक मेडिकल उम्मीदवारों को भारत के मेडिकल कॉलेजों की फीस संरचना (fee structure) के बारे में भलीभांति जानकारी होनी चाहिए। नवीनतम अपडेट के अनुसार, एनएमसी ने निजी मेडिकल कॉलेजों और डीम्ड विश्वविद्यालयों में 50 प्रतिशत सीटों की फीस को संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में फीस के
बराबर कर दिया है। Show
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वर्तमान में सरकारी और निजी कॉलेजों को अपने राज्य संचालन अथॉरिटी और मेडिकल काउंसलिंग कमिटी (एमसीसी) के माध्यम से एमबीबीएस कोर्स की फीस से जुड़े विवरण की घोषणा किए जाने को भी अनिवार्य कर दिया है। एमबीबीएस कोर्स फीस (MBBS course fee) विवरण की मदद से छात्र उपयुक्त संस्थानों को चिह्नित कर सकते है। एमबीबीएस कोर्स फीस स्ट्रक्चर की मदद से, मेडिकल कैंडिडेट्स को प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने से पहले एमबीबीएस कोर्सेज की फीस पता चल जाती है जिससे वह अपने यूजी मेडिकल एडमिशन को सही ढंग से प्लान भी कर सकते हैं। देश के सभी सरकारी/सरकारी सहायता प्राप्त संस्थानों/केंद्रीय विश्वविद्यालयों और निजी संस्थानों/डीम्ड विश्वविद्यालयों के एमबीबीएस कोर्स की फीस अलग-अलग होती है। कॉलेज के स्वामित्व के आधार पर, एमबीबीएस कोर्स फीस कम या अधिक होती है। उम्मीदवारों को उनके अनुकूल सर्वोत्तम कॉलेज खोजने में मदद करने के लिए Careers360 विभिन्न विश्वविद्यालयों / कॉलेजों और संस्थानों के एमबीबीएस कोर्स फीस पर यह लेख लेकर आया है। नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) भारत में निजी कॉलेजों के साथ-साथ ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) और जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन रिसर्च के एमबीबीएस कोर्सेज में प्रवेश के लिए एकमात्र प्रवेश परीक्षा के रूप में कार्य करता है। केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए एमबीबीएस कोर्स फीस बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू), अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू), और दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश देने वाले तीन केंद्रीय विश्वविद्यालय हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के तहत आने वाले मेडिकल कॉलेजों को वर्ष 2018 से केंद्रीय विश्वविद्यालय के तहत लाया गया। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में एडमिशन के लिए एमबीबीएस कोर्स फीस का उल्लेख नीचे किया गया है: डीम्ड विश्वविद्यालयों के लिए एमबीबीएस कोर्स फीसदेश भर के 42 डीम्ड विश्वविद्यालयों में कुल 6204 एमबीबीएस (MBBS) सीटें (मैनेजमेंट और एनआरआई कोटा) उपलब्ध हैं। विभिन्न डीम्ड विश्वविद्यालयों में मैनेजमेंट कोटा के लिए वार्षिक एमबीबीएस कोर्स फीस आम तौर पर काफी अधिक होती है और यह 2,11,000/- रु. से 22,50,000/- रु. के बीच हो सकती है। सबसे कम फीस एमजी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, सेवाग्राम वर्धा द्वारा ली जा रही है, जबकि एसआरएम मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, चेन्नई में मेडिकल फीस सबसे अधिक है। डीम्ड विश्वविद्यालयों में एनआरआई कोटे के तहत एमबीबीएस कोर्स की फीस 25,000/- यूएस डॉलर से 2,20,000/- यूएस