झूठे धारा 376 के आरोप से बचाव के उपाय - jhoothe dhaara 376 ke aarop se bachaav ke upaay

झूठे धारा 376 के आरोप में बचाव के उपाय / धारा 376 क्या है – बलात्कार का नाम सुनते ही हमे उस इंसान पर गुस्सा आ जाता है. जिसने यह संगीन गुनाह किया हैं. जब हमें बलात्कार जैसे शब्द से ही गुस्सा आ जाता हैं. तो उस महिला पर क्या गुजरती होगी जो इससे पीड़ित हुई हैं.

झूठे धारा 376 के आरोप से बचाव के उपाय - jhoothe dhaara 376 ke aarop se bachaav ke upaay

भारत में जब भी कोई व्यक्ति किसी का बलात्कार करता है. तो उन्हें धारा 376 के तहत सजा दी जाती हैं. लेकिन कुछ बार किसी व्यक्ति पर महिला के द्वारा बलात्कार के झूठे आरोप लगा दिए जाते हैं. झूठे आरोप का मतलब यह है. की धारा 376 का झूठा केस दर्ज किया गया हैं. ऐसे में आरोपी को क्या करना चाहिए. इस बारे में जानने के लिए यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े.

दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से झूठे धारा 376 के आरोप में बचाव के उपाय बताने वाले हैं. तथा धारा 376 क्या है इस बारे में भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं.

तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं.

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  • झूठे धारा 376 के आरोप में बचाव के उपाय
  • धारा 376 क्या है
  • निष्कर्ष

अगर आप पर धारा 376 का झूठा आरोप लगाया जाए. तो नीचे दिए गए उपाय करके अपना बचाव कर सकते हैं.

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गिरफ्तारी से पहले यह करे उपाय

अगर आपको पता चला है या फिर आपको लग रहा है. की आप पर धारा 376 का झूठा केस दर्ज किया जाएगा. या फिर बलात्कार का झूठा आरोप लगाया जाएगा. तो ऐसी स्थिति में आप पहले से ही अग्रिम जमानत के लिए कोर्ट में याचिका दे सकते हैं. ताकि आपकी गिरफ्तारी ना हो. और पोलिस आपको हिरासत में लेकर परेशान न करे.

झूठे धारा 376 के आरोप से बचाव के उपाय - jhoothe dhaara 376 ke aarop se bachaav ke upaay

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चार्जशीट फाइल होने के बाद यह करे उपाय

चार्जशीट फाइल होने के बाद इसके दो हिस्से है. पहला उपाय यह कर सकते है की आप धारा 482 के तहत आवेदन कर सकते हैं. यानि की CrPC धारा का प्रयोग कर सकते हैं. इससे यह होगा की FIR में लगी अपराधिक कार्यवाही को ख़ारिज किया जा सके. इसके लिए आरोपी को एक काम करना होगा. उसे साबित करना होगा की उसने यह गुना नहीं किया हैं. तथा आरोपी के पास सबूत है तो पेश करने होगे.

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जिससे यह लगे की आप पर लगाए गए आरोप परेशान करने के लिए लगाए गए. जिससे कोर्ट को यकीन हो जाए की आवेदन करने वाला व्यक्ति शर्तो को मानकर पूर्ण कर रहा हैं. यह उपाय करने से कोर्ट आपके खिलाफ दर्ज किया गया FIR ख़ारिज कर सके.

दूसरा उपाय यह कर सकते है की हाईकोर्ट में आप रीट याचिका दर्ज कर सकते हैं. जब यह आशंका हो की निचली अदालत और पोलिस के द्वारा जानबूझकर आरोपी के खिलाफ कार्यवाही की जा रही है. तो हाईकोर्ट संबंधित अधिकारी को आदेश दे सकती है. की वह अपना फर्ज उचित तरीके से निभाए. इसके अलावा हाईकोर्ट ऐसे काम पर रोक भी लगा सकती हैं.

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धारा 376 क्या है

जब कोई व्यक्ति किसी महिला के साथ उसकी मर्जी के बिना या फिर जोर जबरदस्ती से संभोग करता है. तो यह बलात्कार माना जाता हैं. बलात्कार जैसे संगीन जुर्म में कोर्ट के द्वारा अपराधी पर धारा 376 लगाई जाती हैं. धारा 376 में जो प्रावधान है. उसे ध्यान में रखते हुए अपराधि को सजा दी जाती है. तथा अपराधी से कुछ दंड भी वसूल किया जाता हैं.

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निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से झूठे धारा 376 के आरोप में बचाव के उपाय बताए हैं. तथा धारा 376 क्या है. इसके बारे में भी जानकारी प्रदान की हैं. हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा.

दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह झूठे धारा 376 के आरोप में बचाव के उपाय / धारा 376 क्या है आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद

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376 में जमानत कैसे मिलेगी?

चूंकि अब दोनों के बीच रिलेशनशिप नहीं है तो ऐसे में आईपीसी की धारा 376 (2) (एन) के तहत एफआईआर का आधार नहीं हो सकता है. राजस्थान हाई कोर्ट के आदेश को निरस्त करते हुए बेंच ने कहा कि गिरफ्तारी की स्थिति में जमानत की मांग करने वाले अपीलकर्ता को बेल दी जाएगी और वह लंबित जांच में सहयोग भी करेगा.

झूठा आरोप लगाने पर क्या करें?

भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 211 में दण्ड का प्रावधान:-.
क्षति(नुकसान) करने के आशय से झूठा आरोप लगाने पर- दो वर्ष की कारावास या जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है।.
आरोप सात वर्ष या उससे अधिक अवधि के कारावास से दण्डनीय है तब- सात वर्ष की कारावास और जुर्माना से दण्डनीय होगा।.

दुष्कर्म की जांच कैसे की जाती है?

चोट या घाव की तस्वीरे ली जाती है क्योंकी आगे कानूनी करवाई के लिए। व्यक्ति को सफ़ेद कपड़े पर खड़ा कर के उसको झाडा जाता है ताकी छोटे से सबूत भी मिल जाए जेसे की बाल, बटन, रेश, आदि। विश्लेषण किया जाता है कोई शरीर पर खून हो, योनि स्राव (vaginal secretions), लार (saliva) और योनि उपकला कोशिकाओं (vaginal epithelial cells)।

धारा 376 में क्या प्रावधान है?

जहां बारह वर्ष से कम उम्र की महिला का समूह बनाने वाले या एक सामान्य इरादे को आगे बढ़ाने में काम करने वाले एक या अधिक व्यक्तियों द्वारा बलात्कार किया जाता है, उनमें से प्रत्येक व्यक्ति को बलात्कार का अपराध माना जाएगा और उसे आजीवन कारावास की सजा दी जाएगी।