जीवन में क्या महत्वपूर्ण होता है? - jeevan mein kya mahatvapoorn hota hai?

What is the significance of life? | हमारा जीवन इतना महत्वपूर्ण क्यों है? जैसा कि आपको विदित है कि हम समय, योग्यता, धन के भंडारी हैं। परमेश्वर ने ही हमें ये सब कुछ दिया है। परमेश्वर का वचन हमें बताता है कि भंडारी में विश्वासयोग्यता होना अतिआवश्यक है।

आपका और हमारा जीवन महत्वपूर्ण है। हमारे पास जो कुछ भी है वो सब परमेश्वर का दिया हुआ है। हमारी ताकत, हमारा धन-सम्पति, योग्यताएं, हमारी सांसें, हमारा परिवार इत्यादि। इस जीवन को हमें बुद्धिमानी के साथ परमेश्वर की इच्छा को पूरी करते हुए, उसकी महिमा करते हुए बिताना चाहिए।

आप का जीवन बहुत महत्वपूर्ण है। और परमेश्वर ने यदि आपको इसे दिया है तो इसे सही से इस्तेमाल करना है। बुद्धिमानी पूर्वक इस्तेमाल करना है, वैसे इस्तेमाल करना है जैसे परमेश्वर चाहता है। क्योंकि इसको नष्ट करने के लिए शैतान बड़ी योजनाएं बना रहा है।

जब आप विश्वास में नहीं थे तो उसने योजनाएं बनाईं। पर आज की योजनाएं ज्यादा भिन्न हैं, आज आपको और आपके परिवार को नुकसान पहुंचाने के लिए शैतान ज्यादा लालायित है। इसलिए आपको अपने जीवन का मूल्य समझना पड़ेगा। क्योंकि आपका जीवन कीमती है। परमेश्वर के दृष्टिकोण में हमारा जीवन काफी मूल्यवान है।

प्रभु हमको दिन गिनने की समझ दे।

  • प्रभु हमको दिन गिनने की समझ दे।
  • समय = जीवन | Time = Life
  • आपका जीवन बहुत कीमती है।
  • प्रभु की इच्छा के अनुसार अपना जीवन बिताएं।

यदि हम भजन संहिता 90 में पढ़ें तो वहां भजनकार जीवन की सच्चाइयों को अपनी प्रार्थना में व्यक्त करता है। ये भजन पृथ्वी पर हमारे समय के बारे में बात करता है। भजन संहिता में बहुत से भजन दाऊद ने लिखे हैं, कुछ आसाप ने, और कुछ अन्य लोगों ने। इतिहासकार बताते हैं कि ये भजन मूसा ने लिखा है। मूसा की यही प्रार्थना थी कि प्रभु हमको दिन गिनने की समझ दे ताकि हम बुद्धिमान हो जाएं।

दिन को गिनने का क्या अर्थ है? शायद यही कि जब तक हम इस दुनियां में है तो हम अपने जीवन को बुद्धिमत्ता पूर्ण व्यतीत कर सकें।

भजनकार जीवन की उपमा देते हुए कहता है कि हमारा जीवन घास के समान है, सवेरे को पैदा हुआ दोपहर तक बढ़े और शाम को मुर्झा कर समाप्त हो जाए। हमारा जीवन भाप के समान है जो थोड़ी देर दिखाई देता है और फिर विलुप्त हो जाता है। 

बहुत बार इन सच्चाइयों को भूलकर हम भी इस दुनियां में किसी दूसरे व्यक्ति से प्रतियोगिता करना शुरू कर देते हैं। बड़े घमंड के साथ जीते हैं। कभी कभी ये भी सोचने लग जाते हैं कि मैं ही हूं दूसरा तो मेरे आगे कुछ भी नहीं है। और जब सांस निकल जाती है। तो सब के सब धरा की धरा रह जाता है। क्या है हमारा जीवन? हमें किस बात का गुमान है? तभी भजनकार कहता है कि हमें दिन गिनने की समझ दे। अर्थात् समय को व्यतीत करने की समझ दे। 