डॉलर के बीच है. इन विश्वविद्यालयों में श्री सिद्धार्थ मेडिकल कॉलेज, दिल्ली यूनिवर्सिटी, तुमकुर द्वारा ली जाने वाली फीस सबसे कम है, जबकि श्री रामचंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ हायर एजुकेशन एंड रिसर्च, चेन्नई की फीस सबसे अधिक है। उम्मीदवार नीचे दी गई तालिका से भारत के डीम्ड विश्वविद्यालयों के लिए एमबीबीएस फीस स्ट्रक्चर की जांच कर सकते हैं। डीम्ड विश्वविद्यालयों के लिए एमबीबीएस शुल्क संरचना
सरकारी मेडिकल कॉलेज/संस्थान सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस कोर्स फीस के लिए सब्सिडी दी जाती है और जिसके कारण यहाँ फीस देश में सबसे कम होती है। सरकारी कॉलेजों के अंतर्गत ऑल इंडिया और स्टेट कोटे की सीटों के लिए एमबीबीएस कोर्स की फीस भिन्न-भिन्न है। हालांकि, यहां दी गई फीस में केवल शिक्षण फीस (ट्यूशन फीस) ही शामिल है, लेकिन इसके अलावा छात्रों को हॉस्टल, पंजीकरण और अन्य शुल्क के लिए अलग से भुगतान करना होता है। ऑल इंडिया कोटा ऑल इंडिया कोटा सीटों के लिए काउंसलिंग एमसीसी (MCC) की तरफ से डीजीएचएस (DGHS) द्वारा संचालित की जाती है। ऑल इंडिया कोटा काउंसलिंग में भाग लेने वाले सभी राज्यों को उन सीटों के लिए निर्धारित किए गए फीस के प्रस्ताव के बारे में एमसीसी को पहले से सूचित करना आवश्यक है। अखिल भारतीय कोटे की सीटों के लिए वार्षिक ट्यूशन एमबीबीएस कोर्स की फीस मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज, दिल्ली में सबसे कम है (240/- रु. वार्षिक), जबकि सबसे अधिक फीस गोवा मेडिकल कॉलेज, पणजी में वार्षिक 89,500/- रु. है। राज्य-वार ऑल इंडिया कोटा फीस स्ट्रक्चरअंडमान और निकोबार द्वीप समूह
आंध्र प्रदेश
अरुणाचल प्रदेश
असम
बिहार
चंडीगढ़
छत्तीसगढ़
दादरा और नगर हवेली
दिल्ली
गोवा
गुजरात
हरियाणा
हिमाचल प्रदेश
झारखंड
कर्नाटक
केरल
मध्य प्रदेश
महाराष्ट्र
मणिपुर
मेघालय
मिजोरम
ओडिशा
पुडुचेरी
पंजाब
राजस्थान
तमिलनाडु
तेलंगाना
त्रिपुरा
उत्तर प्रदेश
उत्तराखंड
पश्चिम बंगाल
राज्य कोटा राज्य कोटे (State Quota) के लिए सरकारी कॉलेजों में एमबीबीएस कोर्स की फीस स्टेट काउंसलिंग अथॉरिटी द्वारा निर्धारित की जाती है। राज्य कोटे के लिए एमबीबीएस की कोर्स फीस मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज, दिल्ली की तरह वार्षिक फीस 250/- रु. तक कम हो सकती है। राज्य कोटे के तहत सबसे कम वार्षिक कोर्स फीस वाला राज्य तमिलनाडु है, जो 4000/- रु. सालाना है। यह 70,900/- रु. के वार्षिक फीस के साथ महाराष्ट्र राज्य में सबसे अधिक है। राज्य कोटे के तहत सीटें प्राप्त करने वाले छात्रों को आमतौर पर राज्य सरकार के साथ एक कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर करने की आवश्यकता होती है, जिसके तहत उन्हें एमबीबीएस कोर्स पूरा होने के बाद एक न्यूनतम अवधि के लिए संबंधित राज्य में अपनी सेवाएं देनी होती हैं। इस संबंध में उत्तराखंड राज्य उम्मीदवारों को बॉन्ड पर हस्ताक्षर किए बिना कोर्स को चुनने अनुमति देता है। हालांकि इसके लिए उन्हें उच्चतर कोर्स फीस के रूप में 4,00,000/- रु. का भुगतान करना पड़ता है। राज्य कोटा एमबीबीएस कोर्स की वार्षिक फीस आमतौर पर उत्तर प्रदेश को छोड़कर अन्य राज्यों में सभी श्रेणियों के लिए समान है, उत्तर प्रदेश