इसे सुनेंरोकेंहठयोग का उद्देश्य हठयोग के मुख्य उद्देश्य के साथ अन्य अवान्तर उद्देश्य भी कहे जा सकते हैं जैसे- स्वास्थ्य का संरक्षण, रोग से मुक्ति, सुप्त चेतना की जागृति, व्यक्तित्व विकास, जीविकोपार्जन तथा आध्यात्मिक उन्नति। Show
सप्त साधन क्या है?इसे सुनेंरोकेंघेरंड संहिता के अनुसार सप्तसाधन महर्षि घेरण्ड द्वारा शरीर की शुद्धि के लिए ये सात साधन बताये गये हैं- शोधन, दृढ़ता, स्थैर्य, धैर्य, लाघव, प्रत्यक्ष और निर्लिप्तता। हठ कितने प्रकार के होते हैं?इसे सुनेंरोकेंसमाज में तीन हठ विश्व प्रसिद्ध हैं -राज हठ, तिरिया हठ और बाल हठ। हठयोग और राजयोग हमें क्या सिखाते हैं? इसे सुनेंरोकेंराज योग को मानव जीवन का अंतिम लक्ष्य माना जाता है, जबकि हठ योग राज योग के लिए प्रारंभिक साधन के रूप में कार्य करता है। राज योग शिव या पुरुष का मिलन है- शक्ति या प्राकृत के साथ सर्वोच्च चेतना- जिसे आदिम ऊर्जा के रूप में भी जाना जाता है; हठ योग इड़ा- प्राण शक्ति और पिंगला का मिलन है- जिसे मानसिक शक्ति भी कहा जाता है। पढ़ना: भारत में कितनी सरकारी एयरलाइंस है? हठयोग सिद्धांत से आप क्या समझते हो? इसे सुनेंरोकेंस्वरों को प्राणयाम आदि के विशेष अभ्यास से प्राण की गति को सुषुम्ना में प्रवाहित करना ही हठयोग है। अर्थात प्राण और अपान वायु को प्राणायाम के अभ्यास के द्वारा मिलाकर सम कर लेना (हठयोग है)। अर्थात जिसमें प्राण और अपान, नाद और बिन्दु, जीवात्मा और परमात्मा एक हो जाता है। उसी को घट अवस्था या हठयोग कहते हैं। हठ योग के कितने अंग है?इसे सुनेंरोकेंघेरण्ड संहिता में हठयोग की साधना के सात अंगों का जिक्र मिलता है। ये हैं : षट्कर्म, आसन, मुद्रा, प्रत्याहार, प्राणायाम, ध्यान और समाधि। महर्षि पतंजलि के योग को ही अष्टांग योग या राजयोग कहा जाता है। राजयोग के मुख्य अंग कितने हैं?अष्टांग योग या राजयोग क्या है…
पढ़ना: मेक्सिको के प्रधानमंत्री का क्या नाम है? शिव संहिता के रचयिता कौन है?इसे सुनेंरोकेंइसके रचयिता गुरु गोरखनाथ के शिष्य स्वामी स्वात्माराम थे। यह हठयोग के प्राप्त ग्रन्थों में सर्वाधिक प्रभावशाली ग्रन्थ है। हठयोग में कितने आसन है? इसे सुनेंरोकेंकितने आसन हैं? हठयोग प्रदीपिका ग्रंथ बहुत पुरानी है जोकि 500-600 साल पूर्व की रचना है उसमें 84 आसनों का वर्णन किया गया है लेकिन 11 मुख्य जरुरी योगासन की चर्चा हुई है । हठयोग में कितने आसन बताए गए हैं? इसे सुनेंरोकेंइसके बाद हठ के प्रथम अंग के रूप में आसनों का वर्णन है, हठप्रदीपिका ग्रन्थ में आसनों की संख्या पंद्रह है। योग ऐसी क्रिया है, जो आपको मानसिक और शारीरिक रूप से सक्षम बनाती है। इससे कार्य करने की क्षमता में सुधार होता है। साथ ही यह कई गंभीर बीमारियों से बचाने में भी मदद करता है। योग को उसके लाभ, विशेषताओं और पड़ने वाले प्रभाव के आधार पर कई भागों में विभाजित किया गया है, जिनमें से एक है हठयोग। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम आपको हठयोग करने का तरीका और हठ योग के लाभ के साथ ही हठयोग क्या है, इसके बारे में विस्तार से बताएंगे। हठयोग का फायदा तभी हो सकता है, जब इसे किसी विशेषज्ञ की देखरेख में किया जाए। साथ ही संतुलित जीवनशैली का पालन किया जाए। हठयोग के फायदे और प्रकार जानने से पहले आइए हम हठयोग क्या है, थोड़ा इस बारे में जान लेते हैं। विषय सूची
