होम » बहरापन » कान के परदे के इलाज के बारे में जाने Show
कान में एक विशेष झिल्ली पाई जाती है। इस झिल्ली को कान का परदा या Tympanic Membrane के नाम से जाना जाता है। जब कोई भी आवाज इस झिल्ली तक पहुँचती है तब इसमें कंपन होता है यह कंपन हमारे मस्तिष्क को सिग्नल भेजता है और हम सुन पाते है। लेकिन, कई कारणों की वजह से कान के परदे में छेद हो जाता है जिससे सुनने में परेशानी होती है। कान के परदे को ठीक करने के लिए लोग कई प्रकार के घरेलू नुस्खे बताते हैं। ये घरेलू नुस्खे कान के दर्द को कम करने का काम करते हैं। इसकी मदद से कान के पर्दे के छेद को ठीक कर पाना असंभव है। साथ ही अगर बिना वैद्य की मदद से इन घरेलू नुस्खे को फटे छेद पर इस्तेमाल किया जाए तो इससे और भी कई गंभीर समस्याओं से जूझना पड़ सकता है। आइये जानते हैं कान के परदे का इलाज में छेद होने के लक्षण क्या हैं और इलाज के कितने तरीके हैं। कान के परदे में छेद होने के लक्षणऐसे कई लक्षण हैं जो कान के परदे में छेद होने पर पीड़ित व्यक्ति में नजर आ सकते हैं। अगर किसी व्यक्ति में ये लक्षण नजर आते हैं तो देरी न करें और डॉक्टर से परामर्श लें।
कान की झिल्ली में छेद होने का कारणव्यक्ति जाने अनजान में अपने कानों के साथ कई प्रकार की लापरवाही बरतता है जिससे उसके कान में छेद हो सकता है। आइये उन सभी कारणों को जानते हैं जो कान की झिल्ली में छेद के लिए जिम्मेदार होते हैं।
ये कुछ खास कारण हैं जो कान की झिल्ली में छेद या परदे के फटने के लिए जिम्मेदार हैं। कान के परदे में छेद की ज्यादातर समस्याएं उन लोगों में देखी जाती है जो पानी से जुड़े खेल खेलते हैं। इसके अलावा ऊपर बताए गए कोई भी कारण व्यक्ति को बहरा बनाने में तनिक भी देरी नहीं लगाते हैं। कान की झिल्ली में छेद का जांचपरदे में छेद की जांच करने के लिए कान का डॉक्टर (ENT डॉक्टर) कई तरह के टेस्ट कर सकता है। ज्यादातर मामलें में कान के परदे में छेद का पर्दाफ़ाश करने के लिए डॉक्टर ऑडियोमेट्री टेस्ट का उपयोग करते हैं। इसके अलावा कान की नसों आदि सहित कान का पूरा जांच करने के लिए रोगी का सीटी स्कैन (CT Scan) या एक्स रे किया जा सकता है। कान के परदे में छेद का इलाजकान की झिल्ली में छेद के डायग्नोसिस के बाद ENT सर्जन कान की अवस्था और रोगी की स्थिति के अनुसार कान के परदे का इलाज करते हैं। इलाज करने के लिए डॉक्टर कई तरीकों का उपयोग कर सकते हैं। आइये इलाज के उन सभी तरीके जानते हैं जिससे कान के परदे के छेद को आसानी से ठीक किया जा सकता है और रोगी पूरी तरह से स्वस्थ हो सकता है। कान के परदे में छेद का इलाज के तरीकेदवाओं से इलाजअगर कान में संक्रमण की वजह से छेद हो गया है और उसे दवाइयों की मदद से ठीक किया जा सकता है तो डॉक्टर कई तरह की एंटी-बायोटिक का इस्तेमाल कर सकते हैं। ये एंटी-बायोटिक दवाएं न सिर्फ कान के संक्रमण को दूर भागाती हैं बल्कि, संक्रमण को दोबारा होने से भी