में यह आरक्षित श्रेणी के लिए (9000/- रु.) और अनारक्षित श्रेणी (18,000/- रु.) के लिए अलग-अलग है। एनआरआई कोटा कुछ सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेजों में एनआरआई उम्मीदवारों के लिए सीटें आरक्षित हैं। ऐसे संस्थानों में संपूर्ण कोर्स के लिए एमबीबीएस कोर्स फीस 20,000 अमरीकी डॉलर से 75,000 अमरीकी डॉलर तक है। निजी मेडिकल कॉलेज/संस्थान निजी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस पाठ्यक्रम फीस आमतौर पर स्वयं संस्थानों द्वारा तय किया जाता है। हालाँकि, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों ने कैपिंग (ऊपरी सीमा) की शुरुआत की है ताकि प्रत्येक श्रेणी के लिए वार्षिक फीस कितनी होनी चाहिए यह सुनिश्चित किया जा सके और निजी संस्थान छात्रों पर अधिक बोझ न डाल पाएं। निजी कॉलेजों में सीटों की मुख्य श्रेणियां मैनेजमेंट और एनआरआई कोटा हैं। इसके अलावा, लगभग सभी निजी कॉलेजों में आमतौर पर सरकारी कोटा के लिए भी सीटें आरक्षित होती हैं, जिसके लिए एमबीबीएस कोर्स की फीस अन्य दो श्रेणियों की तुलना में कम होती है।
एम्स एमबीबीएस फीस चिकित्सा शिक्षा के मामले में देश के प्रमुख संस्थान एम्स (AIIMS) के एमबीबीएस के लिए कोर्स फीस का निर्धारण अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली द्वारा देश भर के अपने 9 परिसरों में किया जाता है। एमबीबीएस पाठ्यक्रम के रूप में एम्स का वार्षिक कोर्स फीस 5856/- रु. के साथ बहुत कम है। होस्टल की फीस सीट की उपलब्धता और आवश्यकता के अनुसार ली जाती है। एम्स में एनआरआई कोटे के तहत आवेदन करने वाले उम्मीदवारों के लिए एमबीबीएस कोर्स फीस पूरे पाठ्यक्रम के लिए केवल 75,000 यूएस डॉलर है। जिपमर मेडिकल कॉलेज फीस जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (JIPMER) मेडिकल कोर्स की पढ़ाई के लिए एक प्रतिष्ठित संस्थान है। इस सरकारी संस्थान के दो परिसर है: पुदुचेरी और कराईकल, जिसके कुल एमबीबीएस कोर्स की फीस 12,620/- रु. है। इसमें एडमिशन फीस, शैक्षणिक शुल्क, जिपमर छात्र संघ, शिक्षण संसाधन, कॉर्पस फंड, आईटी शुल्क और पहचान पत्र शुल्क शामिल हैं। एक वर्ष के लिए छात्रावास शुल्क केवल 14,000/- रु. है। जिपमर में एनआरआई कोटा के तहत आवेदन करने वाले उम्मीदवारों के लिए एमबीबीएस का कोर्स फीस पूरे कोर्स के दौरान के लिए केवल 75,000 यूएस डॉलर है। Frequently Asked Question (FAQs) - एमबीबीएस कोर्स फीस (MBBS Course Fees) - सरकारी / निजी, एम्स और जिपमर मेडिकल कॉलेज शुल्कप्रश्न: क्या निजी कॉलेजों में एमबीबीएस कोर्स की फीस मैनेजमेंट कोटा सीटों के लिए डीम्ड विश्वविद्यालयों की तरह ही है?उत्तर: मैनेजमेंट कोटा सीटों के लिए निजी कॉलेजों और डीम्ड विश्वविद्यालयों दोनों के लिए शुल्क आमतौर पर अपने उच्चतम स्तर पर होती है। हालांकि, दोनों में एमबीबीएस कोर्स की फीस एक समान हो यह जरूरी नहीं है। प्रश्न: क्या सभी निजी कॉलेजों में फीस सब्सिडी वाली सरकारी सीट होती है?उत्तर: देश के अधिकांश निजी कॉलेजों को अपनी सीटों का कुछ निश्चित प्रतिशत सरकारी कोटे के लिए आरक्षित रखना आवश्यक है। ऐसी सीटों के लिए एमबीबीएस कोर्स की फीस आमतौर पर सब्सिडी वाली होती है। हालांकि, कुछ निजी संस्थान ऐसे हैं, जिनमें सरकारी कोटे की सीटों का प्रावधान नहीं है। प्रश्न: सरकारी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश ले रहे सभी छात्रों को क्या उनकी संबंधित राज्य सरकार के साथ किसी बांड पर हस्ताक्षर करने की आवश्यकता होती है?