हठयोग क्या है? – What Is Hatha Yoga in Hindiहठयोग को समझने और समझाने के लिए दो प्रकार की परिभाषाओं को उपयोग में लाया जाता है। इनमें से एक परिभाषा प्राचीन है और एक मॉडर्न यानी नई है। हम आपको दोनों के माध्यम से हठ योग को समझाने की कोशिश करेंगे (1)। हठयोग की प्राचीन परिभाषा- हठयोग दो शब्दों के मेल से बना है। इसमें ‘ह’ शब्द को सूर्य से जोड़कर देखा जाता है। वहीं ‘ठ’ शब्द को चन्द्र से जोड़ा गया है। इस प्रकार में शरीर में मौजूद चन्द्र (शीतलता का प्रतीक) और सूर्य (ऊर्जा का प्रतीक) की शक्ति को संतुलित करने के उद्देश्य से किए जाने वाले योग को हठयोग कहा जाता है। इसके माध्यम से शरीर को कई तरह की बीमारियों से बचाने की क्षमता प्राप्त होती है। हठयोग की नई परिभाषा- वहीं, हठयोग की नई परिभाषा की बात करें, तो यह प्राचीन परिभाषा से अलग है। नई परिभाषा के तहत हठ को बल और हिंसा से जोड़कर देखा गया है, यानी योग का ऐसा प्रकार जिसमें कुछ विशेष क्रियाओं के द्वारा शरीर को कष्ट देकर उसे सहने की क्षमता का विकास करना। इसके तहत यह माना जाता है कि कुछ विशेष अभ्यास के माध्यम से शरीर की सहनशक्ति को बढ़ाकर आत्मशक्ति (प्रतिरोधक क्षमता) को बढ़ाने में मदद मिलती है। हठयोग क्या है, यह जानने के बाद अब हम हठ योग के फायदे के बारे में बात करेंगे। हठयोग के फायदे – Benefits of Hatha Yoga in Hindiहठ योग के फायदे कई हैं, जिनमें से कुछ के बारे में हम आपको बता रहे हैं। 1. प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएमाना जाता है कि हठयोग के माध्यम से शरीर की कई विशेष ग्रंथियां उत्तेजित होती हैं और वह शरीर के लिए लाभकारी हार्मोन्स को बढ़ाने में मदद कर सकती हैं। इस तरह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ सकती है और शरीर कई गंभीर बीमारियों से खुद को बचाने में सक्षम हो सकता है (1)। 2. तनाव को करे दूरयोग को तनाव दूर करने का एक उत्तम विकल्प माना गया है। वहीं, हठ योग भी मन को शांत करता है। यह चिंता और तनाव जैसे मानसिक समस्याओं से मुक्ति दिलाने में मदद करता है (1)। 3. तंत्रिका तंत्र को करे ठीकमानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ हठ योग के फायदे में तंत्रिका तंत्र को ठीक करना भी शामिल है। इसके अभ्यास से रक्त संचार में सुधार होता है, जिससे नसों के तनाव में कमी आ सकती है (1)। 4. हड्डियों की मजबूती के लिएहड्डियों के लिए भी हठ योग के लाभ माने गए हैं। इसके माध्यम से हड्डियां मजबूत होती हो सकती हैं। साथ ही यह हड्डियों से संबंधित विकार जैसे ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों का कमजोर होना) को दूर करने में सहायक माना जाता है (2)। 