भाव स्पष्ट कीजिए क हिति चिन की द्वै थूँनी गिराँनी, मोह बलिंडा तूटा। ख आँधी पीछै जो जल बूठा, प्रेम हरि जन भींनाँ। Question भाव स्पष्ट कीजिए - (क) हिति चिन की द्वै थूँनी गिराँनी, मोह बलिंडा तूटा। (ख) आँधी पीछै जो जल बूठा, प्रेम हरि जन भींनाँ। Solution (क) ज्ञान की आँधी ने स्वार्थ तथा मोह दोनों स्तम्भों को गिरा कर समाप्त कर दिया तथा मोह रुपी छत को उड़ाकर चित्त को निर्मल कर दिया। (ख) ज्ञान की आँधी के पश्चात जो जल बरसा उस जल से मन हरि अर्थात् ईश्वर की भक्ति में भीग गया। Textbooks Home |