उत्तर: हां, आमतौर पर सरकारी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश लेने वाले सभी छात्रों को उस राज्य में सेवा देने लिए एक कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर करने की आवश्यकता होती है, जिसके लिए उन्हें संबंधित राज्य सरकार को बांड राशि का भुगतान करना होता है। बॉन्ड राशि और अवधि अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग है। हालांकि, हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में छात्रों को बिना बांड के भी एडमिशन लेने का प्रावधान है, लेकिन यहाँ एमबीबीएस पाठ्यक्रम शुल्क में सब्सिडी नहीं है और फीस भी बहुत अधिक है। प्रश्न: यदि उम्मीदवार को AIQ और डीम्ड विश्वविद्यालय दोनों के लिए आवेदन करना हो, तो क्या उम्मीदवार को दोनों के लिए शुल्क का भुगतान करना चाहिए?उत्तर: नहीं, ऐसी स्थिति में उम्मीदवार को केवल हायर फीस का भुगतान करना होगा यानी डीम्ड विश्वविद्यालय के 5000/ - रुपये (काउंसिलिंग / रजिस्ट्रेशन) के साथ साथ 2,00,000 / - (सुरक्षा राशि)। प्रश्न: सिक्यूरिटी राशि कहां और कब वापस की जाएगी?उत्तर: सिक्यूरिटी राशि (security amount) को उस संस्थान को वापस कर दिया जाएगा, जहां पर उम्मीदवार का एडमिशन होगा और उस राशि को पहले वर्ष के वार्षिक शुल्क के साथ ही समायोजित किया जाएगा। यदि उम्मीदवार को अतिरिक्त वैकेंसी राउंड सहित किसी भी काउंसलिंग राउंड में कोई भी सीट आवंटित नहीं की जाती है, तो रजिस्ट्रेशन के समय उम्मीदवार द्वारा दिया गया शुल्क उसके खाते में वापस कर दिया जाएगा। लेकिन यह सिक्यूरिटी राशि काउंसलिंग पूरी होने के बाद ही वापस की जाएगी। प्रश्न: रजिस्ट्रेशन के समय भुगतान किए जाने वाले विभिन्न शुल्क क्या हैं?उत्तर: डीम्ड विश्वविद्यालयों के लिए, रजिस्ट्रेशन फीस 2000 रुपये है, जबकि सिक्यूरिटी फीस 2,00,000 रुपये होगा। 15% ऑल इंडिया कोटा, डीम्ड विश्वविद्यालयों, केंद्रीय विश्वविद्यालय, एएफएमसी और ईएसआईसी के लिए, नॉन-रिफंडेबल रजिस्ट्रेशन फीस सामान्य श्रेणी के लिए 1000 रुपये और एससी / एसटी / ओबीसी उम्मीदवारों के लिए 500 रुपये है, जबकि रिफंडेबल सिक्योरिटी फीस सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए 10,000 रुपये और आरक्षित वर्ग के लिए 5,000 रुपये है। Related E-books and Sample Papersएग्जाम और कॉलेज अपडेट को कभी मिस न करें भारत में एमबीबीएस की सरकारी फीस कितनी है?देश भर के 42 डीम्ड विश्वविद्यालयों में कुल 6204 एमबीबीएस (MBBS) सीटें (मैनेजमेंट और एनआरआई कोटा) उपलब्ध हैं। विभिन्न डीम्ड विश्वविद्यालयों में मैनेजमेंट कोटा के लिए वार्षिक एमबीबीएस कोर्स फीस आम तौर पर काफी अधिक होती है और यह 2,11,000/- रु. से 22,50,000/- रु. के बीच हो सकती है।
डॉक्टर बनने के लिए कितना खर्च आता है?डॉक्टर बनने में कितना पैसा लगता है? सरकारी मेडिकल कॉलेज में भी फीस अलग-अलग होती है। पर सरकारी मेडिकल कॉलेज से डॉक्टर बनने के लिए आपको औसतन ₹500000 से लेकर ₹1000000 तक FESS PAY करनी होती है।
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