फुटबॉल के खेल के दौरान होने वाले फाउल और दंड का वर्णन कीजिए - phutabol ke khel ke dauraan hone vaale phaul aur dand ka varnan keejie

फुटबॉल के खेल के दौरान होने वाले फाउल और दंड का वर्णन कीजिए - phutabol ke khel ke dauraan hone vaale phaul aur dand ka varnan keejie

फुटबॉल क्या है और इसके नियम क्या है?

एसोसिएशन फुटबॉल जिसे आमतौर पर सिर्फ फुटबॉल या सॉकर कहा जाता है, दुनिया के सबसे लोकप्रिय खेलों में से एक है। यह एक सामूहिक खेल है और इसे ग्यारह खिलाड़ियों के दो दलों के बीच खेला जाता हैं। फुटबॉल को सामान्यत: एक आयताकार घास या कृत्रिम घास के मैदान पर खेला जाता है जिसके दोनों छोरों पर एक-एक गोल होता है। खिलाड़ियों द्वारा विरोधी दल के गोल में चालाकी से गेंद को डालना ही इस खेल का उद्देश्य है। खेल में गोलरक्षक ही एक मात्र ऐसा खिलाड़ी होता है जिसे गेंद को रोकने के लिए अपना हाथ इस्तेमाल करने की अनुमति होती है। दल के बाकी खिलाड़ी आमतौर पर गेंद को मारने (किक या पदाघात) के लिये अपने पैर का इस्तेमाल करते हैं तथा कभी कभी हवा में गेंद को रोकने के लिए वे अपने धड़ या फिर सिर का इस्तेमाल करते हैं। जो दल खेल के अंत या समय समाप्ति तक ज्यादा गोल करता है, विजयी रहता है। खेल के अंत यानि समय समाप्ति तक यदि स्कोर बराबर रहे तो उस मुकाबले को बराबर या ड्रा घोषित करना, या खेल को अतिरिक्त समय में ले जाना और/या पेनाल्टी शूट आउट के द्वारा हार जीत का फैसला करना सब प्रतियोगिता के स्वरुप पर निर्भर करता है।

आधुनिक फुटबॉल को इंग्लैंड में द फुटबॉल एसोसिएशन (फुटबॉल संघ) के गठन के साथ कूटबद्ध किया गया और जिसके 1863 में बने लॉज़ ऑफ द गेम (खेल के कानून) के आधार पर ही आज फुटबॉल खेली जाती है। अंतरराष्ट्रीय आधार पर फुटबॉल का नियंत्रण Fédération Internationale de Football Association (फेडरेशन इंटरनेशनेल डी फुटबॉल एसोसिएशन) या एसोसिएशन फुटबॉल का अंतरराष्ट्रीय महासंघ जिसे संक्षेप में FIFA या फीफा कहा जाता है। फुटबॉल की सबसे प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय और लोकप्रिय प्रतियोगिता फीफा विश्व कप है, जिसका आयोजन हर चौथे वर्ष किया जाता है। इस प्रतियोगिता को व्यापक रूप से पूरे विश्व में देखा जाता है और इसके दर्शक ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक खेलों को मिले दर्शकों से लगभग दुगने होते हैं।

परिचय

फुटबॉल एक ऐसा खेल है जिसमें बॉल को पैर से ठोकर मारकर खेला जाता हैं इसीलिए इसे फुटबॉल कहा जाता हैं।दो प्रतिद्वंदी टीमों के मध्य खेला जाने वाला यह एक आउट डोर गेम हैं।खेल में भाग लेने वाली दोनों टीमों के 11-11 खिलाड़ी खेल का हिस्सा होते हैं।अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार खेल की अवधि 90 मिनट होती है जिन्हें 45-45 मिनट के दो मध्यांतर में विभाजित कर खेला जाता हैं।

खेल में दोनों टीम अपने विपक्षी के खिलाफ अधिक से अधिक गोल करने का प्रयत्न करती हैं।अंत में जो टीम सर्वाधिक गोल करती है उसे विजयी घोषित कर दिया जाता हैं।खेल में दोनों टीम के लिए एक एक गोलकीपर होता है, कीपर के अलावा किसी अन्य खिलाड़ी को बॉल हाथ से छूने की अनुमति नहीं होती हैं।यदि ऐसा कोई करता है तो रेफरी उसे प्रतिबंधित कर देता हैं।

हर चार साल में फुटबॉल की सबसे बड़ी प्रतियोगिता फीफा वर्ल्ड कप का आयोजन होता है, जिसमें दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीम हिस्सा लेती हैं।अब तक पांच विश्व कपों का आयोजन हो चुका हैं।विगत विजेताओं में 2002 में ब्राजील, 2006 में इटली, 2010 में स्पेन और 2014 में जर्मनी के नाम हैं।

