पर्चेजिंग पावर से क्या अभिप्राय है? Show बाजार की चकाचौंध से दूर पर्चेजिंग पावर का सकारात्मक उपयोग किस प्रकार किया जा सकता है? आपकी मदद के लिए संकेत दिया जा रहा है- (क) सामाजिक विकास के कार्यो में। (ख) ग्रामीण आर्थिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने में..। पर्चेजिंग पावर से अभिप्राय है-क्रय शक्ति। अर्थात् किसी इच्छित वस्तु को खरीदने की क्षमता। पर्चेजिंग पावर का सकारात्मक उपयोग वारने के लिए अधिकाधिक वस्तुएँ सामाजिक विकास हेतु खरीदी जानी चाहिएँ। ग्रामीण आर्थिक व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने में इसका उपयोग किया जा सकता है। 179 Views 'बाजा़रूपन' से क्या तात्पर्य है? किस प्रकार के व्यक्ति बाजा़र को सार्थकता प्रदान करते हैं अथवा बाजा़र की सार्थकता किसमें है? ‘बाजा़रूपन’ से तात्पर्य है दिखावे के लिए बाजार का उपयोग करना। जब हम अपनी क्रय शक्ति के गर्व मे अपने पैसे से केवल विनाशक शक्ति-शैतानी शक्ति, व्यंग्य की शक्ति बाजार को देते हैं तब हम बाजार का बाजा़रूपन बढ़ाते हैं। इस प्रवृत्ति से न हम बाजार से लाभ उठा पाते हैं और न बाजा़र कौ सच्चा लाभ देते हैं। बाजा़र को सार्थकता वे व्यक्ति ही देते हैं जो यह जानते हैं कि वे क्या चाहते हैं। ऐसे व्यक्ति अपनी आवश्यकता की ही वस्तुएँ बाजा़र से खरीदते हैं। बाजा़र की सार्थकता इसी में है कि वह लोगों की आवश्यकताओं की पूर्ति करे। 470 Views बाजा़र किसी का लिंग, जाति-मजहब या क्षेत्र नहीं देखता, वह देखता है सिर्फ़ उसकी क्रय शक्ति को। इस रूप में वह एक प्रकार से सामाजिक समता की भी रचना कर रहा है। क्या आप इससे सहमत हैं? बाजा़र का काम है-वस्तुओं का विक्रय करना। उसे तो ग्राहक चाहिए। उसे इस बात से कोई मतलब नहीं है कि यह ग्राहक कौन है, किस जाति या धर्म का है, पुरुष या स्त्री है? वह सभी कौ ग्राहक के रूप में देखता है। उसे तो उन लोगों की क्रय शक्ति (Purchasing power) से मतलब है। यदि व्यक्ति खरीदने की शक्ति नहीं रखता तो उसका बड़ा भी उसके लिए व्यर्थ है। ग्राहक में बाजार कोई भेदभाव नहीं करता। इस रूप में बाजा़र सामाजिक समता स्थापित करता जान पड़ता है। ऊपर से तो यह बात सही प्रतीत होती है, पर जिनकी क्रय शक्ति नहीं है वे तो हीन भावना का शिकार बनते ही हैं। वे स्वयं को अन्य की तुलना में छोटा मान लेते हैं। उनमें निराशा का भाव आता है। 507 Views बाजा़र पर आधारित लेख नकली सामान पर नकेल ज़रूरी का अंश पढ़िए और नीचे दिए गए बिंदुओं पर कक्षा में चर्चा करें: 1. उत्पाद कंपनियाँ अपने नैतिक दायित्वों का निर्वाह इसलिए नहीं कर रही हैं क्योंकि उन पर किसी प्रकार का नियंत्रण नहीं है। ये कंपनियाँ गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दे रहीं बल्कि अधिक माल बेचने की होड़ में नकली और घटिया सामान का उत्पादन कर रही हैं। इन उत्पाद कंपनियों का पूरा ध्यान