5. पीठ दर्द में दिलाए राहतहठ योग हड्डियों के घनत्व को बढ़ाकर उन्हें मजबूती प्रदान करने में मदद करता है (2)। साथ ही यह मांसपेशियों से संबंधित दर्द को दूर करने में भी सहायक साबित हो सकता है (1)। ये दोनों ही पीठ दर्द का कारण हो सकते हैं, इसलिए यह कहा जा सकता है कि हठयोग के माध्यम से पीठ दर्द से छुटकारा पाया जा सकता है। 6. हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभदायकहृदय स्वास्थ्य के लिए भी हठयोग को लाभदायक माना गया है। दरअसल, यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने और दिल की धड़कन को संतुलित करने के साथ-साथ वजन को कम करने में भी सहायक हो सकता है। ये तीनों ही हृदय संबंधी बीमारियों के लिए बड़े जोखिम कारक माने गए हैं। इस कारण यह कहना गलत नहीं होगा कि हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने में हठयोग फायदेमंद साबित हो सकता है (1)। 7. बेदाग और दमकती त्वचा के लिएहठयोग का अभ्यास तनाव को कम कर साइटोकिन नामक हार्मोन का उत्पादन करता है, तो त्वचा को रिपेयर कर उसे बेदाग और चमकदार बनाने में मदद करता है (1)। इस कारण यह कहना गलत नहीं होगा कि त्वचा स्वास्थ्य के लिए भी हठ योग के लाभ हासिल किए जा सकते हैं। हठ योग के फायदे के बाद अब हम आपको इसके कुछ प्रकार के साथ हठयोग करने का तरीका भी बताएंगे। हठयोग में किए जाने वाले योगासन – Types of Yogasana for Hatha Yoga in Hindiहठयोग करने का तरीका जानने के लिए इससे संबंधित कुछ आसनों को जानना जरूरी है। आइए, इससे संबंधित आसान और उन्हें करने की प्रक्रिया के बारे में थोड़ा जान लेते हैं। 1. वृक्षासन (ट्री-पोज)Shutterstock करने का तरीका:
2. ताड़ासन (माउंटेन पोज)Shutterstock करने का तरीका:
3. अधोमुख श्वानासन (डाउनवर्ड-फेसिंग डॉग पोज)Shutterstock करने का तरीका:
4. बद्ध कोणासन (कॉबलर पोज)Shutterstock करने का तरीका:
Subscribe 5. पश्चिमोत्तासन (सीटेड फॉरवर्ड बेंड पोज)Shutterstock करने का तरीका:
6. सेतु बंधासन (ब्रिज पोज)Shutterstock करने का तरीका:
7. बालासन (चाइल्ड पोज)Shutterstock करने का तरीका:
हठयोग करने का तरीका और इसमें अपनाए जाने वाले आसनों को जानने के बाद अब हम इससे संबंधित कुछ सावधानियों के बारे में जानेंगे। हठयोग के लिए कुछ सावधानियां – Precautions for Hatha Yoga In Hindiहठयोग को करते वक्त कुछ अहम बातों को ध्यान में रखना चाहिए, जो निम्न प्रकार से हैं।
अब तो आप हठयोग क्या है, इस बारे में अच्छी तरह से जान गए होंगे। साथ ही आपको इसके आसनों और लाभ से जुड़ी जानकारी भी हासिल हो गई होगी। हठ योग के लाभ जान अगर आप भी इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहते हैं, तो लेख में सुझाए गए हठयोग करने के तरीके बताई गई समस्याओं में काफी हद तक मदद कर सकते हैं। बस इस बात का ध्यान जरूर रखें कि किसी भी समस्या के इलाज के लिए डॉक्टरी परमर्श बहुत जरूरी है। योग स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है, लेकिन इसके साथ संतुलित आहार का सेवन