रोकती हैं। पैच से इलाजअगर कान की झिल्ली को पैच की मदद से ठीक किया जा सकता है तो डॉक्टर एक खास किस्म के पैच का इस्तेमाल करेंगे। इस पैच की मदद से कान की झिल्ली खुद से ही जुड़ जाएगी। सर्जरी से इलाजअगर ऊपर बताए गए दोनों इलाज में से कोई भी इलाज सफल नहीं होता है या डॉक्टर को ऐसा लगता है कि ऊपर बताए गए इलाज की मदद से कान के परदे के छेद को ठीक कर पाना असंभव है तो डॉक्टर सर्जरी का इस्तेमाल करते है। टिम्पेनोप्लास्टी = कान के परदे का पूर्ण इलाजकान के पर्दे का इलाज करने के लिए टिम्पेनोप्लास्टी का इस्तेमाल होता है। इस प्रक्रिया के दौरान डॉक्टर रोगी को स्थानीय एनेस्थीसिया (स्थानीय संज्ञाहरण) देकर कान के इलाज वाले हिस्से को सुन्न कर देता है और एंडोस्कोपी आदि कई उपकरण से कान का ऑपरेशन करता है। इलाज के बाद आपको अस्पताल से छुट्टी दे दी जाती है। पूरी प्रक्रिया दर्द रहित होती है और इलाज के बाद रोगी को नि:शुल्क फॉलो अप की सुविधा मिलती है जिसके तहत कान के परदे से जुड़ी समस्याओं के बारे में रोगी बिना किसी शुल्क के डॉक्टर से परामर्श कर सकता है। इसके साथ ENT क्लिनिक में रोगी को कई फ्री सुविधाएँ भी दी जाती है जैसे- इलाज वाले दिन मरीज के आने-जाने का खर्चा कई विशेष क्लीनिक उठाते हैं। यह विशेष क्लिनिक अपने मरीजों को अस्पताल में आरामदायक कमरा मुहैया करवाते हैं। इसके साथ रोगी को इंश्योरेंस का पूरा लाभ दिलाने में उसकी मदद करते हैं। अगर बजट की कमी है तो रोगी को जीरो ईएमआई की सुविधा भी देते हैं। अगर आपको ये सभी सुविधाएं मिल रही हैं तो देरी क्यों आज ही अपॉइंटमेंट बुक करें और कान के सुनने की क्षमता बढ़ाएं। कान का पर्दा कैसे खराब होता है?कान में चोट - कान में चोट लगने या किसी चीज को कान के पर्दे पर मार लेने के कारण भी कान का पर्दा फट सकता है. कान पर मारना, कान के बल गिरने, दुर्घटना, कान में कोई चीज डालना आदि कान में चोट का कारण बन सकते हैं. इसके अलावा, बहुत तेज आवाज सुनने के कारण भी ईयरड्रम फट सकता है.
कान का पर्दा कितने दिन में ठीक होता है?अधिकांश जख़्मी (छिद्र वाले ) ईयरड्रम्स कुछ हफ्तों के भीतर कोई भी उपचार के बिना ही ठीक हो जाते हैं। यदि किसी संक्रमण का प्रमाण हो तो आपके डॉक्टर एंटीबायोटिक कि बुँदे लिख सकते हैं। यदि कान के पर्दे का छेद बिना उपचार के ठीक नहीं होता है, तो उपचार में छेद को बंद करने की प्रक्रिया शामिल हो सकती है।
कान का पर्दा फट जाए तो कैसे ठीक होगा?सर्जरी (Surgery)
जब कान के पर्दे की हालत बुरी हो जाती है तब सर्जरी एकमात्र उपाय बचता है, जिसकी मदद से पर्दे के छेद को ठीक किया जाता है। सर्जरी के दौरान, सर्जन मरीज के शरीर के किसी दूसरी जगह से टिश्यू लेकर कान के पर्दे के छेद पर लगा देते हैं।
कान का पर्दा लगाने में कितना खर्च आता है?भारत में टिम्पेनोप्लास्टी का खर्च 35,000 से लेकर 60,000 रुपय तक है।
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