विज्ञापन पर बेतहाशा पैसा खर्च करने पर रहता था ताकि उनका अधिक-से-अधिक माल बिक सके। बाजा़र का जादू चढ़ने और उतरने पर मनुष्य पर क्या-क्या असर पड़ता है? बाजा़र का जादू चढ़ने पर मन अधिक-से-अधिक चीजें खरीदना चाहता है। तब व्यक्ति को लगता है कि बाजार में बहुत कुछ है और उसके पास बहुत कम चीजें हैं। बाजार का जादू व्यक्ति के सिर चढ़कर बोलता है। वह कहता है आओ मुझे लूटी और लूटी। बाजा़र का जादू मनुष्य को विकल बना देता है। उसके पास जितना पैसा होता है, चीजें खरीदता चला जाता है। उसकी समझ में नहीं आता कि वह क्या ले और क्या छोड़े। सभी कुछ लेने को जी चाहता है। बाजा़र का जादू आँख की राह काम करता है। बाजा़र का जादू उतरने पर मनुष्य को पता चलता है कि फंसी चीजों की बहुतायत आराम में मदद नहीं देती, बल्कि खलल ही डालती है। बाजा़र का जादू उतरने पर उसे अपने द्वारा खरीदी गई चीजें अनावश्यक मालूम होने लगती हैं। 1012 Views बाजा़र में भगतजी के व्यक्तित्व का कौन-सा सशक्त पहलू उभरकर आता है? क्या आपकी नज़र में उनका आचरण समाज में शांति स्थापित करने में मददगार हो सकता है? बाजा़र में जाकर भगतजी संतुलित रहते हैं। बाजा़र का जादू उन पर असर नहीं कर पाता क्योंकि वे खाली मन बाजा़र नहीं जाते। वे घर से सोचकर बाजार जाते हैं कि उनको क्या लेना है (काला नमक और जीरा)। वे पंसारी की दुकान पर जाकर वे ही चीजें खरीदते हैं और लौट आते हैं। बाजा़र में भगतजी के व्यक्तित्व का यह सशक्त पहलू उभरता है कि उनका अपने मन पर पूर्ण नियंत्रण है। बाजा़र का जादू उनके मन पर नही चलता। बाजार में उनकी आँखें खुली रहती हैं, पर मन भरा होने के कारण उनका मन अनावश्यक चीजें खरीदने के लिए विद्रोह नही करता। चाँदनी चौक का आमंत्रण उन पर व्यर्थ होकर बिखर जाता है। भगतजी जैस व्यक्ति बाजा़र को सार्थकता प्रदान करते हैं। हमारी नजर में भगतजी का आचरण समाज में शांति स्थापित करने में मददगार हो सकता है। हमारा ऐसा सोचने का कारण यह है तब लोगों में अनावश्यक प्रतिस्पर्धा नहीं होगी। वे व्यर्थ की वस्तुएँ नहीं खरीदेगे और इससे आपसी लड़ाई झगड़ों में कमी आएगी। 473 Views परचेसिंग पावर का अर्थ क्या होता है?पर्चेज़िंग पावर का अभिप्राय हैः पैसे खर्च करने की क्षमता होना। हम सामाजिक विकास के कार्यों में अपनी इस क्षमता का प्रयोग कर सकते हैं। जैसे की हम ऐसे सामान खरीद सकते हैं, जो कुटीर उद्योग, हस्तशिल्प तथा लघु उद्योगों को बढ़ावा दें।
पर्चेजिंग पावर से लेखक का क्या आशय है?पर्चेजिंग पावर से लेखक का क्या आशय है? Answer: पर्चेजिंग पावर से अभिप्राय है-क्रय शक्ति। अर्थात् किसी इच्छित वस्तु को खरीदने की क्षमता।
परचेसिंग पावर का क्या अर्थ है इसका गर्व करने वाले बाजार को कैसे शक्ति देते हैं?2 - परचेसिंग पावर का क्या अर्थ है उस पर गर्व का क्या परिणाम होता है ? ➲ परचेसिंग पावर वह है, जब व्यक्ति के पास अथाह धन होने पर वह बाजार से कुछ भी खरीदने के की सामर्थ्य रखता है। 'पर्चेजिंग पावर' के गर्व में व्यक्ति पैसे से केवल एक विनाशक शक्ति शैतानी शक्ति, व्यंग्य की शक्ति ही बाजार को देते हैं।
पर्चेजिंग पावर वाले लोग बाजार को क्या देते हैं?पर्चेजिंग पावर वाले लोग बाजार को विनाशक शक्ति प्रदान करते हैं। वे निरर्थक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देते हैं।
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