समय = जीवन | Time = Life

इस दुनियां में अगर कोई कीमती चीज परमेश्वर ने हमें दी है तो वो है समय। कुछ लोग सोचते हैं कि समय का मतलब है पैसा, पर वास्तव में समय का मतलब पैसा नहीं है, समय का मतलब है जीवन। उदाहरण के लिए यदि आपकी उम्र अभी 32 साल है तो आपके जो साल गुजर गए वो आपका पैसा नहीं गुजरा है, बल्कि आपका जीवन गुजरा है।

जब आप तीन या चार घंटे कोई फिल्म देखते हैं तो आपके चार घंटे नहीं पर आपका जीवन गुज़रा है। जब आप किसी के साथ ताश खेल रहे हैं या किसी से गप्पे कर रहे हैं तो क्या गुज़रा? एक दिन और निकल गया? या आपके जीवन का एक दिन कट गया? 

समय का मूल्य बहुत कम लोगों को मालूम है। जैसे कि एक साल का क्या महत्व होता है? एक सेब का पौधा भी लगाना हो तो तीन या पांच साल के बाद फल लाता है। समय का क्या मूल्य है? जो विद्यार्थी फेल हुआ है उसको साल का महत्व मालूम है। अब यदि उसको पास होना है तो उसको एक बार फिर पूरा साल मेहनत करनी पड़ेगी, उसी क्लास में, नए विद्यार्थियों के साथ, अपराधबोध सहन करते हुए। पूरा साल बर्बाद हो गया।

तीन महीने या छः महीने का क्या मूल्य है? आप किसान से पूछ सकते हैं, जिसकी फसल के दौरान फसल बर्बाद हो गई। उन महीनों या समय की कीमत किसान को मालूम है। पूरा समय मेहनत करने के बाद, रात-दिन एक करने के बाद, खून-पसीना एक करने के बाद जब प्रतिफल का समय आया तो फसल बर्बाद। उस किसान को मालूम है उस समय की कीमत।

दिन का क्या मूल्य है किसी होटल मालिक को अच्छे से मालूम है जब किसी दिन उसके कोई भी रूम बुक नहीं हुआ, या कोई ग्राहक नहीं आया। 

कुछ पल या घड़ी का मूल्य उस व्यक्ति को मालूम है जो सुसाइड करने वाला था और उस घड़ी किसी ने उसकी मदद की। जब मैं अपने जीवन में भी देखता हूं कि मेरे जीवन के निराशा के समय, उस अकेलेपन में अगर किसी ने मुझे प्रभु यीशु के प्रेम के बारे में नहीं बताया होता तो आज मेरे जीवन का क्या होता? 

एक सैकंड का क्या महत्व है किसी ड्राईवर को अच्छे से मालूम है। कि यदि उससे एक सैकंड भी गलती होती है तो उसका क्या परिणाम हो सकता है।इसलिए समय = पैसा नहीं होता है, समय = जीवन होता है।

मेरे प्रिय, यदि अभी तक आपने अपने समय के मूल्य को नहीं जाना तो अभी भी वक़्त है। अब पछताकर कोई फायदा नहीं है क्योंकि “जो बीत गई सो बात गई” ये आप अच्छी तरह से जानते हैं। पर अब मायने ये रखता है कि अब हम कैसे हैं? अब हम मसीह में नई सृष्टि हैं पुरानी बातें तो बीत गई हैं पर देखो सब नई हो गई हैं। अब हम अपने जीवन को कैसे इस्तेमाल करते हैं? 