करना भी जरूरी है। साथ ही हमेशा योग्य योग प्रशिक्षक की देखरेख में ही इसे करना चाहिए। इस विषय से जुड़ा कोई अन्य सुझाव या सवाल हो तो आप उसे नीचे दिए कमेंट बॉक्स के माध्यम से हम तक पहुंचा सकते हैं। अक्सर पूछे जाने वाले सवालक्या हठयोग का अभ्यास करने के लिए मुझे शाकाहारी होना चाहिए? शाकाहार और मांसाहार करना आपका निजी फैसला है। इससे योग या हठयोग का कोई लेना देना नहीं है। योग महज एक शारीरिक अभ्यास है, जो आपको शारीरिक और मानसिक शक्ति को बढ़ाने के लिए किया जाता है। हां, यह जरूर है कि योग में खान-पान पर संतुलन बनाने की बात कही जाती है। सप्ताह में कितनी बार मैं हठयोग का अभ्यास कर सकता हूं? आप एक घंटे के सत्र से इसे शुरू कर सकते हैं, जिसमें कई आसनों को कुछ समय के अंतराल पर दोहराया जा सकता है। वहीं सप्ताह में आप इसका दो से तीन पर अभ्यास कर सकते हैं। अच्छा होगा इस विषय में किसी योग प्रशिक्षक से बात करें। हठयोग अन्य शारीरिक व्यायामों से कैसे अलग है? हठयोग अन्य शारीरिक व्यायामों से बिलकुल अलग है, क्योंकि इसका अभ्यास आपको न केवल शारीरिक, बल्कि मानसिक रूप से भी सक्षम बनाकर कई बीमारियों से लड़ने की ताकत देता है। हठयोग का अभ्यास करने से 2-3 घंटे पहले हमें खाना क्यों बंद करना पड़ता है? हठ योग में स्ट्रेचिंग, ट्विस्टिंग और आगे-पीछे झुकना जैसी कई शारीरिक क्रियाएं शामिल हैं, जिनसे पेट पर दबाव पैदा होता है। ऐसे में अगर आपका खाना ठीक से पचा नहीं हो, तो आपको उल्टी या मतली की समस्या हो सकती है। इस कारण योगाभ्यास से दो या तीन घंटे पहले से कुछ भी न खाने की सलाह दी जाती है। और पढ़े:
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Anuj Joshiअनुज जोशी ने दिल्ली विश्वविद्यालय से बीकॉम और कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से मास कम्युनिकेशन में एमए किया है। अनुज को प्रिंट... more हठयोग में कितने आसनों का वर्णन है?इसके बाद हठ के प्रथम अंग के रूप में आसनों का वर्णन है, हठप्रदीपिका ग्रन्थ में आसनों की संख्या पंद्रह है। इन 15 आसनों में भी स्वात्माराम ने सिद्धासन तथा पद्मासन को विशेष महत्त्व देते हुए विस्तार से इनका वर्णन किया है।
हठ योग में कौन कौन से आसन होते हैं?षट्कर्म, आसन (जैसे मयूरासन), मुद्रा (जैसे विपरीत करणी), प्राणायाम (जैसे अनुलोम-विलोम आदि) हठयोग के प्रमुख अंग हैं।
हठ योग कितने प्रकार के होते हैं?1. हठयोग : षट्कर्म, आसन, मुद्रा, प्राणायम, प्रत्याहार, ध्यान और समाधि- ये हठयोग के सात अंग है, लेकिन हठयोगी का जोर आसन एवं कुंडलिनी जागृति के लिए आसन, बंध, मुद्रा और प्राणायम पर अधिक रहता है। यही क्रिया योग है। 2.
हठ आसन क्या है?हठ योग का अभ्यास विशेष रूप से वृद्ध वयस्कों में रीढ़ और हैमस्ट्रिंग लचीलेपन में सुधार करता है। मुद्रा और मुद्रा का संयोजन शरीर में विभिन्न जोड़ों की गति को बढ़ाने और बनाए रखने में मदद करता है और मांसपेशियों के लचीलेपन में सुधार करता है।
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