History of Football in Hindi ( फुटबॉल का इतिहास)

FIFA(“Federation of International Football Association”) के अनुसार फुटबॉल जैसा खेल सुजु ‘cuju’ पुराने समय में हान साम्राज्य ( Han Dynasy) चीन में खेला जाता था|

cuju खेल में खिलाडी अपने हाथों को छोड कर शरीर के किसी भी अंग को प्रयोग कर सकता था| Han Dynasty (206 BC – 220 AD) में इस खेल के नियमों को standardized (मानकीकरण) कर दिया गया|

पुराने समय में ग्रीक में Phaininda, episkyros जैसे बॉल खेल खेले जाते थे| लेकिन इन सभी खेलों में हाथों का
प्रयोग किया जाता था|

फुटबॉल जैसा खेल ‘harpastum’ रोमन में भी खेला जाता था| ऐसा ही एक खेल केमरी (kemari) जापान
में चुक-गुक (chuk-guk) कोरिया में वोग्गावलिरी (woggabaliri) ऑस्ट्रेलिया में खेला जाता था|

पुराने समय में कई देशों में फुटबॉल जैसे खेल खेले जाते थे| लेकिन किसी भी खेल के नियम युरोपे में खेले जाने बाले एसोसिएशन फुटबॉल जैसे नहीं थे|

FIFA के अनुसार एसोसिएशन फुटबॉल का किसी भी पुराने खेल से कोई संबंध नहीं है|

फुटबॉल का इंग्लैंड में इतिहास

फुटबॉल का इतिहास इंग्लैंड में 8वीं शताव्दी पुराना है| इंग्लैंड के प्राइवेट विद्यालयों में फुटबॉल खेल जाता था| लेकिन फुटबॉल खेलने के नियन सभी विद्यालयों में एक जैसे नहीं थे|

फुटबॉल के लिए सबसे पहले नियम 1848 में कैंब्रिज विश्वविद्यालय में बनाये गए और इन्हें कैंब्रिज नियम बोला गया| लेकिन इन नियमों को सभी फुटबॉल कल्ब्स ने नहीं माना|

1863 में ‘The Football Association’ की स्थापना की गई| 26 अक्टूबर 1863 को लन्दन में हुई एक मीटिंग में प्रथम बार विस्तार से फुटबॉल खेलने के नियम बनाये गए|

सबसे पुरानी फुटबॉल प्रतियोगिता ‘FA Cup’ है| इस प्रतियोगिता की स्थापना C.W Alcock ने की थी| प्रथम आधिकारिक अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल मैच 1872 में स्कॉटलैंड और इंग्लैंड के बीच ग्लासगो में खेला गया|

फुटबॉल लीग की स्थापना भी इंग्लैंड में 1888 में बिर्मिंघम में की गई|

1886 में ‘International Football Association Board’ की स्थापना की गई| इसी संस्था ने एसोसिएशन फुटबॉल
के लिए ‘Laws of the Game’ जो की FA संस्था ने बनाये थे आधिकारिक रूप से मान लिए गए|

1904 पेरिस में FIFA (Fedreation of Internation Football Association) का गठन किया गया| इस संस्था ने
फुटबॉल एसोसिएशन के द्वारा बनाये गए फुटबॉल के नियमों को अपना लिया|

FIFA वर्ल्ड कप के वारे में तो आपने सुना ही होगा| यह इसी संस्था के द्वारा संचालित किया जाता है|

आज फुटबॉल पूरे विश्व में खेला जाता है| FIFA की 2001 में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार फुटबॉल टीवी पर देखा जाने वाला सबसे लोकप्रिय खेल है| पूरे विश्व में इस खेल को 200 देशों में 240 मिलियन लोगों द्वारा खेला जाता है|

फुटबॉल के इतिहास के कुछ रोचक तथ्य (Football history facts)

