सब्सक्राइब करे youtube चैनल (moment of inertia in hindi) जड़त्व आघूर्ण किसे कहते है , मात्रक , इकाई , विमा , परिभाषा , जडत्व आघूर्ण क्या है : किसी वस्तु या पिण्ड का वह गुण वह गुण जो घूर्णन गति कर रही वस्तु में घूर्णन अक्ष के सापेक्ष वस्तु की
स्थिति में परिवर्तन का विरोध करता है उसे जड़त्व आघूर्ण कहते है। माना
एक m द्रव्यमान की वस्तु r त्रिज्या वाले वृत्तीय पथ पर गति कर रहा है इस वृत्तीय पथ पर घूर्णन गति के अक्ष के सापेक्ष वस्तु का जड़त्व आघूर्ण का मान वस्तु के द्रव्यमान व घूर्णन अक्ष से वस्तु तक की दूरी के वर्ग के गुणनफल के बराबर होता है। जड़त्व आघूर्ण को I से प्रदर्शित किया जाता है तथा इसका
मात्रक ‘किलोग्राम-मीटर2‘ होता है , इसका विमीय सूत्र (विमा) [M1L2T0] होता है। यह n कणों वाली वस्तु इसकी घूर्णन अक्ष के परित: चक्कर लगा रही है अर्थात वस्तु की घूर्णन गति हो रही है तो वस्तु का इन सभी कणों के कारण कुल जड़त्व आघूर्ण का मान सभी कणों के अलग अलग जडत्व आघूर्ण के योग के बराबर होता है –
किसी अक्ष के परित: जड़त्व आघूर्ण (I)(a) n कणों के एक निकाय का किसी अक्ष के परित: जडत्व आघूर्ण इस प्रकार परिभाषित किया जाता है – I = m1r12 + m2r22 + . . . .. . . . . + mnrn2 जडत्व आघूर्ण की SI मात्रक किग्रा.मी.2 (Kg.m2) होता है। जड़त्व आघूर्ण की धनात्मक सदिश राशि है। (b) एक सतत निकाय के लिए – I = ∫r2(dm) जहाँ dm = अल्पांश का द्रव्यमान r = dm द्रव्यमान का घूर्णन अक्ष से लम्बवत दूरी जडत्व आघूर्ण निम्नलिखित पर निर्भर करता है –
संयुक्त रूप से हम कह सकते है कि यह घूर्णन अक्ष के सापेक्ष द्रव्यमान वितरण पर निर्भर करता है। नोट : जड़त्व आघूर्ण नहीं बदलता है यदि द्रव्यमान –
प्रश्न : दो भारी कण जिनके द्रव्यमान m1 व m2 है , रेखा AB के लम्बवत क्रमशः r1 व r2 दूरियों पर स्थित है – (a) अक्ष AB के प्रति निकाय का जडत्व आघूर्ण क्या है ? (b) m1 से गुजरने वाले और m1 व m2 को मिलाने वाली रेखा के लम्बवत अक्ष के प्रति निकाय का जडत्व आघूर्ण क्या है ? (c) m1 व m2 से गुजरने वाले अक्ष के प्रति निकाय का जड़त्व आघूर्ण क्या है ? (d) m1 व m2 के द्रव्यमान केंद्र से गुजरने वाले और m1 व m2 को मिलाने वाली रेखा लम्बवत अक्ष के प्रति निकाय का जडत्व आघूर्ण क्या है ? उत्तर : (a) m1 का जड़त्व आघूर्ण I1 = m1r12 m2 का जड़त्व आघूर्ण I2 = m2r22 AB के प्रति निकाय का जडत्व आघूर्ण I = I1 + I2 = m1r12 + m2r22 (b) m1 का जड़त्व आघूर्ण I1 = 0 m2 का जड़त्व आघूर्ण I2 = m2(r1 + r2)2 AB के प्रति निकाय का जडत्व आघूर्ण I = I1 + I2 = 0 + m2(r1 + r2)2 (c) m1 का जड़त्व आघूर्ण I1 = 0 m2 का जड़त्व आघूर्ण I2 = 0 AB के प्रति निकाय का जडत्व आघूर्ण I = 0 + 0 = 0 (d) निकाय का द्रव्यमान केंद्र rcm = m2(r1+r2/m1+m2) = द्रव्यमान केंद्र की m1 से दूरी द्रव्यमान केंद्र की m2 से दूरी = m1(r1+r2/m1+m2) अत: द्रव्यमान केंद्र के परित: जड़त्व आघूर्ण = Icm = m2(r1+r2/m1+m2) + m1(r1+r2/m1+m2) Icm = [m1m2/m1+m2 ](r1 + r2)2
जड़त्व आघूर्ण से क्या तात्पर्य है इसका SI मात्रक तथा विमीय सूत्र लिखिए?Solution : किसी पिण्ड का एक निश्चित घूर्णन अक्ष के परितः जड़त्व आघूर्ण उसके विभिन्न कणों के द्रव्यमानों तथा घूर्णन अक्ष से उनकी संगत दूरियों के वर्गों के गुणनफलों के योग के बराबर होता है। <br> अर्थात् जड़त्व आघूर्ण `I = Sigmamr^2` <br> इसका SI मात्रक किग्रा मीटर है तथा विमीय सूत्र `[M^1 L^2 T^0]` है।
जड़त्व आघूर्ण से क्या समझते है इसका मात्रक लिखिए?जड़त्व आघूर्ण को I से प्रदर्शित किया जाता है तथा इसका मात्रक 'किलोग्राम-मीटर 2' होता है , इसका विमीय सूत्र (विमा) [M 1L 2T 0] होता है। “घूर्णन गति कर रहे पिण्ड के द्रव्यमान और पिण्ड की घूर्णन अक्ष से दूरी के वर्ग के गुणनफल को उस वस्तु का इसकी अक्ष के सापेक्ष जड़त्व आघूर्ण कहते है। ”
जड़त्व तथा जड़त्व आघूर्ण में क्या अन्तर है?Solution : किसी पिण्ड का जड़त्व केवल उसके द्रव्यमान पर निर्भर करता है जबकि उसका किसी अक्ष के परितः जड़त्व आघूर्ण उसके द्रव्यमान तथा घूर्णन अक्ष के चारों ओर द्रव्यमान के वितरण पर निर्भर करता है।
जड़त्व आघूर्ण का विमीय सूत्र क्या है?जड़त्व आघूर्ण का विमीय सूत्र `[ML^2T^0]` है।
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