आपका जीवन बहुत कीमती है।

एक बार सुकरात जो एक बड़े विद्वान हुए एक नदी में नहा रहे थे। नदी में नहाते समय में एक लड़का नदी में डूबने लगा था और चिल्ला रहा था कि बचाओ बचाओ। कोई बचाने नहीं आया जब सुकरात को उसकी चिल्लाने की आवाज सुनाई दी तो सुकरात उसको बचाने के लिए उसके पास  पहुंच गए पर तब तक वो लड़का अधमरा जैसे हो गया था।

सुकरात ने उसको बाहर निकाला, उसके शरीर से पानी निकाला और उसको प्राथमिक उपचार दिया। उसके बाद जब वो लड़का थोड़ा आरामदायक स्थिति में आ गया तो लड़का सुकरात के पैरों को पकड़कर बोलता है, श्रीमान जी आपका बहुत बहुत धन्यवाद्, आपने मेरा जीवन बचाया है। सुकरात उसको जवाब देते हुए कहते हैं कि “अपने जीवन काल में साबित करना कि तेरा जीवन बचाने लायक था।” 

क्या आपको कुछ समझ आया? फ़र्ज़ कीजिए कि वो लड़का उसके बाद आतंकवादी बन जाता है, ड्रग डीलर बन जाता है, हत्यारा बन जाता है तो क्या बेहतर था? शायद यही कि उसी दिन मर जाता , जब वो नदी में डूब रहा था। और सुकरात ने उसको कहा था कि साबित करना कि तेरा जीवन बचाने योग्य था। 

प्रभु की इच्छा के अनुसार अपना जीवन बिताएं।

हमारा जीवन भी प्रभु यीशु ने बचाया है, उसके लिए प्रभु ने कीमत चुकाई है, तो क्या हम अपना बचा हुआ जीवन व्यर्थ कर दें या ऐसा जीएं जिसके लिए इस जीवन को प्रभु ने बचाया है? मैं जब अपने पिछले जीवन को देखता हूं तो क्या देखता हूं कि मुझे सैकड़ों बार कई दुर्घटनाओं से भी बचाया गया है।

अब सवाल ये उठता है कि अब मैं अपने बचे हुए जीवन के साथ क्या करता हूं? इस बचे हुए जीवन को मैं किस तरह से इस्तेमाल करता हूं? क्या हम अपने जीवन में प्रभु के धन्यवादी हैं? मेरे प्रिय, हमें साबित करना है कि हमको बचाकर प्रभु ने कोई गलती नहीं की। 

कोई भी नहीं जानता है कि इस धरती पर हमारे पास कितना समय शेष बचा है, लेकिन फिर भी चाहे यह बहुत कम या बहुत ज्यादा हो हमें इसे परमेश्वर की इच्छा के अनुसार व्यतीत करना चाहिए।

प्रभु की योजनाएं महान हैं पर उन योजनाओं में शामिल होना हमारी जिम्मेदारी है। समय बहुत महत्वपूर्ण है। इस बचे हुए जीवन के साथ हम क्या करते हैं? उदाहरण के लिए मूसा कहता है कि इस पृथ्वी पर हमारा जीवन सतर साल का है या बल के कारण अस्सी वर्ष का है।

अब यदि इसको हम अपने जीवन में देखें तो लगभग आधा समय तो गुजर गया है। उस में से भी आधा समय तो हमारा सोने में निकल गया। कुछ समय वॉशरूम में, कुछ मूवीज़ देखने में या समार्टफोन में, कुछ रिश्तेदारी में, कुछ बच्चों की परवरिश में, कुछ पढ़ाई में, कुछ बचपन में, कुछ शोपिंग में, कुछ यात्रा में, कुछ पैसा कमाने में समय निकल जाता है। बाकी तो आप जानते ही हो कि आपका समय कहां कहां निकल जाता है।