इस इतिहास की कुछ प्रमुख तथ्यों की झलकियाँ नीचे दी जा रही हैं।

  • सन 1486 में ये कहा गया कि ‘फुटबॉल’ एक खेल होने से अधिक एक विशेष तरह की गेंद है. यह कथन सैंट अलबन्स की किताब में निहित है।
  • सन 1526 में इंग्लैंड के राजा किंग हेनरी अष्टम ने फूटबाल खेलने के लिए पहली बार एक जोड़ी ऐसा जूता बनाने की आज्ञा दी, जिसे पहन कर फुटबॉल आसानी से खेला जा सके।
  • सन 1580 में सर फिलिप सिडनी की एक कविता में महिलाओं के द्वारा एक विशेष तरह का फुटबॉल खेलने का वर्णन आया है।
  • 16 वीं सदी के अंत और 17 वीं सदी के आरम्भ में पहली बार खेल में मुकाबले की भावना को लाने के लिए खेल में ‘गोल’ की धारणा का अविर्भाव हुआ. इसके लिए खिलाडियों ने मैदान में दो विपरीत शीर्ष में झाड़ियाँ लगा कर गोल पोस्ट का निर्माण किया. उस समय आठ अथवा बारह गोल का एक मैच खेला जाता था।
  • मध्य युग से ही फुटबॉल पर सदा बैन का संकट कायम रहा।
  • सन 1314 में पहली बार ये कानून ब्रिटन में पारित हुआ. इसके बाद अठारहवीं सदी में इसे सशस्त्र विरोध का सामना करना पडा।
  • सन 1921 में इंलिश और स्कॉटिश फुटबॉल लीग में महिलाओं का खेलना निषेध हो गया. हालाँकि इस बैन को सन 1970 में पुनः हटा लिया गया।
  • वे महिलाएं जो फुटबॉल में अपना जज्बा दिखाना चाहती हैं, उन्हें आज भी कई मुश्किलों का सामना करना होता है।

फुटबॉल 20वीं सदी में (Football in the 20th century)

20 वीं सदी में खेल को एक ऐसे संस्था की ज़रुरत होने लगी, जो इस की देखभाल नियमित रूप से कर सके. इंग्लिश फुटबॉल एसोसिएशन की तरफ से कई ऐसी सभाएं आयोजित की गयीं जहाँ से एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर की संस्था का उद्भव हो।फलस्वरूप यूरोप के सात बड़े देश फ्रांस, बेल्जियम, डेनमार्क, नीदरलैंड, स्पेन, स्वीडन और स्विटज़रलैंड ने मिलकर 21 मई 1904 में ‘फेडरेशन इंटरनेशनल ऑफ़ फुटबॉल एसोसिएशन’ (FIFA) की स्थापना की, जिसके पहले अध्यक्ष रोबर्ट गुएरिन हुये।

फुटबॉल वर्तमान में (Football in present)

दौरे हाज़िर में फुटबॉल बहुत ही बड़े पैमाने पर खेला जा रहा है।इसके कई मुकाबले राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर होने लगे हैं।इसके अतिरिक्त कई फूटबाल क्लबों की स्थापना राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हो चुकी है. इस खेल का सबसे बड़ा मुकाबला फुटबॉल विश्वकप का होता है. लियोलें मेस्सी, रोनाल्डिन्हो, रोनाल्डो, नेमर, आदि कई नाम इस तरह दुनिया भर में मशहूर हुए कि आज का युवा वर्ग इस खेल के प्रति बहुत अधिक सजग दिखता है।

फुटबॉल खेल का फोर्मेट (Football games formate)

इस खेल में किसी भी दल का उद्देश्य नब्बे मिनट के खेल के दौरान अधिक से अधिक गोल करने का होता है।प्रत्येक दल में ग्यारह खिलाड़ी होते हैं।90 मिनट के खेल के दौरान 45 मिनट पर एक ब्रेक होता है, जिसे हाफ टाइम कहते हैं।ये हाफ टाइम 15 मिनट का होता है।इसके बाद का 45 मिनट का समय लगातार चलता रहता है।इस दौरान यदि कोई खिलाडी घायल हो जाता है, तो ‘इंजरी टाइम’ के तहत कुछ देर के लिए खेल स्थगित हो जाता है।इसके बाद पुनः खेल शुरू होता है।

आधुनिक फुटबॉल गेंद (Football ball)

शुरूआती समय में फुटबॉल जानवरों की ब्लैडर से निर्मित होती थी।कालांतर में इस पर जानवरों की चमड़ी का इस्तेमाल होने लगा, जिससे इसका आकार निश्चित रहने लगा।आधुनिक समय में विकसित वैज्ञानिक तकनीक के सहारे कई बेहतर फुटबॉल कंपनियाँ स्थापित हो गयी हैं, जो मैच, खिलाड़ियों की उम्र, मैदान आदि के मद्देनज़र फुटबॉल बना रही हैं।फुटबॉल गेंद 58 सेमी से 61 सेमी के मध्य की परिधि का एक वृत्ताकार गेंद होती है।

फुटबॉल खेलने के नियम [Football Rules in Hindi]

चलिए अब आपको बताते हैं कि टीम का फुटबॉल के मैच में स्ट्राइकर, डिफेंडर्स और मिडफिल्डर्स शब्दों का इस्तेमाल किनके लिए किया जाता है।

