जापान का संविधान (Shinjitai: 日本国憲法 Kyūjitai: 日本國憲法, Nihon-Koku Kenpō?) जापान की मूल विधि (कानून) है। इसे द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद ३ मई १९४७ को लागू किया गया था। जापान में इसे 'संविधान दिवस' के रूप में मनाया जाता है। यह संविधान 'शांति संविधान' भी कहलाता है।,,यह बुद्घ की विचार धारा को ज्यादा महत्व देता है Show
प्रमुख विशेषताएँ[संपादित करें]
जापान के संविधान का सरलीकृत चित्र बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
जापान का संविधानजापान का संविधान (Shinjitai: 日本国憲法 Kyūjitai: 日本國憲法, Nihon-Koku Kenpō?) जापान की मूल विधि (कानून) है। इसे द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद ३ मई १९४७ को लागू किया गया था। जापान में इसे 'संविधान दिवस' के रूप में मनाया जाता है। यह संविधान 'शांति संविधान' भी कहलाता है। . 7 संबंधों: संविधान, संविधान (बहुविकल्पी), जापान, जापान की सरकार, जापान की आत्मरक्षा सेना, जापानी साम्राज्य, जापानी संसद। संविधानसंविधान, मूल सिद्धान्तों या स्थापित नज़ीरों का एक समुच्चय है, जिससे कोई राज्य या अन्य संगठन अभिशासित होते हैं। वह किसी संस्था को प्रचालित करने के लिये बनाया हुआ संहिता (दस्तावेज) है। यह प्रायः लिखित रूप में होता है। यह वह विधि है जो किसी राष्ट्र के शासन का आधार है; उसके चरित्र, संगठन, को निर्धारित करती है तथा उसके प्रयोग विधि को बताती है, यह राष्ट्र की परम विधि है तथा विशेष वैधानिक स्थिति का उपभोग करती है सभी प्रचलित कानूनों को अनिवार्य रूप से संविधान की भावना के अनुरूप होना चाहिए यदि वे इसका उल्लंघन करेंगे तो वे असंवैधानिक घोषित कर दिए जाते है। भारत का संविधान विश्व के किसी भी सम्प्रभु देश का सबसे लम्बा लिखित संविधान है, जिसमें, उसके अंग्रेज़ी-भाषी संस्करण में १४६,३८५ शब्दों के साथ, २२ भागों में ४४४ अनुच्छेद, १२ अनुसूचियाँ और १०१ संशोधन हैं, जबकि मोनाको का संविधान सबसे छोटा लिखित संविधान है, जिसमें ९७ अनुच्छेदों के साथ १० अध्याय, और कुल ३,८१४ शब्द हैं। . नई!!: जापान का संविधान और संविधान · और देखें » संविधान (बहुविकल्पी)संविधान अथवा संवैधानिक निम्नलिखित में से कोई एक हो सकता है. नई!!: जापान का संविधान और संविधान (बहुविकल्पी) · और देखें » जापानजापान, एशिया महाद्वीप में स्थित देश है। जापान चार बड़े और अनेक छोटे द्वीपों का एक समूह है। ये द्वीप एशिया के पूर्व समुद्रतट, यानि प्रशांत महासागर में स्थित हैं। इसके निकटतम पड़ोसी चीन, कोरिया तथा रूस हैं। जापान में वहाँ का मूल निवासियों की जनसंख्या ९८.५% है। बाकी 0.5% कोरियाई, 0.4 % चाइनीज़ तथा 0.6% अन्य लोग है। जापानी अपने देश को निप्पॉन कहते हैं, जिसका मतलब सूर्योदय है। जापान की राजधानी टोक्यो है और उसके अन्य बड़े महानगर योकोहामा, ओसाका और क्योटो हैं। बौद्ध धर्म देश का प्रमुख धर्म है और जापान की जनसंख्या में 96% बौद्ध अनुयायी है। . नई!!: जापान का संविधान और जापान · और देखें » जापान की सरकारजापान की सरकार एक संवैधानिक राजशाही है, जिसमें सम्राट की शक्तियाँ सीमित होती है, और उनका कार्य मुख्य रूप से औपचारिक कर्तव्यों हेतु होता है। अन्य कई देशों की तरह, सरकार को तीन शाखाओं में बांटा गया है: कार्यकारी शाखा, विधान शाखा और न्यायिक शाखा। सरकार 1947 में अपनाये गये जापान के संविधान द्वारा स्थापित ढांचे के तहत चलती है। यह एक एकात्मक राज्य है, जोकि सैतालिस प्रशासनिक प्रभागों में बटा हुआ है, और सम्राट राज्य प्रमुख के रूप में होता हैं। हालांकि उनकी भूमिका औपचारिक है और उनके पास सरकार से संबंधित कोई शक्ति नहीं होती है। राज्य मंत्री और प्रधानमंत्री से बना मंत्रिमंडल के पास सारी शक्तियाँ केन्द्रित होती है, जो सरकार को निर्देश और नियंत्रण करती है। मंत्रिमंडल कार्यकारी शाखा की शक्ति का केन्द्र है, और प्रधानमंत्री द्वारा बनाई जाती है, जो सरकार का मुखिया होता है। उसे नेशनल डाइट (जापान की द्विसदनीय विधानमण्डल) द्वारा नामित किया जाता है और सम्राट द्वारा नियुक्त किया जाता