मेरे प्रिय, यह सिर्फ मात्र गणना ही नहीं है, ये आपका जीवन है जो गुजर गया है। इस धरती पर हमारा जीवन कुछ ही समय का है। इसलिए मूसा कहता है कि हमारा जीवन तो स्वप्न जैसा है, भोर को बढ़ने वाली घास के जैसा है, और याकूब कहता है कि भाप के सामान है इसलिए मूसा इस प्रकार प्रार्थना करता है कि मुझे दिन गिनने की समझ दे ताकि मैं बुद्धिमानी के साथ इन दिनों को व्यतीत कर सकूं। इससे हमें ये समझ आता है कि मेरा समय बहुत महत्वपूर्ण है, आपका समय बहुत महत्वपूर्ण है।

परमेश्वर की दृष्टि में आप बहुत मूल्यवान हैं, क्योंकि उसने आपको विशेष उद्देश्य के साथ बनाया है। यदि आप जानबूझकर उस उद्देश्य में अपना समय नहीं देंगे तो आपको बचाने का फायदा क्या है? या फिर आपको बनाने का क्या फायदा? और यदि आपको अभी तक अपने जीवन का उद्देश्य मालूम नहीं है तो इसे आप परमेश्वर के पवित्र वचन बाइबल में पा सकते हैं। वैसे भी किसी भी वस्तु का अविष्कार क्यूँ हुआ है? उसे बनाने वाले से पूछ कर मालूम करना आसान रहता है।

बिना परमेश्वर के जीवन का कोई उद्देश्य नहीं है, और बिना उद्देश्य के जीवन का कोई अर्थ नहीं है और बिना अर्थ के जीवन का कोई महत्व या आशा नहीं है।रिक वारेन

बहुत बार हमारे लिए कई चीजें जरूरी हो जाती हैं पर याद रखिए किसी ने कहा है कि “जरूरी बात को जरूरी बात बनाए रखना ही जरूरी बात है”, “महत्वपूर्ण कार्य को, महत्वपूर्ण बनाए रखना ही महत्वपूर्ण कार्य है।” प्राथमिकता क्या है? “प्राथमिक चीजों को, प्राथमिक बनाए रखना ही प्राथमिकता है।” समय का सदुपयोग जरूरी है। कैसे हम परमेश्वर की महिमा के लिए अपने समय का सदुपयोग कर सकते हैं? जिसके लिए हमें बनाया गया है।

आज जो हमें समय मिला है इस अवसर को हमें बहुमूल्य जानना है क्योंकि यह फिर कभी लौट कर नहीं आने वाला है।

जीवन में सबसे अधिक महत्वपूर्ण क्या है?

जीवन में सबसे महत्वपूर्ण है संयम और मन की शान्ति।.
अच्छा स्वास्थ्य।.
पर्याप्त धन।.
आत्म -सम्मान।.
अपनों का प्यार।.
शांति।.
सकारात्मक दृष्टिकोण।.

सही जीवन क्या है?

जीवन (अंग्रेजी: Life) अर्थात् हमारे जन्म से मृत्यु के बीच की कालावधि ही जीवन कहलाती है, जो की हमें ईश्वर द्वारा दिया गया एक वरदान है। लेकिन हमारा जन्म क्या हमारी इच्छा से होता है? नहीं, यह तो मात्र नर और मादा के संभोग का परिणाम होता है जो प्रकृति के नियम के अंतर्गत है।

जीवन का सत्य क्या है?

यह सत्य है कि जब हम धर्म के मार्ग से विरत होते है तभी गलत मार्ग पर जाते है। धर्म हमें जीवन की शाश्वतता का आभास कराता है, जिससे हम अपने विवेक के आधार पर जीवन की सही राह पकड़ लेते हैं। गीता में भी कहा गया है कि कर्म पर हमारा अधिकार है, फल पर नहीं।

हमारे जीवन का उद्देश्य क्या है?

मानवजीवन का उद्देश्य ज्ञान की प्राप्ति करना होता है। सतगुरू की शरण में आने से मानव जीवन ज्ञान रूपी प्रकाश से भर जाता है। सतगुरू से ज्ञान की दीक्षा प्राप्त कर मनुष्य का जीवन आनंदमय हो जाता है।