स्ट्राइकर – इनका  मुख्य काम गोल मारना होता है।

डिफेंडर्स – अपनी विरोधी टीम के सदस्यों को गोल स्कोर करने से रोकने वाले को डिफेंडर्स कहते है।

मिडफिल्डर्स –  विरोधी टीम से बॉल छीन कर अपने आगे खेलने वाले प्लेयर्स को बॉल देने का काम मिडफिल्डर्स करते हैं।

गोलकीपर – गोल कीपर का काम गोल होने से रोकना है। लेकिन ये काम उसे गोल पोस्ट के सामने खड़े रहकर ही करना होता है।

फुटबॉल किक

थ्रो-इन – इसमें बॉल पूरी तरह से रेखा पार कर जाती है। तब उस विरोधी टीम को इनाम में मिलती है, जो बॉल आखिरी बार छूए।

गोल किक –  जब बॉल पूरी तरह गोल रेखा को पार कर जाए तो गोल के बिना ही स्कोर होता है और अटैकर द्वारा बॉल को आखिरी बार छूने के कारण डिफेंस करने वाली टीम को इनाम में किक करने का मौका मिलता है।

कॉर्नर किक – जब बॉल बिना गोल के ही गोल रेखा को पार कर जाती है और डिफेंस करने वाली टीम द्वारा बॉल को आखिरी बार छूने के कारण हमलावर टीम को मौका मिलता है।

इनडायरेक्ट फ्री किक: यह विरोधी टीम को इनाम में मिलती है, जब बिना किसी विशेष फाउल के बॉल को बाहर भेज दिया जाए और खेल रुक जाए।

फुटबॉल में फाउल के नियम [Rules of Football in Hindi]

येलो कार्ड – रेफरी प्लेयर को उसके गलत बर्ताव के लिए सज़ा के रूप में Yellow Card दिखाकर मैदान के बाहर भेज सकता है।

रेड कार्ड –  येलो कार्ड के बाद भी बर्ताव ना सुधारे जाने पर रेड कार्ड दिया जाता है और रेड कार्ड का मतलब है मैदान से बाहर। अगर एक प्लेयर को बाहर निकाल दिया जाता है तो उसकी जगह कोई दूसरा प्लेयर नहीं आ सकता। इस तरह प्लेयर की संख्या कम हो जाती है।

ऑफसाइड – ऑफ साइड नियम में आगे के प्लेयर बॉल के बिना बचाव करते हुए दूसरे प्लेयर के आगे नहीं जा सकते, खासकर विरोधी टीम की गोल रेखा के एकदम पास। अगर कोई खिलाड़ी ऐसा करे तो उसे फाउल माना जाता है।

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फुटबॉल में क्या क्या नियम होते हैं?

दोनों दलों के 11-11 खिलाड़ी अपने गोल पोस्ट पर गोल बचाने और दूसरे गोल पोस्ट में गोल करनें का प्रयास करते हैं। यह खेल कुल 90 मिनट का होता है, जिसमे 45 मिनट के बाद ब्रेक होता है, तथा 45-45 मिनट में दो हाफ मिलते है तथा इन दोनों हाफ में कुछ समय अलग से मिलता है, जिसे आवश्यकता पड़नें पर प्रयोग किया जाता है।

फुटबॉल में फाउल क्यों दिया जाता है?

इसे ऑफसाइड गोल कहते हैं. दरअसल नियम के मुताबिक, आगे के खिलाडी गेंद के बिना बचाव करते हुए दूसरे खिलाडी के आगे नहीं जा सकते, खासकर विरोधी दल की गोल रेखा के एकदम पास यदि कोई खिलाड़ी ऐसा करता है, तो उसे फाउल माना जाता है.

फुटबॉल का खेल कैसे खेला जाता है?

फुटबॉल को सामान्यत: एक आयताकार घास या कृत्रिम घास के मैदान पर खेला जाता है जिसके दोनों छोरों पर एक-एक गोल होता है। खिलाड़ियों द्वारा विरोधी दल के गोल में चालाकी से गेंद को डालना ही इस खेल का उद्देश्य है। खेल में गोलरक्षक ही एक मात्र ऐसा खिलाड़ी होता है जिसे गेंद को रोकने के लिए अपना हाथ इस्तेमाल करने की अनुमति होती है।

फुटबॉल में खेल का समय कितना होता है?

फुटबॉल के नियम फुटबॉल खेल दो टीमों के बीच खेला जाता है और यह लगभग 90 मिनट तक चलता है। इस खेल को 45 मिनट के दो हाफ में बांटा जाता है। पहले हाफ के बाद 15 मिनट का ब्रेक लिया जाता है।