है। नेशनल डाइट विधायिका होती है, विधान शाखा का अंग। यह द्विसदनीय होती है, जिसमें दो सदन शामिल होते हैं, हाउस ऑफ काउंसिलर्स का ऊपरी सदन है, और हाउस ऑफ़ रिप्रेजेंटेटिव्स का निम्न सदन हैं। इसके सदस्य सीधे लोगों द्वारा निर्वाचित होते हैं, जो संप्रभुता का स्रोत हैं। उच्चतम न्यायालय और अन्य न्यायालय, न्यायिक शाखा बनाते हैं, और वे कार्यकारी और विधायी शाखाओं से स्वतंत्र होते हैं। . नई!!: जापान का संविधान और जापान की सरकार · और देखें » जापान की आत्मरक्षा सेनाजापान की आत्मरक्षा सेना का ध्वज जापान की आत्मरक्षा सेना (जापानी: 自衛隊 Jieitai; अंग्रेजी: Japan Self-Defense Forces या JSDF) जापान की एकीकृत सेना का नाम है। इसका गठन द्वितीय विश्वयुद्ध में जापान के आत्मसमर्पण के बाद किया गया था। द्वितीय विश्वयुद्ध के पश्चात अधिकांशतः यह सेना जापान के द्वीपों तक ही सीमित रही है और विदेशों में इसे कहीं लगाये जाने की अनुमति नहीं है। किन्तु हाल के दिनों में ये अन्तरराष्ट्रीय शान्तिस्थापना की कार्यवाइयों में भाग लिये हैं। हाल के तनाव (विशेषकर उत्तर कोरिया के साथ) ने फिर से जापानी सेना की स्थिति पर बहस शुरू की है। सन् २०१० में घोषित नई सैनिक दिशानिर्देशों के अनुसार अब आत्मरक्षा सेना सोवियतसंघ के बजाय चीन पर केंद्रित होगी। . नई!!: जापान का संविधान और जापान की आत्मरक्षा सेना · और देखें » जापानी साम्राज्यअपने चरमोत्कर्ष पर जापानी साम्राज्य (१९४२ में) ०३ जनवरी १८६८ से लेकर ३ मई १९४७ तक जापान एक विश्वशक्ति था, जिसे जापानी साम्राज्य (जापानी:大日本帝國 Dai Nippon Teikoku?, शाब्दिक अर्थ: 'महान् जापानी साम्राज्य'") कहा जाता है। जापान ने 'देश को धनवान बनाओ, सेना को शक्तिमान बनाओ' (富国強兵) के नारे के तहत काम करते हुए बड़ी तेजी से औद्योगीकरण और सैन्यीकरण किया जिसके फलस्वरूप वह एक विश्वशक्ति बनकर उभरा। आगे चलकर वह 'अक्ष गठजोड़' का सदस्य बना और एशिया-प्रशान्त क्षेत्र के बहुत बड़े भाग का विजेता बन गया। १९४२ में जब जापानी साम्राज्य अपने चरमोत्कर्ष पर था तब 7,400,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र इसके अधीन इसके अधीन था जिसके हिसाब से वह इतिहास में सबसे बड़ा सामुद्रिक साम्राज्य था। . नई!!: जापान का संविधान और जापानी साम्राज्य · और देखें » जापानी संसदजापान की वहाँ की द्विसदनीय विधानपालिका है। इसकी निचली सदन को प्रतिनिधि सभा और ऊपरी सदन को पार्षद सभा कहते हैं। दोनों सदनों का चुनाव समांतर मतदान के होता है। कानून बनाने के साथ-साथ, प्रधानमंत्री का चुनाव करना भी संसद की ज़िम्मेदारी है। संसद को सबसे पहले १८८९ में मेइजी संविधान के तहत शाही संसद के रूप में बुलाया गया था। संसद को वर्तमान रूप १९४७ में युद्धोत्तर संविधान के अपनाने के बाद दिया गया। संविधान के अनुसार संसद देश की शक्ति का सर्वोच्च अंग है। राष्ट्रीय संसद भवन नागाता-चो, चियोदा, टोक्यो में स्थित है। . नई!!: जापान का संविधान और जापानी संसद · और देखें » जापान के संविधान का दूसरा नाम क्या है?जापान की मूल विधि (कानून) है। इसे द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद ३ मई १९४७ को लागू किया गया था। जापान में इसे 'संविधान दिवस' के रूप में मनाया जाता है। यह संविधान 'शांति संविधान' भी कहलाता है। .
जापान के संविधान को क्या कहा गया?जापान का नया और वर्तमान संविधान 1947 से लागू हुआ । इसको मैक्आर्थर और शोवा (Showa) संविधान के नाम से जाना गया । शोवा सम्राट हिरोहितो के शासन की उपाधि है जिसका अर्थ है- 'कांतिमान शांति' । नए संविधान के अंगीकरण के दौरान जापान का सम्राट हिरोहितो और प्रधानमंत्री शिहारा था ।
जापान संविधान के जनक कौन थे?अब इतो का उदय जापान के संविधान के जनक के रूप में हुआ । इस संविधान को काफी सीमित रखा गया था।
जापान के संविधान में पहला आर्टिकल क्या है?यह गणराज्य भारत के संविधान के अनुसार शासित है जिसे संविधान सभा द्वारा 26 नवम्बर 1949 को ग्रहण किया गया तथा जो 26 जनवरी 1950 को प्रवृत्त हुआ।
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